दुश्मन बाज और चतुर लोमड़ी

“सरकार नदी पर पुलिस की वर्दी उतारकर नहाएंगे तभी खुजली से आराम मिलेगा लेकिन नंगे होते ही बुढ़े गिद्ध जैसा कोई दूसरा पशु पक्षी हमें देखकर डर ना जाए और नदी किनारे से कही बुढ़ा गिद्ध या कोई दूसरा जानवर हमारी पुलिस की वर्दी चुरा कर ना ले जाए इसलिए सरकार भोलू कुत्ते को चौकीदार के लिए अपने साथ लेकर चलते हैं। भालू बोला 

“भालू मेरे दोस्त तू हमेशा मुझे सही सलाह देता है, इसलिए जल्दी भोलू कुत्ते को अपने साथ चलने के लिए बोल। 

भोलू कुत्ते के पंचायत से बब्बर शेर भालू के साथ जाने की बात सुनकर परी कुतिया उदास हो जाती है वह भोलू कुत्ते से बोलती है “इन अजनबी खूंखार जंगली जानवरों के साथ मै अकेले नहीं रह सकती हूं।”

“ठीक है मैं एक बार भालू से तुम्हें साथ ले जाने की बात करता हूं।” 

भोलू कुत्ता बोला 

भालू भोलू कुत्ते की यह बात सुनकर उससे बोलता है कि “हम नदी पर टहलने नहीं बल्कि नंगे होकर नहाने जा रहे हैं।”

भोलू कुत्ता बब्बर शेर भालू के नदी में नंगे नहाने की बात परी कुत्तिया को बताकर उसे हिरणी के साथ खाना पकाने के लिए वहां छोड़कर बब्बर शेर भालू के साथ नदी की तरफ निकल जाता है।

उधर धतूरे भांग के नशे में धूत बिल्ली के साथ उल्लू लोमड़ी की गुफा के बाहर खड़े होकर लोमड़ी को गुफा से बाहर आने के लिए आवाज लगा लगा कर थक जाता है लेकिन लोमड़ी अपनी गुफा से बाहर नहीं आती है।

जब लोमड़ी अपनी गुफा से बाहर नहीं आती है तो बिल्ली अपनी पूंछ उल्लू कि चोंच से छुड़ाने कि कोशिश करते हुए लोमड़ी कि गुफा के अन्दर  घुसने लगती है और बिल्ली कि पूंछ ना छुटने कि वजह से उल्लू भी बिल्ली के साथ खींचा हुआ लोमड़ी कि गुफा के अंदर पहुंच जाता है। 

अपनी गुफा के अंदर चतुर लोमड़ी गर्मियों के मौसम में इकट्ठा किए हुए तरबूज खरबूज मजे से स्वाद ले लेकर खा रही थी।

उल्लू लोमड़ी से पूछता है? “मैंने आपको आपकी गुफा के पास खड़े होकर कितनी ही बार पुकारा लेकिन आपने ना तो कोई जवाब ही दिया और नहीं गुफा से बाहर आई ऐसा क्यों।”

“ऐसा इसलिए कि मैं अब जंगल के पशु पक्षियों की फालतू की समस्याओं को हल कर करके थक चुकी हूं, इसलिए अब मैं किसी भी पशु पक्षी की मदद नहीं करना चाहती हूं।” लोमड़ी ने कहा 

“लोमड़ी दीदी आज हम आपके पास कोई फालतू समस्या नहीं लेकर आए हैं, बल्कि एक गंभीर समस्या लाए हैं, क्योंकि आज रात चौकीदार बब्बर शेर भालू ने नशेड़ी आवारा भेड़िए गेंडे को गिरफ्तार कर लिया है और वह उन दोनों को मौत की सजा देना चाहते हैं, अगर किसी दूसरे जानवर ने बब्बर शेर के फैसले का विरोध किया तो वह उसे भी मौत की सजा दे देंगा और आज मेरी और आपकी मित्र बिल्ली ने भांग के साथ धतूरे का नशा कर लिया है इसकी एक गलती से इसकी तो जान जाएगी ही साथ में मेरी भी जान चली जाएगी और अगर हम आपको ले जाए बिना पंचायत में दोनों अकेले पहुंच गए तो भेड़िए गैंडे के साथ बब्बर शेर हम दोनों को भी फांसी के फंदे में झूला देगा और बब्बर शेर की पंचायत में न पहुंचने की वजह से आप पर भी संकट आ सकता है।” उल्लू बताता है 

“तुम कह तो सही रहे हो समस्या तो बहुत गंभीर है, लेकिन अगर मैं इस समस्या का हल नहीं ढूंढ पाई तो मेरी भी जान खतरे में पड़ सकती है।”लोमड़ी बोली 

दुनिया के किसी भी जंगल में ऐसी कोई सी भी समस्या नहीं है जिसका हाल बुद्धिमान लोमड़ी के पास ना हो।” उल्लू बोला 

“पंचायत जंगल के दूसरे कोने में हो रही है कहीं ऐसा ना हो हमारे पहुंचने से पहले पंचायत खत्म हो जाए।” लोमड़ी बोली 

“ऐसा नहीं हो सकता है क्योंकि बब्बर शेर भालू नदी पर टहलने गए हुए हैं और बाकी जानवर दावत की तैयारी में लगे हुए हैं इतने सारे जानवरों का खाना इतनी जल्दी नहीं पक सकता है और मुझे तो ऐसा लग रहा है की बब्बर शेर भालू नदी पर टहलने के बहाने नहाने गए होंगे क्योंकि दोनों अपने शरीर पर खुजली कर करके दुखी हो रहे थे, इसलिए वह अच्छी तरह नहा धोकर अपने शरीर की खुजली खत्म करेंगे।” नशेड़ी बिल्ली नशे में अपनी जुबान लड़खड़ाते हुए बोली 

“नशे में भी बिल्ली मेरी तरह बुद्धिमानी की बात कर रही है क्योंकि बिल्ली की इस बात से मुझे इस समस्या का हल मिल गया है।” लोमड़ी बोली 

फिर दोनों उल्लू बिल्ली एक साथ पूछते है “वह कैसे।”

“अभी जल्दी यहां से चलो समय आने पर बताऊंगी।”लोमड़ी ने कहा गुफा से बाहर निकालने के बाद लोमड़ी कहती है “अगर जल्दी पंचायत में पहुंचना है तो शॉर्टकट रास्ते से चलना होगा।” 

“नहीं लोमड़ी दीदी शार्टकट रास्ते से गए तो रंग बिरंगे पक्षियों का अंगरक्षक बाज मेरी जान ले लेगा क्योंकि रंग बिरंगे पक्षी और बाज यह सोचता है कि मैं रंग-बिरंगे पक्षियों की जान का दुश्मन हूं, क्योंकि एक बार मैं दोपहर के समय उड़ता हुआ उनके इलाके में पहुंच गया था और दिन में ठीक से दिखाई ना देने की वजह से मै रंग-बिरंगे पक्षियों के घोंसलों और पक्षियों से टकराकर इधर-उधर लुढ़क के गिरने लगा तो सारे पक्षियों ने रोना पीटना शुरू कर दिया था की एक मांसाहारी उल्लू ने हम पर हमला कर दिया है और इस घटना के बाद उन्होंने एक बाज को अपना अंगरक्षक रख लिया है।” उल्लू बोल 

“मेरे भाई उल्लू तू चिंता मत कर मैं तुझे कुछ नहीं होने दूंगी बस तुम दोनों मेरी पीठ पर चढ़कर बैठ जाओ और मुझे कसकर पकड़ लो मैं बंदूक की गोली की स्पीड से रंग बिरंगी चिड़ियों के इलाके से निकलूंगी।” लोमड़ी बोली

“ठीक है लोमड़ी दीदी आप पर तो मैं आंख बंद करके विश्वास कर सकता हूं।” और रंग बिरंगी चिड़ियों के इलाके में घुसने से पहले ही चीड़ के पेड़ की चोटी पर बैठा हुआ ताकतवर बाज लोमड़ी की पीठ पर बिल्ली के पीछे बैठे हुए उल्लू को देख लेता है इसलिए लोमड़ी के अपने इलाके में घुसने से पहले ही उल्लू पर आक्रमण करने की पूरी तैयारी कर लेता है और जैसे ही लोमड़ी की पीठ पर बैठकर उल्लू बाज के इलाके में घुसता है बाज उल्लू पर इतना जबरदस्त हमला करता है कि उसके एक नुकीले नाखून मजबूत पंजे में उल्लू फस जाता है और दूसरे पंजे में नशेड़ी बिल्ली। 

नशेड़ी बिल्ली भांग के नशे के साथ अफीम धतूरे के नशे की वजह से अपनी मस्ती में इतना अधिक डूबी हुई थी कि वह यह नहीं समझ पा रही थी कि उल्लू और मैं मौत के चंगुल में फंस चुके हैं, वह तो बाज के पंजों में फंसकर हवा में उड़ने का मजा ले रही थी और जब बाज दोनों को पकड़ कर उनकी चीर फाड़ करने के लिए उन्हें पहाड़ी पत्थर के ऊपर ले जाने लगता है तो नशेड़ी बिल्ली बाज से बोलती है “बाज मामा थोड़ा सा और हवा में झुला दो अभी जमीन पर मत छोड़ना।” बिल्ली की यह बात सुनकर बाज गुस्से में कहता है “इस उल्लू के साथ आज मैं तुझे भी सीधे आसमान में चांद तारों से भी ज्यादा ऊंचाई पर उड़ने के लिए भेजूंगा।” और यह कहकर बाज दोनों की हत्या करने के लिए उन्हें पहाड़ी पत्थर के ऊपर ले जाने लगता है।

जब बाज बिल्ली का कहना नहीं मानता है तो बिल्ली बाज के पेट में अपने पंजों से गुदगुदी करना शुरू कर देती है बिल्ली के गुदगुदी करते ही बाज तेज तेज हंसने लगता है और हंसते-हंसते अचानक उसके मजबूत पंजों में फंसा उल्लू उससे छूट जाता है और उल्लू जमीन पर गिरने से पहले मौका देखकर तुरंत लोमड़ी की पीठ पर उड़कर बैठ जाता है और लोमड़ी से बोलता है “लोमड़ी दीदी जल्दी यहां से दौड़ना शुरू करो।” बाज गुस्से में बिल्ली को लोमड़ी के ऊपर फेंक कर मारता है बाज के पंजों से छुटते ही बिल्ली हवा में उड़ती हुई सीधी लोमड़ी की पीठ पर आकर गिरती है और जब बाज लोमड़ी के पीछे उड़ान भरना शुरू कर देता है तो बिल्ली बोलती है “बाज मामा बाय-बाय मैं कल आऊंगी आपके पास हवा में झूला झूलने के लिए इस समय मुझे पशु पक्षियों की पंचायत में जाकर भेड़िए गैंडे को सजा सुननी है।”

तब लोमड़ी दौड़ते हुए उल्लू से कहती है “उल्लू भैया तू सच कह रहा था आज बिल्ली ने तो कुछ अजीब ही चीज का डटकर नशा कर रखा है।”

और बाज लोमड़ी का बस अपनी सीमा तक पीछा करता है अपनी सीमा से लोमड़ी उल्लू बिल्ली के बाहर जाते ही बाज अपने ठिकाने पर आकर दोबारा अपने इलाके की चौकीदारी करने लगता है।

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