आध्या के पास ज्यादा समय नहीं था क्योंकि किसी भी पल वह स्टील की परत धोखा दे सकती थी और ऐसा ही हुआ कुछ देर बाद जब वह स्टील की परत खत्म हो गई तब एक बूंद आकर आध्या के हाथ पर गिरने वाली थी आध्या की आंखें बंद हो गई उसे लगा कि अब उसे गहरी चोट लगने वाली है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ हैरानी की बात यह थी कि वो बूंद आध्या के आर - पार चली गई थी वह बूंद को आध्या हिरानी से देख रही थी कि ऐसा कैसे हो सकता है ? आखिर एक बूंद उसके आर पार कैसे जा सकती है ? )
( लेकिन तभी आध्या ने अपने आप को संभाला और अपने आप से कहा। )
आध्या : इस वक्त नहीं इस वक्त सिर्फ बच्चों को बचाना है ।
( इतना कहकर आध्या ने अपनी रफ्तार बढ़ाते हुए जंगल से बाहर निकलने लगी कुछ देर बाद वह बारिश भी रुक गई लेकिन दिक्कत यह थी कि अब वह ना ही वह जमीन पर वापस जा सकती थी क्योंकि नीचे हर जगह वह काला पानी था और ना ही वह कहीं रुक सकती थी आध्या ने अपना सफर जारी रखा लेकिन दिक्कत यह थी कि आज आध्या की ऊर्जा शक्ति भी खत्म हो रही थी क्योंकि उसे भी आराम चाहिए और था कुछ दूरी पर जाने पर उसे गुफा दिखी हैरानी की बात यह थी कि उस गुफा के आस- पास कोई दूसरा रास्ता ही नहीं था मतलब वह कहीं जा ही नहीं सकती थी आध्या के पास और कोई रास्ता नहीं था तो उसने अंदर जाने का फैसला लिया और एक गहरी सांस लेते हुए अंदर चली गई गुफा अंदर से नीले चमकदार पत्थरों से भरी हुई थी ऐसा लग रहा था कि वहां पर अगर कोई रोशनी मारे तो पूरी गुफा नीली रोशनी से भर जाएगी वह जगह इतनी सुंदर और इतनी मनमोहन थी कि कुछ समय तक तो आध्या भी उसी जगह को देखते रह गई लेकिन वह ज्यादा देर तक उधर रुक नहीं सकती थी क्योंकि वह ज्यादा देर तक अदिति और मटिल्डा को उस पर्स में बंद नहीं रख सकती थी तभी उसने पर्स नीचे रखा और तीनों को बाहर निकाला अंदर तीनों आराम से दूसरे से बातें कर रहे थे तभी एक काले रंग का गोला उन लोगों के सामने आ गई और उन लोगों को अपने अंदर खींचने लगी ।)
मटिल्डा : ( घबराते हुए ) यह क्या हो रहा है इससे दूर रहो इससे !
अदिति : हम बेशक जितनी मर्जी कोशिश कर ले हम इससे नहीं बच पाएंगे ।
रिची : कोशिश करने में क्या हर्ज है ? कोशिश करके तो देखो !
मटिल्डा : लेकिन यह आया कहां से इसके बारे में जानते हैं उसके बाद इससे बच लेंगे ।
अदिति: इसके बारे में सवाल करने से अच्छा इससे बचो ।
( तीनों अपनी पूरी शक्ति लगाकर उस गले से दूर तैरने की कोशिश कर रहे थे लेकिन ऐसा कहां है मुमकिन था दरअसल जब भी किसी चीज को बाहर निकलना होता था तो वह गोला प्रकट होता था लेकिन बदकिस्मती से इन तीनों को बताना भूल गई थी धीरे-धीरे कर तीनों बाहर आ गए तीनों के आंखें बंद थी तभी आध्या ने कहा । )
आध्या : क्या हुआ तुम इतने डरे हुए क्यों लग रहे हो ?
( तीनों ने अपनी आंखें खोली और देखने लगे । )
अदिति : आप यहां पर ?
आध्या : क्यों मैं यहां पर नहीं हो सकती क्या ?
अदिति : मतलब आप तो बाहर बारिश से लड़ रही थी ना ।
आध्या : हां तो तुम लोग बाहर आ चुके हो !
अदिति : क्या हम लोग बाहर आ गए हैं इस गुफा के अंदर !
रिची : यह गुफा तो वही गुफा है जहां से मैं आया था मतलब इस गुफा में अंदर जाने पर हमें माल्टा दिख जाएगा ।
अदिति : मतलब हम माल्टा के पास आ गए हैं ?
मटिल्डा : मतलब हमें सिर्फ गुफा को पार करना है ।
रिची : हां लेकिन वह आसान नहीं होगा क्योंकि इस गुफा के पार आप लोग सांस नहीं ले पाएंगे ।
आध्या : क्या अगर यह लोग सांस नहीं ले पाएंगे तो फिर हम लोग माल्टा में जाएंगे कैसे ?
रिची : आपको माल्टा में प्रवेश करने के लिए मेरे जैसा अविष्कार चाहिए होगा ।
अदिति : यह तो नामुमकिन है तुम्हारे पास तो केवल एक ही आविष्कार है ।
रिची : वही तो दिक्कत है मैं माल्टा में जा नहीं सकता ताकि मैं आविष्कार को ला सकूं और आप लोग वहां गए तो आप लोग सांस नहीं ले पाएंगे ।
आध्या : इसका कोई ना कोई हल तो ढूंढना ही होगा ।
अदिति : लेकिन कैसे अगर हम सांस ही नहीं ले पाएंगे तो हम माल्टा में जाएंगे कैसे ?
आध्या : मेरी शक्ति ऊर्जा की मदद से।
अदिति : मतलब ?
आत्या : मतलब मेरी शक्ति ऊर्जा की मदद से हम लोग माल्टा में कुछ समय तक सांस ले पाएंगे लगभग 20 मिनट तक लेकिन मेरे पास से भी ज्यादा शक्ति ऊर्जा नहीं है इसलिए हम लोगों को यह काम कल सुबह करना होगा तभी हम 20 मिनट तक सांस ले पाएंगे वरना शायद 5 मिनट भी नहीं क्योंकि मेरी ऊर्जा शक्ति खत्म हो चुकी है ।
मटिल्डा : लेकिन रुचि क्या आप वहां पहुंचकर हमें यह आविष्कार दिलवा सकते हैं क्योंकि हम लोग 20 मिनट में तो कुछ नहीं कर पाएंगे ।
रिची : बिलकुल वहां पहोंचकर आपको आविष्कार दिलवाना बहुत मुश्किल काम नहीं है ।
मटिल्डा : ठीक है लेकिन हम आराम कहां पर करेंगे ?
आध्या : इतनी बड़ी जगह कहीं पर भी आराम कर लो
अदिति : ऐसे ही ?
मटिल्डा : हम ऐसे कैसे कहीं पर भी आराम कर सकते हैं ?
रिची : अब हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है हमें यहीं पर आराम करना होगा ।
( आध्या नीचे बैठ गई और कहा । )
आध्या : अब तुम लोगों को आना है तो आओ वरना मेरी तो पूरी ऊर्जा खत्म हो गई है मैं तुम लोगों को बचाने के चक्कर में पूरी रात इधर-उधर उड़ रही थी तो मुझे तो आराम चाहिए बाकी तुम्हारी मर्जी ।
( अब रिची , मटिल्डा और अदिति के पास और कोई रास्ता नहीं था । वह लोग आध्या को चलने के लिए भी नहीं कह सकते थे क्योंकि उसकी हालत देखकर ही लग रहा था कि वह ज्यादा देर तक खड़ी भी नहीं रह पाएगी । कुछ देर आराम करने के बाद सब लोग माल्टा के अंदर जाने के लिए तैयार हो गए । माल्टा के अंदर जाने से पहले रिची ने सबको रोकते हुए कहा । )
रिची : देखिए आज तक यहां पर कोई भी इंसान नहीं आया है तो मुझे नहीं लगता आपको इस रूप में अंदर जाना चाहिए ।
मटिल्डा : तो फिर हम कुत्ते कैसे बन सकते हैं ?
आध्या : जादू से हमारे पास और गई रास्ता नहीं है हमें जो भी करना होगा जल्दी और जादू से करना होगा ।
अदिती : लेकिन कैसे हमारे पास इतना अच्छा जादू है ?
आध्या : तुम्हारे अंदर मेरे जादू का अंश है मतलब जो जादू मेरे पास है वह जादू तुम्हारे पास भी है हां तुम किसी भी रूप में कभी भी आ सकती हो अपनी आंखें बंद करो और अपने मन में सोचो तुम्हें किस रूप में आना है तुम उस रूप में आ जाओगी।
मटिल्डा : अदिति तो आ जाएगी लेकिन मेरा क्या ?
आध्या : अब तुम्हारा मैं कुछ नहीं कर सकती तुम्हारी गलती तुमने जादू नहीं लिया ।
अदिती : लेकिन आपने इसकी कवच तो उठा दिया था ना मतलब मटिल्डा जादू तो कर सकती है !
आध्या : जब तक जादू करना सीखेगी नहीं तब तक कैसे कर सकती है या तो ऐसा हो कि इसने खुद जादू सीखा हो या फिर मेरे कहने पर सीखे यह तो दोनों ही नहीं कर रही ऐसे थोड़ी ना हवा में हाथ घुमाओगे और जादू हो गया जादू भी एक कला है हर कोई नहीं कर सकता और जब मेहनत ना करें वह तो बिल्कुल भी नहीं ।
मटिल्डा : अब आप मुझे ताने मार रही है ?
आध्या : तुम्हें और कुछ लग रहा है ?
अदिति : बस अब आप लोग झगड़ना शुरू मत हो जाएगा आध्या जी क्या आप मटिल्डा को भी जानवर के रूप में ला सकती हैं ?
आध्या : हां मैं मटिल्डा को भी कुत्ता बना देता हूं ।
( अदिति ने अपनी आंखें बंद करी और एक भूरे रंग की सुंदर सी कुत्ता बन गई कुछ देर बाद आध्या ने भी अपने आप को और मटिल्डा को कुत्ते में बदल लिया। )
आध्या : देखो इस वक्त मैं अपना जादू चार से पांच जगह पर इस्तेमाल कर रही हूं तो फिर मुझे लगता मेरे पास इतनी ऊर्जा होगी की मैं 10 मिनट से ज्यादा इस जादू को चला सकूं तो रिची बेहतर होगा तुम जल्दी हमें वह आविष्कार दिलवा दो !
रिची : आप लोग चिंता मत कीजिए माल्टा के अंदर पर रखते ही यहां पर कुछ सिक्योरिटी कैमरा आ जाएंगे जो हमें अपने आप ही वह अविष्कार दे देंगे लेकिन आपको एक जादू करके ही रखना होगा आपको कुत्ता तो बनकर रहना ही होगा ।
आध्या : उसमें कोई दिक्कत नहीं है ज्यादा शक्ति तो सांस लेने वाले जादू में जा रही है जल्दी चलो ।
( सब अंदर चले गए हैरानी की बात यह थी कि माल्टा में इतनी ज्यादा अच्छे और अलग-अलग तरह के आविष्कार हुए हुए थे । जिसके बारे में आज की दुनिया में तो किसी ने कुछ नहीं रखा था । हैरानी की बात थी कि उनके माल्टा में कदम रखते ही रिची के कहे अनुसार चार छोटे कैमरा आ गए जो कि किसी को दिखाई भी नहीं दे रहे थे और वह हवा में उड़ रहे थे यहां तक कि उनकी आवाज भी नहीं थी तभी उनके आसपास से एक ऐसी आवाज आई जिसे सुनकर उन्हें लगा की हवा में से आवाज आ रही है लेकिन दरअसल वह आवाज कैमरा में से आ रही थी । )
कैमरा : आप लोग कौन है ? कहां से आए हैं ? और यहां आने का कारण क्या है ?
( तभी रिची ने आगे आते हुए कहा। )
रिची : मैं यहां का राजकुमार रिची हूं दरअसल अपने साथ कुछ मेहमानों को लाया हूं ।
कैमरा : जांच पूरी हुई ! राजकुमार रिची स्वागत है ! आप लोगों का भी स्वागत है !
( इतना कह कर हवा में से अपने आप ही सिक्के अदिति, मटिल्डा और आध्या के आगे आकर रुक गए जैसे ही उन्होंने सिक्का अपने हाथ में लिए कैमरा से आवाज आई । )
कैमरा : ये सिक्के आपके यहां पर सांस लेने में मदद करेंगे उम्मीद है आप इन सिक्कों का राजकुमार और राजा के खिलाफ इस्तेमाल नहीं करेंगे वरना आपसे आपकी सांसे बीच ही नहीं जा सकती है ।
रिची : ठीक है अब तुम लोगों ने अपना काम कर दिया तुम लोग यहां से जा सकते हो !
कैमरा : माफ कीजिएगा लेकिन हम लोगों का काम है आप लोगों के ऊपर नजर रखना है हम लोग आप लोगों के ऊपर से एक पल के लिए भी नजर नहीं हटा सकते ।
( रिची को पता था कि कैमरा सारी जानकारी जाकर कुछ ही देर में डैनियल को दे देंगे जो कि इस वक्त वहां का राजा था अगर डैनियल ने राजकुमार को देख लिया तो डैनियल किसी भी हालत में उन लोगों की जान लेकर रहेगा। उसके पास कई जादुई शक्तियां भी थी इस कारण रिची इस वक्त उसकी नजरों में नहीं आना चाहता था ।वो पहले अपने माल्टा का हाल देखना चाहता था क्योंकि इस वक्त वहां पर अंधेरा था मतलब रात का समय था तभी रिची ने हवा में अपने हाथ घुमाए और मुट्ठी बना ली रिची के हाथों से कुछ टूटने की आवाज आई जब उसने हाथ खोले तो कुछ काले रंग का कचरा उसके हाथों में दिखा उसने उस कचरे को झाड़ते हुए कहा । )
रिची : अब हमारी जानकारी डैनियल तक नहीं जाएगी अब डैनियल को नहीं पता चलेगा कि हम लोग यहां पर आ गए हैं और आप लोगों को यहां के सिक्के भी मिल गए मतलब अब हम आराम से कुछ दिन यहां पर रुक कर सारे हालात का पता लगाएंगे उसके बाद डैनियल के ऊपर हमला करेंगे ।
आध्या : लेकिन डैनियल के ऊपर सीधा हमला करना सही नहीं होगा हमें सबसे पहले कुछ सोचा होगा ।
अदिती : लेकिन उससे भी पहले हमें यहां की परिस्थितियों के बारे में जाननी होगी हमें जानना होगा कि यहां पर क्या चल रहा है ?
मटिल्डा : तो फिर हम इंतजार किसका कर रहे हैं चलो अंदर बढ़ाते हैं !
( सब लोग अंदर जाने लगे कुछ दूर जाने पर रिची ने सबको पेड़ के पीछे छुपाने का इशारा किया वहां पर चार पेड़ मौजूद थे और चारों एक-एक पेड़ के पीछे छुप गए हैरानी की बात यह थी कि वह एक मैदान के पास से जा रहे थे और रात का भी समय था तो वहां पर जहां तक रिची को लगा था कोई भी नहीं होना चाहिए था लेकिन वहां पर लगभग 10 से 20 लोग झुंड बनाकर घूम रहे थे जब सब ने ध्यान से देखा तो वह सब डैनियल के सैनिक थे हैरानी की बात यह थी कि वह सब काले रंग के कुत्ते थे और सबके हाथ में कोई ना कोई शस्त्र जैसे की डंडे भले धनुष बाण बदलू आदि थे । उन कुत्तों के शरीर पर अलग-अलग तरह के जख्म थे जिससे पता चल रहा था कि वह कितना युद्ध करते थे और युद्ध में कितने कुशल थे उन लोगों को हराना आसान देखने से ही नहीं लग रहा था लेकिन दिक्कत यह थी कि इस वक्त लोग आराम से अपने घरों में आराम करते थे और वह लोग इतने सारे अस्त्र-शस्त्र लेकर कहां जा रहे थे जब मटिल्डा ने यही सवाल सबसे पूछा तभी रिची की तरफ से जवाब आया । )
रिची : लगता है यह लोग किसी के घर जा रहे हैं ।
आध्या : इस वक्त मतलब समय देखकर लग रहा है कि बहुत रात हो चुकी है तो किसी के घर रात को कोई क्यों जाएगा ।
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