उधर रास्ते में लोमड़ी उल्लू बिल्ली को दोबारा निक्की मिक्की सूअर भांग अफीम के खेत में भांग अफीम खाते हुए नजर आते है उन्हें देखकर बिल्ली बोलती है “बेचारे जीवन के आखिरी पलों का पूरा आनंद उठा रहे है क्योंकि जब यह नशे में धूत होकर पंचायत में पहुंचेंगे तो भेड़िए गैंडे से पहले इनको बब्बर शेर खुले मैदान में फांसी पर लटकाएगा।”
“मैं अपनी आखरी सांस तक किसी के साथ अन्याय नहीं होने दूंगी।” यह बोलकर लोमड़ी अपनी दौड़ने की गति और तेज कर देती है और तभी लोमड़ी बिल्ली उल्लू की बगल से निक्की मिक्की सूअर गोली की गति से पंचायत के रास्ते की तरफ दौड़ते हुए निकलते हैं और लोमड़ी उल्लू बिल्ली को पंचायत के करीब पहुंचकर दिखाई देता है कि मिक्की निक्की सूअर इतनी तेज गति से पंचायत के अंदर घुसे की वह दोनों बब्बर शेर भालू की बुलेट मोटरसाइकिल से इतना जबरदस्त टकराए कि उनकी मोटरसाइकिल हवा में उड़ती हुई जमीन पर धड़ाम से गिरी।
नदी में नंगे नहाने का मौका न मिलने की वजह से बब्बर शेर भालू खुजा खुजा कर पहले ही दुखी और गुस्से में थे, क्योंकि वह नदी में नहाते भी कैसे क्योंकि बुढ़े गिद्ध ने नदी पर माफी मांग मांग कर उन्हें दुखी कर रखा था, बब्बर शेर भालू यह कहने उसके करीब जाते थे कि हमने तुझे माफ कर दिया तो उंचा सुननें वाला बुढ़ा गिद्ध उन्हें देखकर डर से उड़ कर उनसे दूर पहुंच जाता था।
और वह नदी के जिस भी कोने में जाते थे बुढ़ा गिद्ध वहां पहुंच जाता था इस वजह से वह दुखी होकर वापस खुजली करते हुए पंचायत में लौट आए थे और पंचायत में बब्बर शेर भालू के साथ भोलू कुत्ते के बहुत देर बाद लौटने की वजह से परी कुत्तिया उससे मिलने दौड़ी लेकिन तभी रॉकेट की गति से आते हुए निक्की मिक्की सूअर बब्बर शेर भालू की सर्कस से चुराई बाइक से टकरा गए थे। लेकिन परी कुत्तिया सारे खतरे पार करके जब भोलू कुत्ते के पास पहुंच जाती है, तो लोमड़ी समझ जाती है यह कुतिया इस कुत्ते से बहुत प्रेम करती है।
अपनी बाईक की आगे से धज्जियां उड़ने के बाद बब्बर शेर गुस्से में दहाड़ता हुआ पूछता है? “यह क्या चीज थी जिसने हमारी बाईक कि धज्जियां उड़ा दी।”
तब जंगली भैंसा कहता है “सरकार यह हमारे जंगल के शरारती मिक्की निक्की सूअर है।”
“अच्छा यह वही मिक्की निक्की सूअर है जब सर्कस के कर्मचारी मुझे और भालू को कैद करके ले जा रहे थे तो यह दोनों बहुत रो रहे थे, मैं इन दोनों का इसलिए नहीं पहचान पाया क्योंकि उस समय यह बहुत छोटे बच्चे थे इन दोनों घायल बच्चों को मेरे पास लेकर आओ ।”बब्बर शेर बोला
तब चुगलखोर मैना पेड़ पर बैठे-बैठे बोलती है “सरकार अब यह बच्चे नहीं सांड बन गए हैं और वह भी नशेड़ी सांड।”
“क्या यह दोनों भी भांग धतूरे अफीम का नशा करते है।” शेर पूछता है?
“सरकार करते नहीं अभी भी कर रखा है, तभी तो इन दोनों ने आपकी मोटरसाइकिल में जोरदार टक्कर मारी है।” मैना बोली
“अच्छा यह बात है तो इन दोनों को भी नशेड़ी भेड़िए गैंडे के साथ खड़ा करो आज रात मैं इनको भी मौत की सजा सुनाऊंगा।” बब्बर शेर बोला
उल्लू बिल्ली के साथ कोने में खड़ी लोमड़ी बब्बर शेर की बात पूरी होने के बाद बब्बर शेर और भालू को सर झुका प्रणाम करके दूसरे जानवरों के बीच जाकर खड़ी हो जाती है तब बब्बर शेर अपने बदन पर खुजली करते हुए कहता है “लोमड़ी दीदी जल्दी से सारे पशु पक्षियों के साथ मिलकर मुझे फैसला सुनाओ की अब मैं इन चारों को मौत कि सज़ा क्यों ना दूं।”
लोमड़ी उसी समय समझ जाती है कि बब्बर शेर ने इन सबको फंसी देने का पक्का फ़ैसला ले लिया है वह बस एक बार सब के मुंह से सुनना चाहता है कि मेरा फैसला बिल्कुल सही है और जिसने भी बब्बर शेर के फैसले को ग़लत बताया तो बब्बर शेर उसे भी फंसी कि सज़ा दे देगा।
तब बब्बर शेर भालू को बहुत ज्यादा खुजली करते देख और बार बार नदी पर जाने कि बात सुनकर लोमड़ी को एक तरकीब सुजती है, इसलिए वह तुरन्त बब्बर शेर से बोलती है “सरकार आप और भालू जी जब तक नदी से नहा कर आओगे तब तक मैं बाक़ी पशु पक्षियों से सलाह मशविरा करके फैसला ले लूंगी।”
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