दरवाजा खुला तो मैं गेट से अंदर आया, वो कोई मजदूर जैसा शख्स बाहर निकला जो दिखने मे ही गंदा लग रहा था। काजल भी उसके साथ बाहर निकली ,बहुत थकी हुई लग रही थी ,चेहरा जैसे बुझ गया हो , उसने नीचे देखा और हमारी नजर मिली ,उसके होठो में एक फीकी सी मुस्कान आई ..पूरा चाल ही इस समय अपने पूरे शबाब पर होता था, शाम से ही शराब के नशे में चूर लोगों का आना जाना शुरू हो जाता था, चारो तरफ बस शोर ही शोर होता था, कई गंदी समझे जानी वाली गालियां हवा में जैसे घुली हुई थी , वैसे ही शराब की बदबू भी अधिकतर देशी शराब की तेज बदबू कहीं से भी आती हुई मिल जाती थी, कभी कभी किमाम में लिपटा हुए पान और साथ में मिलाए गए सिगरेट के धुंए की बदबू भी आ जाती थी ..मैं ऊपर चल दिया…मैं कमरे के अंदर आया, साथ ही वो भी आ गई और कमरा बंद कर दिया, बाहर का शोर थोड़ा कम हो चुका था , मैं उसे देखे जा रहा था, वो अपने श्रृंगार में थी , होठों में लाल गाढ़ी लिपिस्टिक थी, हाथों में कुछ सस्ती लेकिन चमकीली चूड़ियां, बाल बिखरे हुए थे और एक सस्ती चमकीली लाल रंग की साड़ी, देखकर लग रहा था जैसे तैयार तो ये बहुत पहले हुई थी लेकिन फिर जब किसी ने यौवन को निचोड़ा था उसके बाद फिर से तैयार हुई हो...साड़ी जल्दी जल्दी में पहनी लग रही थी , उसने मुझे देखा उसके चहरे में मुस्कान गहरा गई ,उसने अपने साड़ी में दबे एक नोट को निकाल कर मेरे सामने लहराया …वो 500 का एक नोट था..“देख रे छोरे मेरे 1 घंटे की कमाई , साला आया तो 100 रुपये में करने के लिए था लेकिन काजल ने अपना जादू चलाया और जेब खाली करके गया …” वो हँसते हुए मेरे पास आ रही थी वो मेरी पहुच में थी की …‘ चटाक ‘एक जोर का थपड़ मैंने उसके गालों पर दे मारा , ये मेरे अभी तक के दुख का निचोड़ था, वो सीधे ही बिस्तार में जा गिरी ..वो आंखे फाड़े मुझे देख रही थी, अभी तक उसने मुझे एक सीधे साधे लड़के के रूप में ही देखा था …“क्या जरूरत थी तुझे ये सब करने की ,जानती है ना की तेरे लिए आराम कितना जरूरी है ,और ये 500 का नोट क्या दिखा रही है मुझे, मैं नही आता तो तूने तो बनवारी से 3 ग्राहकों का सौदा कर ही लिया था , सिर्फ 300 के लिए जिसमे तुझे बस 150 मिलते तूने इतना भी नही सोचा की मैं कैसे कैसे तेरा इलाज करवा रहा हूँ, अरे करना ही है धंधा तो पहले ठीक हो जा फिर कर लेना मैं कौन होता हु रोकने वाला लेकिन अभी ….इस हालत में वो भी 3-3 जानवरों के साथ ”मैं चिल्लाते चिल्लाते कब रो पड़ा मुझे खुद ही पता नही चला, मैं रोते रोते बिस्तर में बैठ गया था , वो थोड़ी देर बस मुझे देखती रही ..“तो बनवारी ने तुझे सब बता दिया इस साले बनवारी की तो मैं ..”वो बाहर जाने वाली थी की मैंने उसका हाथ पकड़कर खिंचा, अब वो बिस्तर में बैठी थी जबकि मैं उसके सामने खड़ा था,“कही नही जाना है और मैंने उसे कह दिया है की एक महीने तक कोई ग्राहक नही ”उसके चहरे में भी गुस्सा आ चुका था ..“साले तू खुद को समझता क्या है , कौन है तू मेरा ….?? रंडि हूँ रंडी ही रहने दे , बहन या दोस्त बनाने की कोशिश मत कर ”वो खुद भी बोलते हुए सिसकने लगी थी …मैंने अपने को थोड़ा संभाला“तेरा इलाज हो जाए फिर जो चाहे कर लेना , अभी आराम कर ”उसने मुझे घुरा ..“और इलाज कैसे होगा मेरा , 100 रुपये कमाने के लिए ना......नंगी होकर शराबियों के साथ सोना पड़ता है मुझे । यही असलियत है मेरी..बीमार ,बुड्ढे सभी चढ़ते हैं मेरे ऊपर तब मैं रोटी खा पाती हूँ और तू मेरे इलाज की बात कर रहा है। जानती हूँ कैसे करवा रहा है तू मेरा इलाज ..अपनी पढ़ाई लिखाई छोड़कर तू शकील के चक्कर काट रहा है ।साले चूतिये जानता भी है वो कौन है , वो तो पैसे के लिए अपनी बहन और माँ को भी बेच दे , वो तेरी मदद करेगा, तू यंहा जो करने आया है वो कर मेरे कारण अपनी जिंदगी बर्बाद मत कर ,इन लोगो के चक्कर में मत पड़ । भगवान ने मुझे जिस्म दिया है इसे बेचकर मैं कुछ ना कुछ कर लुंगी , यही किस्मत है मेरी ..”उसकी बाते मेरे दिल छू जा रही थी , वो अब भी हल्के हल्के सिसक रही थी..“किस्मत हम खुद बनाते है ,यूँ रोते रहने से कुछ नही होता …”उसके होठो में एक तीखी व्यंगात्मक सी मुस्कान आ गई थी ..“अच्छा…. तो वही तो कर रही थी मैं, अपना काम कर रही थी ताकि तुझे 14 हजार के लिए यूँ ना भटकना पड़े ” मैं बुरी तरह से चौका“मैंने डॉ और तेरी बात सुन ली ,ये दुनिया तो किसी को मुफ्त में एक ग्लास पानी का भी नही देती रे, उसमे भी पुण्य कमाने की सोचते है साले , भिखारी को एक रुपये देने के लिए भी पुण्य पाप का हिसाब लगाते हैं और तू एक रंडी के लिए अपनी औकात से बाहर जाकर खर्च करने की सोच रहा है, साले तू रहेगा चुतिया का चुतिया ही …”अब वो भी तेजी से सिसक रही थी। मानो खुद को रोने से रोक रही हो लेकिन रोक नही पा रही हो ...मैं उसकी दशा को समझ चुका था इसलिए उसने धंधे में आने की सोची थी। मैं उसके बाजू में बैठ गया और अपने जेब से 30 हजार का बंडल निकाल आकर उसके हाथों में रख दिया …“ जिनके पास हौसले होते है ना वो कुछ भी कर जाते हैं ,और तू मेरी क्या है मुझे नही पता लेकिन जो भी है ….मैं तुझे ऐसे नही छोडूंगा, जो तेरे लिए जरूरी है वो मैं ले ही आऊंगा चाहे इसके लिए मुझे कोई भी रिस्क उठाना पड़े..”वो कभी पैसे को तो कभी मेरे चहरे को देखती रही जो गर्व और आत्मविस्वास से भरा हुआ था , उसका रोना बंद हो चुका था जबकि उसके चहरे में असीम आश्चर्य था ...“मादरचोद ये पैसे कहाँ से लाया तू....शकील के पास गया था ना ,साले नशीली दवाई बेचकर पैसे लाया है या दलाली शुरू कर दी तूने …” वो पैसे को छोड़कर मेरा कॉलर पकड़ कर हिला रही थी“या कोई लड़की तो नही बेच दी तूने …”मैं चुप.. मुस्कुराते हुए बस उसे देख रहा था..“बोल ना मादरचोद कहाँ से लाया ये पैसे …”“तुझे पैसे से मतलब.....कैसे आये ये छोड़ ना ”वो गुस्से से लाल होने लगी थी, लेकिन आंखे दर्द और आंसू से भरे थे..“अगर ये पैसे गलत तरीके से लाया है तो मैं इसपर थूकना भी पसंद नही करूंगी ..”“अच्छा और जिस तरीके से तू पैसे कमा रही थी वो बड़ा सही है ..”उसने आश्चर्य से मुझे घुरा“मादरचोद वो मेरी मजबूरी है , लेकिन तेरी क्या मजबूरी आ गई है …”“तू ….तू मेरी मजबूरी है ” मैने कहावो मुझे देखते हुए दहाड़ मारकर रोने लगी ,उसका हाथ अब भी मेरे कॉलर को पकड़े हुआ था और वो रोते-रोते मेरे सीने मे सिमटने लगी थी। “मादरचोद ,बहनचोद साल चुतिया…गांडू कही का ..”वो मेरे सीने में अपना सर रख कर मेरे सीने को अपने मुक्के से मार रही थी …
मैंने उसे जोरो से दबोच लिया था जैसे उसे अपने बांहो में पूरी तरह से समा लेना चाहता था …“चुप हो जा , कोई गलत काम नही किया है मैंने इसके लिए ..बस थोड़ा दिमाग लगाया है और कुछ नही ..”लेकिन वो चुप ही नही हो रही थी अब भी वो मेरे सीने को मार रही थी और मुझमें और भी घुलती जा रही थी, अब भी वो मुझे गंदी गंदी गालियां दे रही थी जो मुझे बड़ी ही प्यारी लग रही थी...मेरे चहरे में मुस्कान थी, आंखों में थोड़ा पानी ,उसके चेहरे में ना जाने कौन से भाव थे लेकिन मुँह में गाली थी और उसके आंखों का पानी मेरे शर्ट को भिगोने लगा था...उसका मारना धीरे पड़ रहा था वहीं गालियां भी धीरे पड़ रही थी लेकिन बंद दोनो ही नही हो रहे थे…“अब चुप भी हो जा ,नही करूंगा कोई गलत काम , कसम खाता हूँ तेरी ”मैंने हल्के से कहा ..“चुप कर मादरचोद ..बड़ा आया मेरी कसम खाने वाला ” उसने रोते हुए कहा और मेरे सीने पर एक मुक्का मारकर मेरे सीने में और भी जोरो से अपने आप को समेट लिया…..
कहानी जारी है..... मिलते हैं कहानी के अगले भाग में.....
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