Chapter 5 - Palak (Part 1)

सुबह 7 : 30 बजे । कल रात हुए हादसे की डरावनी तस्वीरें सपना बनकर मेरे सामने आते ही मेरी नींद खुल गई । मगर सुबह मेरी आँखें खुलते ही सब.. बिल्कुल शांत हो चूका था । पर मेरा मन अब भी बहुत बेचैन था । इसलिए मैंने उठते ही अपने चारों तरफ़ नज़र घुमायी । मगर वहाँ सब पूरी तरह से शांत था । खिड़कियों के शीशों के ज़रिये अंदर आती रोशनी से अँधेरा मिट चूका था । लेकिन, 'कहीं फ़िरसे मेरे साथ कुछ हो ना जाएं' इस बात का डर मेरे मन को घेरे हुए था । तब वहाँ की दीवार पर लगी घड़ी में समय देखते ही मुझे ख़्याल आया कि आज मेरा ऑफ़िस का पहला दिन है । और मुझे जाने के लिये तैयार होना था । इसलिये मैं जल्दी से उठकर ऊपर कमरे में तैयार होने चली गयी । तैयार होकर मैं कमरे से निकलने ही वाली थी तभी मुझे याद आया कि 'जल्दबाज़ी में मेरा फोन बेड़ पर ही छुट गया है' और जब उसे लेने के लिये मैं पीछे पलटी तब मेरे फोन उठाते ही उसकी घंटी बजने लगी । "हेलो, पलक..! एक्टूअलि मेरी दोस्त, अमिता काम से बाहर गयी है । इसलिए मुझे आने में थोड़ा टाईम लगेगा । तो क्या तुम हमारे घर के पासवाली गली, जहाँ रेड टेलीफोन बूथ है, वहाँ पहुँच सकती हो ? उसके बाद हम दोनों साथ में चलेंगें ।" सलोनी ने रिक्वेस्ट करते हुए जल्दबाज़ी में कहा । "हाँ, तुम फ़िक्र मत करो । मैं पहुँच जाऊंगी ।" मैंने उसकी बात मानते हुए धीरे से कहा । "ओके, ठिक है, तो हम वहीं पर मिलते है । बाय !" सलोनी ने खुश होकर कहा । और इतना कहते ही उसने फोन रख दिया । उसके बाद मैं जाने के लिये तैयार हो गयी । इसके अगले ही पल फोन रखते ही मैं पीछे की तरफ़ मुड़ी, तब अचानक मेरी नज़रे दीवार पर लगी राजकुमारी नैनावती की तस्वीर पर पड़ी । उस तस्वीर को देखते ही एक पल के लिये मुझे ऐसा लगा, जैसे राजकुमारी उस तस्वीर से ज़िंदा हो उठी थी और.. उसकी तेज़ नज़रें मुझे ही देख रही थी । उस तस्वीर को यूँ ज़िंदा देखकर मैं बहुत ज़्यादा डर गयी । और ज़रा भी देर किये बिना हड़बड़ाहट में भागते हुए कमरे से निकल गयी । मैंने डर से कांपते हुए जल्दबाज़ी में महल के सभी दरवाज़े बंध किये और बिना रूके अपने रास्ते पर तेज़ी से आगे बढ़ गयी । कुछ देर बाद आख़िरकार मैं उस पेलेस; उस महल से दूर अपनी सही जगह जा पहुँची, जहाँ सलोनी ने मुझे बुलाया था । सलोनी ने जो टेलीफोन बूथ बताया था वो बिल्कुल मेरे सामने था । वहाँ पहुंचते ही मैं खड़ी होकर सलोनी का इन्तजार करने लगी । यहाँ आकर मुझे लगा, 'जैसे मैं उन सब डरावनी चीज़ों को पीछे छोड़कर दूर निकल आयी हूँ', लेकिन अगले ही पल मेरा ये भ्रम दूर हो गया । कुछ ही पलों बाद मुझे महसूस हुआ कि मेरे पीछे कोई है, जो मेरी तरफ़ बढ़ रहा था । उस वक्त मैं बहुत परेशान और डरी हुई थी । और.. घबराहट में कांपते हुए पैरो से पीछे मुड़ते ही उसे अपने सामने देख मैं बिल्कुल हैरान रह गयी । उस वक्त मैं ख़ुद को काफ़ी डरा हुआ और कमज़ोर महसूस कर रही थी, जैसे मेरी सारी ताक़त चली गयी थी । उस वक्त मुझे कुछ समझमें नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ । डर के मारे मेरे दिमाग़ ने काम करना बंध कर दिया था । उस पल मैं कुछ भी सोचने के क़ाबिल नहीं रही थी । मैं बिल्कुल किसी बेजान पुतले की तरह उस अंजान काली परछाईं को अपनी तरफ़ बढ़ते देख रही थी । वो देखने में बहुत ही ज़्यादा डरावना और ख़तरनाक था । सर से लेकर पैर तक काले कपड़े में लिपटा वो मेरी ओर बढ़ रहा था । उसका बेजान पड़ चूका सफेद चेहरा, उसके लंबे - काले बिखरे बालों से ढका था । लेकिन उसकी वो डरावनी चमकती भूरी (लाइटनिंग ग्रे) आँखें मुझे लगातार घूर रही थी । उसके शरीर पर गरदन से लेकर कंधे तक बड़ा गहरा घाव लगा था, जिससे लगातार ख़ून बहता जा रहा था । जो देखने में काफ़ी तकलीफ़ भरा और डरावना था । लेकिन वो अंजान परछाईं धीरेधीरे करके मेरे पास आती जा रही थी । और मैं ये सब जानते हुए भी कुछ नहीं कर पा रही थी । उसे पास आते देख मुझे औ़र भी ज़्यादा डर लग रहा था । पता नहीं अब मेरे साथ क्या होनेवाला था । उसे देखते ही घबराहट के मारे मैंने पलटकर अपना ध्यान दूसरी तरफ़ मौड़ लिया और अपनी आँखें बंध करते हुए इस बात को भूलना चाहा । लेकिन इस नाकाम कोशिश का मुझ पर कोई असर नहीं हुआ । क्योंकि मैं.. अब भी अपने पीछे उसकी परछाईं को महसूस कर पा रही थी । वो परछाईं धीरेधीरे आगे बढ़ते हुए मेरे क़रीब आ पहुँची । मैंने डरते हुए अपनी दायी ओर के कंधे से उसका वो नुकीले लंबे नाख़ुनोंवाली उँगलियों से भरा हाथ अपनी तरफ़ बढ़ाते देखा । वो बस.. मुझे छूने ही वाला था । इस बात से मैं बहुत ज़्यादा सहम गयी थी । उस समय मेरे मन में यही चल रहा था कि पता नहीं अब मेरे साथ क्या होनेवाला था..? लेकिन तभी, मैंने सामने से सलोनी को आते देखा । और उसे देखते ही मुझमें थोड़ी - सी जान आ गयी । उसके वो हमेशा की तरह स्पोर्ट्स के कपड़े और उस स्कूटर को दूर से देखते ही मुझे यक़ीन हो गया कि वो वही थी । मगर मैं जानती थी कि वो.. अब भी मेरे क़रीब था, इसलिए मैं कुछ नहीं कर पा रही थी । मगर.. हैरानी की बात ये थी कि मेरे पास आने के बाद भी उसने मुझे कुछ नहीं किया । और अगले हर पल मेरे नज़दीक से गुज़रते हुए वो मेरे आगे चला गया । मैं उसे दूर तक आगे जाते हुए देख रही थी । तभी सलोनी के मेरे पास आते ही वो अचानक हवा में ग़ायब हो गया । पता नहीं वो क्या था या कौन था । लेकिन मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे मैंने उसे पहले भी देखा था । शायद ये वही था, जिसे मैंने कित्चन में देखा था । लेकिन अब मुझे ये सोचकर औ़र भी ज़्यादा डर लग रहा था कि, अगर ये वही था तो इसका मतलब 'वो मेरा पीछा कहीं भी कर सकता था' । मगर.. इसके सिवा एक बात औ़र थी जो मुझे हैरत में डाल रही थी । मैं जानती थी कि, वो महल राजकुमारी नैना का था । तो फ़िर ये परछाईं किसकी थी, जो हर समय महल में हम पर नज़र बनाए हुई थी ? और मेरा पीछा करते हुए यहाँ तक पहुँच गयी थी ।

"हेय..! पलक..? कहाँ खो गयी हो ?" सलोनी ने आते ही ऊँची आवाज़ में कहा और मेरे पास आकर अपनी स्कूटर रोक दी । "नहीं, वो.. ब..स मैं तुम्हारा ही इन्तजार क...कर रही थी ।" मैंने सच छुपाते हुए कांपती हुई आवाज़ में कहा । "ठिक है । लेकिन तुम इतनी डरी हुई क्यूँ लग रही हो ? क्या हुआ, सब ठिक तो है ?" सलोनी ने परेशान होकर सवाल किया । "वो.. असल में मुझे देर हो गई थी, तो मैं यहाँ भागते हुए पहुँची हूँ । इसलिए थोड़ी थक गयी हूँ ।" मैंने सच छुपाते हुए धीरे से कहा । "ठिक है । वैसे तुम पर ये डार्क एन्ड लाइट ब्लू जैकिट और ड्रेस काफ़ी अच्छा लग रहा है । पहले दिन के लिये ये कपड़े एकदम पर्फेक्ट है ।" सलोनी ने मेरी बात पर यक़ीन रखकर मुस्कुराकर कहा । "तुम भी अच्छी लग रही हो ।" मैंने हल्की-सी उलझन भरी मुस्कुराहट के साथ कहा और स्कूटर पर सलोनी के पीछे बैठ गयी । "ओ.. थेन्क्स.! वैसे मुझे लगता है अब हमें चलना चाहिए ।" सलोनी ने कहा और उसके बाद हम ऑफ़िस जाने के लिए निकल पड़े ।

सुबह 8 : 45 बजे ।

हम दोनों सही समय पर ऑफ़िस पहुँच चूकें थे । और सिढ़ियों से गुज़रते हुए ऊपर हमारी ऑफ़िस तक जा पहुँचें । वहाँ पहुँचकर मैंने देखा कि हमारे अंदर जाते ही ऑफ़िस के सब लोग मेरी तरफ़ घूर-घूर कर देखने लगे । और उन लोगों को इस तरह से देख मुझे बहुत अजीब लग रहा था । "पलक, मैं तुम्हारा यहीं इन्तजार करती हूँ । तुम अंदर जाकर मे'म से मिल लो ।" सलोनी ने मेरी तरफ़ देखते हुए कहा । "ठिक है ।" मैंने कहा और मे'म के केबिन की तरफ़ आगे बढ़ गयी । "क्या मैं अंदर आ सकती हूँ, मे'म ?" मैंने दरवाज़ा खोलते ही मे'म से पर्मीसन मांगी । और उन्होंने हाथ हिलाकर अंदर आने का इशारा किया । "गुड़ मोर्निंग, मे'म । वो आज मेरा यहाँ पहला दिन है ।" मैंने अंदर जाते ही धीरे से कहा । "हाँ, बैठो ।" मे'म ने कहा और मैंने वही किया । "हाँ, आज से आप ऑफ़िस जोईन करनेवाली हैं । और ये है आपका अपोइन्टमेंट लेटर ।" मे'म ने एक सफेद रंग का लिफ़ाफ़ा डेस्क पर रखते हुए कहा । और अपनी डेस्क पर लगी बेल बजी दी । "एक्सक्यूज़ मी, मे'म । केन आई कम इन ?" अगले ही पल किसी लड़के ने मेरे पीछे से आते ही कहा । "हाँ, ओऔ आर्या ।" मे'म ने उसकी तरफ़ देखकर कहा और मे'म के कहते ही वो डेस्क के पास आकर खड़ा हो गया । उसकी त्वचा हल्का तो आँखें हल्के भूरे (हेज़ल) रंग की थी । उसके आगे से लंबे और पीछे से छोटे काले थे । उसने वाईट शर्ट, ब्लेक विस्टकोट, विस्ट बेल्ट और पेन्ट्स पहनी थी । साथ ही उसने काले लंबे टोज़ शूज़ पहने थे । मगर.. उसके आसपास होने से मुझे अजीब बेचैनी महसूस होने लगी । और इसलिए मैं अपना सर झुकाकर चुपचाप बैठी रही । "आर्या, ये मिस. पलक हैं । हमारे ऑफ़िस की नई एम्प्लोय ।" मे'म ने मेरे बारें में बताते हुए कहा । "हेलो.! पलक । नाईस टू मिट यू ।" उसने मेरी तरफ़ देखकर मुस्कुराते हुए कहा । लेकिन मैंने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया और बस एक बार हिचकिचाते हुए अपना सर हिलाया । "आर्या, इनकी सारी फोर्मालिटिज़ और पेपर वॉर्क ख़त्म होते ही फाईल शाम तक मेरे डेस्क पर होनी चाहिए । ओके ?" मे'म ने आर्या की तरफ़ देखकर उसे ओर्डर देते हुए कहा । "ओके, मे'म ।" आर्या ने कहा । "ठिक है । अब तुम जा सकते हो । और हाँ, सलोनी को अंदर भेजो ।" मे'म ने आर्या से अपनी बात ख़त्म की । "ओके, मे'म ।" उसने जाने की पर्मीसन ली । "और हाँ, वन्स अगेन कॉन्ग्रेत्यूलेस्न्स एन्ड वेलकम टू द फेमलि ।" आर्या ने मेरी तरफ़ देखकर मुस्कुराते हुए कहा । "थेन्क यू ।" मैंने उलझी हुई आवाज़ में धीरे से जवाब दिया । और उसके बाद वो वहाँ से चला गया । उसके जाने के कुछ ही देर बाद सलोनी वहाँ पहुँची । "गुड़ मोर्निंग.! मे'म । आपने मुझे बुलाया ?" सलोनी ने अंदर आते ही कहा । "हाँ, तुम्हे तो पता ही होगा कि मिस. पलक आज से हमें जोईन कर रही हैं ।" मे'म ने सलोनी की तरफ़ देखकर कहा । "जी, मे'म ।" सलोनी ने कहा । "पलक को तुम यहाँ लायी थी । और अब मैं ये चाहती हूँ कि तुम मिस. पलक को उनका काम समझाओ ।" मे'म ने हम दोनों कर तरफ़ देखकर द्रिढ़ता से कहा । "जी हाँ, मे'म मैं बिल्कुल तैयार हूँ । आप फ़िक्र ना करे । पलक अब मेरी रिस्पोन्सिब्लिटि है ।" सलोनी ने भरोसे के साथ कहा और मुस्कुराते हुए मेरी तरफ़ देखा । "ठिक है । तुम, मिस. पलक को ले जा सकती हो । और हाँ, वेलकम टू द फेमलि ।" मे'म ने हमारी तरफ़ देखकर हल्की मुस्कुराहट के कहा । मेड़म के साथ सारी बातें ख़त्म होते ही हम दोनों उनकी केबिन से बाहर चलें आएं ।★☆★☆★☆★☆★☆★☆★

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Love,B. Talekar

एपिसोड्स
1 Chapter 1 - Palak
2 Chapter 2 - Palak (Part 1)
3 Chapter 2 - Palak (Part 2)
4 Chapter 3 - Palak (Part 1)
5 Chapter 3 - Palak (Part 2)
6 Chapter 4 - Palak (Part 1)
7 Chapter 4 - Palak (Part 2)
8 Chapter 5 - Palak (Part 1)
9 Chapter 5 - Palak (Part 2)
10 Chapter 6 - Palak
11 Chapter 7 - Pakal (Part 1)
12 Chapter 7 - Palak (Part 2)
13 Chapter 7 - Palak (Part 3)
14 Chapter 8 - Palak
15 Chapter 9 - Palak (Part 1)
16 Chapter 9 - Palak (Part 2)
17 Chapter 10 - Palak (Part 1)
18 Chapter 10 - Palak (Part 2)
19 Chapter 11 - Chandra (Part 1)
20 Chapter 11 - Chandra (Part 2)
21 Chapter 12 - Palak (part 1)
22 Chapter 12 - Palaka (part 2)
23 Special Announcement
24 Chapter 13 - Chandra (part 1)
25 Chapter 13 - Chandra (part 2)
26 Chapter 14 - Palak (part 1)
27 Chapter 14 - Palak (part 2)
28 Chapter 15 - Chandra (part 1)
29 Chapter 15 - Chandra (part 2)
30 Chapter 16 - Palak (part 1)
31 Chapter 16 - Palak (part 2)
32 Chapter 16 - Palak (part 3)
33 Chapter 16 - Palak (part 4)
34 Chapter 16 - Palak (part 5)
35 Chapter 17 - Chandra (part 1)
36 Chapter 17 - Chandra (part 2)
37 Chapter 18 - Palak (part 1)
38 Chapter 18 - Palak (part 2)
39 Chapter 19 - Chandra (part 1)
40 Chapter 19 - Chandra (part 2)
41 Chapter 20 - Palak
42 Chapter 21 - Chandra ( part 1)
43 Chapter 21 - Chandra (part 2)
44 Chapter 21 - Chandra (part 3)
45 Chapter 22 - Palak. (Part 1)
46 Chapter 22 - Palak (part 2)
47 Chapter 22 - Palak (part 3)
48 Chapter 23 - Chandra (part 1)
49 Chapter 23 - Chandra (part 2)
50 Chapter 23 - Chandra (part 3)
51 Chapter 24.. Palak (part 1)
52 Chapter 24 - Palak (part 2)
53 Chapter 24 - Palak (Part 3)
54 Chapter 25 - Chandra (part 1)
55 Chapter 25 - Chandra (part 2)
56 Chapter 25 - Chandra (part 3)
57 Chapter 25 - Chandra (Part 4)
58 Chapter 25 - Chandra (part 5)
59 Chapter 26 - Palak (Part 1)
60 Chapter 26 - Palak (Part 2)
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Chapter 10 - Palak (Part 2)
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Chapter 12 - Palaka (part 2)
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Chapter 13 - Chandra (part 1)
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Chapter 15 - Chandra (part 2)
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Chapter 16 - Palak (part 2)
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Chapter 16 - Palak (part 3)
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Chapter 16 - Palak (part 4)
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Chapter 16 - Palak (part 5)
35
Chapter 17 - Chandra (part 1)
36
Chapter 17 - Chandra (part 2)
37
Chapter 18 - Palak (part 1)
38
Chapter 18 - Palak (part 2)
39
Chapter 19 - Chandra (part 1)
40
Chapter 19 - Chandra (part 2)
41
Chapter 20 - Palak
42
Chapter 21 - Chandra ( part 1)
43
Chapter 21 - Chandra (part 2)
44
Chapter 21 - Chandra (part 3)
45
Chapter 22 - Palak. (Part 1)
46
Chapter 22 - Palak (part 2)
47
Chapter 22 - Palak (part 3)
48
Chapter 23 - Chandra (part 1)
49
Chapter 23 - Chandra (part 2)
50
Chapter 23 - Chandra (part 3)
51
Chapter 24.. Palak (part 1)
52
Chapter 24 - Palak (part 2)
53
Chapter 24 - Palak (Part 3)
54
Chapter 25 - Chandra (part 1)
55
Chapter 25 - Chandra (part 2)
56
Chapter 25 - Chandra (part 3)
57
Chapter 25 - Chandra (Part 4)
58
Chapter 25 - Chandra (part 5)
59
Chapter 26 - Palak (Part 1)
60
Chapter 26 - Palak (Part 2)

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