Chapter-8

सिया के दिल का डर बढता ही जा रहा था , उसे पता था अगर उसके पापा गुनहगार हुए तो वो अपने पापा को खो देगी ! लेकिन वो अब अपनी जिंदगी में दोनों को ही चाहती थी , पापा उसकी जान थे और अब युवराज उसके दिल की धड़कन ! दोनों के बिना उसका जीना मुश्किल था !

दीवार के साथ पीठ लगा कर बैठी सिया अपनी उलझनों में खोई सोच रही थी तभी युवराज ने उसे कंधे से पकड कर हिलाया , क्योंकि वो दो बार कुछ बोल चुका था लेकिन सिया ने सुना नही था !

सिया युवराज की तरफ देखती हुई बोली " हां बोलो ?

युवराज " कहां खोई हो ?

सिया युवराज के हिलाने पर जैसे ही अपनी सोच से बाहर निकली उसने मुंह उठा कर युवराज की तरफ देखा , वो पास खडा उसे ही देख रहा था !

युवराज का चेहरा देखते ही सिया को पता नही कहां से मस्ती सूझी .. वो अंगड़ाई लेकर जमीन पर लेट गई !

युवराज सिया को हैरानी से देखते हुए बोला" "क्या हुआ ??

सिया " अभी तो कुछ नही हुआ ! तुम्हारे बिना कैसे हो सकता है !!!

सिया के चेहरे पर शरारत देख कर युवराज बोला " तुम फिर शुरू हो गई !!

सिया " शुरू तो तुम करोगे !

युवराज " दिमाग सही करो ! लडकी !!! चलो उठो .. बाहर हाल मे बैठो ! मै खाना लेकर आता हू !

सिया " बाहर बिठाना है तो मुझे उठा कर लेकर जाओ !

युवराज " तो फिर यही लेटी रहो ! मै खाना लेने जा रहा हू !

युवराज कमरे से बाहर हाल में आ गया ! और बाहर के ताले की चाबियां उठाने लगा !

तभी सिया बोली " मै तब तक नही उठूंगी जब तक तुम उठा कर बाहर नही बिठा देते फिर चाहे बेशक खाना ठंडा हो जाए !

युवराज सिया की बात सुनकर रुक गया उसने चाबियां वापस मेज पर रखी और कमरे में आकर सिया के पास आकर खडा होकर बोला " मतलब जिद पूरी करनी है !

सिया मुस्कुराते हुए " तुम मान जाओ ! फिर जिद करना छोड़ दूंगी !

युवराज सिया की बात का जवाब दिए बिना झुका और दोनों हाथों से सिया को अपनी बाहों में उठाया और बाहर हाल की तरफ मुड़ा !

सिया को तो मस्ती सूझ रही थी युवराज के उठाते ही उसने कस के अपनी दोनों बाहें उसके गले में डाल दी और उसके गाल को चूम लिया !

युवराज उसे बाहर हाल में लाकर बैड पर बिठाने के लिए झुका लेकिन सिया ने उसके गले में अपनी बाहों की पकड़ और मजबूत कर ली !

युवराज सिया को बैड पर बिठा चुका था लेकिन गले में सिया की बाहे होने की वजह से उसके उपर ही झुका हुआ था

सिया युवराज की आंखो में देख रही थी दोनों के मुंह इतने करीब थे कि वो एक दूसरे की सांसें भी सुन सकते थे !

युवराज ने सिया की आंखों मे आज इतने करीब से देखा ! बहुत खूबसूरत आंखें थी सिया की , युवराज एक पल के लिए उनमें खो सा गया !

लेकिन फिर उसने अपनी नज़रें नीचे कर ली और अपने दोनों हाथों से सिया की बांहों को हटा कर मुंह दुसरी तरफ करके खडा हो गया !

सिया तेजी से उठी और युवराज के पीछे जाकर खडी हो गई और अपनी दोनों बाहें उसकी कमर में डाल कर लिपट गई और अपना सर उसकी पीठ पर रख दिया !

सिया " मेरी आंखों में देखकर नजरें हटा लेते हो ! कब तक मेरे प्यार से भागोगे ?नही छोडूंगी अब तुम्हारा पीछा ! अब नहीं रह पाऊंगी तुम्हारे बिना युवराज !!!!!

युवराज ने उसे अपनी पीठ से अलग नही किया ,या ये कह लो कि उसका दिल ही नही किया कि सिया को अपने से अलग करे ! वो करता भी क्या ? क्योंकि सिया के मासूम प्यार ने उसके अंदर के दर्द पर मरहम लगाया था !

वो कीर्ति को अपने दिल और दिमाग से निकाल नही पाया था लेकिन सिया पता नही कैसे उसके दिलो दिमाग में जगह बनाए जा रही थी उसे खुद ही नही पता था कि वो सिया के आगे कमजोर क्यों पड जाता है !

युवराज ने सिया के हाथ अपनी छाती पर से पकड कर हटाए और मुड कर उसके सामने खडा हो गया और उसके दोनों हाथ पकडे पकड़े ही बोला " भूख लगी भी है तुमको आज कि भूखे सोना है ! पहाड़ी इलाका है यहा होटल ज्यादा देर तक नही खुले रहते ! अब जाने दो ! खाना ले आता हू !

सिया उसकी आंखों में देखते हुए मुस्कुरा कर बोली " मेरी भूख तो तुम्हें देख देख कर ही मिट जाती है !

युवराज उसकी बात सुनकर थोडा मुस्कुराया ! लेकिन अपनी नजरे तेजी से झुका ली कि सिया उसकी मुस्कराहट देख ना सके !

लेकिन सिया की नजरों से बच सकता है कुछ ! उसने आज पहली बार युवराज की मुस्कुराहट देखी ! वो खुशी से बोली " क्या क्या छुपाओगे मुझसे तुम ? अपने दिल मे मेरे लिए उठ रहा प्यार या ये मुस्कुराहट ?

युवराज थोडा गंभीर होकर " कुछ नही है मेरे दिल में ! समझी तुम ! किसी धोखे में मत रहना कि अगर मै तुम्हारी केयर कर रहा हू तो मुझे तुमसे प्यार हो गया है !

"और मेरे दिल में अभी भी कीर्ति है ! वही मेरा पहला और आखिरी प्यार थी ! मै सिर्फ इन्सानियत के नाते कर रहा हू ये सब !

सिया युवराज की बात सुनकर थोडा तीखे अंदाज में बोली " अच्छा ! मतलब मै किसी धोखे में ना रहू कि तुम मुझसे प्यार नहीं सिर्फ हमदर्दी रहे हो !

युवराज " हां ! हमदर्दी कह लो या ये कह लो कि मैने जो शुरू में तुम्हारे साथ गलत किया उसका पश्चाताप कर रहा हू !

सिया को युवराज की बात बहुत ही कड़वी लगी वो अंदर कमरे में जाकर बैड पर मुंह के बल लेटकर रोने लगी !

युवराज ने बाहर के ताले की चाबियां उठाई और ताला खोल कर बाहर निकल गया !

सिया का दिल जानता था कि युवराज के दिल में उसके लिए प्यार है लेकिन वो जाहिर नहीं करता ! वो उसे तंग भी इसीलिए कर रही थी कि युवराज अपने दिल की फीलिंग उससे कह सके !

वो ये भी समझती थी कि ये जो कड़वे शब्द युवराज ने उसे बोले है वो सिर्फ उपर से है क्योंकि वो अपनी चाहत सिया को दिखाना नहीं चाहता !

लेकिन सिया ने भी ठान लिया था कि युवराज के दिल की फीलिंग बाहर लाकर रहेगी !

सिया के दिमाग में यही उधेड़बुन काफी देर से चल रही थी ! तभी युवराज ख़ाना लेकर आ गया ! उसने बाहर का दरवाजा बंद किया और ताला लगा दिया और खाना मेज पर रख कर उसने देखा सिया अभी भी अंदर बैड पर ही लेटी थी !

वो अंदर गया और बैड पर बैठ कर सिया की पीठ पर थपथपाते हुए बोला " चलों उठो !! खाना खा लो ,ठडा हो जायेगा !!

सिया की तरफ से कोई जवाब नही आया , वो सुबक रही थी !

युवराज ने उसे एक बांह से पकड कर सीधा कर दिया और उसकी पीठ के नीचे हाथ डाल कर उसे एक ही झटके में बिठा दिया !

लेकिन सिया नाराजगी से " दूर हटो मुझसे ! मुझे टच मत करो !

युवराज " क्या कहा तुमने ?

सिया " सुन लिया है तुमने , जो मैने कहा !

युवराज " ठीक से नहीं सुना ! दोबारा बोलना !

सिया चिढ़ने के लहजे में " मुझसे दूर रहो ! और मुझे टच मत करो ! सुन लिया अब ?

युवराज खडा हो गया और सिया को एक ही बांह से खीच कर अपने बराबर खडा कर लिया और दुसरा हाथ उसकी कमर में डाल कर अपने सीने से चिपकाता हुआ बोला" अब मेरी आंखों में देखकर बोलो ! कि मुझसे दूर रहो !

सिया अपना मुंह जो कि युवराज के मुंह के बिल्कुल करीब था .. साइड करके अपने आप को युवराज की पकड से छुड़ाने लग गई !

युवराज ने उसे और जोर से भींच लिया.. युवराज के होठ बिल्कुल सिया के गालों से टच हो रहे थे !

युवराज के होंठों ने जब सिया के गालों को टच किया तो सिया के पूरे बदन में सिहरन सी दौड़ गई ! इससे पहले कि उसकी धड़कने और तेज होती , वो बोली " बोल तो दिया मैने कि मुझे मत टच करो ! सुनता नहीं है तुमको !

युवराज ने उसका मुंह अपने हाथ से पकड कर अपनी तरफ किया और बोला " नही सुन रहा है मुझे ! बहरा हो गया हू मै ! समझी तुम ?

युवराज की पकड थोडी सी ढीली हुई तो सिया ने उसकी बांह अपनी कमर से साइड की और अलग दीवार के पास खडी हो गई !

युवराज फिर उसके करीब आकर बोला " मै कुछ पूछ रहा हू ?

सिया तल्खी से " मै जवाब क्यू दू तुम्हारी हर बात का ? तुम मेरी केयर कर  रहे हो यही ठीक है तुम मेरे बोयफ्रेड नही हो !

युवराज " बोयफ्रेड को ही जवाब दिया जाता है क्या ? जो केयर करता है उसे भी जवाब देना होता है !

सिया गुस्से से " तो दे दिया ना जवाब कि तुम मुझे टच मत करो और खाना खा लो मै बाद में खा लूंगी !

युवराज ने उसे बाह से खींचा और फिर अपने सीने में भींच लिया ! सिया उसके इतने करीब थी कि दोनों की नाक टच हो रही थी ! युवराज उसकी ओर गौर से देखने लगा सिया की आंखों में नाराजगी थी !

युवराज ने थोडा सर झुकाया और सिया के होंठों को चूमना चाहा ....

पता नहीं क्यों युवराज से सिया की नाराज़गी एक मिनट भी बर्दाश्त नही हो रही थी .. वो सारा दिन उसको तंग करती रहती थी उसे वो ही अच्छा लगता था !

जैसे ही युवराज ने अपने होंठों को सिया के होंठों पर रखना चाहा ,तभी सिया ने उसके सीने पर मुक्कों की बरसात कर दी और नाराजगी के अंदाज में बोली " मुझसे हमदर्दी है ना तुम्हे ? मै तुमसे प्यार ना करु ना ? मै किसी धोखे में ना रहू ना !

युवराज ने उसे रोका नहीं , जब वो थक कर रुक गई तो उसका मुंह आपने हाथ से उठा कर उसकी आंखों में देखते हुए बोला " उतार लिया गुस्सा ? कि अभी बाकी है ? और मारना है मुझे कि दांतों से काटना भी है ?

सिया ने युवराज की आंखो में देखा .. युवराज की आंखों में बेहिसाब प्यार था !

सिया युवराज की आंखो में देखते हुए बोली " हा काटना है !

युवराज " ठीक है काट लो ! लेकिन कहां ? बाह पर ? सीने पर ? या .. होंठों पर ?

सिया युवराज की बात सुनकर शरमा गई और अपनी नज़रें नीची कर ली !

युवराज ने फिर उसका मुंह उपर उठाया और उसकी आंखों में देखकर अपने दोनों हाथों से सिया का चेहरा बेहद प्यार से पकड कर अपने होंठ सिया के होंठों पर रख दिए !

सिया का बदन कांपने लगा ! उसने अपनी बाहें युवराज की कमर मे डाल दी !

सिया के होंठ जल रहे थे .. युवराज का चुम्बन इतना कामुक था कि सिया का बदन जलने लग गया ! उसने शरमा कर अपनी आंखें बंद कर ली !तड़प कर उसने अपने होंठ युवराज के होंठों से अलग किए और आंखें बद करके युवराज के सीने से चिपक गई और भावुक हो कर बोली " आई लव यू युवराज !!!!

युवराज ने अपने दोनों हाथों से सिया को के अपने सीने से लगा लिया और जवाब में बोला " आई लव यू टू मेरी जान !!

सिया ने भी अपना सर युवराज के सीने पर रख दिया ! बहुत देर तक यू ही दोनों लिपटे रहे ! सिया युवराज का प्यार पाकर आज बहुत खुश थी !

सिया को अपने सीने से लगाए हुए ही युवराज बोला " कमजोर पड गया मै तुम्हारे प्यार के आगे ! कीर्ति मेरा अतीत थी और तुम मेरा आज हो ! अब इसे मेरी किस्मत का खेल कह लो कि जिसको मारना मेरा मक़सद है उसकी बेटी अब मेरी जिंदगी बन गई है !

युवराज फिर बोला " लेकिन एक वादा करो कि तुम कभी मेरे मक़सद के रास्ते में नही आओगी !

सिया प्यार से सर उठा कर युवराज की तरफ देखती हुई बोली " अगर मेरे पापा गुनहगार हुए तो मै तुम्हे कभी नहीं रोकूंगी ! लेकिन अगर पापा सही हुए तो मै तुम्हे गलत भी नहीं करने दूंगी !

युवराज " पता नही ये वक्त कौन सा इम्तिहान ले रहा है मुझसे !

सिया " कोई इम्तिहान नही ले रहा, बस तुम मेरे लिए ही बने थे इसलिए मुझे मिल गये !युवराज ने प्यार से सिया की ओर देखा और मुस्कुरा कर बोला " अच्छा जी ! मतलब आप अंतर्यामी भी हो ?

दोनों एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कुरा दिए !

युवराज " खाना तो अब ठंडा हो गया , कोई नहीं चलो खाते है !

सिया " खाना ठंडा हुआ तो क्या हुआ ? हम तो गर्म हो गये !

युवराज ने सिया की तरफ देखा , सिया की आंखों में अभी भी शरारत थी ! युवराज ने उसकी तरफ देखा और मुस्कुरा कर खाना डालने लग गया !

दोनों ने खाना ख़त्म किया ही था कि युवराज का फ़ोन बजने लगा !

सिया ने युवराज के फोन की तरफ देखते हुए पूछा " किसका फोन है ?

युवराज " दिलावर सिंह का !

युवराज ने फोन कान से लगा लिया !

दिलावर सिंह फोन से " मिलो कल सुबह !

युवराज " ठीक है मै सुबह आता हू !

कह कर युवराज ने फोन काट दिया !

सिया " क्या बोल रहा था वो ?

युवराज " बुलाया है कल मिलने !

सिया " तो तुम जाओगे ?

युवराज " हां जाना तो पड़ेगा ! मै कल सुबह जाउंगा दिलावर सिंह से मिलने, शाम से पहले आ जाऊंगा ! तुम दरवाजा मत खोलना किसी भी तरह की आवाज से क्योंकि हो सकता है बिलाल तुमको यहां से निकालने की कोशिश करे ! क्योंकि उसे ये पसंद नही आया कि मै तुमको छोड़ रहा हू !

सिया " तो तुम ऐसे लोगों के साथ ही क्यों हो ?

युवराज " उनके साथ तो मैं तुमसे मिलने से पहले से ही था लेकिन मै उनके तरीके से काम नहीं करता ! मै सिर्फ अपने असूलो से चलता हूं !

सिया के ज़ेहन में फिर से वो सारी बातें घूम गई और फिर उसके चेहरे पर चिंता की लकीरें छा गई ! वो फिर गहरी सोच में डूब गई !

युवराज उसको खोया देख कर फिर उसके कंधे को अपने हाथ से हिलाता हुआ बोला " कहां खो जाती हो तुम ?

सिया युवराज के हिलाने पर अपनी सोच से बाहर निकली और एकदम से उसने युवराज की तरफ देखा उसी वक्त उसकी आंखों में पानी छलक आया !

युवराज ने उसकी आंखों में पानी देखकर उसे अपनी एक बांह से खीच कर बिल्कुल अपने क़रीब किया और बोला " ये आंखों में आसूं किस लिए ? मेरा प्यार पाकर खुश नही हो ?

सिया उदासी से " तुम्हारा प्यार पाकर तो मैं खुद को क़िस्मत वाली समझती हू लेकिन......

युवराज " लेकिन क्या ?????

सिया हल्का सा सुबकते हुए " लेकिन मेरी जिंदगी में मेरे पापा की भी बहुत अहमियत है मुझे उनकी भी फ़िक्र है और तुम्हारी भी ! ""जब तुम्हारे बारे में सोचती हू तो पापा की फ़िक्र होती है और जब पापा के बारे में सोचती हू तो तुम्हारी फ़िक्र होती है ! क्या करु मै ? तुम्ही बताओ ? तुम मेरी जगह आ कर देखो !!!

युवराज ठंडी सांस भरकर " अब ये तो होना था हो गया ! इसे किस्मत का लिखा समझ लो , लेकिन ये भी सच है कि हम दोनों में से तुम्हे एक ही मिल सकता है ! क्योंकि दो तलवारें एक म्यान में नही रह सकती ! जबकि अब वो तलवारें एक दुसरे के खून की प्यासी हो !

सिया सुबकने लगी !

युवराज उठ कर दीवार के साथ खड़ा हो गया और दीवार की तरफ मुंह करके बोला " मै जानता हू कि तुम अपने बाप से बहुत प्यार करती हो और तुम अब मुझे पाकर एक उलझन में फंस गई हो ! तुम अभी भी अपने फैसले पर दोबारा सोच सकती हो !

सिया अपने आंसू पोछते हुए थोडा तेज आवाज में बोली " कौन से फैसले पर दोबारा सोचूं ??????

युवराज गंभीर होकर " यही कि मुझे अपने दिमाग से निकाल दो और अपने बाप के पास चली जाओ और उसका साथ दो !

सिया युवराज की बात सुनकर तिलमिला कर खडी हो गई और अपने दोनों हाथ युवराज के सीने पर रख कर उसे पीछे की तरफ धकेलती हुई बोली " तुम्हारे हिसाब से प्यार एक खेल है कि जब चाहे खेल लो जब चाहे बंद कर दो ?

युवराज " तो और क्या बोलू ? तुमको अपने साथ होते हुए भी असमंजस में देखू ? कि कल को तुम्हे कभी ये लगे कि तुमने गल्ती की मेरे साथ आकर !

सिया गुस्से से " मै असमंजस में जरुर हू लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि अपने फैसले पर दोबारा सोचूं और तुम्हे अपने दिमाग से निकाल दू , क्योंकि हम मिले ही ऐसे बुरे हालातों में लेकिन हमें फिर भी एक दुसरे से प्यार हो गया ! और फिर क्या पता सब सही हो जाए !

युवराज गंभीरता से सिया की आंखों में देखता हुआ बोला " कुछ सही नही होगा बेबी !!! ये नामुमकिन है !

सिया गुस्से से " कुछ भी हो सकता है मुझे भगवान पर भरोसा है ! लेकिन तुम इतनी कड़वी बात कैसे कर लेते हो ! ये भी नही सोचते कि सामने वाले पर इसका क्या असर होगा !

युवराज " मेरी बातें सच्ची होती है ना इसलिए कड़वी भी लगती है ! मै झूठी बातें करके दुसरो को बहलाता नही !

सिया गुस्से से पैर पटकती हुई कमरे में चली गई और बैड पर गिरकर मुंह के बल लेटकर रोने लगी !

युवराज धीरे कदमों से चलकर अंदर आया और सिया के पास खड़ा होकर थोडा प्यार से बोला " अब ये कौन सा तरीका निकाला तुमने कि जब मुझ पर गुस्सा आये तब तुम यहां उल्टा लेट जाओ और रोने लग जाओ !

सिया की तरफ़ से कोई भी जवाब ना आने पर युवराज ने खड़े खड़े ही उसे एक बांह से पकड़ कर सीधा करके बिठा दिया !

सिया की आंखें आंसुओं से भीगी हुई थी ! वो युवराज के एक झटके से उठाने पर बैठ तो गई थी लेकिन अपना मुंह उपर नहीं उठाया था वो कमरे के फर्श को देख रही थी !

युवराज उसके बराबर में बैठ कर बोला "कब तक यू ही रोती रहोगी ?

सिया कुछ नहीं बोली !

युवराज झल्ला कर " अब अगर तुमने मेरी बात का जवाब नही दिया तो..... तुम जानती हो ना कि मुझसे तुम्हारी चुप्पी बर्दाश्त नही होती !

सिया गुस्से से " तो क्या बोलूं ?

युवराज प्यार से " कुछ तो बोलो ! चलो डांट ही लो !

सिया गुस्से से " सोच रही हू अब !

युवराज " क्या ????

सिया " अपने फैसले पर दोबारा !!! तुम्ही ने तो कहा ना अभी !

युवराज नजरें फर्श की तरफ करके " तो फिर क्या सोचा ??

सिया गुस्से से " सोच लिया कि तुम्हें अपने दिमाग से निकाल दूंगी !

युवराज माथे पर शिकन ला कर " अच्छा !!! इतनी जल्दी सोच भी लिया ? तो फिर कैसे निकालोगी मुझे दिमाग से !

सिया गुस्से से " तुम्हे इससे क्या ? वो अब मेरी परेशानी है कि कैसे निकालू और कैसे ना निकालू !

युवराज खडा हो गया और सिया को उसकी बांह से पकड़ कर अपने बराबर खडा करते हुए उसकी आंखों में देखकर बोला " एक बार मेरी आंखों में देखकर ये बात कह दो तो मुझे तसल्ली हो जाये

सिया अपने आप को युवराज की पकड़ से छुड़ाने की झूठी कोशिश करने लगी ... दरअसल वो युवराज की पकड़ से छूट ना ही नहीं चाहती थी !

युवराज ने अपनी पकड और मजबूत की और सिया को उसकी कमर से दबाव बना कर अपने सीने से और जोर से चिपका लिया !

सिया " छोड़ो मुझे !!!! मुझे सोना है !

युवराज " ठीक है ! सो जाना ! लेकिन मुझसे नाराजगी दूर करके !

सिया दुसरी तरफ मुंह करके " मुझे कोई नाराजगी नही है ! जो सच है तुमने वही तो कहा ! अब निकालने दो मुझे अपने दिमाग से तुमको !

युवराज उसके गाल पर अपने होंठ लगाता हुआ बिल्कुल धीरे से फुसफुसा कर बोला " निकाल पाओगी मुझे अपने दिमाग से ?

सिया के गाल पर युवराज के गर्म होंठ लगते ही सिया की धड़कनें फिर तेज हो गई और युवराज का इस तरह से फुसफुसा कर उसके कान के पास बोलना सिया को पागल कर देने वाला था !

वो युवराज के आगे कमजोर पडती इससे पहले वो अपने आप को युवराज की पकड से छुड़ाने का फिर दिखावा करते हुए बोली " कहा ना मैने छोड़ो मुझे !!

सिया की आवाज में लडखडाहट थी !

युवराज मदहोश नजरों से सिया का मुंह अपनी ओर करता हुआ बोला " देखो अपने आप को !!!! तुम्हारी आवाज़ में बेइंतहा प्यार है !

सिया झूठी नाराजगी से " अच्छा !! कोई प्यार व्यार नही है मेरी आवाज़ में !!! समझे तुम !

युवराज ने मुस्कुरा कर एक ही झटके से सिया को अपनी दोनों बांहों में उठा लिया और बाहर हाल में लाकर बैड पर लिटा दिया !

सिया ने उठने की कोशिश की लेकिन युवराज ने उसके बराबर लेट कर अपने एक हाथ से सिया की बाह को पकड़ कर दबा लिया ! और सिया की आंखों में प्यार से देखने लग गया !

युवराज " अब नाराज़गी खत्म करो ! हो गई मुझसे गलती ! मुझे इस तरीके से नहीं बात करनी चाहिए थी !

सिया प्यार से उसकी आंखों में देखते हुए " सच कह रहे हो ? आगे से ऐसी कोई बात नहीं करोंगे जिससे मुझे तकलीफ़ हो ?

युवराज प्यार से" नही करुंगा बेबी !!!!!

सिया खुश होकर युवराज से लेटे लेटे ही लिपट गई उसने अपनी दोनों बाहें युवराज के गले में डाल दी !

युवराज ने उसके थोडा और करीब होकर उसे अपने सीने से लगा लिया

सिया को युवराज के सीने से लग कर बहुत सुकून मिला !

दोनों एक दुसरे की तरफ करवट लेकर लिपटे हुए थे ! सिया ने अपना मुंह युवराज के सीने में छुपा रखा था उसको युवराज की धड़कनें साफ़ सुनाई दे रही थी !

रात का दुसरा पहर भी तेजी से खत्म हो गया था सुबह के चार बज रहे थे ! लेकिन युवराज और सिया की आंखों से नींद कोसों दूर थी !

युवराज ने करवट ली और सीधा होकर लेट गया ! सिया ने युवराज के और करीब आकर अपना सर युवराज की बांह पर रख लिया और अपना एक हाथ युवराज के सीने पर रख लिया ! वो बडे ही प्यार से युवराज को देख रही थी ,वो बहुत ही खूबसूरत लग रहा था !

युवराज ने अपना मुंह घुमा कर सिया की आंखों में देखा , सिया की आंखों में बेइंतहा प्यार था !

युवराज उसे प्यार से देखता हुआ बोला " इस तरह से देखो गी तो मै पागल हो जाऊंगा !!

सिया मुस्कुराते हुए " पहले ही पागल हो !! और कितना होगे ?

युवराज " अभी पागलपन देखा कहां है तुमने ?

सिया मस्ती से " अच्छा जी !! अभी देखा नही है से मतलब ?

युवराज " हां और क्या ! रोक कर बैठा हू खुद को ! कंट्रोल करना आता है मुझे खुद को !

सिया मस्ती में" अरे !!!! ऐसा क्या हुआ कि तुम अपने आप को कंट्रोल कर रहे हो ?

युवराज " स्वीटहार्ट !!! मत करो !

सिया जानबूझकर युवराज से मस्ती में सवाल पूछ रही थी !

सिया " क्या ना करु ? मै तो कुछ कर भी नहीं सकती !

युवराज ने सिया की तरफ देखा और उसकी मस्ती को देखते हुए बोला " अच्छा ! तो ये बात है !

युवराज ने तेजी से करवट लेकर सिया को सीधा कर दिया और उसके मुंह को अपनी तरफ करके उसके होंठों को चूमना चाहा ! सिया ने शरमा कर अपना मुंह दुसरी तरफ कर लिया ! युवराज ने फिर उसका मुंह अपनी तरफ किया और इस बार सिया के होंठों को अपने मुंह में ले लिया !

सिया युवराज के होंठों की तपिश से जल उठी उसके बदन में तरंगें सी उठने लगी ! हाथ पैर ढ़ीले पड गये ! उसने अपनी आंखें बंद कर ली और अपनी बाहें युवराज के गले में डाल दी युवराज के होंठों की आग सिया को पागल कर रही थी युवराज ने सिया के बदन पर अपना हाथ फेरना शुरू किया ! सिया भी युवराज के पीछे गर्दन के उपर के बालो में तेजी से हाथ फेर रही थी !

युवराज के होंठ सिया की गर्दन को चूमते हुए उसके सीने से होते हुए उसके पेट तक आ गये !

अपने पेट पर युवराज के नर्म जलते हुए होंठों की गर्माहट से सिया सिसकने लगी ! उसके मुंह से निकला " युवराज आई लव यू !!!! मै पागल हो जाऊंगी !

युवराज अपना मुंह उठा कर " आई लव यू टू जान !!!

दोनों एक दूसरे की आगोश में तडफ रहे थे ! युवराज बेतहाशा सिया के बदन को चूम रहा था दोनों पागल पन की हद पार करने को बेचैन थे !

युवराज ने अपने घुटनों के बल बैठ कर अपनी शर्ट खोल दी और सिया को एक झटके से दोनों बांहों से पकड़ कर बिठा दिया और उसकी टी-शर्ट भी युवराज ने एक झटके में खोल दी !

सिया को कोई होश नही था वो युवराज में समा जाना चाहती थी वो सीधा लेट गई उसने अपनी आंखें बंद कर ली !

युवराज ने बिल्कुल उसके उपर लेट कर उसके होठों को फिर से अपने मुंह में ले लिया ! सिया से अब सहन नहीं हो रहा था युवराज के हाथ दोनों तरफ से सिया की पीठ के नीचे थे ! युवराज ने सिया की ब्रा की हुक भी खोल दी और बेतहाशा सिया के उभारो को चूमने लगा !

सिया की तड़फ बढती ही जा रही थी ! युवराज ने एक हाथ से अपनी पैंट का आगे का बटन खोल दिया ! और फिर सिया की जीन्स नीचे कर दी !

सिया की बंद आंखों को देखकर युवराज बोला ' जान देखो मेरी आंखों में !

युवराज बिल्कुल सिया के उपर था !

सिया बंद आंखों से तड़पते हुए बोली " मत तड़पाओ ! मुझसे अब रहा नही जा रहा ! मै पागल हो रही हू !

सिया को युवराज के बदन की अकड़न साफ महसूस हो रही थी !

युवराज लगातार सिया के बदन को चूम रहा था दोनों पागल हो चुके थे ! बस दोनों उत्तेजना की चरम सीमा पार करने ही वाले थे कि युवराज एकदम से सिया के उपर से उठ कर खड़ा हो गया और अपनी पैंट उपर करके सिया की तरफ पीठ करके बैठ गया ! सिया अचानक युवराज के उठ जाने से बेचैन हो गई और अपने उपर चादर लेते हुए उठ कर बैठ गई ! और पीछे से युवराज की कमर में अपनी बाहें डालते हुए प्यार से बोली " क्या हुआ ? ऐसे मुझे तड़पता हुआ मत छोड़ो युवराज ! मुझे पूरी तरह से पा लेने दो खुद को ! मै नही रह पाऊंगी अब !

सिया युवराज की पीठ को चूमने लगी !

युवराज ने घूम कर उसे अपनी बाहों में ले लिया और अपने आगे बिठा कर प्यार से उसे अपने सीने से लगा लिया और बोला " हमें हक है एक-दूसरे को पूरी तरह से पाने का लेकिन ये टाइम और जगह सही नही है मेरी जान !

सिया " मै समझी नहीं ! फिर भी कहूंगी कि जब इंसान प्यार में पागल हो तो टाइम और जगह नही देखता !

युवराज " मानता हू मेरी जान लेकिन मै तुम्हे यहां लाया कैसै हालातों में ! किडनैप करके ! बेशक हमें एक दूसरे से बहुत प्यार हो गया लेकिन इस जगह हमारे इस प्यार का मतलब ही कुछ और बन जायेगा ! हम एक होंगे लेकिन अपनी सही जगह और सही टाइम पर !

सिया युवराज की बात सुनकर उसे गौर से देखने लग गई ! वो हैरान थी कि युवराज उसके साथ उस हद तक पहुंच चुका था कि जहां से खुद को कंट्रोल कर पाना मुश्किल था लेकिन उसने खुद को रोक लिया !

सिया की नजरों में आज युवराज के लिए प्यार के साथ साथ इज्जत और भी ज्यादा बढ़ गई थी ! वो इंसान के रुप में एक नेक दिल और समझदार फरिश्ता था !

सिया ने अपने कपड़े पहने और युवराज के बराबर बैठ गई ! दोनों बैड पर सीधा लेट गये और छत को देखते हुए पता नहीं कब दोनों की आंख लग गई !

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