तभी विक्रम के फोन पर कादिर का मैसेज आया , विक्रम ने मैसज देखते ही कादिर को फ़ोन मिला दिया ,और फोन पर बात करने लगा " ये किसका नम्बर है ???? जो तुमने अभी मुझे मैसेज में भेजा !!
कादिर फोन से " ये नंबर उसका है जिसके पास इस वक्त तुम्हारी बेटी है ! इसका नाम युवराज है !!
विक्रम फोन पर " ये हुई ना बात !! इस नंबर को ट्रेस करो और इस युवराज की सारी खबर मुझे दो !!!
कादिर से फोन पर बात करके विक्रम पीछे मुड़कर धीरज की तरफ देखता हुआ बोला" मिल गया नंबर !! अब तू तो गया साले !
विक्रम ने उसी वक्त वो नंबर डायल कर दिया ,फोन की घंटी बज रही थी ..... तभी फोन उठा .. विक्रम फोन उठते हीगुस्से से बोला "डरता है साले !! जिस जगह मै पहुंच गया था उस जगह से क्यों भाग गया ?मेरी बेटी को कुछ भी हुआ तो तू जानता है मै तुझे पाताल से भी खींच लाऊंगा !
युवराज फोन से " डरता मै नहीं ! डर तो अब तुम रहे हो ! डरता होता तो तेरी बेटी को उठाता ही नही ! दर्द हो रहा है बेटी का ? तड़प और तड़प ! दुसरो को तड़पाने वाले अब खुद तड़प !!
विक्रम गुस्से से फोन पर " अगर तू मुझे जानता है तो समझ ले तेरी ये सांसें कुछ दिनों की ही है ,मेरी बेटी को खरोंच भी आईं तो समझ ले तेरे इतने टुकड़े करुंगा कि तेरे फ़रिश्ते भी गिन नही पायेंगे !!
युवराज फोन पर " मुझे तो मरने का डर है नही , कफन बांध कर निकला हूं लेकिन तुझे जरुर मार कर मरुंगा विक्रम राना क्रिमिनल !!!
तभी युवराज के फोन से गुड़िया की आवाज सुनाई पड़ी विक्रम को "" पापा !!!! पापा !!!!
विक्रम एकदम से उत्तेजित होकर बोला " गुड़िया !! गुड़िया !! मेरी बच्ची !! तुम ठीक हो ना ! मै जल्दी तुम तक पहुंच जाऊंगा मेरी बच्ची !!
लेकिन तभी फोन कट गया !! विक्रम टूट कर जोर जोर से रोते हुए कुर्सी पर बैठ गया और बोला " धीरज !!मेरी बेटी यार ,पापा पापा कर रही थी ! वो अपने पापा को सुपरमैन कहती थी , लेकिन मै अभी तक अपनी बेटी के लिए कुछ नही कर पाया यार !!!
विक्रम को इस तरह अपना सर पकड कर रोते हुए धीरज उसके पास आकर उसके कंधे पर हाथ रख कर बोला " सब्र रख विक्रम !! यही तो मकसद था दिलावर सिंह का कि तू टूट जाये अंदर से और वो जीत जाये !
विक्रम खडा हो गया और गुस्से से बोला " अब बस बहुत हो गया !! विक्रम कभी भी टूट नही सकता ! बस तुम इस काॅल की लोकेशन निकालो !! मुझे हर हाल में ये युवराज चाहिए !!!!
फ़्लैश बैक खत्म---------------------सिया काफी देर से अपने घर और पापा के बारे में सोच रही थी ! उसे लग रहा था कि बाहर शायद रात होने वाली है ! युवराज को गये हुए भी काफी समय हो गया था ! वो आज उसे उसके पापा के पास छोड़ने जाने वाला था , लेकिन दिलावर सिंह से मिलने जाना पड़ा !
लेकिन सिया को अब फ़िक्र होने लग गई थी कि युवराज ने कहा था कि दिलावर सिंह और बिलाल उसके सिया को छोड़ने के फैसले से खुश नही थे !
तो इसलिए सिया के दिमाग में अब डर वाले विचार आ रहे थे कि कही दिलावर सिंह युवराज को नुक्सान ना पहुंचा दे !
उसे युवराज की फ़िक्र होने लग गई थी !
तभी उसे बाहर के दरवाजे का ताला खुलने की आवाज आई ! वो एकदम उठ कर खडी हो गई और साथ वाले कमरे के दरवाजे के पीछे जाकर खड़ी हो गई !
तभी उसने हलका सा सर निकाल कर देखा कि युवराज आ गय था और दरवाजे का ताला लगा रहा था !
सिया तेजी से दरवाजे के पीछे से निकल कर युवराज से लिपट गई !! युवराज ने भी उसे अपनी बाहों में भर लिया !!
सिया युवराज के सीने से कुछ देर यू ही लिपटी रही फिर अलग होकर तपाक से बोली "मुझे तुम्हारी बहुत फ़िक्र हो रही थी , तुमने बहुत देर कर दी ! सब ठीक है ना ???
युवराज थोडा माथे पर शिकन ला कर " हां सब ठीक है ! बस दिलावर सिंह का फोन ही नहीं मिल रहा था , बहुत बार मैने फोन किया, बस आखिरी मैसज मिला कि जिस जगह मिलना था वहां मत आना !
सिया " इस बात का क्या मतलब हुआ ????
युवराज " शायद दिलावर सिंह के ठिकाने पर तुम्हारा बाप पहुंच गया है और दिलावर सिंह कही अंडरग्राउंड हो गया है !
सिया " पापा !!! मतलब पापा मुझे ढूंढ रहै है !!!!! बहुत परेशान हो रहे होंगे पापा !!!
युवराज सिया की तरफ़ गौर से देखने लगा !!!!
सिया युवराज को अपनी तरफ देखते हुए बोली " ऐसे क्या देख रहै हो मेरी तरफ ?
युवराज " कुछ नही !!! बस ये सोच रहा हू कि तुम्हें कितना वक्त दू तुम्हारे बाप से मिलने का ? या खुद मर जाऊं ? या उसे देखते ही खत्म कर दू ,या हम दोनों ही मर जायेंगे !
सिया युवराज के मुंह पर अपना हाथ रखती हुई बोली " प्लीज़ युवराज !!!! ऐसा मत बोलो !!! मेरा दिल कहता है कि सब अच्छा होगा !!
युवराज सिया के हाथों को पकड़ता हुआ बोला " सब अच्छा नही हो सकता अब मेरी जान !!! वो आदमी गुनाहगार है मै उसको माफ नही कर सकता ! और अब वो भी मेरे खून का प्यासा है तो हम दोनों में से एक ही जिएगा ,या वो या मै !!! समझी तुम !!!!
सिया उदास होकर अपनी आंखों में फिर से पानी भर कर बैड पर बैठ गई !
युवराज उसके बिल्कुल करीब बैठ कर उसका चेहरा अपनी ओर करता हुआ बोला " अच्छा ,मेरी एक बात का जवाब दो ? मै और विक्रम राना जब आमने-सामने होंगे तो तुम किसको चुनोगी ?
सिया ने युवराज की आंखों में देखा और फिर अपनी नजरें नीची कर ली !!!
युवराज सिया की खामोशी को देखते हुए खडा हो गया और दीवार की तरफ मुंह करके बोला " तुम्हारी खामोशी से मुझे जवाब मिल गया !! तुम अपने गुनाहगार बाप का ही साथ दोगी ना !!!! कोई बात नही , मै मर भी गया ना तो भी तुम्हें प्यार करना कम नही करुंगा !!
सिया बिस्तर से उठ कर युवराज के सामने आकर खड़ी हो गई और उसके सीने से लगती हुई बोली " अगर मेरे पापा सचमुच गुनाहगार हुए तो मै उसी वक्त उनको छोड़ कर तुम्हारे साथ चल दूंगी ! ये वादा है मेरा तुमसे !!!
युवराज " तुम्हारा बाप कभी अपना गुनाह कबूल नही करेगा सिया !! जो आदमी हजारों जिंदगियां खत्म करके बहरुपिया बन कर बैठा है वो कभी नही कहेगा कि मै खूनी हू ! उसने कीर्ति के माता पिता को मारा फिर कीर्ति को भी मार दिया वो आदमी हैवान है !!!
सिया " मेरे पापा मुझसे कभी झूठ नहीं बोलते !! बस मुझे एक बार उनके मुंह से सुनना है कि वो गुनहगार है कि नही !!!
युवराज सिया को अपने सीने से लगाते हुए बोला " ठीक है !! तुम अपने बाप के मुंह से ही सुन लेना !! मै भी अब नही चाहता कि तुम उस कातिल के साथ रहो !! तुम बस आ जाओ उससे मिलकर ,मै उसे खत्म कर दूंगा !!!!
सिया और युवराज शांत होकर एक दूसरे की बाहों में ऐसे ही दीवार के साथ ज़मीन पर बैठ गये !!
तभी युवराज का फोन बजा ... युवराज ने फुर्ती से नम्बर देखा, फोन बिलाल का था !! युवराज ने फोन कान से लगा लिया और बोला " हां बोलो !!!
बिलाल फोन से "" युवराज !! जितनी जल्दी हो सके वहां से निकलो !!!
युवराज फोन पर "" क्यों ? क्या हुआ ??
बिलाल "" इस कुतिया के हरामी बाप ने दिलावर सिंह को पकड़ लिया है साथ में बंसी को भी ,उनको बेरहमी से मार पीट रहा है !!
युवराज गुस्से में " बिलाल !!! मुंह संभाल कर बोल !!!!
बिलाल '' हां तुझे उस हरामी की पैदाइश से इश्क जो हो गया है , लेकिन अपना बदला मत भूल उसके बाप ने तेरा सारा परिवार मतलब कीर्ति को खत्म किया है ,वो अपनी बेटी को ले जायेगा तुझे भी मार देगा ! वो यहां कभी भी पहुंचता होगा ,उसने हमारे सारे ठिकाने तहस नहस कर दिए है !!
युवराज " कुछ नही भूला हू मै !! विक्रम राना को तो मै जिंदा नही छोड़ूंगा ,लेकिन उसकी बेटी को भी उसकी सच्चाई अब पता है इसलिए वो अब हमारे साथ है !!
बिलाल " ये बहुत अच्छा हुआ , विक्रम राना ये कभी बर्दाश्त नही कर पायेगा कि उसकी बेटी को उसका काला अतीत पता चले ,वो वैसे ही मर जायेगा !! लेकिन अब सबसे पहले दिलावर सिंह को छुड़ाना है उसकी कैद से !! फिर अपने आदमी इकठ्ठा करके उस पर अटैक करेंगे !
युवराज " ठीक है !! मै निकलता हू यहां सै फिर तुमको अपनी पुरानी जगह पर मिलता हू !!!!
युवराज ने बिलाल से बात करके फोन काट दिया और तेजी से खडा हो गया और सिया की तरफ़ देखता हुआ बोला " चलो अब तुम तैयार हो जाओ !! तुमको तुम्हारे बाप के पास छोड़ना है फिर मुझे बिलाल के पास जाना है !!
सिया भी तेजी से उठ कर खड़ी हो गई उसने युवराज और बिलाल की फोन पर बाते सुनकर समझ ही लिया था कि बात क्या हुई ,वो युवराज की तरफ हैरानी से देखते हुए बोली " तुम अभी भी मुझे पापा के पास छोड़ने की बात कह रहै हो जबकि दिलावर सिंह को पापा ने पकड लिया है !!
युवराज " हा जानता हू , लेकिन मै अब तुम्हारे बाप के गुनाहों की सजा तुमको मोहरा बना कर नही देना चाहता , वो मेरी गल्ती थी कि तुमको किडनैप करके मैने तुमसे बुरा सलूक किया , लेकिन अब तुम मेरी जिंदगी हो मेरा प्यार हो , विक्रम राना को मारने के लिए मै तुम्हारा इस्तेमाल अब नही कर सकता , मै उसे अब अपने दम पर मारुंगा !!
सिया युवराज से तेजी से लिपट गई और रोने लगी " युवराज !! मै तुमसे बहुत प्यार करती हू और अपने पापा से भी, अगर वो गुनहगार नही हुए तो तुम उनसे नाराजगी छोड़कर माफी माग लेना, मेरे लिए ,फिर सब ठीक हो जायेगा,हम सब साथ रहेंगे,मै दुआ करती हू भगवान से !!
युवराज ने बिना कुछ बोले सिया को अपनी बाहों में कस के भर लिया और अपने मन ही मन सोचने लगा " जानता हू मेरी जान कि तुम अपने बाप से बहुत प्यार करती हो, लेकिन तुम मासूम ये नही जानती कि वो इस प्यार के काबिल नहीं है !!
युवराज ने टाइम देखा और कमरे से अपना ज़रुरी सामान अपने बैग में डाला और सिया के कपड़े अलग बैग में डाले और सिया की तरफ़ देखता हुआ बोला " चलो मेरी जान !! बाहर चल कर कुछ खाते है !!
सिया उसके साथ बाहर आ गई , युवराज ने बाहर निकल कर ताला लगा दिया और मुड कर साइड में खडी अपनी बाइक पर बैठ गया और सिया को अपने पीछे बैठने का इशारा किया !
बाइक स्टार्ट करके दोनों उस पतली सड़क सैशे निकल कर बडी सड़क पर आ गये , युवराज ने बाइक की रफ्तार तेज कर दी ,उसके पीछे बैठी सिया उससे और ज्यादा चिपक कर बैठ गई और युवराज के कान के पास होकर बोली " तुम मुझे मेरे घर के पास छोड़ो गे ??
युवराज " हां मेरी जान !! तुम्हारे बाप से जिस जगह का बोल रखा है सुबह फोन पर ,उसी जगह छोड़ूंगा !! जो मै एक बार बोल देता हू वो फिर करता भी हू !!
सिया " लेकिन पापा तुमको ढूंढ रहै है उन्होंने हर तरफ अपने आदमी छोड़ रखे होगे वो तुम्हें पकड लेगे !!
युवराज " हा जानता हू जान कि अब वो मेरे बारे में जान गया होगा सब कुछ और मुझे ढूंढ रहा होगा और मेरे लिए हर तरफ जाल बिछा रखा होगा , लेकिन मुझे उससे ना पहले डर लगा और ना अब लगता ! वो भी समझ गया होगा अब तक कि जो उसके इतने पहरे के बावजूद उसकी बेटी को उठा कर ले गया वो इंसान उससे कम नही होगा !!
सिया शांत होकर युवराज की पीठ पर अपना सर रख कर सोच मे डूब गई थी ,उसके दिलो-दिमाग पर एक डर सा था जो अंदर ही अंदर उसे कमजोर कर रहा था !!
आधे घंटे का सफर तय कर चुके थे दोनों बाइक पर, सिया को इतनी देर से चुपचाप अपनी पीठ पर चिपक कर बैठे देख कर युवराज ने चुप्पी तोडी " मेरी जान !!! ऐसे चुपचाप बैठना तुम पर जचता नही,और तुम अब समझ चुकी होगी कि ज्यादा देर तक तुम्हारी चुप्पी मुझसे सहन नही होती, तुम्हारी वो बातूनी बातों की आदत पड गई है मुझे !!
सिया युवराज की बात सुनकर बिल्कुल उदास होकर बोली " क्या बोलूं ? जैसे जैसे ये रास्ता खत्म हो रहा है मुझे लग रहा है कि मैं तुमसे दूर हो रही हूं !!!
युवराज ने सिया की बात सुनकर बाइक की रफ्तार धीरे की और बाइक सड़क के एक साइड रोक दी और सिया का हाथ पकड़ कर उसे पीछे से आगे बिठा लिया और उसका चेहरा अपने दोनों हाथों में लेकर प्यार से बोला " मेरी जान !!! तुम्हें अब मुझसे कोई भी जुदा नही कर सकता !!! समझी तुम !! तुम अब युवराज की जान हो !! इसलिए उदास होना बंद करो !!!
सिया युवराज के सीने से लग गई और अपने चेहरे को उसके सीने में छिपा कर धीरे से बोली " मै अब तुमसे अलग होना भी नही चाहती, मै नही रह पाऊंगी अब तुम्हारे बिना युवराज !!!!!
युवराज ने उसे कस के अपनी बाहों में भरते हुए बोला " मै खुद तुम्हारे बिना नही रह सकता मेरी जान !! आई लव यू मेरी जान !!
सिया "" आई लव यू टू युवराज !!!!
दोनों ने एक-दूसरे को प्यार भरी नजरों से देखा और फिर सिया बाइक के आगे से उतर कर पीछे बैठ गई और युवराज ने बाइक स्टार्ट करके सड़क पर दौड़ा दी !!
दो तीन किलोमीटर के बाद रास्ते में एक खाने का होटल देखकर युवराज ने बाइक रोक दी और होटल के अंदर जाकर खाने का आर्डर दे दिया और सिया के साथ एक कोने के टेबल पर बैठ गया !!
सिया कुर्सी पर बैठते हुए युवराज की तरफ़ देखती हुई बोली " इस रास्ते पर ये होटल बहुत देर बाद आया ना !!!!
युवराज मुस्कुराते हुए " वो इसलिए कि हम मेन सड़क से नही , बल्कि एक छोटे रास्ते से जा रही है !
सिया" वो क्यों ?
युवराज " क्योंकि हिमाचल से पूने के मेन रास्ते पर और आसपास तुम्हारे बाप ने मेरे लिए आदमी बिठा रखें है ! अब थोड़ा आगे जाकर हम बाइक से नही, गाड़ी से जायेंगे !
सिया " तो इस रास्ते का पापा को नही पता है क्या ??
युवराज " पता होगा !! लेकिन वो ये नही सोच पायेगा कि मै इस उबड़-खाबड़ रास्ते से बाइक पर जा सकता हू वो मुझे कार में ही ढूंढ रहा होगा !!
सिया " तो हम आगे कार में नही जायेंगे तो किसमें जायेंगे ??
युवराज " हिमाचल से जो सब्जियों के ट्रक आते जाते है उसमे !!!
सिया "" तुम मेरे पापा के दिमाग को कैसे पढ़ रहे हो ??
युवराज "" मेरी जान ! एक साल से तुम्हारे बाप को फौलो कर रहा हू इसलिए अब उससे एक कदम आगे सोचता हू !!
सिया गौर से युवराज को देखने लगी और बोली " तुम मेरे पापा से बहुत नफ़रत करते हो ना ?
युवराज गम्भीर होकर "" नफरत नहीं करता बस उस शैतान को उसके किए की सजा देना चाहता हू !!!
सिया " अगर मेरे पापा निर्दोष हुए तो ???
युवराज " फिर से वही बात !!! तुम उसकी बेटी हो इसलिए तुम्हें वो निर्दोष ही लगेगा !! मेरी जगह आकर सोचो , फिर देखो वो एक क्रिमिनल के इलावा और कुछ नही लगेगा !!
खाना टेबल पर लग चुका था युवराज सिया को चुपचाप सोचते हुए देखकर बोला"" मेरी जान !!! भूख लगी होगी तुमको ,खा लो गर्म गर्म खाना !!!
सिया " नही!!!! भूख तो है लेकिन खानें का मन नही है !!!
युवराज सिया का मूड़ चेंज करने के लिए थोडा मुस्कुरा कर बोला" तो मतलब आज मुझे नही कहो गी खिलाने के लिए ? तो सही है मै आराम से खा लेता हू फिर !!
सिया युवराज को खाता हुआ देखकर प्यार से इतराती हुई बोली"अकेले अकेले खा रहे हो , मुझे भी खिलाओ अपने हाथों से !!!!
युवराज " मेरी जान यही सुनने का तो मै इंतजार कर रहा था कि तुम कब कहो कि खिलाओ मुझे,जैसे हर वक्त कहती ही हो !!
युवराज प्यार से सिया को खाना खिलाने लग गया, !! और साथ साथ खुद भी खाने लग गया !
खाना ख़त्म करके दोनों फिर बाईक पर आगे के सफर पर बढ़ गये !!!
सिया "" हम कार मे कहां से बैठे गे ??
युवराज " बस एक किलोमीटर आगे मिल जायेगा एक आदमी कार लेकर !!
तभी युवराज के फोन की घंटी बजी !!
युवराज ने बाइक साइड में रोक कर फोन पर नंबर देखा "नंबर अननोन था !!
युवराज को नंबर देखकर सोचते हुए सिया बोली " क्या हुआ ??? किसका फोन है ? उठाते क्यों नहीं ??
तब तक फोन कट गया !!
युवराज " नंबर पता नही किसका है , जाना-पहचाना नही था तो सोच रहा था कि किसका हो सकता है !!
सिया " क्या पता पापा का हो !!!!
युवराज " विक्रम राना का नंबर जानता हू मैं !! ये यही का लोकल नंबर है ! मतलब हिमाचल का ही !
सिया " तो फिर अब ,इसका क्या मतलब ?
तभी फोन की घंटी दोबारा बजी और वही नंबर दोबारा आ गया !!!! युवराज ने इस बार फ़ोन उठा लिया और हैलो बोला !!!!!!!
फोन से एक गहरी और गुस्से से भरी हुई आवाज आई"" साले !! कब तक भागेगा ? मेरी बेटी को लौटाने की बात हुई थी !!
युवराज " जान तो गया है अब तू मेरे बारे में , कि मैं क्या चीज़ हूं !! लेकिन अपनी जुबान का पक्का हूं कहां है तो उसी जगह पहुंचा दूंगा तेरी बेटी को !!एहसान मान मेरा कि तेरी बेटी लौटा रहा हूं !! समझा !!!!
विक्रम " तुझे तो मैं जान ही गया हूं लेकिन तू भी मुझे जान गया होगा , विक्रम राना से एक कदम आगे तो इंसान सोच सकता है लेकिन उसका दिमाग पढ़ नहीं सकता ,समझा !!! तू अभी बच्चा है साले !! और एक बात , विक्रम राना किसी का एहसान अपने ऊपर आने नहीं देता !!!!
विक्रम ने अपनी बात कह कर फ़ोन काट दिया !!
युवराज फोन पर कुछ कह पाता फोन कट गया !!
युवराज को फोन पकड़ कर सोच में डूबे हुए देखकर सिया पूछ बैठी " क्या हुआ ??? फोन तो कट गया, क्या सोच रहे हो अब ? पापा क्या कह रहे थे ?
युवराज अपनी सोच से बाहर निकला और बोला " सोच रहा हूं , तुम्हारे बाप की कहीं एक बात को गौर से ,उसने ये कहा कि विक्रम राना किसी का एहसान अपने ऊपर नहीं आने देता ,इस बात का क्या मतलब हुआ ?????
सिया " इसमें क्या सोचने वाली बात है मेरे पापा बहुत दिलेर है वो अपने को किसी से कम नहीं समझते हैं !!
युवराज " मतलब ये हुआ कि मैं उसकी बेटी वापस कर रहा हूं तो वो ये एहसान अपने ऊपर लेगा नहीं,मतलब वो तुमको मेरे लौटाने से पहले ही मुझ तक पहुंच जायेगा !
सिया " क्या कह रहे हो तुम , मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा ???
युवराज ने जल्दी से बाइक स्टार्ट की और सिया की तरफ देखते हुए बोला " बैठो जल्दी !!! तुम्हारे बाप को मेरी लोकेशन का पता चल गया है ! वो मेरे पीछे ही है इस बार मैं उसका दिमाग जल्दी नहीं पढ़ पाया !
युवराज ने बाइक की रफ्तार बहुत ज्यादा तेज कर दी वो जल्दी ही अपने ठिकाने तक पहुंचना चाहता था !
युवराज ने बाइक दाई तरफ की झाड़ियों की तरफ मोड़ दी ,वो में रोड से बहुत तंग और उबड़-खाबड़ रास्ता था , बाइक की रफ्तार भी थम गई थी !
बाइक के पीछे बैठी सिया के आस आह की आवाजें को सुनकर युवराज बोला " प्लीज़ मेरी जान !!! माफ़ कर देना इस उबड़-खाबड़ रास्ते पर तुमको तकलीफ हो रही है !
सिया " नहीं ऐसा नहीं है युवराज !! तुम्हारे साथ के आगे ये तकलीफ कुछ भी नहीं है !
कुछ दूर उसी रास्ते पर जाते जाते एकदम से बाइक का टायर फटने की आवाज आई , टायर फटने से बाइक एक तरफ झाड़ियों की तरफ लुढ़क गई सिया और युवराज बाइक से नीचे गिर गये, युवराज ने तेजी से सिया को पकड़ा और उसे नीचे गिरने से बचाया !
सिया " अब क्या करेंगे हम ? ये बाइक तो गई !!!
युवराज " अब यहां से इसी रास्ते से पैदल जाना होगा हमें !!!
युवराज ने बाइक को उठा कर साईड की झाड़ियों में छिपा दिया और सिया का हाथ पकड़ कर उसी पगडंडी पर चलने लगा !
कुछ एक किलोमीटर चलने के बाद वो रास्ता एक चौड़ी सड़क के पास आके खत्म हो गया !
सिया चलते चलते तक गई थी लेकिन युवराज के साथ की वजह से वो अपने दुखते पांव को देख ही नहीं रही थी ! लेकिन युवराज जानता था कि सिया बहुत तक चुकी थी , वो सिया की तरफ देखते हुए बोला " बहुत दर्द है ना तुम्हारे पांव में ???
सिया " नहीं ज्यादा नहीं है ... और फिर अगर तुम्हारे साथ के सामने इतना दर्द भी ना दूं तो फिर मेरा प्यार ही किस बात का !!!
सिया की बात सुनकर युवराज का दिल भर गया उसने सिया को अपनी ओर खींच कर अपनी बाहों में भर लिया ! और बोला " मेरी जान !!! इतना प्यार करो गी मुझसे तो मैं पागल हो जाऊंगा ! कोस रहा हूं खुद को कि मैंने तुमको राजमहल के सुख से उठा कर नर्क में झोंक दिया !
सिया युवराज के सीने से लिपटे हुए " नहीं ऐसा मत बोलो !!! क्योंकि अगर तुम मुझे किडनैप नहीं करते तो तुम मुझे मिलते ही कैसे ? इस तकलीफ के बदले मुझे सच्चा प्यार भी तो मिल गया ,मैं खुशकिस्मत हूं !!
युवराज " पता नहीं जान ,तुम खुशकिस्मत हो या मैं , क्योंकि मेरी लाइफ में कुछ नहीं था जीने के लिए , लेकिन तुम्हारे प्यार ने जीने की वजह दे दी !
तभी सड़क के साइड में युवराज के पास एक ट्रक आकर रुका जिसमें सब्जियों के पत्ते वगैरह पड़े थे, ऐसा लग रहा था वो ट्रक शहर से हिमाचल सब्जियां खाली करके वापस आ रहा था !
युवराज ने उस ट्रक वाले से बात की और उसने पीछे बैठने का इशारा कर दिया !
युवराज ने सिया को पीछे ट्रक पर चढ़ा दिया और खुद भी चढ़ गया और ट्रक के पीछे का दरवाजा बंद कर लिया !
दोनों पीछे पड़ी एक चादर बिछा कर बैठ गये !
सिया ने युवराज के कंधे पर अपना सर रख लिया और आंखें बंद कर ली !
युवराज सिया का हाथ पकड़ कर चूमता हुआ बोला " बस मेरी जान , हम जल्दी ही पूने पहुंच जायेंगे, क्योंकि आधा रास्ता तो हमने बाइक से ही तय कर लिया था ये ट्रक अगर लगातार चलता रहा तो रात से पहले ही हम शहर में होंगे !
सिया ने रजामंदी में प्यार से सर हिला दिया ! वो ये सफर बस युवराज के साथ के एहसास के साथ गुजारना चाहती थी , क्योंकि उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे शहर पहुंचते ही युवराज उससे अलग हो जायेगा !
दोनों एक दूसरे के साथ चिपके पिछले दिनों की यादों को मन ही मन याद करते हुए अपनी आंखें बंद करके बैठे अपने सफ़र के ख़त्म होने का इंतजार करते रहे !
आवाज से लग रहा था कि ट्रक पूरी रफ्तार से चल रहा था ! ट्रक को चलते हुए भी आधा घंटा हो चुका था ! तभी एकदम से खड खड खड की आवाज से ट्रक रुक गया !
युवराज और सिया ने भी अपनी आंखें एकदम से खोल ली !!
युवराज ने सिया को अपने मुंह पर अंगुली रख कर चुप रहने का इशारा किया और फुसफुसा कर बोला " चुप रहना !! मैं देखता हूं कि ट्रक क्यों रुका !!!
सिया ने सहमति में अपना सर हिला दिया !
लेकिन जैसे ही युवराज अपनी गन निकाल कर खड़ा हो पाता , ट्रक का पिछला दरवाजा खुला और आठ दस आदमी धड़ धड़ करते ट्रक में चढ़ गये उनके सबके हाथ में बंदूकें थी !
उन्होंने युवराज को हिलने तक का मौका नहीं दिया और खींच कर ट्रक से नीचे उतार दिया !! सिया पीछे खड़ी हक्की-बक्की सब देख रही थी ,उसके मुंह में से शब्द ही निकल रहे थे !
युवराज औधे मुंह नीचे गिरा उसकी पीठ पर बंदूक की नली थी ! उसने अपना सर उठा कर सामने देखा तो .....................
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