नदी के किनारे भोलू कुत्ते परी कुतिया को एक विशालकाय हाथी पेड़ के नीचे खड़ा होकर सोता हुआ दिखाई देता और उसके गन्नो को दो तीन बंदर के बच्चे चूस चूस कर खाते हुए दिखाई देते हैं। उस हाथी को देखकर वह सोचते हैं शायद यही गधे का मित्र आलसी हाथी है लेकिन पूरी तरह यकीन करने के लिए की यही आलसी हाथी है वह उसकी परीक्षा लेते हैं परी कुत्तिया उसके बहुत करीब पहुंचकर कहती है “बहरा गधा पूरे जंगल में दौड़ दौड़ कर सबको बता रहा था कि शिकारी जंगल से जाते वक्त बहुत अधिक खाने पीने का समान छोड़ गए जैसे की गुड केले गन्ने आदि उसी समय रात को कम सुनने वाला कम देखने वाला गधा शिकारियों के बनाएं हाथी के बच्चे पकड़ने वाले पुराने गड्ढे में गिर गया था और कोई भी जानवर उसे बाहर नहीं निकल पा रहा है वह सबसे बार-बार चिल्ला चिल्ला कह रहा है कि मेरे मित्र आलसी हाथी को कहीं से भी ढूंढ कर लाओ वही मुझे इस गड्ढे से बाहर निकल सकता है और गड्ढे से बाहर निकालने के बाद मैं सबसे पहले उसी को बताऊंगा की शिकारी जाने से पहले अपने खाने पीने का सामान जंगल के किस कोने में छोड़कर गए हैं।”
यह बात ध्यान से सुनकर आलसी हाथी परी कुत्तिया से कहता है “मैं ही आलसी हाथी गधे का सच्चा मित्र हूं, अगर तुम्हें पता है मेरा गधा मित्र जंगल के किस कोने के गड्ढे में फंस गया है तो मुझे वहां लेकर चलो मुझे शिकारियों के खाने पीने के समान से ज्यादा अपने सच्चे मित्र गधे की चिंता हो रही है।” तब परी कुतिया अपने और भोलू कुत्ते के बारे में सारी सच्चाई आलसी हाथी को बताती है।
आलसी हाथी उनकी बातों पर विश्वास करके तुरंत उनके पीछे-पीछे चल देता है और गहरे गड्ढे के पास पहुंचकर मिनटों में अपनी सूंड से गधे को पकड़ कर गहरे गड्ढे से बाहर निकालकर दूर फेंक देता है।
गड्ढे से बाहर निकालने के बाद गधा खुशी में नाच नाच कर आलसी हाथी और परी कुतिया भोलू कुत्ते को धन्यवाद कहता है।
और फिर आलसी हाथी खुद गड्ढे में घुसकर सो जाता है।
आलसी हाथी के गहरे गड्ढे में सो जाने के बाद गधा परी और भोलू से जिद करके दोबारा उन्हें अपनी पीठ पर बिठा लेता है और फिर दोनों को साथ लेकर शहर की तरफ चल देता है।
कुछ दूर चलने के बाद गधे परी कुतिया भोलू कुत्ते को ऐसा महसूस होता है कि कोई पेड़ों झाड़ियों के पीछे छूप छूप कर उनका पीछा कर रहा है।
यह बात जब वह गधे को बताते हैं तो गधा भूत प्रेत चुड़ैल के डर से थर-थर कांपते हुए कहता है “तुम दोनों सच कह रहे हो मुझे भी बहुत देर से ऐसा ही महसूस हो रहा था की कोई हमारा पीछा कर रहा है।”
“लेकिन तुम डरकर इतना कांप क्यों रहे हो।” भोलू पूछता है?
“क्योंकि यह कोई जानवर या शिकारी नहीं बल्कि भूत या चुड़ैल है।” गधा बताता है
“तुम इतना यकीन से कैसे कह सकते हो की भूत प्रेत हमारा पीछा कर रहे है।” इस बार परी कुत्तिया पूछती है?
“क्योंकि मैंने अपने पिता जी से सुना था कि जंगल के इस रास्ते पर भूत प्रेत और एक चुड़ैल रहती हैं।”
यह कहकर रात को कम सुनने वाला कम देखने वाला अधेड़ आयु का गधा पहले से ज्यादा तेज दौड़ने लगता है और उसके तेज दौड़ते ही उस के पीछे से एक नहीं दो अलग-अलग आवाजे आती है “वो गधे के बच्चे वहीं रुक।” यह सुनकर गधा अपनी पूरी ताकत से और तेज दौड़ लगाने लगता है।
फिर पीछे से दोबारा किसी की बहुत ज्यादा क्रोधित आवाज आती है “अगर तू दौड़ते दौड़ते नहीं रुक तो तुझे मैं दर्दनाक मौत दूंगा।” यह बात सुनकर गधा पीछे मुड़कर देखे बिना और तेज दौड़ने लगता है।
गधा जब रुकने का नाम नहीं लेता है तो वह डरावनी क्रोधित आवाज उसे रुकने के लिए कहने वाली गधे से ज्यादा तेज दौड़ कर गधे के सामने आ जाती हैं यानी कि गधे को रूकने के लिए कहने वाले नशेड़ी गैड़ा और भेड़िया जंगल के सबसे खूंखार आवारा बदमाश जानवर गधे से ज्यादा तेज दौड़ कर गधे के सामने आकर खड़े हो जाते हैं।
उन्हें अपने सामने देखकर गधा और भी ज्यादा थर-थर कांपने लगता है भेड़िया गैड़ा उससे कुछ भी कहे उसकी कुछ भी सुने बिना उसे पीटने लगते हैं।
तब गधा पीटते हुए रो रो कर उनसे पूछता है? “माई बाप यह तो मुझे पता चले कि मेरा कसूर क्या है।”
“तेरा कसूर यह है कि तू हमारी आवाज सुनकर एक आवाज में रूका क्यों नहीं था।” भेड़िया यह कहकर है पहले से ज्यादा बुरी तरह पीटने लगते हैं।
उस समय भोलू कुत्ता परी कुतिया समझ नहीं पा रहे थे कि हम अपने गधे मित्र की मदद कैसे करें तभी बुलेट मोटरसाइकिल की सामने से आने की तेज आवाज आने लगती है बुलेट मोटरसाइकिल की तेज आवाज सुनकर गैड़ा और भेड़िया गधे की टांग पड़कर उसे घसीटते हुए घनी झाड़ियों के पीछे लेकर छुप जाते हैं ताकि गधा चिल्ला कर मदद ना मांगे इसलिए गैड़ा गधे का मुंह कसकर दवाकर उसके गले से आवाज भी नहीं निकलने देता है क्योंकि बुलेट मोटरसाइकिल पर आने वाले सर्कस से भागे हुए जंगल के चौकीदार बब्बर शेर और भालू थे, वह गधे की आवाज सुनकर उसे जरूर बचाने आते।
बब्बर शेर और भालू के बुलेट मोटरसाइकिल पर आते ही भोलू कुत्ता और परी कुतिया भी उनसे भयभीत होकर पेड़ के पीछे छुप जाते हैं।
भालू उसी जगह जहां भेड़िया गैड़ा गधे को बेरहमी से पीट रहे थे, मोटरसाइकिल रोक कर बब्बर शेर से पूछता है? “सरकार हमें सर्कस से भागे हुए कितने दिन हो गए हैं।”
“मैं कैसे बता सकता हूं, मैं भी तेरी तरह ही अनपढ़ हूं, फिर भी अंदाजा लगाकर तुझे बताता है, शायद सौ डेढ़ सौ साल हो गए है।” बब्बर शेर बोलता है
“सरकार आपने सही अंदाजा लगाया।” भालू बोलता है
“तू कैसे कह रहा है मैंने सही अंदाजा लगाया।” बब्बर शेर पूछता है?
“क्योंकि सरकार सर्कस की इस चोरी कि हुईं पुलिस की वर्दी पहनने से पहले से ज्यादा शरीर में खुजली होने लगी है और इस सर्कस की पुलिस की वर्दी में हद से ज्यादा बदबू आने लगी है।” भालू बोला
“ठीक कह रहा है, तू अब तो एक मिनट के लिए भी शरीर की खुजली बंद नहीं होती है।” बब्बर शेर बोल
“तो अब सरकार क्या करें इस वर्दी का।” भालू पूछता है
“करेंगे क्या इस वर्दी को रात को कम सुनने वाले कम देखने वाले गधे से इस वर्दी को नदी के पानी में अच्छी तरह धूलवाएगे।” बब्बर शेर बोल
“सही कहा सरकार चोरी कि पुलिस कि वर्दी को धूलवाएगे और नदी में बदन रगड़ रगड़ के नहाएंगे तो अब सरकार गधे को ढूंढना शुरू हो जाते हैं।” भालू बोला
“चल मोड बुलेट मोटरसाइकिल गधे के ठिकाने की तरफ।” बब्बर शेर बोला
और दोनों मोटरसाइकिल स्टार्ट करके वहां से गधे के ठिकाने की तरफ चल देते हैं उनके जाते ही भेड़िया और गेंडा गधे को झाड़ियों के पीछे से घसीटते हुए कच्ची सड़क पर लाकर दोबारा पीटना शुरू कर देते और तभी उन्हें दोबारा बुलेट मोटरसाइकिल की आवाज सुनाई देने लगती है।
इस बार उनके झाड़ियों के पीछे छिपने से पहले बब्बर शेर भालू वहां पहुंच जाते हैं नशेड़ी भेड़िया और गैड़ा भालू बब्बर शेर को अपने करीब आते देख गधे को बब्बर शेर भालू को कुछ ना बताने कि जान से मारने की धमकी देकर वहां से भाग जाते हैं।
भालू दर्द से करहा रहे गधे के पास मोटरसाइकिल धीरे करके बब्बर शेर से कहता है “सरकार आपने सही कहा था ईमानदारी से चौकीदार की ड्यूटी पूरी करके गधे को ढूंढेंगे तो हमें ईमानदारी से ड्यूटी करने का फल जरुर मिलेगा देखो सरकार गधा बिना ढूंढे ही हमें मिल गया है।
भालू मोटरसाइकिल पेड़ के नीचे खड़ी करके बब्बर शेर को वहीं रुकने की बोलकर गधे के पास पहुंचकर गधे को दर्द से करहता हुआ देखकर बब्बर शेर को आवाज लगाकर बोलता है “ सरकार जल्दी आओ लगता है, हमें ज़िन्दगी भर खुजली बर्दाश्त करनी पड़ेगी, क्योंकि गधा तो कुछ ही क्षणों में दुनिया छोड़ने वाला हो रहा है।”
“क्या बात कर रहा है एक-दो दिन पहले जब यह मुझे मिला था तो बिल्कुल तंदुरुस्त था और एक गधी को देखकर गाने गा रहा था एक-दो दिन में ऐसा क्या हो गया है।” बब्बर शेर बोल
गधा बब्बर शेर के पैरों में गिरकर कहता है “सरकार मेरी यह हालत भांग धतूरा खाने वाले भेड़िए गैंडे ने की है।”
बब्बर शेर गुस्से में कहता हैं “उन दोनों का आतंक हद से ज्यादा बढ़ता जा रहा है अब तो मुझे उनको उनके गुनाहों की सजा देनी ही पड़ेगी।” यह कहकर बब्बर शेर गुस्से में दहाड़ता हैं।
बब्बर शेर की दहाड़ भेड़िए गेंडे के कानों में जब पहुंचती है तो वह समझ जाते हैं, हमारा आतंक इस जंगल में हद से ज्यादा बढ़ गया है इसलिए बब्बर शेर हम दोनों को मौत की सजा दिए बिना मानेगा नहीं अब इस जंगल से भाग कर ही हमारी जान बच सकती है लेकिन इसके साथ ही दोनों यह फैसला भी लेते हैं की गधे की वजह से हमें अपना जंगल छोड़कर भागना पड़ रहा है, इसलिए पहले गधे को मौत के घाट उतरेंगे फिर उसके बाद अपने जंगल से हमेशा के लिए विदा लेंगे।
भालू बब्बर शेर की गधे की प्रति सच्ची हमदर्दी देखकर भोलू कुत्ता परी कुतिया पेड़ के पीछे से बाहर निकाल कर बब्बर शेर भालू के पास आकर सारी कहानी बब्बर शेर भालू का बताते हैं उनकी पूरी बात ध्यान से सुनकर बब्बर शेर कहता है “पहले हम भेड़िए गधे को जंगल की पंचायत में सजा सुनाएंगे उसके बाद हम स्वयं परी कुत्तिया को उसकी मालकिन के पास शहर के अस्पताल में छोड़ कर आएंगे।”
जमीन पर दर्द से तड़पता हुआ गधा बोलता है “ सरकार अगर आप परी कुत्तिया को शहर के अस्पताल में उसकी मालकिन के पास स्वयं छोड़ने जाओगे तो अस्पताल क्या पूरा शहर आपके डर से खाली हो जाएगा और पूरे शहर में एक ही आवाज गूंजेगी भागो शेर आया ।”
“सरकार गधा सही कह रहा है, और यह भी हो सकता है कि इंसान आपको कैद करके दोबारा सर्कस में पहुंचा दें।” भालू बोला
“चलो ठीक है इस बात का भी फैसला जानवरों की पंचायत में होगा की परी को शहर कौन सा जानवर छोड़ने जाएगा।”
और फिर बब्बर शेर अपने बदन पर इधर उधर खुजली करते हुए कहता है सारी बातों का फैसला अब बाद में होगा सबसे पहले मुझे अपनी पुलिस की मैली कुचेली वर्दी गधे से धूलवानी अगर मेरे बदन पर ऐसे ही खुजली होती रही तो मैं गुस्से में पूरे जंगल के जानवरों को मौत की सजा दे दूंगा।”
“बब्बर शेर सरकार ऐसा सोचो भी नहीं मैं पहले से तंदुरुस्त हूं, मैं अभी आप दोनों की पुलिस की वर्दी नदी किनारे रगड़ रगड़कर धोता।”गधा जमीन से खड़ा होकर बोला
“चलो फिर सब जल्दी से नदी के किनारे चलो।” भालू बोला गधे को नदी की तरफ जाते देखा भेड़िया गैड़ा भी उससे बदला लेने के लिए छुप-छुप कर नदी की तरफ चल देते हैं।
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