आत्मा शांति

तभी रानी चुड़ैल उसका भूत भाई घर कि खिड़की के पास खड़े होकर रो रो कर कहते हैं “अगर जूनून तुमसे विवाह कर लेगा तो हम दोनो का मुक्ति का रास्ता सादा के लिए बंद हो जाएगा।” 

देविका पिशाचिनी दोनों को अन्दर बुला कर कहती हैं “तुम दोनों के साथ अगर मैं अन्याय करूंगी, तो मेरे साथ डा महेश को भी पिशाच योनि से मुक्ति मिलने में दिक्कत होगी इसलिए हम दोनों को पिशाच योनि से मुक्ति मिलते ही तुम डॉक्टर महेश कि जान लेकर उसकी आत्मा को अपने साथ ले जाना।” यह सुनकर रानी चुड़ैल सोनू भूत सड़क के किनारे लगे गुलर के पेड़ पर कभी उल्टे लटक कर कभी सीधे लटक नाच गा कर खुश होने लगते हैं। 

तब डॉक्टर महेश शैतानी शक्तियों से थोड़ा दूर हटकर अपने दोस्त राम सिंह उसकी पत्नी से अपने दुखी दिल का हाल बया (सुनाता) करता है कि “बुजुर्गों ने ठीक कहा है कि मरा मरो में खींचता है और जिंदा जिदों में और जादू टोने से किसी का भी भाला नहीं हो सकता है, क्योंकि तंत्रिक सिद्धियां हमेशा पूरा ही करती है।” डॉक्टर महेश सोच रहा था कि मेरा दोस्त राम सिंह उसकी पत्नी जगते हुए सपना देख रहे हैं लेकिन पिशाचिनी देविका उन्हें सपने से हकीकत में पहले ही ले आई थी। 

इसलिए उसका दोस्त कहता है “तुम सच्च कह रहे हो तुम्हारी बात सुनने से पहले मै भी नींद में भूत प्रेत पिशाचिनी का भयानक सपना देख रहा था।”

“यह बात तो सत्य है इसलिए मुझे डॉक्टर महेश को काले जादू से छुटकारा दिला कर सबसे पहले इन्हें अपना पति बनना है और इस काम में मुझे आपकी मदद कि ज़रूरत है।” देविका पिशाचिनी बोलती है 

“हम दोनों आप लोगों कि हर तरह से मदद करने के लिए तैयार हैं।” राम सिंह कि पत्नी बोलती है 

पिशचिनी स्त्री रूप में राम सिंह के घर में घूसकर पिशचिनी योनि से मुक्ति के लिए डॉक्टर महेश के साथ मिलकर साधना शुरू कर देती है। 

और पहली रात ही राम सिंह कि पत्नी को देविका पिशाचिनी कि तस्वीर मेहमानों के कमरे में बेंड पर पड़ी हुई दिखाई देती है, उस तस्वीर को देखकर उसे देविका से प्रेम हो जाता है और उसको एका एक देविका से शादी होने कि इच्छा होने लगती है वह खुद नहीं समझ पा रही थी कि इस तस्वीर वाली लड़की को देखकर मुझे ऐसा कैसे महसूस हो रहा है। वह अपनी प्रेम भावना पर काबू न रख पाने के कारण वह कभी उस तस्वीर को सीने से लगाती है, कभी चूमती है, उधर जब अपने साथ डा डॉक्टर महेश के होने के बाद देविका पिशाचिनी को एहसास होता है कि कोई उसे सीने से लगा चूम रहा है तो वह सोच में पड़ जाती है कि फकीर चन्द ने कहा था कि जब कोई सच्चा प्रेमी या सच्चे दिल से मुझसे विवाह करने वाला मेरी तस्वीर से कोई भी छेड़खानी करेगा तो मुझे एहसास होगा जब पीछले जन्म का फकीर चन्द और इस जन्म का डॉ महेश मेरे सामने बैठा है तो कौन मेरा नया प्रेमी पैदा हो गया है और जब वह अपनी पिशाचिनी शक्तियों से पता लगती है तो पिशाचिनी होकर वह भयभीत हो जाती है, क्योंकि वह फकीर चन्द का कैद उसके गांव पर कब्जा करने वाला भूत था, वह फकीर चंद कि मौत के बाद आजाद हो गया था और पहले से ज्यादा अपनी राक्षसी मां से शक्तियां लेकर और शक्तिशाली हो गया था और इस समय वह राम सिंह कि पत्नी के शरीर में प्रवेश कर चुका है, क्योंकि उसने अपनी मां से शक्तियां ग्रहण कि है और उसकी मां स्त्री राक्षसी थी, इसलिए उसे स्त्रियों के शरीर में प्रवेश करके ज्यादा शक्ति प्राप्त होती थी। उसका यहां आने का मकसद फकीर चन्द कि हत्या करना था और देविका पिशाचिनी को पिशाचिनी योनि से मानव योनि में प्रवेश करने से रोकना था, किन्तु उसे देविका कि इंसान योनि वाली तस्वीर देखकर उससे सच्चा प्रेम हो गया था। 

अब देविका के सामने यह समस्या थी कि शक्तिशाली भूत से कैसे निपटा जाए।

और जब देविका पिशाचिनी डॉक्टर महेश को सारी बात बताती है तो वह उससे ज्यादा घबरा जाता है और देविका पिशाचिनी से कहता है “इंसान योनि में पहुंचने का कार्य छोड़कर सबसे पहले अपनी रक्षा करो और मेरे दोस्त की पत्नी की रक्षा करो मुझे तो अपनी जान की कोई परवाह नहीं है आज नहीं तो कल मुझे तो अपने प्राण त्यागने ही है। 

तभी हाथ में देविका की तस्वीर लिए राम सिंह की पत्नी के शरीर में प्रवेश करके गांव का भूत देविका पिशाचिनी और डॉक्टर महेश के पास पहुंच जाता है अपनी पत्नी के पीछे-पीछे राम सिंह भी वहां पहुंच जाता है वह यह सुनकर डर जाता है जब उसकी पत्नी यानि की पत्नी के शरीर में प्रवेश करने वाला गांव का भूत बोलता है “अगर देविका तुम मुझसे विवाह कर लोगी तो मैं फकीर चंद की जान बख्श दूंगा।” 

तभी राम सिंह देविका डॉक्टर महेश के पैरों में लेट कर कहता है “तुम दोनों से विनती है इसी समय मेरे घर को छोड़कर चले जाओ तुम दोनों के घर में घुसते ही मेरा घर भूतिया घर बन गया है।” 

इसलिए मजबूरी में डा महेश को उसे सारी बात बतानी पड़ती है अपनी जान पत्नी की जान के खातिर वह देविका डॉक्टर महेश की मदद करने के लिए तैयार हो जाता है।

रानी चुड़ैल सोनू भूत यह सब देख सुन रहे थे, इसलिए वह भी अपने गांव के एक बहुत बड़े तांत्रिक को जबरदस्ती गांव के भूत को काबू करने के लिए ले आते हैं, उनके ऐसा करने से गांव का भूत क्रोधित हो जाता है और चीखने चिल्लाने लगता है उसकी चीज पुकार कई किलोमीटर तक जब पहुंचती है तो इलाके के लोग पुलिस में राम सिंह के खिलाफ कंप्लेंट कर देते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा महसूस होता है कि राम सिंह अपने घर में बहुत बड़ी तांत्रिक पूजा करवा रहा है और उसके ऐसा करने से पूरे इलाके में चुडैल भूत प्रेतों मैं आतंक मचा दिया है, वह शैतानी शक्तियों इलाके के लोगों के प्रणा भी ले सकती है। और जब पूरी सच्चाई पुलिस को पता चलती है तो पुलिस इस पूरी सच्चाई की जांच पड़ताल करके सरकार की मदद से सिद्ध साधुओं बड़े-बड़े तांत्रिकों की मदद से देविका पिशाचिनी गांव के भूत रानी चुड़ैल सोनू भूत से शहर को मुक्ति दिलवती है 

उसी दिन एकादशी थी बड़े बड़े तांत्रिक सिद्ध साधु पिशाचिनी की बात को समझ कर डॉक्टर महेश के साथ उसका विवाह करवा कर उसे पिशाचिनी योनि से मुक्ति के लिए मदद करते हैं और पिशाचिनी योनि से देविका पिशाचिनी डॉक्टर महेश को मुक्ति मिलने के बाद डॉक्टर महेश की शादी रानी चुड़ैल से करवा देते हैं।

डॉ महेश से शादी करने के बाद रानी चुड़ैल की सारी इच्छा पूरी हो जाती है और उसकी इच्छा पूरी होने से उसके भाई को भी मुक्ति मिल जाती है और रानी चुड़ैल डॉ महेश की जान लिए बिना दुनिया से चली जाती है। 

गांव के भूत को बंदी बनाकर सिद्ध साधु अघोरी साधु अपने साथ ले जाते हैं।

75 वर्ष की आयु तक अविवाहित रहने के बाद डॉक्टर महेश की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो जाती है।

और एक समय उसी कच्चे रास्ते से जाते वक्त एक युवा डॉक्टर को एक खुबसूरत युवती बारिश में भीगते हुए मिलती है। 

वह युवा डॉक्टर महेश का ही पुनर्जन्म था और वह खूबसूरत युवती देविका का इंसान योनि में पहुंचने के बाद नया जन्म था। दोनों एक दूसरे को देखते ही पहचान लेते हैं और पहली नजर में प्रेम होने के बाद दोनों धूमधाम से विवाह कर लेते हैं।

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