(आध्या की बात सुन सब अपने-अपने कमरे में चले गए मटिल्डा और अदिति को भी अपना अलग कमरा मिला था अगले दिन सुबह मटिल्डा और अदिति लगभग 10:00 बजे उठे जब वह दोनों उठकर नीचे आए तब उन्होंने देखा कि घर में ओलिविया के अलावा और कोई भी नहीं है जब अदिति ने ओलिविया से पूछा कि सब कहां है तब पता चला कि कुछ काम की वजह से सब लोग उनके ऑफिस गए हैं और आध्या कुछ समय में आ जाएगी ।ओलिविया ने दोनों बच्चों का नाश्ता लगा दिया नाश्ता करने के बाद अदिति और ओलिविया बातें करने लगे तभी मटिल्डा ने कहा । )
मटिल्डा : मैं थोड़ी देर बाहर होकर आता हूं मुझे हरियाली बहुत पसंद है तो थोड़ी देर जंगल में घूम आता हूं ।
ओलिविया : यह जंगल नहीं हमारा गार्डन है हां तुम जा सकती हो तुम्हें अच्छा लगेगा ।
अदिति : लेकिन मटिल्डा अगर उसमें कोई जानवर हुआ तो ?
ओलिविया : अदिति यह हमारे घर का गार्डन है इधर कोई जानवर नहीं है।
( मटिल्डा वहां से चली गई को मटिल्डा पेड़ों को छू कर देख रही थी जैसे मटिल्डा उनकी भावनाएं समझ पा रही थी हर जगह हरियाली छाई हुई थी ।मटिल्डा को पहली बार इतना सुकून मिला था उसे हरियाली बहुत पसंद थी उसे पेड़ पौधों के बीच रहना उनसे बातें करना बहुत अच्छा लगता था क्योंकि बचपन से ही अकेले रहने की वजह से उसका कोई अपना नहीं था और अदिति से अपनी परेशानियां बताकर मटिल्डा अदिति को भी परेशान नहीं करना चाहती थी इसलिए मटिल्डा ने पेड़ पौधों को ही अपना दोस्त बना लिया लेकिन हर बार की तरह इस बार भी मटिल्डा अकेली थी क्योंकि पेड़ पौधे बोल नहीं सकते समझ नहीं सकते सिर्फ सुन सकते हैं और हर बार सिर्फ बोलने से काम नहीं चलता मटिल्डा एक पेड़ के नीचे बैठ गई और हल्की धूप जो कि पूरे बगीचे में फैली हुई थी धूप बगीचे की सुंदरता और भी बड़ा रही थी मटिल्डा शांति से उस मसाले का आनंद ले रही थी तभी ना जाने कहां से एक सफेद रंग का कुत्ता जिसको बहुत चोट लगी थी वह मटिल्डा के पास आया मटिल्डा के पास आकर कुत्ता बेहोश हो गया मटिल्डा ने उसे उठाया और कुछ जड़ी बूटियो से उसका इलाज कर पेड़ पौधों से प्यार करने की वजह से मटिल्डा को पेड़ पौधों के बारे में काफी जानकारी थी पहचानती थी कि किस पेड़ से क्या फायदा होता है मटिल्डा ने अपनी जानकारी की मदद से उस कुत्ते को होश में ले आई मटिल्डा घर से जाकर पानी और दूध ला आई लेकिन मटिल्डा ने एक चीज का ध्यान रखा था कि अदिति और ओलिविया दोनों में से कोई भी मटिल्डा को दूध और पानी ले जाते हैं ना देख ले क्योंकि उनके हिसाब से उनके गार्डन में कोई भी जानवर नहीं था और हो सकता था अगर उन्हें पता चले तो उसे कुत्ते को बाहर निकाल दे और मटिल्डा को उस कुत्ते के साथ रहना था पता नहीं क्यों मटिल्डा को उस कुत्ते से अलग सा लगाव हो गया था मटिल्डा ने दूध पीते वक्त उस कुत्ते के सर पर हाथ फेरा तभी उसने ध्यान दिया कि उस कुत्ते के गले में एक लाकेट था जो की बहुत सुंदर था तभी मटिल्डा ने कहा। )
मटिल्डा : लगता है तुम्हारा कोई मालिक है उसी ने तुम्हें यह लॉकेट दिया है कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी ने तुम्हें छोड़ दिया ।
( कुत्ते ने दूध पीते पीते एक बार उठकर मटिल्डा की तरफ देखा और हां का इशारा किया माटिल्डा हैरान हो गई और उसने कहा। )
मटिल्डा : तुम तो बहुत समझदार हो मेरी बातों का बहुत अच्छी से जवाब दे पा रहे हो बिल्कुल वैसे जैसे तुम भी इंसान ही हो !
( कुत्ता बहुत गंदा हो रहा था इसलिए खाना खिलाने के बाद मटिल्डा ने कुत्ते को साफ किया साफ करने के बाद कुत्ता किसी शहजादे से काम नहीं लग रहा था कुत्ता बहुत सुंदर था यहां तक की इंसानों से भी ज्यादा सुंदर । )
मटिल्डा : अच्छा अब तुम मेरे साथ घर चलो मुझे पूरी उम्मीद है मम्मी मुझे तुम्हें रखने की इजाजत दे ही देगी शायद मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकूं।
( इतना कहकर मटिल्डा ने कुत्ते को अपनी गोद में लिया और घर की तरफ लौट गई घर आने पर उसने देखा आध्या घर आ चुकी है और उसके आसपास दो ऑफिस के आदमी खड़े थे जो की आध्या से कुछ काम करवा रहे थे तभी मटिल्डा आध्या के पास आई और उसने कहा। )
आध्या : मम्मी क्या मैं ऐसा कुत्ते को रख सकती हूं ?
( आध्या ने काम करते वक्त मटिल्डा के ऊपर ध्यान नहीं दिया और कहा। )
आध्या : मटिल्डा अभी नहीं ।
( इतना कहकर आध्या फिर से अपने काम में लग गई आध्या ने तो यह बोला था लेकिन मटिल्डा को सुनाई दिया नहीं इसलिए मटिल्डा वहां से चली गई थोड़ी देर बाद दोनों आदमी चले गए मटिल्डा निराश हो चुकी थी और चुपचाप घर के पीछे जाकर बैठ गई और उस कुत्ते के साथ खेलने लगी तभी मटिल्डा ने कुत्ते से कहा । )
मटिल्डा : अगर मम्मी ने तुम्हें रखने से मना किया तो मैं तुम्हें छुपा कर पालूंगी कोई बात नहीं लेकिन मैं तुम्हें इस हालत में अकेला नहीं छोड़ सकती ।
( घर में सब लोग मटिल्डा को ढूंढ रहे थे पूरे जंगल में सीसीटीवी कैमरास लगे थे जिसके मदद से सब सब लोग मटिल्डा को ढूंढ रहे थे सीसीटीवी कैमरा से आध्या को सारी सच्चाई पता चल गई लेकिन बदकिस्मती से सीसीटीवी कैमरा मटिल्डा की आवाज रिकॉर्ड नहीं कर पाए थे तभी आध्या ने देखा कि मटिल्डा घर के पीछे कुत्ते के साथ खेल रही है तभी आध्या, अदिति और ओलिविया भाग कर घर के पीछे मटिल्डा को ढूंढने निकल पड़े मटिल्डा उन्हें वही घर के पीछे नीचे बैठी उस कुत्ते के साथ खेलते और प्यार करते हुए मिला तभी आध्या जल्दी से जाकर मटिल्डा के पास नीचे बैठी और कहा । )
आध्या : ( घबराते हुए ) बच्चा तू यहां क्या कर रही है और यह कुत्ता यहां कैसे आया ?
( अदिति और ओलिविया भी मटिल्डा और कुत्ते के पास आकर बैठ गए तभी अदिति ने कहा । )
अदिति : मटिल्डा तू ऐसा कभी नहीं करती तू इस तरह से यहां पर अकेली क्यों बैठी है और यह कुत्ता कहां से आया कितना प्यारा है ?
( अदिति ने कुत्ते को प्यार करते हुए कहा । )
ओलिविया : तेरा यहां आने का क्या कारण था ?
मटिल्डा : दरअसल में इस कुत्ते को पालना चाहती थी अपने साथ रखना चाहती थी ।
आध्या : किसने मना किया रखो ना कितना प्यारा कुत्ता है तुम्हें इसका ख्याल रखना चाहिए और वैसे भी किसी का ख्याल रखने से जिम्मेदारी और प्यार दोनों बढ़ता है लेकिन मम्मी आपने तो मुझे मना किया था कि आप कोई भी कुत्ता अपने घर में नहीं रखना देगी ।
आध्या : मैंने ! लेकिन कब ?
मटिल्डा : जब आप उन लोगों से बात कर रही थी तब मैं आपसे पूछा था इसके बारे में और अपने मना कर दिया था ।
आध्या : अच्छा तब बच्चा उस वक्त मैं बिजी थी मुझे पता नहीं चला तुमने क्या पूछा और मैंने तुम्हें जवाब तो दिया ही नहीं था मैंने तो तुम्हारा सवाल ही नहीं सुना था ।
ओलिविया : तुम इस कुत्ते को रख सकती हो और वैसे भी आध्या इसे रखने से मना क्यों करेगी आध्या खुद जानवरों और पेड़ पौधों से बहुत प्यार करती है ।
( तभी एक चौका देने वाली चीज हुई एक आवाज सुनाई दी । )
आवाज : मुझे किसी के प्यार की जरूरत नहीं है मिस आध्या मै आपको ही ढूंढ रहा था मुझे नहीं पता था कि आप मुझे यहां मिल जाएंगी
ओलिविया : ये आवाज कैसी थी ?
अदिति : हां मां मैं भी आवाज सुनी लेकिन ये आवाज आई कहां से थी ?
आध्या : ऐसा लगा कोई मुझसे मिलने यहां तक आया और मुझे मिला नहीं ?
( तभी कुत्ता दो पैरों पर खड़ा हो गया और उसने अपने सीने पर हाथ रखते हुए सलाम करते हुए कहा।)
कुत्ता : मुझे आपकी जरूरत है ।
आध्या : कौन हो तुम यहां कैसे आए ?
कुत्ता : ( विनम्रता से ) मैं कुत्तों के देश माल्टा का राजकुमार हूं मुझे आपकी जरूरत है किसी ने धोखे से मेरे पिता को मार दिया और अब उसने हमारे देश पर अपना कब्जा कर रखा है अब ना जाने क्या कुछ कर होगा भाई प्रजा के साथ कृपया कर आप मेरी मदद कीजिए ।
आध्या : वह सब तो ठीक है लेकिन तुम हो कौन ?
मटिल्डा : यहां ऐसी हालत में कैसे आए ?
अदिति : कुत्तों का भी देश होता है ?
कुत्ता : माफ करना मैं आपको अपना परिचय देना भूल गया मैं कुत्तों के देश माल्टा का राजकुमार रिची हूं । जी हां कुत्तों का देश भी होता है और कुत्ते बात भी कर सकते हैं इस दुनिया में नहीं लेकिन हमारी दुनिया में यहां पर इंसान वहां पर कुत्ते हमारी दुनिया में इंसान नहीं है ।
अदिति : मतलब जो मैंने कहानियों में पढ़ा था वह सच है ।
आध्या : हो सकता है इस दुनिया में बहुत करिश्मा होते हैं और शायद जो कहानी कहानी लिखी वह इन्हीं के ऊपर थी ।
मटिल्डा : लेकिन ऐसा तो नहीं हो सकता ना कि उनके देश में कोई घूम के आया हो और उनकी कहानी लिख दिया ।
रिची : ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता इस दुनिया से उसे दुनिया में जाने की इजाजत किसी को नहीं यहां तक कि यहां आने की इजाजत भी किसी को नहीं है ।
ओलिविया : तो फिर तो तुम यहां कैसे आए ?
रिची : दरअसल इस लॉकेट के कारण में यहां पर सांस ले पा रहा हूं वरना मैं यहां पर सांस नहीं ले पाता क्योंकि यहां की हवा और वहां की हवा में जमीन आसमान का फर्क है
( रिची ने लॉकेट को दिखाते हुए कहा। )
आध्या : तो फिर तुम्हारा यहां आने का कारण क्या था ?
रिची : आप ही थी मुझे आपसे दैलीया को हराने मैं मदद चाहिए आपकी मदद के दैलीया बिना को नहीं हरा पाऊंगा ।
मटिल्डा : लेकिन तुम्हें मां की मदद क्यों चाहिए तुम तो राजकुमार होना तो तुम्हें अपने देश को आजाद करवाना आना चाहिए ।
रिची : जी बिल्कुल मटिल्डा लेकिन डैनियल के पास काली शक्तियों है काली तांत्रिक विद्या है जिसका मैं तो क्या कोई भी आम इंसान नहीं कर सकता ।
आध्या : मैं समझ गई चलो मैं और तुम अभी के अभी वहां चलते हैं ओलिविया सबका ख्याल रखना और ध्यान रहे यहां पर कुछ ना हो ठीक है।
अदिति : आध्या जी मैं भी आपके साथ चल सकती हूं मैंने इनके देश के बारे में बहुत कुछ सुना है मुझे उसमें घूमने जाने का मौका फिर शायद कभी ना मिले मुझे भी आपके साथ चलना है ।
आध्या : लेकिन वहां पर बहुत खतरा होगा मुझे नहीं लगता तुम्हें वहां चलना चाहिए उसमें तुम्हारी जान भी जा सकती है ।
मटिल्डा : चाहे कुछ भी हो मुझे भी आपके साथ चलना है मां
आध्या : मटिल्डा तुम भी ?
मटिल्डा : हां मां मुझे भी के देश के बारे में जानना है समझना है मैं भी जानना चाहती हूं ऐसा आखिर क्या कैसा होता होगा कुत्तों का देश ।
आध्या : ( एक लंबी सांस लेते हुए ) ठीक है लेकिन तुम लोगों को ले जाने की मेरी एक शर्त है अगर तुमने वह शर्त मान ली तो मैं तुम्हें ले जाऊंगी वरना नहीं ।
रिची : आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आध्या जी आप हमारे लिए अपनी जान खतरे में डाल रही है ।
आध्या : यह तो मेरा फ़र्ज़ था और वैसे भी यह फ़र्ज़ उस दिन से है जब से मुझे यह जादुई शक्ति मिली चिंता मत करो मैं किसी भी तरह उसे दानव से तुम्हारे देश को छुड़वाकर रहूंगी और तुम्हारे पिता के मौत का बदला भी लूंगी ।
अदिति : ( उत्सुकता से )बताइए कैसी शर्त हम बहुत उत्सुक हैं ।
मटिल्डा : प्लीज मम्मी जल्दी कीजिए मुझे इंतजार नहीं हो रहा ।
अदिति : आध्या जी प्लीज जल्दी कीजिए ना मुझे उनके देश में जाना है अभी आप शर्त बताइए मुझे कोई भी शर्त मंज़ूर होगी ।
मटिल्डा : मुझे भी
आध्या : सुन लो बच्चों उसके बाद तुम्हें मंजूर नहीं होगी ।
ओलिविया : ऐसी कौन सी शर्त रखने वाली हो तुम आध्या ?
आध्या : पहले सुनो फिर बताना......
अदिति : हम आपका इंतजार कर रहे हैं ।
आध्या : अच्छा ठीक है तो सुनो अगर तुम दोनों को मेरे साथ चलना है तो मटिल्डा तुम्हें अपनी शक्तियां लेनी होगी और अदिति तुम्हें मेरी शक्तियों का कुछ अंश लेना होगा ताकि तुम दोनों काम से कम अपनी रक्षा कर सको ।
मटिल्डा : यह ठीक है आपका मां सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी मतलब मुझे जादू भी दे दिया और नाराज भी नहीं होने दिया।
आध्या : ( हंसते हुए ) ऐसा कुछ भी नहीं है बच्चा अब तुम्हें इतनी खतरनाक जगह जाना है तो अपनी सुरक्षा करनी तो आनी चाहिए ।
अदिति : मंजूर है मुझे जादू बहुत पसंद है और अगर मैं खुद जादू कर पाऊं तुम मैं खुद भी नहीं सोच सकती कि मुझे कितनी खुश होगी ।
आध्या : अच्छा ठीक है अब प्रक्रिया शुरू करें ?
ओलिविया : यहीं पर अंदर चलो अंदर कर लेना ।
आध्या : हमें अभी के अभी निकलना होगा ओलिविया ।
ओलिविया : ठीक है मैं समझता हूं ।
आध्या : मटिल्डा तुम अपना वह हाथ आगे करो जिसमें तुम्हारा जादुई चिन्ह है और अदिति तुम अपना दाहिना हाथ आगे करो ।
( दोनों ने आध्या की बात मानते हुए अपने हाथ आगे किए आध्या ने दोनों के हाथ एक साथ पकड़े और अपनी आंखें बंद कर ली और कुछ मंत्र जाप करने लगी आध्या के मंत्र की वजह से आध्या के हाथ से कुछ भी रोशनी अदिति की तरह जा रही थी लेकिन मटिल्डा के साथ ऐसा नहीं हो रहा था कुछ देर बाद मटिल्डा को उसके हाथ में कुछ जलन महसूस होने लगी ।मटिल्डा दर्द से चिल्लाने लगी तभी ओलिविया ने मटिल्डा को कंधों से करते हुए कहा । )
ओलिविया : अपने आप को संभालो तुम्हारे कवच को हटाया जा रहा है तुम्हें कुछ दर्द होगा।
( अदिति मटिल्डा का हाल देख हैरान और परेशान थी अदिति मन में सोच रही थी कि । )
अदिति : ( मन में ) बेचारी मटिल्डा को कितना दर्द झेलना पड़ा रहा होगा उसे अगर मैं उसकी जगह होती तो बर्दश भी नहीं कर पाती ।
( कुछ देर बाद मटिल्डा की जलन भी शांत हो गई आध्या ने दोनों के हाथ छोड़े और कहा । )
आध्या : ( मुस्कुराते हुए ) तुम दोनों को अब शक्तियां मिल चुकी है।
( अदिति ने मटिल्डा को गले लगा लिया और कहा। )
अदिति : तू ठीक है ना ?
मटिल्डा : बिल्कुल अदिति मेरी चिंता मत कर ।
( अदिति मटिल्डा से दूर हुई । )
ओलिविया : चलो अब मैं तुम लोगों के लिए गाड़ी निकलवा देता हूं तुम सब उसमें बैठ कर चले जाना ।
आध्या : ओलिविया हम लोग गाड़ी से नहीं जा सकते ओलिविया तो कैसे जाओगे पैदल ?
रिची : हमें उड़ के जाना होगा।
ओलिविया : मैंने तो पहली बार कुत्ते को उड़ते हुए देखा है मतलब सुना है कुत्ते कैसे उड़ सकते हैं ?
रिची : हमारे यहां का विज्ञान बहुत आगे है इसलिए हम लोगों लोग आराम से उड़ सकते हैं ।
( रिची ने अपने पीछे से एक 🔵 गोल नीले रंग का सिक्का निकला और सब को दिखाते हुए कहा। )
रिची : इसकी मदद से हम लोग उड़ सकते हैं क्योंकि यह गुरुत्वाकर्षण को कम कर देता है।
मटिल्डा : यहां का विज्ञान ही इतना पीछे है वरना हर जगह का विज्ञान इतना आगे कैसे ?
रिची : क्योंकि यहां का 1 साल वहां के हजार सालों के बराबर होता है इसलिए हमारा विज्ञान तुम सबके विज्ञान से ज्यादा है ।
अदिती : लेकिन हम लोग कैसे जाएंगे ?
रिची : माफ करना लेकिन मेरे पास तो एक ही है हर एक को एक ही दिया जाता है उसे ज्यादा रखने की इजाजत नहीं होती ।
आध्या : कोई बात नहीं ।
ओलिविया : फिर तुम कैसे जाओगे ?
आध्या : एक आविष्कार की मदद से
रिची ,अदिति ,मटिल्डा, ओलिविया : अविष्कार कौन सा आविष्कार ?
आध्या : हैरान होने की जरूरत नहीं है मैं भी एक आविष्कारक हूं ।
ओलिविया : हमें एक साथ रहते रहते 15 साल हो गए हैं और आज तक मुझे यही नहीं पता कि तुम एक आविष्कार हो ।
आध्या : माफ करना लेकिन आज तक किसी को भी नहीं पता था कि मैं एक आविष्कारक हूं ।
अदिती : लेकिन क्यों आपको यह सब छुपाने की क्या जरूरत है ?
आध्या : अगर मैं सबको यह बता दूंगी कि मैं आविष्कार कर सकती हूं तो.....
मटिल्डा : तो क्या ?
आध्या : छोड़ो कोई बात नहीं अब छुपा लिया तो छुपा लिया चलो अब चलते है वरना देर हो जाएगी ।
मटिल्डा : ठीक है लेकिन इसके पास आपको हमें हर एक प्रश्न का उत्तर देना होगा ।
आध्या : ओके अभी चले ?
अदिति : ठीक है चलो लेकिन हम अपनी शक्तियां इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं ?
आध्या : में बताऊंगी अभी नहीं ।
रिची : तो फिर कैसे चलना है ?
(आध्या ने फोन निकाला और उसमें कुछ करने लगी कुछ देर बाद अपने आप ही उनके सामने एक जादुई रास्ता प्रकट हो गया जिसके अंदर झांकने से कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था सिवाए गुलाबी रंग के रोशनी के कुछ देर ध्यान से देखने पर वहां से एक लाल उड़ती हुई गाड़ी आती हुई दिखाई दी हैरानी की बात ये थी कि उसके पहिए नहीं थे बल्कि वहां पर परियों की जगह आग जल रही थी वह गाड़ी आकर सब सबके सामने रुक गई अदिति और मटिल्डा हैरानी से उस गाड़ी को देख रहे थे तभी ओलिविया ने हैरानी से कहा । )
ओलिविया : ( हैरानी से ) यह कैसी गाड़ी है इसमें तो पहिए ही नहीं है ?
आध्या : यह गाड़ी चल नहीं सकती उड़ सकती है ।
रिची : मतलब यहां का विज्ञान भी इतना ज्यादा एडवांस है ।
अदिति : ( हैरानी से ) नहीं यहां पर उड़ते हुए गाड़ी तो छोड़ो उड़ते हुए हवाई जहाज के अलावा और कुछ नहीं देखा ।
मटिल्डा : लेकिन मां फिर आपने ये कैसे बनाया ?
आध्या : बस बोर होती थी तो बना लिया अब चल कहीं ऐसा ना हो वह दैलीया सब कुछ खत्म कर दे ।
रिची : नहीं ! मैं ऐसा नहीं होने दे सकता चलिए हमें जल्द से जल्द माल्टा पहुंचना होगा ।
( आध्या ने ड्राइविंग सीट की या बढ़ते हुए कहा । )
आध्या : तो फिर जल्दी करो बैठो सब हमें जल्दी से जल्दी मालटा पहुंचना होगा।
( सब लोग गाड़ी में बैठ गए तभी ओलिविया आध्या के पास बाहर खड़ी हुई और कहा। )
ओलिविया : तुम लोग कितनी देर तक आओगे मैं अरनव और मुकेश को क्या कहूंगी ?
अब क्या करेगी आध्या ?
क्या कहेगी ओलिविया मुकेश और अरनव को ?
क्या इतनी मुश्किल लड़ाई के बाद सब सही सलामत वापस आ पाएंगे ?
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