अनामिका - 3
चुड़ैल का सामना
रात का प्रहर, घडी में करीबन एक बज रहे थे, सुनसान सड़क दूर - दूर तक ना कोई इन्सान ना इन्सान की जात, बस मनहूसियत फैली हुयी सुनी सड़के और दोनों तरफ गहरा जंगल जहाँ से जानवरों की आवाजें किसी को भी डराने के लिए प्रयाप्त थे। इसी सड़क पर सो से भी जायदा स्पीड में एक महिंद्रा स्कार्पियो दौड रही थी, कार की पिछली सीट पर निहारिका और उसका बॉयफ्रेंड राहुल उस लड़की की लाश के साथ थे और बीच वाली सीट में वो गुंडे बैठकर सिगरेट सुलगा रहे थे। उसने से एक ने पीछे पलट के देखा निहारिका अभी भी बेहोश पड़ी थी और राहुल उनकी मार से अधमरा हालत में कराह रहा था, उस आदमी ने चैन से मुँह सामने कर लिया और अपने दोस्त को कोहनी मारते हुए कहा - बस एक बार अपनी मंजिल में पहुँच जाएँ फिर तो जम के पार्टी होगी आज, ऐसी चीज हाथ लगी है आज मज़ा ही आ जायेगा, तभी राज़ जो गाड़ी चला रहा था उसके सर पर हाथ मारते हुए बोला - भगा ना गाड़ी भाई, तू क्या यहाँ गाड़ी सिखने आया है ? उसने पलट के जवाब दिया - आय हाई! तड़प रहा नहीं जाता, चला तो रहा हूँ, रूको ज़रा सबर करो। थोड़ी देर में गाड़ी एक कच्चे रस्ते को मुड़ी और करीबन आधे घंटे में वो लोग अपनी मंजिल को पहुँच गए, वहां पहुँचते ही सभी के चहरे में एक वहशी मुस्कान खिल उठी, ये वहशी मुस्कान शायद इसलिए थी क्यूंकि उन्हें पूरा यकीन था की यहाँ इस सुनसान जंगल में उन्हें डिस्टर्ब करने वाला कोई भी नहीं आएगा और याहं लड़की चाहे जितनी मर्ज़ी चीखे कोई नहीं सुनेगा । कार में से सभी के सभी एक झटके से उतरे और पीछे का दरवाजा झटके के साथ खोला, उनमे से एक ने एक ही झटके में राहुल की गर्दन पकड़ी और जोर से गाड़ी के बहार फ़ेंक दिया, और लाश को भी बहार फ़ेंक दिया। अब उस कार में उनके सामने निहारिका बी\=ही थी, एकदम खामोश, बेहोश लाचार सी भाव विहीन किसी लाश की तरह पड़ी हुयी थी। तभी उनमे से एक ने कहा - अरे यार ये स्लीपिंग ब्यूटी तो अभी भी सो रही है पानी वाणी मारो इसके चहरे पर और उठाओ जल्दी। एक ने पानी की बोतल ली और उसके चहरे पे मारा , निहारिका को होश आने लगा, उसने धीरे - धीरे आँखें खोली, जैसे ही उसे होश आया आपने सामने उस काले गुंडे को देखकर उसकी चीख निकल गयी, उस गुंडे ने हस्ते हुए कहा - आरे जानेमन अभी तो कुछ किया भी नहीं और तुम अभी से चीखने - चिल्लाने लगी। उस आदमी ने कड़ाई से निहारिका का हाथ पकड़ा और कार में से खींचते हुए बहार निकला, बहार आते ही उसने देखा राहुल अधमरा सा तड़प रहा है साथ ही मिन्नतें कर रहा है - भगवान के लिए छोड़ दो उसे प्लीज !!! निहारिका भी उन चारों को एक साथ सामने देखकर डर जाती है और वो भयानक सा जंगल उसके रोंगटे खड़े कर देता है, वो मदद के लिए चिल्लाती है - बचाओ! कोई है यहाँ हेल्प में प्लीज पर सब बेकार, इनमे से एक उसका हाथ पकड़ते हुए कहता है मैं हूँ ना मेरी जान तुम्हारी हेल्प करने के लिए, हम सभी मिलकर रात भर तुम्हारी हेल्प करेंगे हाँ और हसने लगते है। निहारिका उसने रोते हुए कहती है - प्लीज मुझे छोड़ दो, मैं किसी को कुछ भी नहीं बताउंगी पर उसकी ना सुनते हुए वो लोग उसे घसीटते हुए एक गुफा में घुसने लगते है, वहाँ पहले से मशाल लगी होती है जिसे एक आदमी जला देता है। अब वहां का नज़ारा साफ - साफ दिखाई देता है एक भयानक सी गुफा छत से लटकती बेलें और एक पत्थर का सेज जिसके पास कुछ खून से सनी जंजीरे पड़ी थी और उस बड़े से पत्थर में भी खून ही खून था। एक काला सा आदमी जो काफी डरावना सा था उनमे से एक से कहता है तुम दोनों जा के उस लड़की की लाश को जला दो तबतक हम यहाँ इसको मजा चखाते है, दूसरा आदमी जिसको निहारिका जननांग पे मारा था वो गुस्से में बोलता है - बॉस जब सबका हो जाये तब इसको मुझे ही देना, मैं ऐसी हालत करूँगा ना इसकी की चील कावें भी इसकी लाश नहीं खाएंगे और वहां से चला जाता है । तभी निहारिका हाथ जोड़ती है प्लीज भले मुझे मार डालो पर मेरा रेप मत करो तुम्हें तुम्हारी माँ का वास्ता ! वो सभी वहशी पन से हस्ते हुए कहते है देखो बेबी - चुपचाप हमारी बात मानोगी तो तुम्हें भी मज़ा आएगा और हम तुम्हें आसानी से मौत देंगे पर अगर ज्यादा नाटक किया तो वो खून से जंजीरें देख रही हो ना, उसी में बांधकर रात भर पेलेंगे फिर अभी - अभी जो बहार गया है ना उस लड़की की लाश को ठिकाने लगाने वो तुम्हें ऐसे ठिकाने लगाएगा की कोई भी तुम्हारी लाश देखकर उलटी कर देगा, उसे तुम लड़कियो के पेट से अटरियाँ निकालने में बहुत मज़ा आता है, वो देखे उसका ओजर । निहारिका उस और देखती है जिधर उसे वो इशारा करता है - सामने लम्बी - लम्बी बहुत सी रोड थी जो एक किनारे हुक की तरह मुड़ी हुई सी थी, उसे देखकर निहारिका के हड्डियाँ में थुरथरान होने लगी उसके पैर उसकी जिस्म का भार उठाने में नाकाम होने लगे, तभी उनमे से एक ने उसका हाथ पकड़ा और पत्थर की सेज पर जबरदस्ती लेताते हुए कहा - बहुत हूवा तमाशा जल्दी सी इस सोन चिड़ियाँ को बांधो और काम शुरू करो। उन लोगों ने उसे बांधा और उसके कपड़े उतारने लगे, एक चाकू से उसके कपड़े फाड़ने लगे एक ही पल में निहारिका उन वहशी दरिंदों के सामने पूरी नंगी बंधी थी और रहम की भीख मांग रही थी। तभी एक काला आदमी जो उनका बॉस था आपने कपड़े उतार के लेता ही था कि एक जोर दार चीख पूरे वातावरण में गूंज उठी, सभी चोक गए। बॉस ने कहा - जाकर देखो जरा, कोन है और अमन कहां है? जाकर देखो, तभी एक ओर चीख गूंजी जिसे सभी ने पहचान लिया। वो चीख उनके दोस्त की ही थी, सभी बाहर को भागने लगे, जब सभी बाहर आए तो वहां का नजारा देखकर सभी को सांप सूंघ गया। सामने एक बहुत बड़ा सा काला साया उनकी ओर पीठ करके खड़ी थी और उसके हाथ में उनके दोस्त अमन कि गर्दन थी, उस साएं ने एक ही हाथ से इतने हत्ते - कट्टे आदमी को उठा रखा था। सभी देखकर चीख पड़े, उनके बॉस ने हड़बड़ाहट में आपनी पिस्तौल निकली और उस साएं पर गोलियां चलाने लगा। पूरे जंगल में गोलियों की आवाज गूंज उठी उसने नो गोली उस साएं पर चलाई पर उसे देखकर जरा भी नहीं लगा कि उसे कुछ लगा भी है। उसने एक ही झटके में अमन कि गर्दन पर आपने पेन नाखून गाड़ दिए और एक ही पल में गर्दन धड से अलग कर दिया। उसके बाद एक गुर्रारहट वातावरण में गूंजी और वो साया उन बाकी के लोगो पर झपटी, उसने एक ही छलांग मारी और सीधे गोलियां चलाने वाले के गर्दन पकड़ ली, बाकी सभी समझ चुके थे कि इस साएं से लड़ना उनके औकात से बाहर है, इसलिए सर पे पैर रख के भागे। गोली चलाने वाले की गर्दन उस साएं की हाथ में थी और उस साएं का चेहरा वो साफ साफ देख पा रहा था, उसकी आंखे अंगार की तरह जल रही थी नुकीले दांत मुंह से बाहर झांक रहे थे, पूरा जिस्म जले हुए चमड़े जैसा था नाखून नुकीले थे और एक गन्दी बदबू सड़ी लाश की आ रही थीं।
उस साएं को देखकर उस पहलवान जैसे आदमी की भी पतलून गीली हो गई और वह चिल्ला भी नहीं पा रहा था। तभी उस आदमी ने उसके पैर देखे उल्टे हवा में लटक रहे थे वह समझ चुका था सामने एक बेहद ताकतवर चुडैल खड़ी है और वह बचने वाला नहीं है। तभी उस चुडैल ने अपने नुकीले नाखून उसके पेट में गाड़ दिए और धीरे धीरे आपने कंकाल जैसा हाथ उसके जिस्म में घुसाने लगी। आदमी उस दर्द मै आखिर जोर दार चीख पड़ा, आ ...........अ!!!!! फिर अगले ही पल उसने उस आदमी का दिल उसके जिस्म से बाहर निकाल दिया और वह वहीं चिहुंक कर रह गया। उसी के सामने निहारिका का बॉयफ्रेंड राहुल अधमरी हालत में पड़ा हुआ था वह भागने कि हालत में भी नहीं था, वह उस साएं को ओर उस आदमी की खून से भरी लाश देखकर चीख उठा, उसे लगा अब मैं भी नहीं बच पाऊंगा पर उसके अनुमान के विपरीत वह चुडैल उसे गुर कर जंगल की ओर भाग गई। उस चुडैल के जाते ही राहुल सान्न रह गया उसे विश्वास है नहीं हो रहा था कि वह उस वहशी चुडैल से जिंदा बच गया, वह एक पल शांति से बैठा ही था कि उसे निहारिका की आवाज सुनाई दी। प्लीज़ मुझे जाने दो, भगवान के लिए मुझे छोड़ दो। राहुल एक झटके से उठा पर अगले ही पल धड़ाम से गिर पड़ा, उसके पैर की हड्डी टूट चुकी थी, वह हाथों के बल घस्ट्टे हुए अंदर गुफा में पहुंचा। अंदर जाते ही उसके सामने निहारिका पड़ी हुई मिल गई, हाथ पैर जंजीरों में कैद पूरी नंगी वह तड़प रही थी आपने को उन जंजीरों से मुक्त करवाने के लिए, राहुल उसकी हालत देखकर रो पड़ा। वह घसीतिते हुए उसके पास गया और उसके हाथ खोलने लगा, एक हाथ खोलते ही निहारिका ने फुर्ती से अपने दूसरे हाथ भी खोला ओर पैर खोलकर बैठ गई। उसके सामने जमीन पर पड़ा राहुल था और वह बिल्कुल नंगी थी, उसके सभी कपड़ों को उन दरिंदो ने बेरहमी से फाड़ दिया था। उसने झिजकते हुए राहुल को उठाया और पत्थर की सेज पर बैठा के पूछा तुम तुम ठीक तो हो। राहुल ने कहा - ठीक हूं पर मेरे पैर की हड्डी टूट चुकी हैं और बाहर एक भयानक चुडैल घूम रही है हमे यहां से जल्दी निकालना होगा। तभी उसकी नजर निहारिका पे पड़ी पूरी नंगी वह आपने स्तनों को ढकने की कोशिश कर रही थी, राहुल ने कहा- तुम एक काम करो मेरी शर्ट उतार कर पहन लों जल्दी ओर यहां से भागो। निहारिका ने जल्दी ही उसकी बात पर अमल किया ओर उसकी शर्ट उतार कर पहन ली वह काफी लंबा शर्ट था जो उसके जांघों तक आ रही थी। निहारिका को वह शर्ट पहनकर आचा लगा वह झट से राहुल को कंधे का सहारा देकर उठाने लगी और बाहर आने लगे, बाहर आते ही फिर निहारिका कमजोर पड़ने लगी एक तो राहुल इतना हट्टा कट्टा नौजवान जिसे संभाना मुश्किल हो रहा था और वह अभी भी बस एक शर्ट में ही थी नीचे से नंगी वह घबराने लगी मुझे किसी ने ऐसे देख लिया तो। तभी राहुल ने स्कॉर्पियो कि ओर इशारा करते हुए कहा - देखो निहारिका उस गाड़ी के दरवाजे खुले हुए हैं हो सकता है चाबी भी वहीं हो जलदी वहां चलो। राहुल का अनुमान सही निकला गाड़ी की चाबी अभी भी लगी हूई ही थी उस कर को देखकर निहारिका को ऐसा लगा मानो कोई देवदूत उसे बचाने आ गया हो, उसने झट से राहुल को पीछे सीट पर लेटाया और खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गई और एक ही पल में गाड़ी चलने के लिए स्टार्ट हो गई। वो लोग गाड़ी आगे बढ़ने ही वाले थे कि सामने से निहारिका को दो आदमी आपनी और भागते हुए दिख गए। वो लोग वहीं थे जो थोड़ी देर पहले दरिंदगी से उसे नंगा कर रहे थे। उन्हें देखकर निहारिका का खून खोल उठा उसने गाड़ी तेजी से उनकी ओर दौड़ा दी एक ही पल में गाड़ी उन दोनों को उड़ाते हुए निकल गई, आईआरवीएम में निहारिका ने देखा उनकी छत विचात लाश, वो देखकर निहारिका को खुशी हुई बदला लेने की खुशी उसके सुंदर चेहरे पर साफ़ झलक रही थी। उसने गाड़ी सो की स्पीड में दौड़ा दी और सीधे अपने घर जाकर गाड़ी रोकी, पहले आपने कपड़े बदले फिर राहुल को हॉस्पिटल ले गई।
***************************************************** वहीं कहीं दूर किसी घर के एक कमरे में ड्रेसिंग टेबल पर बैठी एक लड़की सज सवर रही थी, वह इतनी खूबसूरत ओर गोरी चित्ती थीं कि बॉलीुड की हिरोइन भी फैल हो जाए। उसके गुलाबी होठ, नशीली आंखें और कथिला बदन किसी के भी तन मन में कामवासना जागने के लिए काफी थी। उसने आपनी घड़ी देखी और हड़बड़ा कर उठ खड़ी हुई, अरे बाप रे इतनी देर हो गई है। वह भाग के नीचे उतरी और सड़क पर दौर पड़ी, उसने एक ऑटो रोका और उसमे बैठके अपनी मन्नजिल उसे बताया। वह एक जॉब इंटर व्यू के लिए जा रही थी, वह एक गरीब परिवार की लड़की थी और पढ़ाई करने शहर अाई थी, पढ़ाई कंप्लीट होते ही उसे घर वाले बुला रहे थे अगर ये जॉब उसे नहीं मिली तो वापस जाना ही पड़ेगा उसे गाव। तभी ऑटो एक जगह पर रुकी एक आलीशान बिल्डिंग कांच जड़ी हूई ओर सामने एक बोड लगा था - BMW CARS INDIA
वो लड़की ऑटो से भागते हुए उतरी और अंदर जा के मेजबान को अपना नाम बताया - हाय! मैं नूपुर शिखावत जॉब इंटरव्यू के लिए अई हूं। उस लड़की ने उसे ऊपर भेज दिया, अंदर एक केबिन में जा के बड़े अदब से कहा - गुड मॉ्निंग सिर!!!! सामने एक तीस साल का नौजवान युवक बैठा था जो कि कंप्यूटर पर काम कर रहा था, बिना उसकी ओर देखे कहा - गुड मॉर्निंग! आइए बैठिए। नूपुर सहमति सी सामने लगी कुर्सी पर बैठ गई, उसने अब सर उठाकर उसका चेहरा देखा। देखते ही एक पल को जैसे रुक सा गया, वह उसे देखते ही रह गया। उसकी खूबसूरती देखकर वो वहीं घायल हो गया और अपना सुध बुध खो बैठा, फिर आपने आप को संभालते हुए कहा- जी आपका नाम? नूपुर ने मुस्का के अपना नाम बतलाया उसके बाद उस लड़के ने अपना नाम बताया, मैं धनराज खुराना इस शोरूम का डायरेक्टर कम मैनेजर। यह मेरे डैड की शोरूम है। उसके बाद उस लड़के ने एक के बाद एक कई सवाल पूछे जिसका जवाब नूपुर नहीं दे पाई, वो मोटर गाड़ियों के बारे में कुछ खास नहीं जानती थी, उसे लगा वो इंटरव्यू ने फेल हो गई और उसे अब गांव जाना पड़ेगा वापस हमेशा के लिए, वह सिर झुकाए बैठी रही उसकी ना सुनने के इंतजार में। तभी धनराज ने कहा - ओके! तुम्हारी नोकरी पक्की कल से काम पे आ जाना सुबह के नो बजे। उसकी बात सुनकर नूपुर दंग रह गई उसे आपनी कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था, उसने खुशी से थैंक यू कहा और बाहर चली गई। अगले दिन सुबह के नो बजे नूपुर सज संवर के शोरूम पहुंच चुकी थीं, वह बाहर से जितनी खुश लग रही थी अंदर से उतनी ही डरी हुई थी क्यूंकि वो जानती थी की ये नोकरी उसे उसकी काबिलियत पर नहीं बल्कि जिस्म की खूबसूरती के बदौलत मिली है। तभी कल का लड़का धनराज शोरूम पहुंचा उसने आते ही नूपुर के बारे में पूछा ओर देखते ही लपका। उसने उसकी आवभगत की और बातें करता रहा इसी बीच नूपुर को कई बार लगा की वो उसे वासना भारी नजर से देख रहा है पर नूपुर मजबूर थी।
आगे वो एक बहु बड़ी मुसीबत में पड़ने वाली है ऐसा उसकी चट्टी इंद्री चीख - चीख कर कह रही थी, उसने मन ही मन जो भी होगा देखा जायेगा कहा और अपने आपको संभाला.
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