काजल के कोमल होठ मेरे होठों में थे, उसके होठों का स्पंदन मेरे दिल की धड़कनों के साथ साथ ही बढ़ने लगे थे। हमे जैसे ही अपने स्तिथि का आभास हुआ हम अलग हुए। काजल शर्म से मुझसे नजर ही नही मिला पा रही थी ,वही स्तिथि मेरी भी थी लेकिन मैं अगल बगल झांकने लगा। काजल के चेहरे पर इतना गहरा शर्म मैंने आजतक नही देखा था , उसकी कोमल आंखे नीची झुकी हुई थी ।होठों में अब भी हल्की हल्की हलचल मालूम पड़ती थी ,इतने दिनों से दोनों के दिल में जो प्यार की लहर चल रही थी वो आज प्रगट हुई थी, आज इस खुशी के मौके पर जब मैंने अनजाने में ही सही लेकिन कुछ ही घंटो में इतना पैसा कमा लिया था और इसी खुशी में हम फिसल गए..
मैं वंहा से तुरंत ही उठा और बाहर को निकल गया मैं नही चाहता था की मेरे कारण काजल और भी असहज हो जाए …
मैं बाहर खड़ा हुआ नीचे को देख रहा था। मैं अपने को रोकने की बहुत ही कोशिश कर रहा था लेकिन साली जुबान से मुस्कान थी की जा ही नही रही थी तभी मुझे लगा की कोई मेरे पीछे आकर खड़ा है।
“अब यंहा क्या देख रहे हो ..”
वो काजल ही थी, वो शायद मुझे सहज करने की गरज से यंहा आयी थी ..मैंने उसके चेहरे को देखा लगा जैसे आंखों में कुछ नमी हो लेकिन होठों की मुस्कान भी एक अलग ही कहानी कह रही थी।
“कुछ नही बस यही सोच रहा हूँ की जो हुआ वो …….” मैं आगे नही बोल पाया
“क्या हुआ ??” काजल के चेहरे में मासूमियत और आंखों में शरारत ने घर कर लिया था, मैं भी थोड़ा चौंका ..
“मतलब..जो अंदर हुआ ”
“वही तो पूछ रही हूँ की क्या हुआ ”
उसके होठों में अब मुस्कान साफ साफ दिख रही थी साथ ही आंखों में एक शरारत भी थी,
“बोल के बताऊँ या करके ”
मैं भी पीछे थोड़ी ना रहने वाला था, मेरी बात सुनकर वो बुरी तरह शरमाई
“धत्त कुछ भी ”
वो बस इतना ही बोलकर मेरे बाजू में आकर खड़ी हो गई ,मैं उसके उस हसीन चहरे को ही देख रहा था। एक बार उसने मुझे देखा और आंखों से ही पूछा की क्या देख रहे हो ,मैंने भी सर हिला कर कह दिया की कुछ नही ..
वो सामने देखने लगी ,कहीं आसमान में ना जाने वो क्या देख रही थी ,उसके चहरे में आयी हुई मुस्कुराहट धीरे धीरे गुम होने लगी थी, उसका चेहरा संजीदा होने लगा था। मैं उसके भाव को पढ़ रहा था, हमारे बीच जो हुआ वो महज एक इत्तेफाक ही तो था लेकिन देखा जाए तो ये कोई इत्तफाक नही था, इतने दिनों से हम साथ थे, हम एक दूसरे को चाहने लगे थे, मन ही मन ही सही लेकिन दोनों को ही पता था की हमारे अंदर क्या चल रहा है। हम इसे दोस्ती का नाम दे रहे थे लेकिन ये दोस्ती से कुछ अलग था। बस इसे व्यक्त करने का एक माध्यम हमे मिल गया था और वो ही हुआ जो होना था। भावनाओं के तूफान ने हमे डुबो दिया था..
काजल का संगीन चेहरा देखते ही देखते बदल रहा था।उसके आंखों में कुछ आंसुओ की बूंदे आने लगी थी। उसने मुड़कर मुझे देखा मैं अब भी उसके चेहरे को देख रहा था।
मुझे अपनी ओर देखता हुआ पाकर वो थोड़ी हिचकिचाई और आंखों से आंसू को पोछते हुए तुरंत ही अपने कमरे में चली गई ,मैं भी उसके पीछे बढ़ा…
वो कमरे में अपने बिस्तर पर पाँव सिकोड़े बैठी थी ,मैंने उससे कुछ भी नही कहा और उसके करीब जाकर बैठ गया…
“जो हुआ वो भूल जाओ राहुल ,सोचो जैसे कुछ हुआ ही नही..”
उसने मुझे देखे बिना ही कहा था
“क्या नही हुआ ” मैं उसके होठों में मुस्कान लाने की गरज से बोला, उसने एक बार मुझे देखा और उसके होठों में कोई भी मुस्कान नही थी, उसका चेहरा संजीदा ही था..
“यही की हम एक दूसरे से प्यार करते हैं, ये नही हुआ हमारे बीच ...हम एक दूसरे से प्यार नही कर सकते राहुल ..”
उसके आंखों से जैसे बांध सा टूट गया था,उसके आंसू बहते ही चले गए ..वो अपना सर छिपकर सिसक रही थी..मैं उसके और भी करीब जा चुका था..
“काजल..ये मैं कैसे मान लूँ की मैं तुमसे प्यार नही करता, मेरी आंखों में देखो तुम्हे क्या लगता है ..”
उसने मेरी आंखों में नही देखा , वो तो अब भी वैसे ही सिसक रही थी..
मैंने उसके कंधे पर अपना हाथ रखा
“बोलो ना काजल , देखो ना मेरी आंखों में ”
“मुझे कुछ नही देखना..प्यार रंडियों के लिए नही होता राहुल ”
मेरे दिल में उसकी बात सुनकर एक टिस सी उठी थी मैं उसका सर उठाना चाहता था लेकिन वो उठा ही नही रही थी वो मुझे देखना ही नही चाहती थी,
“मेरे लिए तुम कोई रंडी नही हो काजल ” इस बार मेरी आवाज भर्राई हुई थी मैंने अपना रोना रोके रखा था…उसने अपना सर उठाया लेकिन इस बार उसकी आंखे लाल थी वो मुझे अजीब निगाहों से घूरे जा रही थी...
“तुम अब पैसे कमाने लगे हो ,तुम एक दिन बहुत बड़े आदमी बनोगे, दुनिया तुम्हारे कदम चूमेगी तुम्हारे पास तुम्हारा भविष्य है ,तुम इसे ऐसे बर्बाद नही कर सकते ..मैं इसे बर्बाद होने नही दूंगी ..”
उसने मानो एक गर्जना की ,ऐसा लगा जैसे उसके आंसू सुख चुके हैं उसके चहरे में एक अजीब सा संकल्प था और मैं उस संकल्प से मानो डर ही गया..
“तुम मुझसे प्यार नही कर सकते, हम एक दूसरे के लिए नही बने हैं ..” वो उठ खड़ी हुई
“लेकिन ..” मैं कुछ बोलने ही वाला था की उसने मुझे रोक दिया..
“मैं एक रंडी हूँ राहुल और मुझे रंडी ही रहने दो , आजतक मैं जिसके जीवन में आयी उसकी जिंदगी बर्बाद ही की है मैंने और मैं अब तुम्हारी जिंदगी बर्बाद नही करना चाहती, मेरे जीवन में प्यार हो ही नही सकता, जिसे मैंने प्यार किया वो मुझसे छीन गया, बर्बाद हो गया ..नही नही राहुल ऐसा अब नही होगा, बिल्कुल भी नही ”
उसका चेहरा मानो किसी बुखार से तप रहा हो, वो तैश में आ चुकी थी, मैं आज उसका ये अलग ही रूप देख रहा था।
“काजल ..” मेरे मुँह से आवाज निकलने के बजाय बस फुट कर रोना निकला , उसने एक बार मुझे देखा
“ मैं तुम्हे कमजोर नही बनाना चाहती राहुल किसी भी हाल में नही ...तुम्हे बहुत आगे जाना है तुम बहुत ही आगे जाओगे ..बहुत पैसे और नाम कमाओगे ..”
वो जाने क्या सोच कर उठी और बाहर चली गई मैं बस उसे देखता ही रहा, वो सीधे मौसी के कमरे की तरफ बढ़ने लगी थी………
मैं वहीं खड़े हुए बस मौसी के कमरे को देखे जा रहा था लेकिन काजल वंहा से बाहर नही आयी..
लेकिन थोड़ी ही देर में कुछ लोग मौसी के कमरे में आये और फिर वो मेरी ओर बढ़ने लगे, मैं देख कर आश्चर्यचकित था की ये हो क्या रहा है, मैं उनमें के कुछ को पहचान भी गया था ये शकील के लोग थे।
“तुम अपना समान बांधो और हमारे साथ चलो ,अब से तुम शकील भाई के साथ रहोगे..”
“क्या??”
मैं बुरी तरह से चौंक चुका था, काजल अब भी मौसी के कमरे में ही थी।
“लेकिन..”
“लेकिन वेकिंन कुछ भी नही शकील भाई का ऑर्डर है की तुम्हे अपने साथ ही लाये, जल्दी चलो “वो गुर्राया
मैं बस परेशान सा एक बार फिर से उस कमरे की ओर देखने लगा लेकिन काजल और मौसी दोनों का ही वंहा कोई अतापता नही था, दोनों ही अंदर थे ये देखने भी नही निकले की यंहा क्या हो रहा है, मैने बुझे हुए मन से अपना लेपटॉप और बेग उठाया इसके अलावा था भी क्या मेरे पास ,वो लोग मुझे गली से बाहर ले गए और एक कार में बैठने को कहा…
मैं अब भी सकते में था की आखिर काजल ने ऐसा क्या कह दिया की ये लोग मुझे लेने आ गये..मैं जानता था की काजल कभी मेरे साथ कुछ गलत नही होने देगी, मैं ये भी जानता था की वो भी मुझे बेहद प्यार करती है और उसने ऐसा मेरे भविष्य के लिए किया है लेकिन मुझे बस एक ही बात खाये जा रही थी कि मेरे बाद आखिर काजल का ख्याल कौन रखेगा…??
कहानी जारी है...... मिलते हैं कहानी के अगले भाग में.....
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41 एपिसोड्स को अपडेट किया गया
Comments
Rizwan Ahmed
filling something
2025-01-18
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