रंडी से प्यार
रात के लगभग 10 बजे थे और मैं छत में इंतजार कर रहा था की वो पल कब आये जब मझे बुलाया जायेगा, आज सुबह से ही मेरे सभी दोस्त और संजय सर मुझे गुरु ज्ञान दें रहे थे सभी मुझे बताते की कैसे स्टार्ट करना है,पहले पहल तो सभी कुछ सुहाना लग रहा था पर अब मैं बोर हो चूका था..लेकिन वो बेचारे अपना दायित्व निभा रहे थे...
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रंडी से प्यार
भाग - 41 (सुहागरात)
Comments
Dayaram Gupta
good
2024-10-12
0