भाग - 22

मैं चलता हुआ बनवारी के पास चला गया

“अरे कैसे हो इंजीनियर बाबू , तुम्हारी तो ठाठ है ”

बनवारी की बात सुनकर मैं नकली हंसी हँसने लगा..

“ये आकाश क्या कह रहा था” मैने जाते हुए आकाश की तरफ इशारा किया

“अरे कहेगा क्या वही पुराना " चूत " का जुगाड़ ऐसे तेरी आइटम पर इसकी नियत पूरी तरह से डोली है ,आज भी उसे पाने ...

डाउनलोड

क्या आपको यह कहानी पसंद है? ऐप डाउनलोड करें और अपनी पढ़ाई का इतिहास रखें।
डाउनलोड

बोनस

ऐप डाउनलोड करने वाले नए उपयोगकर्ताओं को 10 अध्याय मुफ्त में पढ़ने का अवसर मिलता है

प्राप्त करें
NovelToon
एक विभिन्न दुनिया में कदम रखो!
App Store और Google Play पर MangaToon APP डाउनलोड करें