शैतानी शक्तियों का जाल

तब वह देविका पिशाचिनी से अपनी गाड़ी के विषय में यह सुनकर डर जाता है कि उसकी गाड़ी को रानी चुड़ैल उसके भाई सोनू ने उसके घर पहुंचा दिया है और वह उसके घर के आगे लगे रात कि रानी कि खुशबूदार फूलों कि बेल (पेड़) पर बैठकर उसका घर आने का इन्तजार कर रहे हैं, ताकि उसकी जान ले कर वह अपनी मुक्ति का रास्ता खोले, इसलिए उन के भय से डा महेश अपने घर जाने कि जगह अपने दोस्त राम सिंह के घर जाता है और अपने दोस्त के घर पहुंच कर उसकी पत्नी के समाने अपने दोस्त से इस महीने कि 13 तारीख तक शरणं मांगता है, क्योंकि महेश को पता था कि देविका पिशाचिनी से शादी होते ही मुझे रानी चुड़ैल और उसके भूत भाई सोनू से छुटकारा मिल जाएगा, डॉक्टर महेश के घर में घुसते ही उसके दोस्त और उसकी पत्नी को महेश के ऊपर से अजीब सी बदबू आती है, जैसे कि जीव के शव के सड़ने के बाद बदबू आती है, इसलिए वह उसे नहाने के लिए कहते हैं लेकिन जब महेश बाथ रूम में नहाने जाता है तो बाथ रूम में पहले से कोई महिला नहा रही थी किन्तु जब डॉक्टर महेश अपने दोस्त राम सिंह को यह बात बातता है तो उसका दोस्त कहता है “घर में मेरी पत्नी और मेरे आलावा कोई नहीं है। जब डॉक्टर महेश अपने दोस्त से बात कर रहा था तब उसके दोस्त कि पत्नी मेहमानों के कमरे कि डॉ महेश के ठहरने के लिए साफ़ सफाई करने जाती है, तो पलंग पर  डॉक्टर महेश कि कद काठी का एक युवक सफेद चादर होड़ कर सो रहा था। महेश के दोस्त राम सिंह कि पत्नी को पता था कि डॉ महेश तो बाथ रूम में नहाने गया हुआ है, इसलिए वह डर जाती है और सोचने लगती है कहीं डॉक्टर महेश के घर में घुसते ही फिर से भूतिया घटनाएं होना तो शुरू नहीं हो गई है फिर वह यह सब सोचते सोचते कि यह कौन हमारे घर में चादर तानकर सो रहा आहिस्ता आहिस्ता चादर हाटा कर चेहरा देखती है, तो चादर के पीछे  उसके पति कि आंखें खुली हुई खून से लथपथ चेहरे वाली खोपड़ी फटी हुई लाश थी, और जैसे ही वह घबराकर वहां से भागने लगती है तो उसके पति राम सिंह कि खून से लथपथ लाश उसका हाथ पकड़ लेती है और जब वह अपने पति को आवाज़ लगाती है तो उसके पति की जगह भाग कर डॉक्टर महेश वहां पहुंचता है, तब डॉक्टर महेश को पलंग पर किसी की भी लाश दिखाई नहीं देती है, तो डॉक्टर महेश दोस्त कि पत्नी को समझाता है “शायद आपको उस दिन के बाद आज मुझे देखकर वहीं दिन याद आ गया हो, जब आप बीमार राम सिंह को इलाज के लिए अस्पताल लाई थी और मैं आपको अस्पताल में कहीं नहीं मिल रहा था, पोस्टमार्टम रूम में होने की वजह से मेरा फोन भी स्विच ऑफ था, तब आप मुझे ढूंढते ढूंढते पोस्टमार्टम रूम में आ गई थी, मैं वहां एक लाश का पोस्टमार्टम कर रहा था और आप अचानक पोस्टमार्टम रूम में घुस आई थी और पोस्टमार्टम होने वाली लाश को देखकर इतना घबरा गई थी कि दूसरे दिन ही आपको बुखार चढ़ गया था और यह भी हो सकता है कि बिना लाईट जालाए कमरे में आने पर आप को ऐसा लगा होगा कि कमरे में कोई चादर ओढ़ कर पलंग पर लेटा हुआ है क्योंकि आपके पति तो मेरे से बाथ रूम के आगे अभी बातें कर रहे थे।”

लेकिन डॉक्टर महेश अपने मन में यह भी सोच रहा था कि यह सब शरारत रानी चुड़ैल और उसके सोनू भाई की है, देविका पिशाचिनी तो मेरी मददगार है, वह कभी भी मुझे शरण देने वालों को भयभीत नहीं करेगी।

“जब उस लाश ने मेरा हाथ कसकर पकड़ा था तब कमरे कि लाईट बंद हुई थी और मुझे अच्छी तरह से याद है, मेहमानों के कमरे में घूसते ही मैंने लाईट जलाई थी।” दोस्त राम सिंह कि पत्नी ने कहा

 “लेकिन आपके पति तो सही सलामत बाहर बैठे हुए है चलो मेरे साथ चलकर देख लो।” जब राम सिंह कि पत्नी को अपना पति राम सिंह पूरे घर में दिखाई नहीं देता है, तो वह रोते रोते कहती हैं “आपके घर में कदम रखते ही मुझे एहसास हो गया था कि कुछ अपशकुन होने वाला है और मेरा डर सच निकला तभी दरवाजे कि डोर बेल बजती है डॉक्टर महेश रानी चुड़ैल कि वज़ह से डर डर कर दरवाजा खोलता तो घर कि चौखट पर रानी चुड़ैल अपने भूत भाई सोनू के साथ खड़ी हुई थी उसे देखते ही डॉक्टर महेश तुरंत दरवाजा बंद कर लेता है। 

राम सिंह कि पत्नी डॉ महेश से नाराज होकर रोते बिलखते हुए कहती हैं आप कि अजीब हरकतो से आपके ऊपर से आती बदबू से और आपके घर में घुसते ही भूतिया माहौल होने से मुझे लग रहा है, आप डॉक्टर महेश नहीं बल्कि कोई भूत प्रेत हो आप सामने से हाटों मुझे देखने दो डोर बेल किसने बजाईं थी जब वह दरवाजा खोलकर देखती है तो उसका पति काले लाल परौ वाला देशी मुर्गा हाथ में लिए दरवाजे कि चौखट पर खड़ा था, वह अपने पति के सीने से लगकर कहती है “आप कहां गायब हो गए थे।” 

“तुम तो ऐसे रो रही हो जैसे मेरी मौत हो गई है।” राम सिंह बोलता 

“ऐसे शब्द मुंह से मत निकालो यह कहकर वह फिर वह अपने पति को एक एक बात बताती है सब कुछ घ्यान से सुनकर राम सिंह पत्नी से बोलता है “महेश ने खुद बताया है कि वह ग्यारहा दिनों से किसी जरूरी काम से घर से दूर था, शायद इसलिए ठीक से उसे नहाने धोने का समय नहीं मिला होगा, इस वजह से उसके शरीर से दुर्गंध आ रही है वहीं दुर्गंध तुम्हरे दिमाग पर चढ़ गई है, इसलिए तुम्हें सब-कुछ भायनक डरावना लग रहा है। डॉक्टर महेश मेरे बचपन का दोस्त है इनके परिवार पर ईश्वर कि ऐसी कृपा है कि शैतानी शक्तियां इनके परिवार से कोसों दूर रहती है।” फिर डॉक्टर महेश कि तरफ देखकर बोलता है “डॉक्टर साहब नहाकर इस मुर्गे कि बली चढ़ाओगे या बिना नहाए धोए।” राम सिंह पूछता है? 

तभी डॉक्टर महेश के कान के पास  अलौकिक आवाज आने लगती है कि “मैं तुम्हारी होने वाली पत्नी देविका पिशाचिनी हु, मेरा नाम लेकर इस पंछी की बली चढ़ाना और घ्यान से सुनो मैंने रानी चुड़ैल उसके भूत भाई सोनू से तुम्हारी रक्षा के लिए अपने छालवे को तुम्हारे पीछे लगा दिया है, वह पल भर में अपना रूप बदल सकता है, क्योंकि रानी चुड़ैल उसका भूत भाई तुम्हारे दोस्त और उसकी पत्नी को लगातार भयभीत करके मौत के घाट उतारना चाहते हैं।”

डॉक्टर महेश पूरी बात सुनकर बोलता है “मैंने यहां आकर गलती कर दी है अब मेरे कारण यह भी दुखी होंगे।” उसका बचपन का दोस्त राम सिंह सोचता है कि महेश मुझसे कह रहा है इसलिए वह मुस्कुरा कर बोलता है “किसी का आपरेशन करने कि नही कह रहा हूं, जो तुम परेशान हो रहे हो रात दिन मरीजों के आपरेशन करने वाले डॉक्टर को मुर्गौ काटते हुए चिंता में देखकर ऐसा लग रहा है कि तुम डॉक्टर महेश हो या नहीं हो।” 

यह सुनकर डॉ महेश बोलता है “जल्दी से भाभी जी से चाकू लाओ।” 

“यह नहीं कटाना है मुर्गे को आपरेशन ढेटर में यानी कि रसोई घर में कटाना है।”राम सिंह कहता है मुर्गे के कटते वक्त राम सिंह को ऐसा महसूस होता है जैसे कि हम दोनों के अलावा रसोई घर में कोई तीसरा आदमी भी है, इसलिए वह डॉक्टर महेश से बोलता है “तुम मुर्गे के छोटे-छोटे टुकड़े करके जल्दी से नहाने जाओ, मुझे ऐसा लगा कि कोई हष्ट-पुष्ट लम्बा चौड़ा व्यक्ति तुम्हारे आस-पास ही है कहीं ऐसा तो नहीं तुम सीधे श्मशान घाट या मुर्दा घर से तो नहीं आ रहे हो क्योंकि कभी-कभी ऐसी जगहों से शैतानी शक्तियां पीछे लग जाती है।”

इसलिए डॉक्टर महेश नहाते समय बोलता है “तुम जो भी हो मुझे और मेरे दोस्त उसकी पत्नी को दिखाई मत देना देविका पिशाचिनी के साथ तो मैंने ग्यारह दिन इसलिए बिता लिए थे, क्योंकि वह अपने भयानक रूप कि जगह अदभुत सुंदरी के रूप में थी और मेरे जीते जी अदभुत सुंदरी ही बनी रहेगी।” 

और जब डॉक्टर महेश अपने दोस्त उसकी पत्नी के साथ खान खाने  बैठता है तो वह छलावा भी उसके साथ खाना खाता है, इस वजह से डॉक्टर महेश पाचस रोटी एक पतीला चावल खा जाता है, और जब महेश को महसूस होता है कि राम सिंह और उसकी पत्नी मुझे हद से ज्यादा खाना खाते देख अचंभित हो रहे तो वह देविका पिशाचिनी से धीरे से कहता है “अपने छलावे को ज्यादा खाना खाने से रोको।”

इस वजह से पतीले में मुर्गे का गोश्त बच जाता है, उस गोश्त को फ्रिज में रखने के बाद उसके दोस्त कि पत्नी अपने पति से बोलती है “आप मानो या ना मानो आपके बचपन के दोस्त डॉक्टर महेश के अन्दर कोई भूत घूस हुआ है, तभी तो उन्होंने इतना अधिक खाने के बाद डकार तक नहीं ली, मुझे तो उनसे नज़रें मिलाने से भी डर लग रहा है।” तुम ठीक कह रही हो अब तो मुझे भी महेश को देखकर भय लग रहा है इसलिए किसी तरह आज कि रात हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए बिताते हैं, सुबह होते ही मैं महेश से कहुंगा मेरे मामा जी कि तबीयत खराब है हम दोनों पति-पत्नी को तुरंत उनके घर पहुंचना होगा, इसलिए तुम अपने घर जाओ।” और रात के ढाई बजे तक हनुमान चालीसा का पाठ करते करते दोनों पति-पत्नी को नींद आ जाती है और रात के तीन बजे महेश के दोस्त कि पत्नी को ऐसी आवाजें आती है जैसे कोई उसकी रसोई में बैठकर खाना खा रहा है उसके बिस्तर से उठते ही घर कि बिजली चली जाती है, बाहर मुसलधार बारिश हो रही थी तेज आंधी की वजह से घर कि खुली खिड़की बंद खुलने कि वज़ह से तेज आवाज कर रही थी जैसे ही महेश के दोस्त कि पत्नी खिड़की की कुंडी लगाने जाती है तो उसे दिखाई देता है कि कोई उसकी रसोई से मुर्गे का गोश्त खाकर हड्डियां रसोई कि खिड़की से सफेद बिल्ली को खाने के लिए फेंक रहा है। इसलिए वह समझ नहीं पाती कि मेरे पति गहरी नींद में सो रहे हैं, फिर बचा हुआ फ्रिज में रखा मुर्गे का गोश्त कौन खा रहा। उसे यह भी यकीन था कि डॉक्टर महेश पढ़ें लिखे समझदार इंसान हैं, वह कभी भी बिना इजाजत के किसी के रसोई घर में खाना नहीं खा सकते हैं, फिर वह सोचती वह ऐसा कर भी सकते हैं अगर उनके शरीर में किसी शैतानी आत्मा ने प्रवेश कर लिया हो तब रसोई घर से पहले मेहमानों का कमरा पड़ता था जिस कमरे में डा महेश सो रहा था वह जब कमरे का दरवाजा खोलकर देखती है, तो डर से उसकी चीख निकल जाती है, क्योंकि डॉक्टर महेश के साथ बांस जैसा लम्बा आदमी सो रहा था, जब वह घबराकर भागते हुए अपने पति के कमरे में जाने कि जगह रसोई घर के अन्दर घुस जाती है और वह रसोई घर में अपने जीवन का सबसे भयानक डरावना दहशत से भरा दृश्य देखकर बेहोश हो जाती है।

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