अनामिका - 2 लावारिस लाश

अनामिका - 2

लावारिस लाश

बूढ़ी अम्मा कुटिलता से मुस्कुराते हुए कविता के समीप आती है, कविता मरण संन अवस्था में परी हूई थी, उसकी आंखे बंद थी, स्तन जिस्म से अलग होकर लटक रहे थे, गुप्तांग से रक्त धार बह रहा था जिससे कविता की खूबसूरत गोरी लंबी टांगे लाल हो चुकी थी। बूढ़ी अम्मा ने उसे हैवानियत से सीधा किया और अपने कंकाल जैसे हाथ उसके रक्त धार बहती गुप्तांग में डालने लगी, उसने अपना हाथ कंधे तक पूरा डाला ओर बड़ी गहराई में से एक गोल मोटी जैसा कुछ चमकदार वस्तु कविता के जिस्म से बाहर निकाला और बड़ी तेजी से मन ही मन जीत का जश्न मनाते हुए बाहर भाग गई। बाहर आकर उसने देखा कविता की बेटी की लाश सिथील पड़ीं हुई है और आग अब भी जल रही है उसने एक हाथ में जलती लकड़ी ली ओर दूसरे हाथ में वो मोटी जिसे उसने अभी अभी कविता के जिस्म से बाहर निकाला था और धीरे धीरे लड़की की लाश के गुप्तांग में अपना हाथ डालने लगी, उसने उस लड़की की लाश के अंदर उस मोटी को किसी आंतरिक पाचन ग्रंथि में छीपा दिया और आपना हाथ बाहर निकाल दिया। थोड़ी ही समय में उस लाश में हलचल शुरू हो गई, उसकी उंगलियां हिलने लगी, धीरे - धीरे वो लाश उठने लगी और आपनी आंखे खोलने लगी। ये मंजर बेहद भयानक लग रहा था, किसी कमजोर दिल के व्यक्ति को हिर्दयाघट देने के लिए काफी था। उसने अपनी आंखें खोलते ही सामने उस बूढ़ी अम्मा को देखा और अपने आपको उस गुफा में पाकर अजीब से भाव से घूरने लगी। फिर बूढ़ी अम्मा से पूछा - आप कोन हो? ओर मैं कहां हूं? मेरी मॉम कहां है? उस बूढ़ी अम्मा ने एक शैतानी जीत भारी मुस्कान से उस लड़की को देखा और उसकी सवाल का जवाब देने ही वाली थी, अंदर गुफा से एक दर्द भारी चीख सुनाई दी, वह चीख लड़की एक पल में पहचान गई, ये उसकी मॉम थी। एक ही झटके के साथ उठ खड़ी हुई और आवाज की ओर भागी मॉम मॉम!!! चिलाते हुए आखिरकार वहां पहुंच ही गई। वहां का नजारा देख कर चीख पड़ी, कविता को होश आ चुका था और वो दर्द में चीख - चिल्ला रही थी, उसके मूह से खून निकलने लगा। वह लड़की भागते हुए कविता के पास आ गई, और उसके सर को आपनी गोद में उठाकर रोने लगी, उन्होंने उसकी जान बचाने के लिए खुद को बली दे दी थी। उस लड़की ने कहा - मॉम मै आपको कूछ नहीं होने दूंगी और उन्हें आपने कंधे के सहारे उठाकर बाहर भागने लगी, वह बूढ़ी अम्मा उसे रोकने की कोशिश करती रही पर उसने उसकी एक ना सुनी, बस कविता को गाड़ी में बैठाया और गाड़ी भागने लगी। सुनसान सड़क पर उनकी सफेद फॉर्च्यूनर सो की स्पीड में भाग रही थी, गाड़ी में कविता ओर वो लड़की बिल्कुल नंगी बैठी थी, कविता के जिस्म से अब भी खून निकल रहा था और गाड़ी का सीट खून से सं चूका था। वो लड़की जिसका नाम दिव्या था बार बार आपनी मॉम को आवाज दे रही थीं और रोए जा रही थी। अतः गाड़ी एक बहुत बड़ी अस्पताल मै आ के रुकी हॉस्पिटल का नाम था - कविता मेमोरियल अस्पताल। ***************************************************** वहीँ कहीं दूर किसी सुनसान सड़क पर एक लाल रंग की स्विफ्ट कार आपने चरम सिमा में सरपट दौर रही थी, उस सुनसान सड़क में ना कोई आदमी ना किसी जानवर की जात दिखाई देता था, बस एक नीरस लम्बे घने पेड़ो से लदा विशाल जंगल था वो, गाड़ी में निहारिका और उसका बॉयफ्रेंड कम कैमरा मेन राहुल दीवान था। राहुल ने उसे टोकते हुए कहा - तुम क्या पागल हो गयी हो? इतनी तेज गाड़ी कियूं चला रही हो, अगर कुछ भी असिडेंट हूवा तो मारुती कंपनी की गाड़ी कितनी सुरक्षित है ये तो हर कोई जनता है, लाश भी ढंग से नहीं मिलेगी घर वालों को किर्या कर्म करने के लिए। निहारिका ने उसपर चिल्लाते हुए कहा - अगर जल्दी हम हॉस्पिटल नहीं पहुंचे तो यकींनन पुलिस वाले उस लड़की की लाश को भी गायब कर देंगे और हम हर बार की तरह मुह मार के रह जायेंगे। तुम्हें जिंदगी में कुछ करना भी है या नहीं? राहुल ने कहा - तुम जैसे गाड़ी चला रही हो कुछ करने के लिए जिंदगी ही नहीं बचेगी लगता है, अगर मेरी गाड़ी को एक भी डेंट लगा तो आई प्रॉमिस मैं तुम्हारी फाड़ दूंगा। निहारिका ने एक थप्पड़ मारा - बड़ा आया मेरी फाड़ने वाला, अगर इस हप्फ्ते भी खाली हाथ ऑफिस गए तो मिस्टर ढोलकिया हम दोनों की ही फाड़ेगा वो भी बिना तेल के। आखिर गाड़ी चीखती हुई अस्पताल के पास रूक गई, वो नहीं चाहते थे की किसी को भी कानो - कान खबर हो की वो लोग वहां हैं इसलिए गाड़ी अस्पताल से दूर ही पार्क करके दिवार फांदने की कोशिश करने लगे, राहुल तो एक ही पल में दीवार चढ़ गया पर निहारिका नहीं चढ़ पा रही थी। उसका मजाक उड़ाते हुए राहुल कहने लगा - इसलिए तो कहता हूँ रोज सुबह उठकर जॉगिंग किया करो, खा - खा के इतनी मोती हो गई हो एक दिवार नहीं चढ़ा जा रहा। उसकी बात सुनके निहारिका को गुस्सा आ गया और उसने टेश में आकर एक जोर दार छलांग मरी और पल में चढ़ गयी दिवार में, फिर कहा - अब बोल! बोलना हरामखोर! बिस्तर में सेक्स के टाइम तो बेबी यू आर बौइटिफुल यहाँ मोटी, तुम सारे मर्द एक जैसे होते है। राहुल हसता हूवा बोला - तुम्हें सभी मर्दो को टेस्ट करने को किसने कहा था? निहारिका ने गुस्से में धक्का दे दिया और नीचे खड़ा हो गया। अरे ए पागल लड़की, कोई इसको बोलो ऐसा नहीं करते। निहारिका ने गुस्से में कहा - बी सीरीयस! चलो जल्दी, हमे जल्दी से उस लड़की की लाश को ढूंढ़ना होगा पता नहीं इतनी बड़ी अस्पताल में उन्होंने कहाँ रखा होगा उसकी लाश को? वो दोनों अँधेरे में तीर चलाने की कोशिश करते हुए पुरे चार मंजिल बिल्डिंग में यहाँ - वहाँ भटकते रहे और आखिरकार दो घंटे बाद निहारिका को शव घर मिल ही गया, नीचे लॉबी में छिपा हूवा था। उसने झट से राहुल को बुलाया और टॉर्च निकालके अंदर जाने लगे पर दरवाजा पे ताला लटक रहा था। राहुल ने पुछा - अब तो निहारिका ने ऊपर टूटे हुए वेंटिलेटर की और इशारा करते हुए कहा - अगर तुम मुझे उठा सको तो मैं अंदर जाकर कुछ कर सकती हूँ, राहुल ने ठीक है कहा और उसे उठाया, वह आख़िरकार वेंटिलेटर से पार होने में कामयाब हो गयी। वहाँ पहुँचते ही उसे किस्मत से एक सीढ़ी मिल गयी जिसकी मदद से राहुल भी अंदर आ गया। अंदर का नज़ारा भयानक था चारों और बस लाशे ही लाशे और एक बदबू शायद किसी केमिकल की, निहारिका ने कहा - चलो जल्दी - जल्दी सभी लाशो के कफ़न उठाओ और ढूंढो उसलड़की की लाश को, करीबन चालीस - पचास लाश देखने के बाद अन्त्ततः राहुल ने कहा - निहारिका ! निहारिका जल्दी यहाँ आओ, मुझे लगता है की ये वही है। निहारिका भागते हुए राहुल के पास पहुँचती है और अपनी जीत पर मन - ही - मन खुश होते हुए एक ही झटके में कफन निकाल के फेक देती है, उस लाश की हालत देखकर नहारिका को उल्टी हो जाती है। उस लड़की के साथ किसी ने बड़ी भयनाक और हैवानियत से बलात्कार किया था, उसके गुप्तांग सूज के बहार आ चुके थे उसके होठ गायब थे, स्तन कट के बहार झूल रहे थे, उसके गुदा द्वार से कुछ अंतरियाँ बहार आकर लटक रही थी, गर्दन में एक अजीब सी बेल बहुत कड़ा बंधा हुवा था, उसकी नाक के नथने फट चुके थे, जो बयां करते थे की मरने से पहले इस लड़की ने कितना दर्द सहा होगा, कितना चीखी चिल्लाई और रोई होगी।

निहारिका उसकी हालत देखकर रो पड़ी, भले ही वो रिश्ते में उसकी कुछ नहीं लगती थी लेकिन इंसानियत को शर्मशार करती हैवानियत किसी भी भले आदमी के आँखों में अश्क लेन के लिए काफी होते हैं। निहारिका राहुल से कह उठी - इतनी हैवानियत कोई भी किसी दुश्मन के साथ भी कैसे कर सकता है, आखिर कब ख़त्म होगा ये सब, और पुलिस कियूं कुछ नहीं करती? राहुल ने उसे सँभालते हुए कहा - वो लोग भी मिले हुए हैं इस सभी मामले में और क्या? तुम जल्दी से अपने आपको सम्भालो और मेरा कैमरा दो, कुछ फोटो खींच कर यहाँ से निकल जाते है,। राहुल कैमरा लेकर लाश की फोटो खींचने ही वाला होता है की तभी दरवाजे में लगे ताले की खुलने की आवाज आने लगती है साथ ही दो चार आदमी के एक साथ होने का अहसास भी, निहारिका और राहुल एकदम डर जातें हैं, राहुल झट से निहारिका को लेकर एक अलमारी में छिपा लेता है और दरवाजा बंद कर देता है। तभी दरवाजा खुलता है चार हट्टे कट्टे आदमी अंदर आते है, अंदर आते ही देखते हैं लड़की की लाश बिना कफन के नंगी पड़ी है, उनमे से एक आदमी बोखला उठता है। ये क्या हो गया? हमसे पहले कोई यहाँ आया था, एक बूढ़े चौकीदार पर बरस पड़ता है तुम्हें ध्यान रखना चाहियें अगर ये बात बहार आ गयी तो इसका जिम्मेदार कोण होगा बताओ मुझे? वह बूढ़ा चोकीदार गिड़गिड़ाते हुए कहता है - कसम भगवान् की मैं तो शाम से यहाँ से हिला ही नहीं ये जरूर हवा से गिर गया होगा या हो सकता है भूत? एक दूसरे गुंडे टाइप के आदमी ने उस बूढ़े के गाल पर जोरदार थप्पड़ जड़ दिया, वो निढाल सा जमीन पर गिर पड़ा, फिर गुस्से में घूरते हुए कहा - कामचोर कहीं का, खुद कहीं बैठकर सो रहा होगा और बकवास करता है भूत - प्रेत । चलो जल्दी - जल्दी लड़की की लाश को गाड़ी में डालो हमे बहुत दूर निकलना है सुबह होने से पहले काम खत्म होना चाहिए । उसके बाद सभी ने कफन डालकर लड़की के लाश को उठाया और गाड़ी में डालकर बैठ गए और कुछ ही पल में वो गाड़ी कहीं ओझल हो गयी। इधर निहारिका और राहुल चैन की साँस लेते हुए बहार निकले, बहार निकलते ही राहुल ने कहा - हाश ! बाल - बाल बचे, निहारिका दीवार पर मुक्का मारते हुए भोखला कर चिल्ला उठती है - हरामखोर वहशी दरिंदे कहीं के फिर हमसे बच के निकल गए। राहुल कहता है शुक्र मनाओ उन्होंने हममे नहीं देखा वरना तुम्हारी लाश भी ऐसे ही पड़ी होती। तभी एक झटके से दरवाजा खुला और वो चार हट्टे - कट्टे नौजवान अंदर आ गए, उनमे से एक ने राहुल की खिल्ली उड़ाते हुए कहा - ज्यादा शुक्र मानाने की कोई जरूरत नहीं है हम सब आ गए हैं तुम्हारी फाड़ने , और सभी जोर - जोर से हसने लगे। निहारिका को उनकी बात सुनके और उस लड़की की लाश देखके अपना आपा खो बैठी और उसने बिना कुछ सोचे समझे उनपर धावा बोल दिया। एक के गाल पर आपने पंजे के लाल निशान बना दिए और एक को इतनी जोर डार लात उसके जननांग में मारा की वो वहीँ तरप कर लेट गया। तभी किसी ने निहारिका के सर पे रॉड मारा और वो वहीँ बेहोश हो गयी।

एपिसोड्स
1 अनामिका - 1 नापाक जिश्म का जन्म
2 अनामिका - 2 लावारिस लाश
3 अनामिका- 3 चूड़ेल का सामना
4 अनामिका- 4 राज़ पुरानी हवेली का
5 अनामिका - 5 नूपुर के खिलाफ साजिश
6 अनामिका - 6 हैवानियत
7 अनामिका- 7 हैवान की गुफा
8 अनामिका - 8 कैद से मुक्ति
9 अनामिका - 9 दरिंदे से शादी
10 अनामिका - 10 कैद से रिहा
11 अनामिका - 11 बदले की आग
12 अनामिका - 12 गजराज की जन्नत
13 अनामिका - 13 नूपुर का बदला
14 अनामिका - 14 गजराज के महल मे
15 अनामिका - 15 गजराज के खिलाफ सबूत
16 अनामिका - 16 नूपुर के अनसुलझे राज
17 अनामिका 17 - राज का पर्दाफाश
18 अनामिका - 18 नूपुर की लाचारी
19 अनामिका - 19 कहानी तांत्रिक महामया की
20 अनामिका - 20 खूनी भेड़िया
21 अनामिका - 21 गजराज का पिशाची रूप
22 अनामिका - 22 कठोर तंत्र साधना
23 अनामिका - 23 गजराज का अंत
एपिसोड्स

23 एपिसोड्स को अपडेट किया गया

1
अनामिका - 1 नापाक जिश्म का जन्म
2
अनामिका - 2 लावारिस लाश
3
अनामिका- 3 चूड़ेल का सामना
4
अनामिका- 4 राज़ पुरानी हवेली का
5
अनामिका - 5 नूपुर के खिलाफ साजिश
6
अनामिका - 6 हैवानियत
7
अनामिका- 7 हैवान की गुफा
8
अनामिका - 8 कैद से मुक्ति
9
अनामिका - 9 दरिंदे से शादी
10
अनामिका - 10 कैद से रिहा
11
अनामिका - 11 बदले की आग
12
अनामिका - 12 गजराज की जन्नत
13
अनामिका - 13 नूपुर का बदला
14
अनामिका - 14 गजराज के महल मे
15
अनामिका - 15 गजराज के खिलाफ सबूत
16
अनामिका - 16 नूपुर के अनसुलझे राज
17
अनामिका 17 - राज का पर्दाफाश
18
अनामिका - 18 नूपुर की लाचारी
19
अनामिका - 19 कहानी तांत्रिक महामया की
20
अनामिका - 20 खूनी भेड़िया
21
अनामिका - 21 गजराज का पिशाची रूप
22
अनामिका - 22 कठोर तंत्र साधना
23
अनामिका - 23 गजराज का अंत

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