Chapter -18

युवराज " कोई नहीं था , तुम्हें वहम हुआ !!

सिया"" पता नहीं वहम तो मुझे नहीं हो सकता!! चलो जाने दो लेकिन मुझे यहां रुकना कुछ ठीक नहीं लग रहा !!

युवराज" सिया!!!! तुमको मुझ पर तो यकीन है ना ????

सिया रुआंसा सा मुंह बना के"" हां तुम पर यकीन नही होता तो यहां आती क्यों ???

दुसरी तरफ़ बिलाल हांफता हुआ दिलावर सिंह के सामने आकर बोला " उनके कमरे से उनकी बातें सुन कर आ रहा हूं देख ही लिया था उस चालाक लड़की ने मुझे ,बच गया , बहुत दिमाग चलाती है वो !!

दिलावर सिंह हुक्के का कश लेते हुए" तो चलाने दो अब वो पूरी तरह से हमारे काबू में है !!!

बिलाल " वो अभी भी तुम्हारी बातों पर यकीन नहीं कर रही है !! जो भी करना है वो हमें जल्दी करना होगा !!

दिलावर सिंह" फ़िक्र मत कर बिलाल !! युवराज हमारा है और युवराज में जान बसती है उसकी !! वो युवराज को छोड़ कर कहीं नही जायेगी !!

बिलाल "लेकिन तुम ये विक्रम को सुधारने वाली बात क्या कर रहे थे ??

दिलावर सिंह" समझा करो तुम!!! जब मैं कोई भी बात करता हूं ना तो अपना मुंह बंद रखा करो नहीं तो बना बनाया खेल खत्म कर दोगे !! ये लड़की विक्रम की मौत का हथियार है ये खुद बनेगी विक्रम की मौत का कारण !! बस देखते जाओ !!

बिलाल दिलावर सिंह की बात सुनकर समझ गया और शांत हो गया और बोला " ठीक है !! अब आगे क्या करना है ???

दिलावर सिंह" विक्रम को अपने ठिकाने पर बुला कर बंदी बनाना है !!!

बिलाल" लेकिन वो आयेगा कैसे ?? ये इतना आसान नहीं है !!

दिलावर सिंह " वो आयेगा जरुर आयेंगा !!! उसकी लड़की बनायेगी रास्ता उसके आने का !!

दिलावर सिंह धीरे धीरे बिलाल को कुछ समझाने लगे गया !!

युवराज और सिया बिस्तर पर बहुत देर से चुप बैठे थे ! सिया बहुत गहरी सोच में डूबी हुई थी , युवराज ने सिया की ओर देखा और उसे दोनों बाजुओं से पकड़ कर हिलाया और बोला " क्या सोच रही हो मेरी जान ?? कि अपने पास मेरी मौजूदगी भी भूल गई हो !!!!! देखो दिलावर सिंह ने खाना भिजवाया है यही पर !!!

युवराज के जोर से हिलाने पर सिया की सोच टूटी और वो बोली " तुम्हारी मौजदूगी कैसे भूल सकती हूं मैं अपनी जिंदगी के हर में तुम्हें महसूस करती हूं !!! बस जो आगे होने वाला है उससे एक अनजाना सा डर मेरे अंदर हो रहा है !!!

युवराज सिया को सामने नीचे बैठ कर उसके घुटनों पर अपने दोनों हाथ रखता हुआ बोला " इस अंजाने डर को अपने दिल से निकाल दो क्योंकि मैं हर पल तुम्हारे साथ हूं !!! तुम जो भी कर रही हो वो बिल्कुल सही कर रही हो !! और लाइफ़ में सही का साथ देना और बुरे का साथ छोड़ना ग़लत नहीं होता !!!

सिया सर झुका कर युवराज की आंखों में देखते हुए बोली" युवराज मैंने अपने पापा को पहले ही बहुत बुरा भला कह दिया है और उनका साथ भी छोड़ दिया है उनके लिए उनके ग़लत कामों की सजा यही बहुत है अब दिलावर सिंह के साथ मिलकर उनके साथ कुछ ग़लत करना मुझे अच्छा नहीं लगता !!!

युवराज सिया की बात सुनकर थोड़ा नाराज़ सा हुआ और खड़ा हो गया....फिर कुछ सोच कर ठंडी सांस लेकर सिया को हाथ पकड़ कर उठाता हुआ बोला " चलो उठो तुम पहले खाना खा लो तुमने सुबह से कुछ नहीं खाया है !!!

सिया खड़े होते हुए बोली" अब तुम नाराज़ हो गये हो ना मुझसे ???

युवराज"" नही !!!!!

सिया" तो तुम्हारा मुंह क्यों लटक गया है फिर ???

युवराज " सिया!!!!! मैं तुमसे अब बहस नहीं करना चाहता !! तुमको खाना खाना है ????

सिया युवराज का नाराज़ मूड़ देखकर खाने के सामने बैठ गई और खाना खाने लगी !! युवराज भी उसके साथ बैठ कर खाने लगा !!

जैसे तैसे बेमन से सिया ने खाना खाया और उठ कर बिस्तर पर बैठ गई उसके दिलों दिमाग में बस एक ही बात थी कि दिलावर सिंह की बातों पर वो यकीन करें या ना करे !! वो अपने पापा को छोड़ तो आई थी लेकिन बस अब उनके साथ कुछ ग़लत होने से डरती थी !!!

युवराज खाने की टेबल से उठ कर सिया के पास बैठने ही वाला था तभी उसके फोन की घंटी बजती ..... युवराज ने नम्बर देख कर फ़ोन उठा लिया और बात करने लगा"हां बोलो !!!!फोन से दिलावर सिंह" नीचे आओ !!!युवराज " आता हूं !!

युवराज ने फोन काटा और सिया की तरफ देख कर बोला" तुम आराम करो मैं नीचे होकर आता हूं दिलावर सिंह बुला रहा है !!

सिया ने हां में सर हिला दिया !! युवराज कमरे से बाहर निकल गया और सीढ़ियां उतरने लगा !!!

सिया के दिमाग की सोच तेजी से दौड़ने लगी और वो धीरे से उठी और युवराज के पीछे पीछे कमरे से बाहर आकर सीढ़ियां उतरने लगी और नीचे आकर लौबी से होते हुए आगे बढ़ने लगी उसे दिलावर सिंह का कमरा पता था वो उस कमरे के दरवाजे के पास पहुंच कर दिवाली से चिपक गई !!

दरवाजा पूरा बंद नहीं था थोड़ा सा खुला था सिया को अंदर से दिलावर और युवराज के बोलने की आवाजें आ रही थी वो सुनने की कोशिश करने लगी !!

युवराज" हां बोलो क्या बात है ???

दिलावर सिंह" देखो मैं तुमसे साफ सी बात करता हूं कि अगर तुम सचमुच विक्रम राना से बदला लेना चाहते हो तो तुम्हे उसे चालाकी से यहां लाना ही होगा !!ऐसे तो हम उसके इलाके में उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं ना !!

युवराज" जानता हूं !! तो ले आते हैं उसे यहां पकड़ के ,उसकी बेटी के सामने जलील करके ,वो शर्म से वैसे ही मर जायेगा !!

युवराज" प्लान क्या है वैसे ???

दिलावर सिंह" प्लान ये है कि हम विक्रम राना को उसकी बेटी से ही फोन करवा कर यहां मिलने बुलायेंगे,बेटी के कहने पर वो तुरंत आ जायेगा !! लेकिन उसकी बेटी मानेगी नहीं अपने बाप को यहां बुलाने के लिए ,तो अब बेटी को राज़ी करना तुम्हारा काम है !! अगर सच में कीर्ति का और उसकी मां के क़त्ल का बदला चाहते हो तो तुम्हे बेशक झूठ बोल कर ही सही सिया को राज़ी करना होगा !!!

कीर्ति का नाम सुनकर युवराज का चेहरा गुस्से से भर गया फिर भी वो अपने गुस्से को कंट्रोल करता हुआ बोला "" मैं सिया से झूठ नहीं बोल सकता !!

दिलावर सिंह " बोलना होगा तुमको ये झूठ !!! ये झूठ किसी बेकसूर के लिए न्याय है विक्रम राना को सजा मिलना ही कीर्ति की आत्मा को शांति देना है !!

युवराज" ठीक है !! हो जायेगा ये काम !! मैं सिया को राज़ी कर लूंगा !!

सिया बहुत कोशिश कर रही थी सुनने की लेकिन कुछ कुछ शब्द उसे सुनाई दिए लेकिन वो पूरी बात नहीं समझ पाई , उनकी बात खत्म होते ही वो दबे पांव उपर अपने कमरे में आ गई ,उसे जो भी नीचे सुना वो उसको जोडकर बात को समझने की कोशिश कर रही थी !! उसे सुना कि विक्रम राना की सजा, कीर्ति का नाम,और सिया से झूठ.. उसे पूरी बातें ठीक से सुनी ही नहीं क्योंकि वो लोग शायद दरवाजे से दूर थे !!!

लेकिन एक बात तो वो समझ गई थी कि बात उसके पापा के बारे में ही हो रही थी !! अब वो इंतजार कर रही थी कि युवराज उसे आकर क्या बताता है !!!

तभी युवराज कमरे में दाखिल हुआ और सिया के पास बैठ गया और उसकी तरफ प्यार से देखकर बोला " मेरी जान ऐसे ही बैठी है तब से ,आराम क्यों नहीं किया ??

सिया" बस नींद नहीं आ रही थी !!

युवराज " चलो आओ फिर लेटते हैं साथ साथ !!

सिया" दिलावर सिंह ने क्यों बुलाया था तुमको ??

युवराज " विक्रम राना के बारे में बात करने के लिए!!!

सिया" पापा के बारे में !!!! क्या बात हुई ?????

युवराज " मैंने कहा था ना तुमसे कि दिलावर सिंह बहुत अच्छा आदमी है और ये बात सच भी है क्योंकि दिलावर सिंह विक्रम राना को सच में अपना बेटा मानता है और इसी लिए उसने एक फैसला लिया है कि वो तुम्हारे बाप को माफ कर देगा और यही बुला कर तुम्हारे सामने फिर से समझौता करके मेरी और तुम्हारी शादी की बात करेगा !!!

सिया हैरानी से युवराज के सामने बैठ कर बोली" क्या !!!!! सच में दिलावर सिंह मेरे पापा को माफ करके फिर से सुलह करना चाहता है !!!

युवराज " हां ये सच है सिया !! क्योंकि दिलावर सिंह बोला कि विक्रम राना उसके साथ सुलह करने को राजी नहीं होगा लेकिन फिर भी वो उसको समझाये गा मेरी और तुम्हारी जिंदगी के लिए.. क्योंकि दिलावर सिंह कीर्ति की तरह तुम्हारी जिंदगी खराब नहीं होने देना चाहता !!

सिया " मेरी जिंदगी खराब होने से मतलब ???

युवराज" अरे वकील साहिबा !! जिंदगी खराब होने से मतलब कि विक्रम राना तुम्हारी और मेरी शादी कभी नहीं होने देगा !! और दिलावर सिंह यही सब सोचते हुए कहा रहा है कि विक्रम से सुलह कर ली जाये उसकी पहले गल्तियो को माफ कर दिया जाये और एक परिवार की तरह रहा जाये !!!

सिया कुछ सोचते हुए " ये एकदम से दिलावर सिंह सुलह करने को कैसे मान गया ?? और फिर अगर मेरे पापा ने इसके साथ ग़लत किया तो एकदम से ये माफ भी कर देगा उनको ??? मुझे कुछ सही नहीं लग रहा ये सब !!!!

युवराज थोड़ा झल्ला कर "" अरे सिया !!!! तुम हद करती हो !!! एक तरफ कहती हो कि दिलावर सिंह तुम्हारे बाप के साथ कुछ ग़लत ना कर दे और जब वो तुम्हारे बाप को माफ करके साथ रहना चाहता है फेमिली की तरह ,तो भी कहती हो कि कुछ ठीक नहीं लग रहा !!!! तुम पहले ये तय करो कि तुम चाहती क्या हो ??

युवराज गुस्से से दीवार की तरफ मुंह करके खड़ा हो गया !!

सिया युवराज को नाराज होते देख कर उसके सामने खड़े होते हुए बोली" ठीक है तुम्हारी बात !! लेकिन बस मुझे दिलावर सिंह का ऐसे कभी कुछ कभी कुछ कहना थोड़ा अजीब लगता है तो मैंने कहा दिया !! इसमें तुम्हारे नाराज़ होना अब कहां से आ गया ?

युवराज सिया को दोनों बांहों से प्यार से पकड़ता हुआ बोला " ठीक है सिया तुमको जो कहना है कहो लेकिन कभी तो बात को गहराई से सोच कर समझो !!! और फिर आज तक दिलावर सिंह ने तुम्हारे बाप के साथ बुरा किया भी क्या है ?? बल्कि तुम्हारे बाप ने दिलावर सिंह का कुछ नहीं छोड़ा फिर भी वो सिर्फ हम दोनों के लिए विक्रम को समझा कर उससे सुलह करना चाहता है !!!

सिया " ठीक है !! आ गया अब मेरी समझ में !!!

युवराज ने प्यार से सिया का माथा चूमा और प्यार से ही बोला" हां आ गया तुम्हारी समझ में .... लेकिन मेरा दिमाग खाने के बाद !!!

सिया युवराज के सीने से लग गई और बोली " हां मैं ऐसी ही हूं !!!!

युवराज ने सिया को कस कर अपने सीने से लगा लिया और बोला" लेकिन सिया मैं एक बात तुमसे साफ कर लेना चाहता हूं !!

सिया युवराज की बात सुनकर थोड़ा पीछे होते हुए बोली " अब क्या हुआ ???

युवराज" हुआ कुछ नहीं ,बस मैं ये कहना चाहता हू कि दिलावर सिंह बेशक तुम्हारे बाप को माफ कर दे लेकिन मैं कभी माफ नहीं कर सकता , इसलिए हमारी शादी के बाद हम अलग ही रहेंगे और विक्रम राना से कोई भी रिश्ता नहीं रखेंगे !! याद है ना तुमको कि तुम विक्रम राना को हमेशा के लिए छोड़ कर आई हो ????

सिया शांत होकर " हां याद है !!

युवराज" बाकी दिलावर सिंह के लिए विक्रम राना को यहां बुलाकर उसकी मदद कर देंगे हम !!!

सिया " वैसे हम क्यों मदद करेंगे ? दिलावर सिंह खुद मिल कर पापा से बात कर लें !!

युवराज" यही तो बात है जिसके लिए दिलावर सिंह ने मुझे बुलाया था !!!

सिया " क्या बात ???

युवराज" यही कि विक्रम राना उसके कहने पर कभी भी उससे नहीं मिलेगा अगर दिलावर सिंह खुद फोन करके विक्रम राना को यहां बुलायेगा तो उसी वक्त विक्रम राना अपने आदमी लेकर दिलावर सिंह पर हमला कर देगा क्योंकि वो समझता है उसकी बेटी दिलावर सिंह के कब्जे में है ! उसे लगेगा किदिलावर सिंह की कोई चाल होगी इसलिए वो कभी भी दिलावर सिंह की बात पर यकीन नहीं करेगा !! समझी तुम अब ???

सिया " तो फिर अब क्या करना होगा ???

युवराज " यही तो मैं कह रहा हूं कि हमें मदद करनी होगी दिलावर सिंह की विक्रम राना को यहां बुलाने की !!

सिया " वो कैसे ???

युवराज" वो ऐसे कि तुम अपने पापा को फोन करोगी कि दिलावर सिंह ने मुझे आजाद कर दिया है पापा और मुझे बहुत अच्छे से रखा है यहां और अब मैं चाहती हूं कि सब पुराना ख़त्म करके आप दिलावर सिंह से सुलह कर लो और मुझे यहां से ले जाओ !!! समझी अब ???

सिया " हां समझ तो गई लेकिन ये तो झूठ होगा ना ,कि मैं पापा से बोलूं कि मुझे आकर ले जाओ !!! क्योंकि मैं खुद उनको छोड़ कर आई हूं और अब कहूंगी कि मुझे ले जाओ तो वो यक़ीन कर लेंगे ???

युवराज" तो सच बोल कर देख लो !! आ जायेगा वो तुम्हारा बाप ?? जो दिलावर सिंह से गन के बिना बात नहीं करता !!!

सिया को सोच में डूबे देखकर युवराज बोला " देखो सिया !! थोड़ा तो झूठ बोलना ही होगा !! दिलावर सिंह और विक्रम राना की दुश्मनी खत्म करने के लिए !!!!!

सिया"" ठीक है फिर मैं तैयार हूं पापा को फोन करने के लिए !!!

युवराज खुश होकर और ठंडी सांस लेकर"" ओह सिया तुमको समझाने मे मेरा सारा दम निकल जाता है !!

सिया मुस्कुरा कर" हां मैं ऐसी ही हूं !!!

युवराज" चलो तुम अब रेस्ट करो !!! मैं दिलावर सिंह से बात करके आता हूं!!!

सिया हां में सर हिला कर बिस्तर पर लेट गई और उपर छत की ओर देखने लगी और सोचने लगी " पापा को यहां बुलाकर मैं ठीक कर रही हूं ना??? दिलावर सिंह सच बोल रहा है ना ??? वैसे अगर दिलावर सिंह से सुलह करनी होती तो पापा पहले ही कर लेते ? पापा उसका पैसा लूट कर भाग गये थे फिर आज दिलावर सिंह उनसे सुलह क्यों करना चाहता है ? पापा दिलावर सिंह का पैसा लूट कर भाग गये थे ये बात हजम नहीं हो रही !!! फिर युवराज भी झूठ नहीं बोल सकता मुझसे !! लेकिन फिर मुझे कुछ सही क्यों नहीं लग रहा ??????

ऐसे बहुत से सवाल सिया के दिमाग में दौड़ रहे थे उसे कुछ ठीक नहीं लग रहा था !!

युवराज सीढियों से उतर कर दिलावर सिंह के कमरे में आ गया और दिलावर सिंह से बोला " तैयार है अब सिया विक्रम राना को फोन करने के लिए !!! लेकिन उसे मनाने के लिए मुझे झूठ बोलना पड़ा !! ये सही नहीं हुआ, लेकिन कीर्ति के क़ातिल को सजा देने के लिए मुझे ये करना पड़ा !!!

दिलावर सिंह " ये बहुत अच्छा हुआ कि वो लड़की मान गई क्योंकि विक्रम राना उसके बुलाने पर भागता हुआ आयेगा !!!

युवराज ने सिया और अपने बीच की बात दिलावर सिंह को बता दी कि उसने सिया को कैसे राज़ी किया !!

दिलावर सिंह युवराज की बात सुनकर " तुम फ़िक्र मत करो मैं सिया को यही बताऊंगा जो तुमने उसे कहा !!

युवराज" तो फिर अब जब फ़ोन करना हो तो बता देना !!!

दिलावर सिंह " ठीक है !! अब तुम जाओ आराम करो कल इस प्लान को अंजाम देते हैं !!

युवराज दिलावर सिंह के कमरे से निकल कर उपर चला गया !! तभी बिलाल जो अब से चुप बैठा उनकी बातें सुन रहा था दिलावर सिंह के पास आकर बोला" ये प्लान काम करेगा ????

दिलावर सिंह " हां करेगा !! विक्रम को बंदी बनाना है तुम आदमी इक्कठे करो और सारी टीम को साथ करके सारा प्लान समझा दो हमें फुल तैयारी के साथ रहना है !

बिलाल" तो क्या विक्रम को पकड़ कर मारना नहीं है ????

दिलावर सिंह " विक्रम को मैं हमेशा के लिए अपने पास बंदी बनाकर रखूंगा अभी उसे इतना तड़पाऊं गा कि वो मेरे से मौत की भीख मांगेगा !! ये मैरी पूरी जिंदगी खराब करने का बदला है जो मैं लूंगा !!

बिलाल "" ठीक है मैं अपने आदमी तैयार करता हूं !!!

युवराज ने उपर आके देखा कि सिया अभी सोई ही नहीं थी !!! वो उसके बराबर में लेटकर उसका सर अपनी बाज़ू पर रखकर उसे अपने साथ चिपकाता हुआ बोला "क्या बात है मेरी जान?! अभी तक जाग रही हो !!!

सिया युवराज की तरफ मुंह करके उसके सीने पर हाथ रख कर बोली" क्या बात हुई दिलावर सिंह से ???

युवराज " बस ज्यादा नहीं !! मैने उसे बता दिया कि सिया फोन करके अपने पापा को बुला लेगी तो तुम बैठ कर बात कर लेना लेकिन बस मैं नहीं बैठूंगा उसके पास !!!

सिया" अच्छा ,तो फिर कब करना है मुझे फोन ???

युवराज " बतायेगा दिलावर सिंह !!

सिया युवराज की बात सुनकर चुप हो गई और उसने अपनी आंखें बंद कर ली !! युवराज उसके बालों में हाथ फेरने लगा और सिया की तरफ देखकर मन ही मन सोचने लगा " कितनी मासूम है सिया !!! और इसका बाप उतना ही हैवान !! क्यों जन्म लिया सिया ने उस क़ातिल के घर में ??? ये लड़की सब कुछ जानकर भी उस घटिया इंसान से प्यार करती है क्योंकि ये अपने बाप को अभी भी ग़लत समझ ही नहीं पा रही है !! लेकिन मैं निकालूंगा इस मासूम को उस खूनी के चंगुल से !!

युवराज ने सिया को कस के अपने सीने से लगा लिया और अपनी आंखें बंद करके वो भी सो गया !!!

बिलाल तेजी से दिलावर सिंह के कमरे में पहुंचा और बोला " मैंने सारी तैयारियां कर ली है आदमी तैयार है !!!

दिलावर सिंह बिलाल की बात का जवाब ना देकर कुछ सोच में डूबा हुआ था बिलाल ने थोड़ा जोर से बोला" तुमने मेरी बात सुनी??? और किस सोच में हो???

बिलाल की तेज़ आवाज़ से दिलावर सिंह की सोच टूटी और बोला " हां सुन रहा हूं !! लेकिन सोच रहा हूं कि विक्रम राना मेरी बात का यक़ीन बिल्कुल भी नहीं करेगा ,उसकी बेटी से कुछ ऐसा बुलवाना होगा कि उसे यकीन हो जाते !! तभी वो यहां आयेगा !!

बिलाल" उसकी बेटी हमारी सिखाई बात बोलेगी भी ?? वो भी अपने बाप की तरह यकीन नहीं करती तुम पर !!

दिलावर सिंह " मुझपर नहीं करती यकीन तो युवराज पर तो करती है ना !!!! बस तो वो बुलवायेगा उससे जो हम कहेंगे !!!

बिलाल" देखते हैं !!!

दिलावर सिंह " जाओ तुम अब सुबह होने का इंतजार करो !!

बिलाल कमरे से बाहर चला गया !!

दरवाजे की तेज़ खटखटाहट से सिया और युवराज की नींद टूटी !! युवराज उठकर दरवाजा खोलने गया ,बाहर दिलावर सिंह का आदमी था वो बोला " नीचे भाईजान ने बुलाया है !!

युवराज ने हां में कह कर दरवाजा बंद कर लिया और सिया के पास बैठता हुआ बोला" चलो सिया मुंह हाथ धो लो फिर नीचे चलते हैं !!

सिया और युवराज दिलावर सिंह के कमरे में आ गये ! दिलावर सिंह ने चाय नाश्ता लगवा रखा था उसने युवराज सिया को बैठने का इशारा किया और बोला " नाश्ता कर लो हमारे साथ फिर विक्रम को फोन करते है ,मैं बताता हूं कि फोन पर क्या बोलना है !!

युवराज और सिया नाश्ता करने बैठ गये लेकिन सिया की दिल और दिमाग की नसें तेजी से दौड़ने लगी उसे अभी भी समझ नहीं आ रहा था कि वो अपने पापा को झूठ बोल कर यहां बुलाकर ठीक कर रही है कि ग़लत !!!!!!

नाश्ते के बाद दिलावर सिंह ने सिया को अपना फोन दिया और बोला" लो बिटिया !!! अपने पापा को फोन करो और यहां आ कर तुम्हें लेने को बोलो !!

सिया " लेकिन पापा मेरी बात का यक़ीन नहीं करेंगे क्योंकि घर से आते वक्त मैंने पापा को बहुत नफरत भरे शब्द कहे थे और घर छोड़ दिया था अगर अब एकदम से मैं उनको फोन करके यहां बुलाऊंगी तो वो कभी भी यक़ीन नहीं करेंगे !!

दिलावर सिंह " यही तो तुमको करना है अब कि अपने पापा को यकीन दिलाना है !! कि अब दिलावर सिंह ने अपनी दुश्मनी खत्म कर दी है !!

सिया"मुझे लगता नहीं ये काम करेगा कि वो मेरे एकदम से फोन करके बुलाने पर वो आ जायेंगे यहां !!

दिलावर सिंह " देखो बेटी !! मैं समझ रहा हूं तुम्हारी बात , लेकिन अगर हमने पहल करके विक्रम को यहां नहीं बुलाया तो वो किसी भी वक्त खुद हमारे ठिकाने का पता लगाकर यहां अपने आदमी लेकर पहुंच जायेगा और फिर मुझे और युवराज को खत्म कर देगा ,सब कुछ खत्म हो जायेगा !! तुम तो जानती हो विक्रम के गुस्से को ,वो शांती से बैठने वाला नहीं है ,मैं तो हम सब की अच्छी जिंदगी के लिए ही ये दुश्मनी खत्म करना चाहता हूं !!

सिया दिलावर सिंह की बात सुनकर गहरी सोच में डूबा गई उसे अब दिलावर सिंह की बात सही लगी रही थी वो जानती थी कि पापा कभी भी शान्ती से तो नहीं बैठेंगे और उन्हें ढूंढते हुए यहां आकर युवराज को जान से मार देंगे !! इससे अच्छा है कि दिलावर सिंह की बात मान कर इस दुश्मनी को ही खत्म कर दिया जाये !!

सिया को गहरी सोच में देखकर युवराज और दिलावर सिंह एक दुसरे का मुंह देखने लगे उन्हें लग रहा था कि उनका ये प्लान काम नहीं करेगा सिया फोन नहीं करेगी !!!

लेकिन तभी सिया ने दिलावर सिंह से फोन लिया और अपने पापा को फोन मिला दिया !!!!

दुसरी ओर से फोन की रिंग से रही थी तभी फोन किसी ने उठाया और बोला " सोच लिया साले !!! कि मुझे कैसे मारना है ???

सिया ने फोन पर अपने पापा को ये बोलते हुए सुना तो वो बोली" पापा !! मैं हूं फोन पर !!!

फ़ोन से विक्रम " गुड़िया !!! गुड़िया!!! मेरी बेटी !!! बच्चा तू ठीक तो है ना ?? तुझे कोई तकलीफ़ तो नहीं दी इन लोगों ने ???

विक्रम सिया की आवाज सुनते ही बिना रुके एक ही सांस में बोल गया !!

सिया भी पापा की आवाज का दर्द सुनकर सिहर सी उठी और बहुत नर्म आवाज में बोली" हां पापा मै ठीक हूं !! मुझे यहां कोई भी तकलीफ़ नहीं है बल्कि दिलावर जी ने मुझे बहुत अच्छे से रखा है अपने घर में !!!

विक्रम फ़ोन से " दिलावर सिंह ने तुम्हें अपने घर में रखा है ??? लेकिन क्यों ?

सिया" पापा मैंने यही बताने के लिए आपको फोन किया है कि मैं और युवराज शादी कर रहे हैं !! लेकिन दिलावर जी के समझाने पर कि मेरे पापा का होना यहां बहुत जरूरी है इसलिए अगर आप मेरी और युवराज की शादी के लिए राजी है तो आप यहां आ सकते हैं अगर नहीं तो ठीक है मेरा कन्यादान दिलावर बाबा कर देंगे !! जैसे ही हो आप बता दीजिए गा !!!!

फोन पर विक्रम की चुप्पी को सुनकर सिया ने अपनी बात कहकर फोन काट दिया !!!

दिलावर सिंह और युवराज और बिलाल सिया को हैरानी से देख रहे थे !!!

दिलावर सिंह " बेटी क्या बात बनाईं तुमने !! वाह जवाब नहीं तुम्हारा !! विक्रम ने अंत में क्या कहा ???

सिया" कुछ नहीं !!!!

युवराज और दिलावर एक साथ"" कुछ नहीं !!!!!!

दिलावर सिंह" बेटी कुछ नहीं से क्या मतलब है तुम्हारा ?? अब कैसे पता लगेगा कि वो आयेगा कि नहीं ???

युवराज" सिया तुम पूछती तो सही कि वो आयेगा कि नहीं ? ऐसे फोन क्यों काटा तुमने ??

सिया" पापा आयेंगे !!

युवराज" मतलब ????

सिया" मैं अपने पापा को अच्छे से जानती हूं वो मुझसे बहुत प्यार करते हैं वो जरुर आयेंगे !!!

दिलावर सिंह" ठीक है फिर अच्छा है वो यहां आये और हमारे बीच के मसले खत्म हो !!!

सिया " लेकिन मेरे पापा के साथ कुछ ग़लत नहीं होना चाहिए हमें उनसे अच्छे से बात करके सब लड़ाई खत्म करनी है कि उनके मन में जो युवराज के लिए गुस्सा है वो खत्म हो !!आप इसमें हमारी मदद करेंगे ना ???

दिलावर सिंह" हां बेटी इसीलिए तो हमने उसे यहां बुलाया है वो भी तुमसे फोन करवा कर ,अगर लड़ाई करनी होती तो हम अपने आदमियों के साथ उसे पकड़ कर यहां लाते !!!

दिलावर सिंह ने युवराज को इशारे से सिया को यहां से ले जाने को कहा और बोला " युवराज जाओ सिया को उसके कमरे में थोड़ी देर आराम करने को छोड़ आओ फिर वापस आओ !!!

युवराज सिया को लेकर उपर कमरे में आ गया और उसे बिस्तर पर बैठाते हुए बोला" तुम थोड़ा आराम करो मैं दिलावर सिंह से बात करके आता हूं ,देखना अब सब ठीक हो जायेगा !!

सिया ने हां में सर हिलाया और युवराज के कमरे से जाते ही उसके दिमाग के घोड़े दौड़ने लगे !! वो सोचने लगी " ये दिलावर सिंह पर भरोसा करके मैंने ठीक किया ना ?? हा वैसे सही ही किया पापा का ग़ुस्सा हम सब के लिए नुकसानदायक भी होता वो मेरे लिए युवराज को मरवा भी सकते हैं और फिर अगर वो मेरी खुशी के लिए मेरे और युवराज के रिश्ते को क़ुबूल कर लेते हैं तो सब सही होगा !!!

सिया के दिमाग में विचारों के एक से एक उतार चढ़ाव आ रहा थे !! लेकिन तभी...... ....................................

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