परीक्षा के बाद पूरा ध्यान मैं मार्किट को वॉच करने में लगा रहा था। काजल मेरे व्यवहार से थोड़ी उदास थी ,क्योकि मुझे लगने लगा था की वो मुझपर विस्वास नही करती ,वो मुझे अपने तरीके से समझा रही थी लेकिन मैं फिर भी उदास ही था और मुझे देखकर वो भी उदास हो जाती थी
दो दिन बिन बोले ही बीत गया था ,मैं अपने बिस्तर में बैठा हुआ लेपटॉप सामने रखा हुआ मार्किट वॉच कर रहा था। ये बहुत ही एक्साइटिंग था क्योकि मैंने कभी पैसे का ऐसा गेम नही देखा था। देखते ही देखते शेयर के भाव बढ़ते और गिरते थे। मैं उसी गणित को समझने की कोशिश में लगा हुआ था। काजल अपने बिस्तर में पेट के बल लेटे हुए मुझे ही निहार रही थी ..“सोच रही हूँ की अब धंधा शुरू कर दु ..” उसने कहा“ह्म्म्म”“क्या ह्म्म्म..हाँ या ना कुछ तो बोलो ”“जो तुम्हारे मन में आए वो करो ” मैंने रूखे स्वर में कहा ,वो उठ बैठी ..“क्या हो गया है रे तुझे ,आजकल देखता भी नही मुझे ”मैंने उसे घूर के देखा“काम कर रहा हूँ डिस्टर्ब मत कर ”“अच्छा बड़ा आया काम करने वाला ”मैं चिढ़ गया था , लेकिन मैंने बस उसे घुरा“क्या देख रहा है अभी तक नाराज है उस एक चीज के कारण ..”मेरा भी धैर्य टूट गया था“एक चीज ...तूने क्या कहा था याद भी है , तुझे जब मुझपर विस्वास ही नही है तो …”मैं फिर से लैपटॉप को देखने की कोशिश करने लगावो मुस्कुराती हुई अपने बिस्तर से नीचे उतर कर मेरे पास आकर बैठ गई ,और मुझे देखने लगी ..मुझे उसका ऐसा देखना बड़ा ही अजीब लग रहा था..“अब ऐसे क्यों देख रही है ”“देख रही हूँ की कहीं तू प्यार व्यार तो नही करने लगा मुझसे …”मैंने फिर से उसे देखा“तुझसे कौन प्यार करेगा ..”मैंने बुझे हुए स्वर में कहा ..उसके होठो में एक फीकी सी मुस्कान तैर गई ..“सही कहा ,रंडी से कौन प्यार करेगा ”वो उठ कर बाहर चली गई , मुझे अचानक ही अपने कहे पर ग्लानि हुई , मैने ये क्या कह दिया था उसे ....मैंने खामखा ही उसे दुखी कर दिया था....
मैं भी उठकर उसके पीछे चल दिया, ये दोपहर का वक्त था और यंहा आने जाने वालो की संख्या थोड़ी कम थी, वो कमरे के सामने खड़ी नीचे देख रही थी , उसके बाजू में ही बगल कमरे वाली शबनम थी , दोनो बात कर रही थी मैं थोड़ा ठिठक गया …“क्यों री काजल तू धंधा कब शुरू करेगी , साली लगता है तूने उस चिकने को ही अपना मरद बना लिया है ..”शबनम ने बड़ी अदा से ये कहा था..“चुप कर छिनाल ”काजल ने बड़ा ही छोटा सा जवाब दिया , सूरज की धूप उसके चहरे पर पड़ रही थी और वो बड़ी ही खामोश लग रही थी । नीचे से वही पुराना ग्राहकों और रंडियों का शोर सुनाई दे रहा था..काजल की बात सुनकर शबनम जोरो से हँस पड़ी“लगता है तू ही उस चिकने की मोहोब्बत में फंस गई है , बच कर रहना ये साला प्यार मोहोब्बत बस फोकट में चोदने के बहाने होते है इन मर्दों के लिए ..”शबनम फिर से जोरो से हँसी ..काजल ने बस उसे घूर के देखा ..“मेरा राहुल ऐसा नही है समझ गई अब चुप कर अपना मुँह वरना यहीं तोड़ दूंगी ”काजल की बातों में बेहद ही गुस्सा भरा हुआ था शबनम भी थोड़ी डर गई“अरे भड़कती क्यों है ,और वो कब से तेरा राहुल हो गया ।साली सभी से तो कह रही थी की ऐसा कुछ नही है ।मेरा राहुल ..वाह ..हमे क्या लेना देना तेरी जिंदगी है तू ही जान । जिस दिन तुझे चूस कर छोड़ देगा ना उस दिन रोना साली ....” वो पलट कर दूसरी ओर चली गई और कुछ महिलाओं से बात करने लगी , वहीं काजल अब भी आकाश में देख रही थी …“मुझे माफ कर दो ..” मैं उसके बाजू मे जा चूक था“किस लिए ..” उसने कहा“तेरा दिल दुखा दिया ..” मैने कहा“नही सच बोलने से अगर किसी का दिल दुखे तो कोई क्या कर सकता है ..तुमने तो सच ही कहा था..”“लेकिन मेरा वो मतलब नही था ..”उसने मुझे पहली बार देखा“तो क्या मतलब था ..”“मैंने बस ...मैंने बस यू ही कह दिया ,तुम तो प्यार करने के ही लायक हो और मेरे लिए तुम कोई रंडी नही ,मेरी ..”वो पहली बार मुस्कुराई ..“मेरी..???”“मेरी मोटी काजल हो “मैंने हल्के से हंसते हुए कहा ,उसके चेहरे पर झूठा गुस्सा आ गया और उसने मुझे हल्के से मारा …“मैं भी उस दिन कुछ कह गई थी और मेरा भी ये मतलब नही था की मैं तुझपर भरोसा नही करती असल में मैं सिर्फ तुझपर ही भरोसा करती हूँ..और तू भी मेरा ..”वो मुस्कुराई …“मेरा..??”मैं उसे अधीरता से देखने लगा था“मेरा चुतिया राहुल है ”वो जोरो से हँस पड़ी ,मेरे होठों में भी एक मुस्कान छा गई थी ….
कहानी जारी है.... मिलते हैं कहानी के अगले भाग में.....
***बेहतर पढ़ाई का आनंद लेने के लिए नॉवेलटून को डाउनलोड करें!***
41 एपिसोड्स को अपडेट किया गया
Comments