ये शब्द अपेक्षाकृत दो स्थलों की मिलनबिंदु थे, जिन्होंने उस समय तक परेलल रेखाओं में विकसित हो चुकी थीं, प्रत्येक अपने विशेष रंगमंच पर; एक, जिसकी पढ़िए गई थी, जुहापनाह; दूसरा, जिसकी पढ़ने वाले हैं, मंडपीठ की सीढ़ी पर. पहले के साक्षी केवल उन तीन महिलाओं ने ही थे, जिन से पाठक अभी-अभी परिचय स्थापित की है...
***बेहतर पढ़ाई का आनंद लेने के लिए नॉवेलटून को डाउनलोड करें!***
61 एपिसोड्स को अपडेट किया गया
नोट्रे-डेम का हंचबैक
अध्याय 27
Comments