“तुम्हें कैसे पता है?” आरव अपना हाथ पीछे लेते हुए कहता है, और मैं उसकी यह बात सुनकर मुस्कुराती हूँ।
“देखो, मुझे पता है कि तुम मुझसे प्यार नहीं करते हो। तो एक बार सच ही बोल दो कि तुम मेरे साथ यह सब करना चाहते थे, इसलिए प्यार का झूठ बोला। मैं सच कहती हूँ, मैं तुम्हें नहीं रोकूँगी। चाहे तुमने मुझसे प्यार नहीं किया लेकिन मैंने किया है, और मुझे खुशी होगी अगर तुम मुझे छूओगे, लेकिन प्लीज इस तरह से नहीं।” मैं अपने दिल का सारा हाल सुना देती हूँ।
“अपनी बकवास बन्द करो। जब मैंने कहा है कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ, तो इसका मतलब है कि मैं सिर्फ तुमसे प्यार करता हूँ। मैं कोई झूठ नहीं बोल रहा हूँ, और मैंने कभी भी इस बारे मैं झूठ नहीं बोला है। मैं तुमसे हमेशा से प्यार करता था। पहले दिन ही, जब मैं तुमसे मिला था, तो मुझे तुमसे प्यार हो गया था!” आरव कहता है।
“तुम झूठ बोल रहे हो, और अगर यह सच है, तो तुम उस रात सोनाली के घर क्या कर रहे थे? और फिर कल भी तो तुम उसके साथ थे।” मैं रोते हुए कहती हूँ, और अपने कपड़े सेट करती हूँ। आरव भी मेरी मदद करने की कोशिश करता है, लेकिन मैं उसके हाथ खुद से दूर कर देती हूँ।
“मैं सच कह रहा हूँ, मेरा सोनाली के साथ कोई रिश्ता नहीं है। वह सिर्फ मेरी दोस्त है, और उस रात मैं सच में अपने दोस्त शिवम के घर था, और सोनाली इस लिए वहाँ थी क्योंकि वह शिवम की गर्लफ्रैंड है, और कुछ भी नहीं है। ”
“मुझे तुम पर भरोसा नहीं है!” मैं उसे कहती हूँ, और फिर अपने आँसू साफ करती हूँ।
“तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं है ना, एक मिनट।” आरव कहता और फिर अपनी जेब से फ़ोन निकालकर उसमें कुछ ढूँढ़ता है।
“ये देखो, ये लड़का उसका बॉयफ्रेंड है, मैं नहीं।” आरव मुझे एक लड़के और सोनाली की साथ में ली गई फोटो दिखाता है। चाहे सोनाली और वह लड़का एक-दूसरे के साथ ऐसे खड़े थे, जैसे कि वह दोनों कपल है, लेकिन मैं आरव पर इतनी जल्दी भरोसा नहीं करने वाली थी। वह फोटो झूठी भी तो हो सकती थी ना।
“मैं कैसे मान लूँ कि तुम सच बोल रहे हो, और फिर कल सोनाली अपने बॉयफ्रेंड के साथ होने की जगह तुम्हारे साथ क्या कर रही थी।”
“तुम मेरी बात मानती क्यों नहीं हो? अच्छा ठीक है, अगर सोनाली या यह लड़का तुम्हें खुद कहे कि वह दोनों कपल है, तो क्या तुम मानोगी?”
उसकी यह बात सुनकर मैं थोड़ा-सा सोचती हूँ, और फिर हां में सिर हिला देती हूँ।
“ओके गुड। तो पहले हम सोनाली के घर जाते है, और फिर शिवम के, ठीक है? ” आरव पूछता है और मैं फिर से हां में सिर हिला देती हूँ।
आरव मेरी बात सुनकर बहुत खुश हो जाता है, और फिर मुझे एक दम से गले से लगा लेता है, और फिर कहता है, “ सॉरी। मैंने गुस्से में आकर वह सब कर दिया। रियली सॉरी।”
मैं उसे पीछे धकेलती हूँ, और कहती हूँ, “ पहले जो तुमने कहा है, उसे साबित होने दो फिर गले लगाना।”
आरव हां में सिर हिलाता है, और फिर अपनी आँखें पोंछकर बाइक पर बैठ जाता है। मैं भी उसके पीछे बैठ जाती हूँ और फिर हम वहाँ से चले जाते है।
रास्ते में मैं उसकी शर्ट का एक कोना कसकर अपने हाथ में पकड़ लेती हूँ, और इसका कारण यह था क्योंकि मुझे डर लग रहा था। मुझे डर लग रहा था कि अगर आरव की बात सच न हुई, तो मैं क्या करूंगी? मेरा दिल फिर से टूट जायेगा, और मैं फिर कभी भी आरव पर भरोसा नहीं कर पाऊँगी।
आधे घण्टे के बाद, हम सोनाली के घर पहुंच जाते है, और फिर आरव दरवाज़े की घण्टी बजाता है, लेकिन कोई भी जवाब नहीं देता है।
आरव फिर से दो-तीन बार घण्टी बजाता है, लेकिन फिर से कोई जवाब नहीं देता है। अब मैं आरव की ओर देख रही थी, और उसे कहने ही वाली थी कि अपना नाटक बन्द करो, लेकिन तभी कोई दरवाजा खोल देता है। यह कोई और नहीं था लेकिन वही लड़का था जिसको आरव ने सोनाली का बॉयफ्रेंड बताया था।
हम दोनों उस लड़के के साथ घर के अन्दर चले जाते है, और कुछ देर के बाद सोनाली भी एक कमरे से बाहर आ जाती है। उसके बाल गीले थे, और ऐसा लग रहा था कि वह अभी-अभी नहाकर आयी है। और सोचने वाली बात यह थी कि उस लड़के के बाल भी गीले थे।
“हम दोनों ने तुम दोनों को डिस्टर्ब तो नहीं किया? आरव उस लड़के से पूछता है, और वह लड़का सोनाली की ओर देखकर कहता है, “ डिस्टर्ब तो तुम दोनों ने कर दिया है, लेकिन अब क्या कर सकते है।”
उसकी यह बात सुनकर मुझे बहुत शर्म आ रही थी, क्योंकि मुझे पता था कि वह क्या बात कर रहा है।
“अच्छा, चलो छोड़ो उस बात को। तुम बताओ आरव तुम आज रूही के साथ यहाँ क्यों आये हो?" सोनाली हमारे सामने सोफे पर बैठते हुए पूछती है, और अब वह लड़का अपनी जगह से उठकर सोनाली के पास आकर बैठ जाता है।
“वो असल में-।” आरव कहता है, लेकिन इससे पहले कि वह कुछ और कह पाता, मैं उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर उसे रोक देती हूँ।
“वो असल में मुझे कॉलेज में एक प्रोजेक्ट मिला है कि मुझे एक सच्ची लव स्टोरी पर कहानी लिखनी है, और आरव ने बताया कि तुम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हो, तो मैंने सोचा कि ...अगर तुम दोनों की स्टोरी लिखी जाए तो? इस लिए हम दोनों यहाँ पर आए है।” मैं कहती हूँ।
“ वाओ। मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है। मैं तुम्हें अपनी कहानी बताऊँगी। ” सोनाली खुश होते हुए कहती है।
“ लेकिन मुझे प्रॉब्लम है। सोनाली कभी-कभी मुझे बहुत मारती है, और अगर इसने कहानी सुनाई तो ये कहानी में भी बहुत मारेगी, इसलिए तुम कहानी मुझ से सुनोगी। वरना कोई कहानी नहीं लिखी जाएगी।” शिवम कहता है।
“एक मिनट, मैंने तुम्हें कब मारा?” सुनाली कहती है और फिर अपने पास पड़े तकिये से शिवम को मारने लगती है। अब मुझे समझ आ गया था कि कौन किसका क्या है, और मैं क्या ग़लत सोच रही थी।
एक घण्टे के बाद, मैं और आरव सोनाली और शिवम की लव स्टोरी के साथ उनके घर से बाहर आ जाते है, और फिर बाइक पर बैठकर अपने घर चले जाते है।
घर पर आने के बाद, मैं टाइम देखती हूँ, और अभी सिर्फ ग्यारह ही बजे थे। मम्मी-पापा के घर आने में अभी काफी समय था, और यह मेरे लिए अच्छा मौका था कि मैं आरव से बात कर सकूँ, और उसे सॉरी कह सकूँ।
मैं आरव के साथ सोफे पर बैठ जाती हूँ, और वह मेरी ओर देखता है।
“क्या अब तुम्हें मुझ पर यकीन है कि मेरा सोनाली के साथ कोई रिश्ता नहीं है?” आरव अपने हाथ से मेरे गाल को छूते हुए कहता है।
मैं उसके हाथ पर अपना हाथ रखती हूँ, और कहती हूँ, “सॉरी, मुझे तुमसे पहले बात करनी चाहिए थी, लेकिन मैंने सब कुछ खुद ही सोच लिया, और ग़लत अंदाजा लगा लिया।”
“ नहीं। इस में तुम्हारी गलती नहीं है, गलती सारी मेरी है। और मैंने...तुम्हारे साथ... । ” यह कहते ही आरव रोने लग जाता है, और मैं उसे कसकर गले से लगा लेती हूँ।
“शायद गलती हम दोनों की थी, हम दोनों में से कोई भी सही नहीं था।” मैं उसकी पीठ थपथपाते हुए कहती हूँ, ताकि वह रोना बन्द कर दे।
“लेकिन फिर भी मैंने बहुत गलत किया।” आरव भी अब मुझे गले लगा लेता है।
इसके बाद हम बहुत सारी बातें करते है, और हमारे बीच में जो भी गलतफ़हमियां थी उन्हें दूर करते है।
“तो क्या तुम मुझसे प्यार करती हो? ” आरव मेरी आँखों में देखते हुए पूछता है।
“हां करती हूँ। और मैंने यह तुम्हें पहले भी कहा है लेकिन तुमने भी मुझ पर यकीन नहीं किया।” मैं मुस्कुराते हुए कहती हूँ।
“सॉरी।” आरव कहता है और एक बार फिर से मुझे गले लगा लेता है। “ मुझे तुम पर भरोसा करना चाहिए था। मुझे लगा कि तुम मेरे साथ मजाक कर रही हो, क्योंकि तुम हमेशा कहती थी कि तुम मुझसे नफ़रत करती हो, और जब तुमने मुझे वह सब कहा तो मुझे यकीन नहीं हुआ। मुझे लगा कि तुम मेरे दिल के साथ खेलकर अपनी बात से मुकर जाओगी, और जब मैंने कल तुम्हें उस रवि को किस करते हुए देखा, तो मुझे यकीन हो गया कि तुम मुझसे झूठ बोल रही थी। मुझे बहुत दुख लगा और मैंने...वह सब....। प्लीज, मुझे माफ़ कर दो।” वह फिर से रोने लग जाता है।
“ रोना बन्द करो। तुम्हें ऐसे देख कर मुझे भी रोना आ रहा है।” मेरी यह बात सुनकर वह चुप हो जाता है, और फिर हम वैसे ही एक दूसरे की बाँहों में थोड़े समय के लिए बैठे रहते है। वह अब भी बार-बार मुझ से सॉरी बोल रहा था, और मैं उसे कह रही थी कि अब उसको सॉरी बोलने की कोई जरूरत नहीं है।
बाद मैं आरव मेरे हाथ अपने हाथों में पकड़कर बताता है कि वह मुझसे कितना प्यार करता है, और मैं भी एक बार फिर से अपने प्यार का इजहार कर देती हूँ।
मुझे वह पल बहुत खूबसूरत लग रहा था। मेरा मन कर रहा था कि मैं सारी जिंदगी आरव से ऐसे ही बाते करती रहूं, और ऐसे ही उसे सुनती रहूं। मेरा मन कह रहा था कि यह दिन कभी भी ख़त्म न हो, और मैं उससे एक पल के लिए भी दूर न जाऊं।
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