क्या फांसी की सजा होने देगी

बब्बर शेर थोड़े से गुस्से में कहता है “लोमड़ी हम दोनों नदी पर टहलने जा रहे हैं ना की नहाने।”

“सरकार आपका रोबिला चेहरा देखकर जुबान फिसल गई थी।” लोमड़ी सर झुका कर बोली 

अपने चेहरे कि तारीफ सुनकर बब्बर शेर खुश हो जाता है और फिर रोब से भालू से बोलता है जल्दी से चौकीदार को‌ बोल वो हमारे साथ नदी पर चलेगा।” 

“लेकिन सरकार चौकीदार तो हम है।” भालू बोला 

“मूर्ख वो तो मुझे भी पता है भूरा कुत्ते को बुला वो हमारे साथ नदी तक चलेगा।” बब्बर शेर भालू को झूठी नाराजगी दिखाते हुए बोलता है

बब्बर शेर भालू के जाते ही सारे पशु पक्षी एक साथ लोमड़ी से पूछने लगते हैं? “लोमड़ी दीदी इस बब्बर शेर से हमारी और इन चारों कि जान आप कैसे बचाओगी।” 

जब लोमड़ी को सबके एक साथ बोलने की वजह से किसी कि बात समझ में नहीं आती है तो लोमड़ी बोलती है “अगर सब एक साथ बोलोगे तो मैं अभी यहां से चली जाऊंगी।”

फिर रात में कम सुनने कम देखने वाले गधे से शुरू से आखरी तक सारी बात पूछती है? और सारे पशु पक्षियों से बोलती है तुम सबको मुझसे कोई भी सवाल किए बिना बस मेरा कहना मानते रहना होगा फिर देखना तुम सबकी मदद से मैं इस समस्या का चुटकियों में हाल कर दूंगी।”

लेकिन बंदर को लोमड़ी कि इस बात से संतोष नहीं होता इसलिए वह लोमड़ी के सामने ऊंचे वृक्ष से उछलकर आता है और लोमड़ी से पूछता है? “हमें कुछ तो बताओ जिससे तुम्हारी योजना पर हमें पूरा विश्वास हो जाए और हम तुम्हारा कहना माने।”

लोमड़ी बंदर के कान के पास आकर अपनी सारी योजना बंदर को समझा देती है और साथ ही कहती है किसी को पूरी योजना बताने कि जरूरत नहीं सिर्फ चिल्ला कर यह कहना है कि सब एक साथ मिलकर यह कहें कि हमें लोमड़ी का फैसला मंजूर है।”

पूरी ताकत से जब चिल्ला कर सारे पशु पक्षी एक साथ शोर मचा कर बोलते हैं कि हमें लोमड़ी दीदी का फैसला मंजूर है तो उनका शोर ऐसा था जैसे कि एक साथ सैकड़ो हजारों एटम बम फट गए हो। 

बुद्धिमान लोमड़ी ने सारे पशु पक्षियों का एक साथ शोर इसलिए मचवाया था ताकि खड़के की ठंड में अगर बब्बर शेर भालू नदी के बर्फीले पानी में नहाने से डर रहे हैं तो इस शोर से घबरा कर अचानक ठंडे पानी की नदी में खूब अंदर तक डुबकी लगा ले और लोमड़ी की यह सोच सच साबित हुई क्योंकि नदी के किनारे खड़े बब्बर शेर भालू जंगल में अचानक इतनी तेज आवाज से घबरा कर नदी के किनारे से फिसलकर नदी के पानी में बह कर नदी के बहुत अन्दर तक चले जाते हैं।

नदी में डुबकी लगाते हुए भालू बब्बर शेर से बोलता है “सरकार अब ठंडे पानी से घबराने से कोई फायदा नहीं है जब हम ठंडे पानी में घुसी गए हैं तो अच्छी तरह बदन रगड़ रगड़ नहा लेते हैं। फिर लोमड़ी दुखी परी कुतिया से बोलती है “मुझे समझ आ गया है आज तक तुम ने इतने खूंखार जानवर नहीं देखे हैं क्योंकि तुम आज तक इंसानों की बस्ती में रही हो लेकिन मेरी एक बात अच्छी तरह समझ लो यह सारे जानवर रंग रूप कद काठी से ही डरावने खतरनाक लगते हैं लेकिन जो इंसान सज सावरकर रहते हैं वह इन से ज्यादा खतरनाक और बेरहम होते और ध्यान से देखोगी तो कुछ पशु-पक्षी इंसानों से बहुत ज्यादा खूबसूरत है इसलिए जब तक यहां हो इनके साथ प्यार से घुल मिलकर रहो अगर तुम भोलू कुत्ते के साथ हमारे जंगल में रहोगी अपनी मालकिन के के पास शहर में नहीं जाओगी तो तुम्हारे जीवन में खुशियों की सदाबहार रहेगी क्योंकि मुझे एक बात भी तुम्हें देखकर समझ आ गई है कि तुम भोलू कुत्ते से प्रेम करती हो यह सब मैं तुम्हें इसलिए समझ रही हूं क्योंकि कुछ देर पहले मैंने महसूस किया था कि तुम हम सब जानवरों के बीच बहुत अकेलापन महसूस कर रही है और हद से ज्यादा घबरा रही हो।”

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