चेरा की घिनौनी हरकत

लेन : एक आम आदमी तो वहां तक नहीं पहुंच सकता, लेकिन हमारे पास जादू है चलो अंतरिक्ष में।

रमेश : ( डर कर बोला)आ आ अंतरिक्ष में।

लेन : (हंस कर बोला)  रमेश अंतरिक्ष के नाम से तुम इतना डर क्यों गए?

रमेश :  लेन अंतरिक्ष में हवा नहीं होती। मैं वहां पर सांस कैसे लूंगा?

( रमेश की यह बात सुनकर लेन हंसने लगा और कहा। )

लेन : रमेश शायद तुम भूल गया तुम्हारे साथ यहां का कोऑर्डिनेटर  है।

रमेश :  ( डर कर बोला) को-ऑर्डिनेट तुम हो मैं नहीं। मैं भला अंतरिक्ष में सांस कैसे ले सकता हूं? और मुझे इतनी जल्दी मरने का शौक नहीं है।

रमेश की बातों को इग्नोर करते हुए लेन ने अपने जादू से एक स्पेस तक का पोर्टल बनाया और रमेश का हाथ पकड़ कर उसे अंदर खींचकर ले गया। 

रमेश :  ( डर कर बोला,)  तुम पागल हो गए हो, क्या मुझे मारना चाहते हो?

लेन रमेश को खींचकर अंतरिक्ष में ले गया अंतरिक्ष का दृश्य देखकर रमेश की सिटी बिट्टी गुल हो गई 

रमेश : ओ माय गॉड ओ माय गॉड! अंतरिक्ष मुझे सांस नहीं आ रही है। मैं क्या करूं, मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं। 

लेन: रमेश ! रमेश ! शांत हो जाओ, देखो, तुम सांस ले रहे हो।

रमेश : (हैरान होकर बोला ) हां, मैं सांस ले पा रहा हूं लेकिन कैसे? 

लेन: वह ऐसे कि मैंने तुम्हारे आस-पास एक कवच बना दिया है जिससे तुम जब तक मेरे पास हो, तुम कहीं पर भी सांस ले पाओगे चाहे वह  अंतरिक्ष के अंदर हो , पानी के अंदर हो या फिर आग के अंदर हो l 

रमेश : बहुत खूब यह कितनी कूल सुपरपावर है l 

लेन: चलो तो उस बच्चे को ढूंढने की प्रक्रिया शुरू करें।

रमेश : हाँ श्योर ! कृपया शुरू करें।

 

लेन: थैंक यू फॉर योर परमीशन चलो शुरू करें।

रमेश : रुको! रुको!रुको!

लेन: अब क्या हुआ ? 

रमेश : तुम्हें जो प्रक्रिया शुरू कर लेना लेकिन पहले मेरे सवालों के जवाब दे दो प्लीज!

लेन: जी सर पूछिए!

रमेश : हम अंतरिक्ष में हैं तो हम कौन से प्लेनेट पर हैं? बताओ बताओ प्लीज!

लेन: वैसे तो तुम्हें यह पता होना जरूरी नहीं है, लेकिन हम मून पर है और किसी प्लेनेट पर नहीं।

रमेश :  मुझे बताने के लिए थैंक्यू अब तुम अपनी प्रक्रिया शुरू करो इतने में मैं थोड़ा सा मून को देखकर आ सकता हूं क्या?

लेन: हां जाओ थोड़ी देर घूमो मुझे भी शांति मिलेगी।

रमेश : क्या कहा तुमने?

लेन: कुछ नहीं कुछ नहीं, तुम जा सकते हो जाओ। थोड़ी देर चांद की सैर कर आओ। इतनी देर में मैं बच्ची को ढूंढ लूंगा।

रमेश : थैंक यू लेन

और इतना कहते ही रमेश वहां से चांद की यात्रा करने के लिए चला गया और लेन ने अपनी जादुई शक्तियों से एक चमकती हुई गेंद जैसी चीज बनाई और उसे गेंद की मदद से पूरी धरती के आस-पास एक कवच बना दिया और उस बच्चे को ढूंढने लग गया।  थोड़ी देर इंतजार करने के बाद लेन को पता चला कि वह बच्चा पैरादेशीय नाम की एक जगह पर रहती है l इतनी देर में रमेश भी चंद की सैर करके लौट आया। और लेन से पूछा।

रमेश : लेन कुछ पता चला कहां मिलेगा। वह जादुई बच्चा।

लेन:  वह जादुई बच्चा पैरादेशीय  में मिलेगी।

रमेश :  पैरादेशीय लेकिन  पैरादेशीय तो बहुत बड़ा है। हम उस बच्चे को कहां ढूंढेंगे? क्या कोई निशानी है जिससे हम उसे बच्चों को आसानी से ढूंढ पाए?लेन जवाब दो।

रमेश का यह सवाल सुन कर लेन एक गहरी सोच में डूब गया और कहा।

लेन: एक जादू निशान उस बच्ची के हाथ में एक जादू निशान होगा जो कि कुछ इस तरह दिखता होगा। यह देखो 🌀 कुछ इस तरह का निशान ही उस बच्चे के हाथ के पीछे  होगा। और मेरे उसके पास जाते ही यह निशान चमकने लगेगा।

रमेश :  तो चलो उसे ढूंढने चलते हैं।

लेन: लेकिन उसे ढूंढना इतना आसान नहीं होगा और मुझे पूरा यकीन है कि चेरा को भी इसके बारे में पता चल गया होगा कि जो बच्चा उसका अंत करने वाला है, वह जन्म ले चुकी है और अब वह कहां पर है क्योंकि मेरा जादू के बारे में उसको भी पता चल गया होगा।

रमेश : इसका मतलब उस बच्चे! की जान  खतरे में है। 

लेन : हाँ 

रमेश : तो हम यहां पर क्या कर रहे हैं, चलो उसे ढूंढने चलते हैं

लेन : हाँ चलो हमें किसी भी तरीके से उसे ढूंढ कर एक सुरक्षित जगह पर ले जाना होगा।

लेन ने रमेश का हाथ पकड़ कर मून से पैरादेशीय ट्रांसफर हो गया और छोटी बच्चे की तलाश शुरू कर दी

रमेश : हम दोनो को अलग - अलग जाकर ढूंढना चाहिए  l 

लेन :  नही ! मुझे नहीं लगता कि हमें  अलग हो कर धुंडाना चाहिए। चेरा भी उस छोटी बच्ची को ढूंढ रही होगी मुझे तो कुछ नहीं होगा लेकिन तुम्हारी जान खतरे में पढ़ सकती है।

रमेश : तुम मेरी चिंता मत करो, मेरे पास छोटा-मोटा ही सही लेकिन जादू है। मैं अपनी सुरक्षा कर सकता हूं, लेकिन हमें जल्द से जल्द उस छोटे बच्चे  को ढूंढना होगा ताकि हम उसकी सुरक्षा करें।

लेन :  ठीक है लेकिन तुम अपना ख्याल रखना। और हां हम दोनों मानसिक शक्ति के साथ एक दूसरे से बातें कर सकते हैं तो कोई परेशानी आने पर तुम मुझसे संपर्क कर पाओगे। कोई भी परेशानी आने पर सबसे पहले मुझे बताना रमेश  

रमेश :अच्छा ठीक है चलो अब हम उसे ढूंढने चलें।

 इतना कहते ही रमेश और 

लेन अलग अलग होकर उस जादुई निशान वाले बच्चे  को ढूंढने लगे। तभी रमेश को तीन चार छोटे बच्चे स्कूल से घर जाते हुए दिखे। रमेश ने अंदाजा लगाया कि शायद इनमें से कोई भी वह बच्चा हो सकता है जो की चेरा का अंत करेगा या करेगी l रमेश यह जांच करने के लिए उनके पास भी  गया। लेकिन रमेश के पास जाते ही रमेश का साधु जैसा होलिया देखकर बच्चे डर गए और भाग गए। यह सब देखकर रमेश ने अपना सिर पकड़ लिया और कहा 

रमेश : ओ हो. आजकल के माता-पिता ने हर साधु को बच्चा चोरी करने वाला ही बना दिया है।

 

इतना कहकर रमेश ने सोचा कि वह इस तरह छोटे बच्चों के सामने नहीं जा सकता।तब रमेश ने अपना होलिया बदलने का डिसाइड किया।और नई जनरेशन वाला एक 20 साल का नौजवान लड़का बन गया। और अपनी तलाश जारी राखी l  दूसरी तरफ  लेन जब बच्चे को ढूंढ रहा था तब एक छोटी बच्ची ने लेन के ऊपर कीचड़ से भरी हुई बाल्टी  फेंकी। और कहा 

बच्ची : ओह हेलो मिस्टर आप शेरा के एरिया में उससे बिना पूछे नहीं आ सकते और शेरा से बिना पूछे आने का अंजाम यही होता है l

शेरा की यह बदतमीजी देखकर लेन को गुस्सा आ गया।लेकिन उस बच्चे की सुरक्षा के लिए अपना गुस्सा पी लिया। । और आगे बढ़ने लगा। लेन को आगे पढ़ने देख शेरा ने उसका रास्ता रोकते हुए कहा।

शेरा : तुम्हें एक बारी में समझ नहीं आता, क्या यह मेरा इलाका है।

लेन :(लेन ने अपना गुस्सा शांत करते हुए कहा) मिस शेरा तो क्या मैं आपके  एरिया में जा सकती हूँ ।

शेरा : तुम नहीं जा सकते ।

शेरा की इस बातमीजी के बाद लेन के सबर का पुल टूट गया और गुस्से में  बोला

लेन : बस बहुत हो गया !  पहले तो तुमने मेरे ऊपर किचड़ से भरी बाल्टी फैकी और फिर बातमीजी कर रही हो इतनी छोटी सी बच्ची और इतनी शरारती

शेरा : शरारती तो मैं हूं! और रही बात बदतमीजी की तो वह तो अभी तक मैं की ही नहीं। कहो तो करके दिखाऊ

लेन : ( हाथ जोड़कर कहा, ) बस करो जा रहा हूं ,मैं नहीं जाना तुम्हारे इलाके में।

शेरा : जाओ!जाओ! मेरे इलाके  में कोई आ भी नहीं सकता।

लेन : हे भगवान! बस वह जादुई लड़का या लड़की जिसको मैंने ट्रन करना है वह ऐसा ना हो!

जब लेन ये सब सोच रहा था तभी वहाँ पर एक लाल रंग की साड़ी पहन कर एक महिला आयी और उस ने शेरा से कहा की उसका 5 साल का बच्चा है l वो शायद इस मोहले में मिलि जाए तो क्या वो उसके एरिया में जा सकती है ? महिला की इस तरह की बात सुनकर लेन पीछे मुड़ कर उस औरत का चेहरा देखने की कोशिश की और जैसे ही लेन ने उस औरत का चेहरा दिखा लेन हैरान हो गया। क्योंकि वह औरत और कोई नहीं चेरा ही थी। चेरा को वहां पर देखकर यह तो साबित हो गया था कि वह पूरे पैरादेशीय  में छानबीन कर चुकी है अब सिर्फ यह मोहल्ला ही रह गया।अब लेन के लिए उस बच्चे को जल्द से जल्द ढूंढना और भी ज्यादा जरूरी हो गया था क्योंकि अब चेरा को पता चल गया था कि एक वही जगह है जहां पर वह अनोखा बच्चा मिलेगा जो की चेरा को मार सकता है। लेकिन इस वक्त लेन के सामने सबसे बड़ी मुसीबत शेरा थी जो की लेन को अंदर नहीं जाने दे रही थी l लेकिन लेन ने हार नहीं मानी और रमेश को उस मोहल्ले के पास बुला लिया और रमेश को सारी बातें बता दी। एक तराफ रमेश और लेन परेशान थे और दूसारी तराफ चेरा ने अपना पुरा ज़ोर उसके कातिल को धुन्डने में लगाया हुआ था l अब रात हो चुकी थी तो दोनों में से कोई भी उस बच्चों को ढूंढने के लिए नहीं निकल सकता था और ना ही चेरा और ना ही रमेश और लेन । लेन और रमेश के पास कोई भी सबूत नहीं था कि वह दोनों बच्चे को बचा भी पायेंगे या फिर नहीं लेकिन लेन ने फैसला कर लिया था कि अब चाहे कुछ भी हो जाए वह बच्चे को बचा कर रहेगा। रात होने के कारण अब लेन और रमेश कुछ भी नहीं कर पा रहा था तो उन्होंने रात को आराम कर्ने का फैसला किया। अगले दिन चेरा ने अपनी तलाश के चक्कर में उस मुहल्ले के सारे बच्चों का अपहरण कर लिया और एक आँधेरे कमरे मे छुपा दीया। चेरा की एस हरकत की वजाह से सारे मुहल्ले में आफरा - तफरी मच गई। मुहल्ले की आफरा - तफरी देख लेन और रमेश लोगों को शांत करने के लिए मुहल्ले में पहुंचे और लोगों को शांत करना शुरू किया लेकिन लोग शांत होने का नाम ही नहीं ले रहे थे। लोगों को शांत करने के लिए लेन ने लोगों से वादा किया कि वह किसी भी हालत में उनके बच्चे उन्हें वापस ला कर देगा। लेकिन लोगों का कहना था कि अब यह नया लड़का बच्चों को लेकर आएगा लोगों को लेन के ऊपर जरा सा भी भरोसा नहीं था। ऐसा माहौल देखकर लेन ने कहा,

लेन : आप सब चिंता मत कीजिए अगर मुझे आपके बच्चों को बचाने के लिए आप अपनी जान भी देनी पड़ेगी तो अभी किसी भी हालत में मैं आपके बच्चे लेकर ही आऊंगा डॉनट वरी ।

लेन की ऐसी बातें सुनकर लोगों ने कहा कि हमारे बच्चों को कोई तुम्हारी वजह से क्यों किडनैप करेगा हम तो तुम्हें जानते भी नहीं है। लेन टाइम वेस्ट नहीं करना चाहता था तो रमेश को लेकर वहां से निकल गया और बच्चों की तलाश शुरू कर दी। चेरा ने बच्चों को किडनैप कर लिया था और अब उसे सिर्फ और सिर्फ उस जादुई निशान वाले बच्चों को ढूंढना था। उस जादुई निशान वाले बच्चे को ढूंढने के लिए चेरा ने हर बच्चे के हाथ की तलाशी लेनी शुरू करी। लेकिन तलाशी में चेरा को कहां ही कुछ मिला था क्योंकि शेरा जिसके हाथ पर वह जादुई निशान था वह तो उस कमरे से पहले ही निकल चुकी थी लेकिन चेरा को इस बात के कुछ खबर नहीं थी। शेरा वहां से निकल तो चुकी थी लेकिन वह नशे की हालत में थी क्योंकि चेरा ने सबको अपने जादू से बेहोश कर दिया था। शेरा पर भी उसे जादू का असर तो हुआ था लेकिन शेरा के जादू चिन्ह ने उस पर यह जादू का असर ज्यादा देर तक नहीं रहने दिया। और अब शेरा गलियों में इधर-उधर घूम रही थी ताकि वह अपना घर ढूंढ सके। और दूसरी तरफ रमेश और लेन इधर-उधर होकर हर बच्चे को ढूंढने की कोशिश कर रहे थे। बच्चों को लापता हुए लगभग 3 घंटे बीत चुके थे l पूरे मोहल्ले में मातम का माहौल छाया हुआ था। लेन और रमेश बच्चों को ढूंढ ही रहे थे। तभी लेन को एक छोटा बच्चा इधर-उधर घूमते हुए दिखा।एक छोटे बच्चों को यूं इधर-उधर घूमता हुआ देख लेन और रमेश उस बच्चे के पास गए।और उसके कंधे पर हाथ रखा लेन के शेरा के कंधे पर हाथ रखते ही।

शेरा :(डर गई) छोड़ दो मुझे मेरे घर जाना है मुझे नहीं जाना तुम्हारे साथ जाने दो मुझे प्लीज प्लीज जाने दो मुझे कोई है बचाओ बचाओ!

लेन: शेरा शेरा शांत हो जाओगे मैं हूं। वही जिसके ऊपर तुमने कल कीचड़ फेंका था।

शेरा : ओह तो तुम मुझ से कल की बात का बदला ले रहे हो। कृपया मुझे जाने दो । आगर तुम चाहो तो मैं तुमसे माफ़ी मंगती हु कल के लिए । आई एम सॉरी! प्लीज! मुझे छोड़ दो।

इतना कहते ही शेरा बेहोश हो गई और जमीन पर गिरने लगी लेकिन शेरा के जमीन पर गिरने से पहले लेन ने शेरा को पकड़ लिया। और नीचे गिरने से बचा लिया। शेरा की यह हालत देखकर रमेश परेशान होकर कहने लगा।

रमेश: अरे यह क्या होगा शेरा को यह बेहोश क्यों हो गई? कहीं यह चेरा की तो हरकत नहीं।

लेन: यह सब चेरा ने ही किया है।

रमेश: तो फिर शेरा कैसे बच गई?

लेन:बच तो गई लेकिन चेरा के काले जादू का बहुत गहरा असर हुआ है शेरा पर।

रमेश: तो अब हम क्या करेंगे?कैसे बचाएंगे सारे बच्चों को?

लेन: सबसे पहले मैं अपने जादू से शेरा को ठीक करता हूं। और यह पता करने की कोशिश करता हूं कि वह अभी तक कहां थी और वह कहां से आ रही है?

रमेश: ठीक है तो जल्दी करो

रमेश के यह सब कहने के बाद लेन ने हाँ मे सिर हिलाया और अपने दाहिने हाथ को शेरा के सर पर सहलाने लगा। लेन के शेरा के सर पर हाथ सहलाते ही। शेरा को होश आ गया। शेरा के होश में आते ही। शेरा डर कर लेन से दूर हो गई।

शेरा : मैं यहां क्या कर रही हूं ? मेरी मम्मी को मेरी फिक्र हो रही होगी मुझे जल्द से जल्द घर पहुंचाना। होगा।

शेरा अपनी बात खत्म करने के बाद अपने घर की तरफ बढ़ने लगी। शेरा अपने घर की तरफ जा ही रही थी तभी लेन ने शेरा का हाथ पकड़कर उसे रोक लिया। शेरा ने जब पीछे मुड़कर देखा तो शेरा हैरान हो गई क्योंकि शेरा ने लेन को पहचान लिया था। लेन को देखकर शेरा बोली।

शेरा: तुम! तुम फिर से? तुम्हें मैंने कहा था ना मेरे इलाके में मेरी परमिशन के बगैर कोई नहीं आ सकता लेकिन फिर भी तुम आ गए।

( शेरा की यह सब बातें सुनकर रमेश को गुस्सा आ गया और उसने कहा। )

रमेश : भलाई का तो कोई जमाना ही नहीं रहा। एक तो हमने तुम्हारी जान बचाई और तुम हमसे बदतमीजी कर रही हो।

शेरा : ओह ! तो तुमने मेरी जान बचाई झूठे मुझे अच्छे से याद है कि मैं वहां से बच कर भाग गई थी।

रमेश : हाँ , तुम बच कर तो आ गई थी लेकिन फिर यहां बेहोश हो गई थी?

शेरा : बच तो गई थी ना मैं?

रमेश और शेरा की यह बहस सुनकर लेन ने अपनी आवाज ऊंची करते हुए कहा

लेन : चुप! चुप हो जाओ दोनों, यह वक्त बहस करने का नहीं है।

Hot

Comments

kokichi.oma.panta

kokichi.oma.panta

Loving this story, but the suspense is killing me. Give us more! 😫

2024-07-05

1

See all
Episodes
1 रामलाल की मौत
2 चेरा की घिनौनी हरकत
3 लेन ने बच्चों को बचाया
4 नकाबपोश की एंट्री !
5 बच्चों का गुनाह
6 नकाबपोश का मज़ाक
7 शेरा की परीक्षा!!
8 शेरा ने की मदद
9 एक गलतफहमी
10 रमेश की सजा
11 पहली शक्ति
12 एम्मा सोफिया और शेरा का प्लान
13 ट्यूशन
14 लेन की परीक्षा
15 नकाबपोश का नया रूप
16 नकाबपोश का उद्देश्य
17 श्रेया के मम्मी पापा पर खतरा
18 शक्ति हीन लेन
19 कोर्ट !
20 शेरा की सजा
21 रेवन का दिमाग
22 लेन की सज़ा!
23 शर्त की साचाई
24 शांति लोक में तिय्यारी
25 अतरंगी खेल
26 सुख , वीर और किरण की मौत
27 नील पुष्प की खोज
28 एक छोटी जीत
29 लेन की धमकी
30 एक नई मुसीबत
31 मुसीबत पे मुसीबत
32 शेरा की अज़ादी
33 एन्जॉय
34 आतंकवादियों का हमला
35 सज़ा पर सज़ा
36 लेन की मौत
37 ठंड का वार
38 रमेश का अपहरण
39 दुःखद कहानी
40 पास्ट
41 जोकर की असलियत
42 कहानी का दूसरा पहलु
43 नताशा की नौटंकी
44 शेरा की परीक्षा
45 चेरा की घटिया चालें
46 सच्चाई जानी !
47 बढ़ती नजदीकियां
48 नताशा का विरोध
49 नताशा की बातें
50 नताशा पकड़ी गई
51 रेवन का गुस्सा
52 चरा का आघमन
53 छिपकली का डर
54 पहेली का उत्तर
55 शेरा का सपना
56 ज़हर
57 ज़हर का तोड़
58 चेरा को बंदी बनाया
59 लेन की सजा
Episodes

Updated 59 Episodes

1
रामलाल की मौत
2
चेरा की घिनौनी हरकत
3
लेन ने बच्चों को बचाया
4
नकाबपोश की एंट्री !
5
बच्चों का गुनाह
6
नकाबपोश का मज़ाक
7
शेरा की परीक्षा!!
8
शेरा ने की मदद
9
एक गलतफहमी
10
रमेश की सजा
11
पहली शक्ति
12
एम्मा सोफिया और शेरा का प्लान
13
ट्यूशन
14
लेन की परीक्षा
15
नकाबपोश का नया रूप
16
नकाबपोश का उद्देश्य
17
श्रेया के मम्मी पापा पर खतरा
18
शक्ति हीन लेन
19
कोर्ट !
20
शेरा की सजा
21
रेवन का दिमाग
22
लेन की सज़ा!
23
शर्त की साचाई
24
शांति लोक में तिय्यारी
25
अतरंगी खेल
26
सुख , वीर और किरण की मौत
27
नील पुष्प की खोज
28
एक छोटी जीत
29
लेन की धमकी
30
एक नई मुसीबत
31
मुसीबत पे मुसीबत
32
शेरा की अज़ादी
33
एन्जॉय
34
आतंकवादियों का हमला
35
सज़ा पर सज़ा
36
लेन की मौत
37
ठंड का वार
38
रमेश का अपहरण
39
दुःखद कहानी
40
पास्ट
41
जोकर की असलियत
42
कहानी का दूसरा पहलु
43
नताशा की नौटंकी
44
शेरा की परीक्षा
45
चेरा की घटिया चालें
46
सच्चाई जानी !
47
बढ़ती नजदीकियां
48
नताशा का विरोध
49
नताशा की बातें
50
नताशा पकड़ी गई
51
रेवन का गुस्सा
52
चरा का आघमन
53
छिपकली का डर
54
पहेली का उत्तर
55
शेरा का सपना
56
ज़हर
57
ज़हर का तोड़
58
चेरा को बंदी बनाया
59
लेन की सजा

Download

Like this story? Download the app to keep your reading history.
Download

Bonus

New users downloading the APP can read 10 episodes for free

Receive
NovelToon
Step Into A Different WORLD!
Download NovelToon APP on App Store and Google Play