कलाकार बन कर आये है, नहीं खुद बने है,
संस्कार बनाते है, जो जीवन के होते है।.... होना सुभाविक है। कितना ज़िन्दगी से भागो गे। उतनी कठिन पेपर होगा।
रिजल्ट मे कया होते हो, ये तुम खुद जान सकते हो। इस लिए ये ससकरण आगे चलता जायेगा। गंभीर स्तिथि मे मौत का सामना किया। और लक्ष्य मर गया। पर बहन के लिए एक घर नोमनी मे दे गया। एक फ्लेट मे परिवार तब्दील हो चूका था। केशव को वदाई खोली के हर शक्श ने दी थी।
कितना सकून था। आपना घर.... सुसराल का घर... साले साहब का परोपकार... मोहसीन ने भी वाधाई दी। कितना आपना पन था। कितना टूट चूका वक़्त का पहिया जो साथ जुड़ गया था। मोहसीन साढ़े शे फुट का... केशव के साथ चाये पी रहा था। वो बरामदे मे बैठे थे। उसके लडके भी छोड़ने मकान मे आये थे। सारा समान लगा दिया गया था... कुछ यादे सुन रहे थे रिकार्ड किया हुआ... पिंड्राइव थी।
"जीजा जी सकून से रहना, मैं छोटा हु... पर बहन के लिए जान हाजिर है.. चाये तो डॉ साहब ने बंद की है -----?
यह वाक्य जो सुन रहे थे, खोली के ही थे। लास्ट बार आया था। बस हर चीज़ रिकॉर्ड थी। जीजा जी फुसला रहे थे,"तुम लम्बा जिओगे।" बहन की आँखो मे आंसू थे। अब्दुल भी चुप था। खशबू रो रही थी। "मामा ", उच्च आवाज़ गले मे बेतहाशा रोना।
अब्दुल की आख़री पता नहीं कब खशबू को देखेगा। सब काम निपट गया। उत्साहित होते हुए,"अब्दुल जितनी देर जीता है अक्ल, आपके लिए ही हु।"अक्ल का हाथ उठा, साबश देने के लिए। फिर वो बिलख पड़ा,"तभी जीजा जी, आँखो मे पानी नहीं देखने का " उसको करंट लगा... देखा किधर से आवाज़ आयी। रिकॉर्ड किया था। एक एक बात रिकॉर्ड की हुई थी। सहसा चुप सब। बंद किया खशबू ने रिकॉर्ड... "पापा मिल लो अंकल से।"
"हाँ बेटी, भूल ही गया था "रात के नौ वज रहे थे। सब चुप, एक ऐसी खमोशी... जो कभी न टूटने वाली...
------"भूल गया था "खमोशी टूटी। मोहसीन ने कहा, देख यार मेरे दोस्त, "मैं तेरे लिए हर मोड़ पे खड़ा हु।"मोहसीन ने अँगारे की तरा किस्मत को कोसते हुए कहा हो जैसे।
"तेरा घर है मोहसीन, तेरे बच्चे मेरे ही है "हटकोरे से कहा केशव ने।
"ये जिंदगी ज़ब तक है न ""सच मे आपकी ही है!!!"केशव ने एक बार फिर खमोशी तोड़ी।वो जा चुके थे।
डिनर का वक़्त था।खशबू ने खाना बनाया था। माँ चुप थी।
कमलेश बोली "आप से एक बात बोलू।"उसने गंभीर स्वर मे कहा। केशव चुप था।
"तुम कब से पूछ ने लग गयी।"केशव ने भरे मन से कहा।
"दसवीं पास होने के बाद, इसे कोर्स इंजरियंग का करा दे "
"नहीं मोम "खसबू ने कहा।" 10+2 जरूरी है " खसबू ने कहा।
"सुन लो उसकी बात भी "केशव ने कहा।
"तेरा पेट दर्द ठीक है, खसबू " माँ ने कहा। पता नहीं कयो शर्मा गयी। पापा को बीच देख कर।
डिनर के बाद केशव एक वजे सोया था। कमलेश के खूब कमरे मे गरजना हो रही थी। खसबू भी साथ माँ के पड़ी थी
करवट बदल कर।
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4 एपिसोड्स को अपडेट किया गया
Comments
Neeraj Sharma
harder~
2024-10-23
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