धोका

बर्फीला : तुम्हारी मां का जादू लेने के लिए अब देखो क्या-क्या होता है

( बर्फीला ने अपने सीने पर हाथ रखा और ड्रामा करते हुए कहा। )

बर्फीला : तुम तो तमाशा होते हुए देख ही नहीं पाओगी नहीं नहीं ऐसे कैसे हो सकता है तमाशा देखना तो बनता ही है ।

( तभी बर्फीला ने एक दीवार की तरफ अपना हाथ किया उसकी हाथ की एक उंगली से लाल रंग की रोशनी निकलने लगी जिससे उस दीवार में एक स्क्रीन बना दी जिसमें मटिल्डा घर पर हो रहा सब कुछ देख पा रही थी उसने देखा कि उसकी मां अध्या ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और कहा।)

अध्या : लाओ मटिल्डा मैं तुम्हारे हाथों से वह कवच हटा देती हूं जिसके बाद तुम अपना जादू कर पाओगी ।

मटिल्डा :।( कांपते हुए ) यह कैसे हो सकता है मैं तो यहां खड़ी हूं तो वहां पर कौन है ?

बर्फीला : और कौन होगा मेरा एक पुतला जो कि तुम्हारी मां पहचान नहीं पाई ।

मटिल्डा : लेकिन कब हुआ ये सब ?

बर्फीला : जरा याद करो जब उसे दरिंदे ने तुम्हारी मां को नीचे गिराया था तब सब लोगों का ध्यान अध्या के ऊपर था तुम्हारे ऊपर नहीं इस दौरान मैंने तुम्हे यहां बंद कर दिया और अपने बर्फ से बने एक पुतले को वहां तुम्हारी जगह भेज दिया ।

( तभी अध्या ने उस बर्फ के बने पुतले ने अध्या के हाथों में अपना हाथ रखा अध्या ने उस निशान से कवच निकाला तभी आध्या ने कहा। )

आध्या : देखो अब शायद तुम अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर सको ।

(बर्फ से बनी मटिल्डा ने अपना जादू इस्तेमाल करने की कोशिश की लेकिन हैरानी की बात यह थी कि वह जादू इस्तेमाल नहीं कर पा रही थी तभी अंदर बैठी मटिल्डा थरथराते हुए बोली। )

मटिल्डा : ( थरथराते हुए ) देखा बेशक वह मेरी जगह वहां हो लेकिन मेरी जैसी कभी नहीं बन सकती है ?

बर्फीला : तो फिर किसने कहा उसे तुम्हारे जैसे बनने की जरूरत है जरा आगे देखो ।

अरनव : लगता है कुछ समय लगेगा कोई बात नहीं मटिल्डा थोड़े समय बाद तुम आराम से जादू कर पाओगी।

आध्या : मैं तुम्हें जादू करना सिखाऊंगी जिससे तुम्हें जादू करना और भी आसान लगेगा

ओलिविया : अरे वाह अब तो दो जादूगर है हमारे घर चलो फिर खाना खा लिया जाए ?

अदिति : हां मुझे तो बहुत भूख लगी है और आपके हाथ का खाना खाए कितना समय हो गया चलो अब मेरे लिए कुछ बना दो ।

मटिल्डा : तुझे भूख नहीं लगी मतलब तूने कल रात से कुछ नहीं खाया ऐसे कैसे हो सकता है माटिल्डा को भूख नहीं लगी ?

मटिल्डा : पता नहीं क्यों लेकिन नहीं लगी ।

आध्या : चलो अब लगी है चाहे नहीं लगी खाना तो खाना पड़ेगा।

( सब खाना खाने मेज पर बैठकर तभी ओलिविया अंदर रसोई में नौकरों के हाथ खाना भिजवा रही थी सारे नौकर वहां से चले गए तभी जब ओलिविया ने पीछे देखा तो उसके सामने बर्फीला खड़ी थी ओलिविया डर गई लेकिन इससे पहले ओलिविया कुछ कर पाती बर्फीला ने उसके ऊपर जादू कर दिया जिसके कारण वह कुछ बोल नहीं पा रही थी ओलिविया चिल्ला चिल्ला कर आध्या को बुलाने की कोशिश कर रही थी लेकिन कुछ नहीं कर पा रही थी ओलिविया ने वहां से भागने की कोशिश की तो बर्फीला ने उसका गला पकड़ लिया और उसके माथे पर अपना दूसरा हाथ लगाया ओलिविया के माथे पर बर्फीला का हाथ लगते ही ओलिविया का शरीर गायब हो गया और जमीन पर कुछ पानी आ गया कुछ देर इंतजार करने के बाद वह अपने आप ही बर्फ से बनी ओलिविया में तब्दील हो गया वहीं दूसरी तरफ बर्फ के कमरे में माटिल्डा पहले ठंड से कांप रही थी तभी एकदम से बेहोश ओलिविया भी वहां पर आ गई मटिल्डा ओलिविया के पास गई और उसे हिलाते हुए कहा । )

माटिल्डा : ( कांपते हुए ) आप ठीक तो है ना उठिए क्या हुआ ?

( ओलिविया की आंखें खुली उसने अपने आप को इतनी ठंडी जगह पाकर बहुत हैरान थी तभी ओलिविया ने डरते हुए कहा । )

ओलिविया : ( डरते हुए ) मटिल्डा तू यहां क्या कर रही है और मैं यहां क्या कर रही हूं इस बर्फीले कमरे में हम कहां से आए और कब ?

( मटिल्डा ने ओलिविया को संभाला और कहा । )

मटिल्डा : चिंता मत कीजिए हम जल्दी यहां से बाहर निकल जाएंगे उस बर्फीला ने हमें यहां बंद किया ताकि वह मां की शक्तियाँ ले सके ।

ओलिविया : आध्या की शक्तियाँ लेने के लिए उसे सफेद औरत ने हमें इधर बंद कर दिया ।

मटिल्डा : हां ज़रा सामने देखिए ।

( मटिल्डा ने बर्फ से बनी स्क्रीन की तरफ इशारा कर तभी ओलिविया को अपनी परछाई देखी ओलिविया ने घबराते हुए कहा । )

ओलिविया : ( घबराते हुए ) मैं तो यहां हूं तो फिर वहां कौन है ?

मटिल्डा : आपका बर्फ का पुतला जिसने आपकी जगह ले लिया घर में जो कि अब मां को न जाने किस तरह अपनी शक्तियाँ बर्फ से बनी माटिल्डा को देने पर मजबूर कर देंगे ।

ओलिविया : ( घबराते हुए ) जीवन कुंज वह लोग अध्या का जीवन कुंज लेना चाहते हैं ताकि वह लोग अध्या को मार सके।

मटिल्डा : क्या आप मुझे इस जीवन कुंज के बारे में कुछ और बता सकती हैं ?

ओलिविया : ( घबराते हुए ) जीवन कुंज की मदद से ही अध्या को उसकी शक्तियां मिलती है और उसकी सांसे भी इस जीवन कुंज पर निर्भित है अगर अध्या अपने जीवन को यहां ले आई तो उसकी जान को खतरा होगा ।

मटिल्डा : तो हमें क्या करना चाहिए किस तरह हमें इस जगह से बाहर निकले ?

( ओलिविय ने दीवारों को ठोकते हुए कहा। )

ओलिविया : क्या तुमने यहां से बाहर निकालने की कोशिश की ?

मटिल्डा : बहुत ज्यादा लेकिन कुछ फर्क नहीं पड़ा ।

( वहीं दूसरी तरफ सब लोग खाना खा बैठे थे और आराम से सोफे पर बैठे बातें कर रहे थे अंदर बैठी ओलिविया और मटिल्डा किसी भी तरह उसे शक्ति कुंज को आध्या को लाने से रोकना चाहते थे लेकिन बाहर बैठी बर्फ के माटिल्डा ने बड़ी समझदारी से अध्या से कहा। )

बर्फ की मटिल्डा : मां मेरी शक्तियाँ अभी तक काम नहीं कर रही।

अरनव : इन्हें थोड़ा टाइम दो शायद जल्दी काम कर जाए ।

आध्या : इतनी एक्साइटेड मत हो।

मुकेश : वैसे भी जल्दी तुम अपनी जिंदगी भर इन शक्तियों का इस्तेमाल कर पाओगी ।

( अदिति हैरानी से देख रही थी तभी ओलिविया ने कहा। )

ओलिविया : समय ही तो नहीं है हमारे पास हमें किसी भी तरह मटिल्डा की शक्ति जगानी होगी देर करने पर खतरा भी हो सकता है।

अध्या : बात तो सही है लेकिन कैसे ?

बर्फ से बनी मटिल्डा : ( मन में ) अरे कोई तो जीवन कुंज के बारे में बात करो मैं किस तरह से उसे जीवन कुंज की बात कर सकती हूं उनके हिसाब से तो उस जीवन कुंज के बारे में मैं जानती ही नहीं अगर मैंने कुछ बोला तो गड़बड़ हो जाएगी।

( बर्फ की बनी मटिल्डा ने इतना सोचा ही था कि तभी अरनव ने बोला। )

अरनव : अध्या क्या हमें जीवन कुंज को लाना चाहिए ?

अध्या : बिल्कुल भी नहीं अगर ज्यादा दिक्कत आएगी तो फिर जीवन कुंज का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन अभी नहीं बर्फ से बनी ।

बर्फ की बनी मटिल्डा : ( मन में ) यह हुई ना बात अब देखो " मां यह जीवन कुंज क्या है ? "

( अदिति मटिल्डा को हैरानी से देख रही थी तभी अदिति ने मन में सोचा।)

अदिति : ( मन में ) जिस मटिल्डा ने आज तक इन चीजों में दिलचस्पी ही नहीं दिखाई वह आज इतनी दिलचस्प कैसे हो सकती है जो कल तक यहां रुकने को मना कर रही थी वह आज 1 मिनट में कैसे मान सकती है मैं मटिल्डा को अच्छे से जानती हूं मटिल्डा कभी भी इस तरह से बात नहीं करती आज से हो क्या गया है ?

अरनव : जीवन कुंज वह चीज है जिससे तुम दोनों को शक्तियां और सांसे मिलती है ।

मुकेश : लेकिन आपको लगता है कि हमें जीवन कुंज चलना चाहिए क्योंकि उसे यहां लाने में बहुत खतरा है अध्या और मटिल्डा दोनों की जान को खतरा हो सकता है।

बर्फ की बनी ओलिविया: ( गुस्से में ) और अगर हम नहीं लाए तो मटिल्डा और इस दुनिया की जान को खतरा हो सकता है ।

आध्या : ओलिविया तुम इतना गुस्सा क्यों हो रही हो ?

बर्फ की बनी ओलिविया : ( घबराते हुए )नहीं - नहीं आध्या मैं गुस्सा नहीं हो रही दरअसल मुकेश है ना गुस्सा करा रहा है अगर मटिल्डा को उसकी शक्तियां समय पर नहीं मिली तो दुनिया की जान खतरे में आ जाएगी और हमारे लिए दुनिया की जान सबसे ज्यादा कीमती है ।

आध्या : तुम्हारी बात ठीक है लेकिन खुराना सही नहीं है हमें से कुछ समय देना चाहिए ।

बर्फ की बनी मटिल्डा : बिल्कुल आपको ऐसा ही करना चाहिए ।

( अदिति चुपचाप बैठकर सब कुछ ध्यान दे रही थी उसने मन में सोचा। )

अदिति : ( मन में ) जहां तक मैंने सुना था मां को कभी गुस्सा नहीं आता और आज इतनी जल्दी गुस्सा आ गया और मटिल्डा जो अपनी जिद पर अढ जाए तो कुछ भी कर लेती है आज वह 1 मिनट में हर वह चीज के लिए मान गई जो आध्या जी चाहती थी कुछ तो गड़बड़ है लेकिन क्या मुझे यह सब आध्या जी को बताना होगा लेकिन इन सबके बीच में नहीं उम्मीद है मुझे इस समय मिलेगा आध्या जी को सब कुछ सच-सच बताने का ।

( तभी बर्फ से बनी ओलिविया ने मुकेश से कहा। )

बर्फ से बनी ओलिविया : सुनो जरा उधर आना कुछ बात करनी है ।

( मुकेश उठकर बर्फ से बनी ओलिविया के पीछे जाने लगा वही दूसरी तरफ ओलिविया ने दीवार को ठोकते हुए कहा। )

ओलिविया : नहीं मुकेश ,उसके पीछे मत जाओ !वह धोखा है !परछाई है! पहचानो मुझे तुम तो मेरी परछाई को भी पहचान लेते थे ना तो आज इतना बड़ा धोखा कैसे खा सकते हो मुकेश !

( मटिल्डा ने ओलिविया को संभालते हुए कहा। )

मटिल्डा : आप समझ नहीं पा रही हैं हमारी आवाज बाहर नहीं जा पाएगी हम सिर्फ उन्हें देख सकते हैं और कुछ भी नहीं कर सकते हम लोग मजबूर हैं ।

ओलिविया : तो क्या हम यहां पर बैठे रहेंगे हमें कुछ तो करना ही होगा ।

मटिल्डा : कुछ करना होगा लेकिन मुझे नहीं पता क्या ?

( तभी उस कमरे में ऊपर की तरफ बादल आ गए मटिल्डा ने बादलों के ऊपर गौर किया तभी उसने ओलिविया से कहा । )

मटिल्डा : ऊपर देखिए ये क्या हो रहा है ?

ओलिविया : इन बादलों को देखकर तो लग रहा है कि तूफान आने वाला है ।

मटिल्डा : तूफान !अब हम क्या करेंगे ?

ओलिविया : मुझे नहीं पता।

( ओलिविया और मटिल्डा ये बातें कर ही रहे थे कि तभी बादलों में से बिजली गढ़की जिसके कारण मटिल्डा और ओलिविया ने अपना अपने दोनों कान पकड़ लिए और चिल्लाते नीचे बैठ गए तभी एक बर्फीला तूफान शुरू हो गया वहीं दूसरी तरफ मुकेश बर्फ से बनी ओलिविया साथ अपने कमरे में पहुंचा बर्फ से बनी ओलिविया ने दरवाजा बंद कर दिया जिसके बाद बर्फीला मुकेश के पीछे आकर खड़ी हो गई मुकेश को पता चला कि उसके पीछे कोई है मुकेश ने डरकर पीछे मुड़ के देख पीछे बर्फीला खड़ी थी तभी मुकेश ने ओलिविया को अपने पीछे लेते हुए कहा। )

मुकेश : मेरे पीछे आ जाओ ओलिविया मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगा।

बर्फीला : ( मुकेश की तरफ बढ़ते हुए ) ओलिविया को कुछ नहीं होगा तुम्हारा क्या होगा मुकेश ?

( बर्फीला की बात सुन हैरान हुआ तभी उसने पीछे बर्फ से बनी ओलिविया को मुड़कर देखा उसने देखा कि ओलिविया असली ओलिविया नहीं बल्कि एक पुतला है बर्फ की बनी ओलिविया ने अपना असली रूप मुकेश को दिखाया तभी मुकेश ने कहा। )

मुकेश : ( डरते हुए ) तभी तुम मेरी ओलिविया की तरह बर्ताव नहीं कर रही थी तुम्हारा बर्ताव अलग था मैं तुम्हें छोडूंगा नहीं ।

( मुकेश ने बर्फीला की तरफ देखते हुए कहा । )

मुकेश : क्या किया तुमने ओलिविया के साथ कहां है वह ?

बर्फीला : इतनी जल्दी है अपनी पत्नी के पास जाने की तो जाओ कौन रोक रहा है तुम्हे ?

( बर्फीला ने अपना हाथ मुकेश के माथे पर रखा जिसके कारण मुकेश भी पानी में बदल गया और थोड़ी देर बाद बर्फ का मुकेश उनके सामने आ गया वहीं दूसरी तरफ वह तूफान बढ़ता ही जा रहा था ओलिविया और मटिल्डा बहुत डर चुके थे तभी कुछ देर बाद वह तूफान अपने आप ही शांत हो गया तूफान की शांत होने पर मटिल्डा और ओलिविया ने एक दूसरे को देखा तभी मटिल्डा ने कहा । )

मटिल्डा : आप ठीक तो है ना ?

ओलिविया : मैं ठीक हूं और तुम ?

मटिल्डा : मैं भी ठीक हूं ।

( तभी ओलिविया ने पीछे एक बेहोश आदमी को देखा ओलिविया ने मटिल्डा को आदमी की तरफ इशारा करते हुए कहा। )

ओलिविया : मटिल्डा पीछे देखो लगता है उस बर्फीला ने किसी और को भी यहां भेज दिया ।

( जब ध्यान दिया तो वहां पर मुकेश बेहोश पड़ा था ओलिविया और मटिल्डा ने मिलकर मुकेश को जगाया मुकेश अपने आप को ऐसी जगह में देखकर बहुत हैरान था लेकिन तभी मुकेश ने ओलिविया को गले लगा लिया और कहा । )

मुकेश : शुक्र है तुमसे सही - सलामत हो मुझे लगा पता नहीं उस औरत से तुम्हारे साथ क्या कर दिया है?

मटिल्डा : उस औरत का नाम बर्फीला है वह मां से उनका जादू

लेना चाहती है ।

मुकेश : हमें किसी भी तरह बाहर निकलना होगा क्योंकि बदकिस्मती से मैं ही आध्या को उसका जीवन कुंज लाने को कहा था हमें किसी भी तरह यहां से बाहर निकलना होगा ।

ओलिविया : लेकिन यहां से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है ।

मुकेश : वहां क्या चल रहा है ?

( मुकेश ने हैरानी से बर्फ से बनी स्क्रीन के ऊपर देखते हुए कहा तभी ओलिविया ने कहा । )

ओलिविया : इस स्क्रीन की मदद से हम बाहर देख सकते हैं ।

मुकेश : तो क्या वह लोग हमारी आवाज सुन पाएंगे।

ओलिविया : नहीं मैंने तुम्हें भी रोकने की कोशिश की थी लेकिन तुम तुम्हें कोई भी आवाज नहीं आ रही थी इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते ।

मुकेश : कुछ तो करना ही होगा ।

( वहीं दूसरी तरफ बर्फ से बनी मटिल्डा बार-बार आध्या को उसका जादू उसे लौटाने को कह रही थी लेकिन अगर जीवन कुंज आ भी जाता तो भी बर्फ से बानी मटिल्डा को कोई फ़र्क नहीं पड़ता क्योंकि उसको कोई भी जादू नहीं मिलाने वाला था वो सब कुछ बर्फिला के लिए कर रही थी और बर्फीला दानव के लिए अब बाहर केवल अरनव और अदिति ही असली थे बाकी सब नकली तभी मौका देखते ही बर्फीला ने अरनव को भी उसे बर्फ से बने कमरे में कैद कर दिया अरनव को वहां देख सब लोग और दुखी हो गए क्योंकि अरनव ही उनकी आखिरी उम्मीद था क्योंकि अदिति को तो कुछ पता ही नहीं चल सकता था तभी बाहर बर्फ से बने अरनव ने कहा । )

बर्फ से बना अरनव : आध्या बस हो गया तुम अब तुम जाकर जीवन कुंज ले आओ हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है।

बर्फ से बानी मटिल्डा : प्लीज जल्दी लाइए ना मुझे मेरी शक्तियों का इस्तेमाल करना है ।

बर्फ से बना मुकेश : हां वैसे भी यहां पर कोई नहीं आएगा ।

बर्फ से बानी ओलिविया : अगर तुम चाहो तो यहां की सुरक्षा बढ़ा सकती हो ।

आध्या : यह अच्छा सुझाव है ओलिविया मैं यहां की सुरक्षित बढ़कर अपना जीवन कुंज यहां ले आता हूं।

( आध्या ने अपना एक हाथ घर की छत की तरफ किया और उसके हाथ में से एक पीले रंग कि रोशनी निकली जिसने घर के चारों तरफ एक सुरक्षा कवच बना दिया जिसके कारण अब कोई भी अंदर नहीं आ सकता था लेकिन एक और बात भी थी अब कोई भी बाहर भी नहीं जा सकता था तभी अदिति ने कहा । )

अदिति : आध्या जी मैं आपके साथ चल सकती हूं क्या ?

आध्या : ले जाऊंगी लेकिन वहां से कुछ ही दूर पर तुम्हें रुकना होगा ।

अदिति : मुझे चलेगा ।

( इतना कहकर आध्या ने अपनी आंखें बंद की अदिति और अध्या वहां से गायब हो गए तभी बर्फ से बनी मटिल्डा ने कहा। )

बर्फ से बनी मटिल्डा : एक आखरी मौका था इस अदिति को वहां भेजने का अब वह भी नहीं जा पाई ।

बर्फ से बनी ओलिविया : कोई बात नहीं अब नहीं तो थोड़े समय बाद मारेगी इसका मारना तो तय है ।

बर्फ से बना मुकेश : उनकी मौत देखने में मजा आएगा ।

( वही सब लोग अंदर बर्फ के कमरे में ठंड के कारण कांप रहे थे तभी  मटिल्डा ने सबको दिलासा देते हुए कहा । )

मटिल्डा : आप लोग चिंता मत कीजिए सब कुछ ठीक हो जाएगा ।

अरनव : लेकिन कैसे ?

ओलिविया : हम लोग यहां अंदर बंद है हम लोग कुछ नहीं कर पा रहे हैं और अध्या और अदिति जीवन कुंज को लेने गए हैं ऐसा कैसे चलेगा ?

मुकेश : लगता है इस बार हमारी हार है ।

मटिल्डा : बस कीजिए आप लोग आज तक कभी भी हार मानी है तो अब लोग कैसे मान सकते हैं जब इतने साल हमारे बगैर रहे तब हार मानी एक उम्मीद आप लोगों के मन में तब भी थी कि आप हम लोगों से मिलेंगे देखी आज हम लोग आपके सामने और आप इस तरह की बातें कर रहे हैं बस कीजिए अपने आप को शांत कीजिए डरने की कोई बात नहीं है !

अरनव : मटिल्डा तू इतनी समझदार कब से हो गई ?

मटिल्डा : पापा बस अब आप शांत रहिए अपने आप को शांत कीजिए और मां पर भरोसा रखिए वह किसी भी तरह हम लोगों को बचा लेंगे आप लोगों को मां पर भरोसा है ना ?

ओलिविया : आ पर भरोसा नहीं होगा तो किसी पर नहीं होगा हमें पूरा यकीन है ।

मुकेश : बिल्कुल !

अब क्या होगा सबके साथ ?

क्या बच पाएंगे सारे या मर जाएंगे ?

क्या बर्फीला का मकसद कामयाब होगा ?

क्या आध्या सही में अपना जीवन को इंच ले आएगी ?

क्या अदिति आध्या को सच बता पाएगी या फिर वह भी उसे बर्फ के कमरे में कैद हो जाएगी ?

जानने के लिए पढ़िए" साथ में जादू साथ में जीत।"

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