दीवानी क्रोधित बेचैन आत्माएं

पिशाचिनी के अदृश्य (गायब) होने के बाद डॉक्टर महेश सोच मे पड़ गया था कि इंसान तो झूठ बोल सकते हैं, लेकिन पिशाचिनी भूत प्रेत चुड़ैल कभी झूठ नहीं बोल सकते हैं, तो इसलिए डॉक्टर महेश उसी समय सोचने लगा था कि मैं कैसे अपने पीछले जन्म का पता लगाऊं कि मैं और रानी चुड़ैल पिछले जन्म में प्रेमी-प्रेमिका थे।

और पिशाचिनी के अदृश्य (गायब) होते ही उसकी की गाड़ी के बोनट पर रानी चुड़ैल उसका भूत भाई सोनू ना जाने कहां से आकर बैठ गए थे, डॉक्टर महेश ने चुड़ैल रानी भूत बच्चे को देखकर गाड़ी से नियंत्रण खो दिया था, इस वजह से उसकी गाड़ी बाबुल के पेड़ से टकरा गई थी और वह बेहोश हो गया था बेहोशी में डॉक्टर महेश ने अपने पिछले जन्म को देखा था कि पिछले जन्म में उसका नाम जुगनू था, वह और रानी इस जन्म की रानी चुड़ैल उसकी प्रेमिका थी।

रानी के माता-पिता नहीं चाहते थे कि हमारी बेटी रानी कि शादी  तांत्रिक जादूगरनी विधवा मां के बेटे जूगनू से हो, खास करके रानी के पिता, इसलिए उसके पिता ने जुगनू और उसकी तांत्रिक मां को जिंदा जला के मारने के लिए उनके घर की बाहर से कुंडली लगाकर आग लगा दी थी कि दोनों मां बटे सोते-सोते सुबह तक जलकर राख हो जाएंगे और मैं अपनी बेटी रानी की शादी मोटी रकम लेकर अधेड़ आयु के गांव के विदुर प्रधान से करवा दूंगा, दो वर्ष पहले गांव के प्रधान की बीवी की कैंसर की बीमारी से मौत हो गई थी, वह रानी की खूबसूरती पर फिदा होकर किसी भी कीमत पर उससे शादी करने के लिए बेताब था।

और रानी का पिता इस बात से अनजान था कि जुगनू के घर में उसकी बेटी रानी और सात साल का बेटा सोनू भी है, जुगनू की मां तो उस समय जंगलों में कर्ण पिशाचिनी सिद्धि करने गई हुई है। 

तब कर्ण पिशाचिनी सिद्धि के बाद जुगनू इस जन्म के डॉक्टर महेश की मां के कान के पास आवाज आई थी कि तेरे बेटे और होने वाली बहू बहू के सात साल के भाई को खुद तेरी होने वाली बहू के पिता ने जिंदा जलाकर राख कर दिया है, क्योंकि कर्ण पिशाचिनी सिद्धि के बाद अलौकिक आवाज कान के पास आकर भूतकाल वर्तमान भविष्य साधक को बता देती है, तब यह सुनकर जुगनू की मां रोती पीटतीं बिलखती घबरा कर अपने घर की तरफ दौड़ी थी और अपने बेटे की अध जली लाश को देखकर उसने रानी के माता-पिता से और गांव के प्रधान से बदला लेने की वजह से कर्ण पिशाचिनी सिद्धि और अपनी जादूगरी तांत्रिक शक्ति से रानी उसके छोटे भाई की आत्मा को मुक्ति नहीं मिलने दी थी और उन्हें हुकुम दिया था कि इसी समय मेरे बेटे जुगनू और तुम दोनो कि मौत के लिए जिम्मेदार लोगों से अपनी मौत का खुद बदला लो इसलिए अपने माता-पिता के साथ गांव के प्रधान को दर्दनाक मौत दो।

लेकिन अपनी और जुगनू की मौत का बदला लेने के बाद यानी कि सबकी हत्या करने के बाद रानी उसके छोटे भाई सोनू की आत्मा को मुक्ति नहीं मिली थी, क्योंकि रानी की जुगनू से शादी करने की इच्छा अधूरी रह गई थी, इसलिए अपनी बहन के साथ मुक्ति मिलने की सोनू की भी अधूरी इच्छा रह गई थी, क्योंकि रानी अपने छोटे भाई सोनू को उसके जन्म से मां जैसे प्यार देती थी, इस वजह से सोनू बहन रानी से कुछ मिनटों कि भी जुदाई बर्दाश्त नहीं कर पाता था, इसलिए वह किसी भी हालत में बहन रानी के बिना दुसरी दुनिया में नहीं जाना चहता था, इसलिए उसको भी बहन के साथ मुक्ति नहीं मिल पाई थी, इस कारण से रानी जुगनू डॉक्टर महेश से मिलन की आस लिए अब तक भटक रही थी।

और जब डॉक्टर महेश को अपने पिछले जन्म को सपने में देखकर होश आया था, तो लहंगा चुन्नी पहने पूरा शरीर जला हुआ बाल जलने की वजह से खोपड़ी में चिपके हुए आंखों की जगह दो गहरे काले काले गड्ढे और दोनों हाथ जलकर घटनास्थल पर ही टूट कर गिरे हुए, तो इतनी भयानक डरावनी रानी चुड़ैल को ड्राईवर की बगल वाली सीट पर बैठी हुई देखकर, डॉक्टर महेश दुबारा बेहोश हो गया था और जब उसे दोबारा होश आया था, तो उसके साथ रानी चुड़ैल अपने जीवित वाले खूबसूरत रूप में बैठी हुई थी और तब उसने प्यार से कहा था “जुगनू जल्दी गाड़ी स्टार्ट करो आगे शिव पार्वती के मंदिर पर मेरे भाई सोनू ने तुम्हारी मेरी शादी की पूरी तैयारी कर ली है, वह हम दोनों का एक साथ आने का इंतजार कर रहा है।

तब डॉक्टर महेश ने सोचा था, अगर यह सामान्य स्त्री होती तो मैं इससे मुकाबला करने की सोचता भी चुड़ैल से तो बिना लड़े ही हार मान लेना सही होगा, और अब तो काली मां ही मेरी इस चुड़ैल से रक्षा कर सकती है।

तो इस तरह रानी चुड़ैल डॉक्टर महेश की गाड़ी में घुस गई थी, लेकिन बार-बार डॉक्टर महेश के अपनी मां को याद करने की वजह से अचानक रानी चुड़ैल हवा में उड़ती हुई गाड़ी का शीशा तोड़कर गाड़ी से बाहर जाकर गिरती है और एक आदमखोर शेरनी की आत्मा उसे गर्दन से पकड़ कर बाबुल के जंगलों में खींचती हुई ले जाती है, रानी चुड़ैल के जाते ही ड्राईवर के साथ वाली सीट पर अद्भुत सुंदरी का रूप धारण किए पिशाचिनी बैठ जाती है।

पिशाचिनी डॉक्टर महेश के कुछ समझने से पहले ही कहती है “आदमखोर शेरनी की आत्मा मेरे वश में है, इसलिए आदमखोर शेरनी ने मेरे हुकुम से तुम्हारी रक्षा के लिए रानी चुड़ैल पर हमला किया था, तुम्हारी मदद मैंने दो कारणों से कि है पहला मुझे पिशाचिनी योनि से मुक्ति के लिए सही समय आने पर तुम्हारी मदद कि जरूरत पड़ेगी दुसरा पिछले जन्म में जो तुम्हारी मां थी, वही माता काली कि भगत इस जन्म में भी तुम्हारी मां है, मैं उसकी पीछले जन्म कि सिद्ध की हुई पिशाचिनी हूं, मैंने ही तुम्हारी मां के हुकुम से रानी उसके छोटे भाई की आत्मा को मुक्ति नहीं मिलने दी थी और तुम्हारे वंश की गुलाम होने के कारण आज तुम्हारी रक्षा की रानी चुड़ैल की अधूरी इच्छा तुमसे विवाह करने की पूरी ना होने कि वजह से रानी चुड़ैल उसके भूत भाई सोनू को मुक्ति नहीं मिल पाई है और उन दोनों को मुक्ति न मिलने में मेरा भी हाथ था, इसलिए मुझे तुम्हारे वंश की 

सेवा से मुक्ति नहीं मिल पा रही है, लेकिन शायद तुम्हारी मां कि मौत के बाद मुझे तुम्हारे वंश से मुक्ति मिल जाए।” और फिर लाल आंखें करके कहती हैं “तेरी मां कि मौत जल्दी ही आने वाली है, क्योंकि उसने मेरा कहना मानना मेरी सेवा करना छोड़ दिया है।” यह कहकर पिशाचिनी डॉक्टर महेश की गाड़ी से अदृश्य (गायब) हो जाती है।

अपनी वजह से दो बेगुनाह बेकसूर आत्माओं को मुक्ति न मिलने का बोझ लेकर डॉ महेश अपने घर पहुंच जाता है और घर पहुंच कर मां को चुड़ैल भूत पिशाचिनी कि सारी बात बताकर अपनी मां से बहुत नाराज 

होकर बोलता है “मुझे शक है, आप अपने पीछले जन्म कि तरह इस जन्म में भी साधारण इंसानों की तरह पूजा नहीं कर रही हो, बल्कि तांत्रिकों जैसे माता काली कि पूजा कर रही हो।” 

“बेटा सच्चाई यह है कि मैं पीछले जन्म से पीछा कर रही पिशाचिनी से अपने वंश को बचाने के लिए तांत्रिक उपाय पूजा करती हूं।” मां बताती है 

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