पाठ-2

सुबह सब तैयारी करके अनु घर से आफिस के लिए निकल चुकी थी !

वो ट्रेन में थी ! उसने आज वही पीला सूट पहन लिया था,गले में पीला दुपट्टा,और चूड़ीदार पाजामा ! बाल उसने आज खुले ही रख लिए थे ! कानो में लम्बी बालिया, अनु की खूबसूरती को चार चांद लगा रही थी !

अनु जैसै ही आफिस के अन्दर घुसी, सामने रिसेप्शन पर बैठे अरविंद की आंखें उसे घूरने लगी,अनु पास से निकल कर अपनी सीट तक पहुंची,पर्स एक साइड रखा और पानी की बोतल निकाल कर पानी पीने लगी !

जैसे ही उसने आंखें ऊपर उठाई सारा आफिस उसे ही देख रहा था ! एक दम से अनु झेप सी गई,और अपनी सीट पर बैठ गई !

तभी अनीता आ गई और बोली : क्या बात है मैडम आज ये पीली बिजलियां किस पर गिराने का इरादा है ?

अनु: क्या बिजलियां ?

अनीता : अरे मैडम पहली बार आज आफिस में सूट पहन कर आई हो एक एक अंग साफ साफ दिख रहा है !

अनु : क्या बोले जा रही हो ऐसा कुछ नही,सिम्पल तो हू !

अनीता : नही यार कसम से,रोज वही जीन्स और ढीली सी टी-शर्ट में देखा तुझे,आज सूट में बहुत सुंदर लग रही हो ! आज कोई तो पटेगा !

अनु जरा गुस्से से : अनीता कितनी बार कहा कि ये बकवास मत किया कर,नफरत है मुझे प्यार और पटने वालो और पटाने वालो से !

अनीता : अच्छा बाबा माफ कर दे,गुस्सा क्यो होती है जो लगा कह दिया !

अनीता यह कर अपने टेबल की तरफ चल पडी,जाते जाते ये कहना नही भूली : आफिस के बाद जाना है आज पक्का !

अनु अपने काम में व्यस्त हो गई !

काम करते करते कब आफिस खत्म होने का समय हो गया,अनु को पता ही नही चला !

अनीता अपना पर्स सम्भाल रही थी और अनु की तरफ आते हुए बोली कि चल अब मेरा काम तो खत्म हो गया १० मिनट रह गये आफिस का समय खत्म होने में !

अनु : हा बस मेरा भी हो गया,चल ! यह कह कर दोनों आफिस से बाहर हो गई !

बाहर अरविंद खडा था जो अनु को देखते ही बोला : अनु तुम आज बहुत सुंदर लग रही हो ये बात में सुबह कहना चाहता था लेकिन कह नही पाया !

अनीता अनु की तरफ देख कर मुस्कुराने लगी !

अनु ; थैंक्स !!

ये कह कर अनु और अनीता आगे बढ गई !

कुछ दूर पैदल चल कर ही शानदार रेस्टोरेंट बीयर बार था !

चलते-चलते अनीता ने अनु की तरफ देखते हुए बोला : किस किस को रोको गी आज तारीफ करने से ? क्या मेरी तरह सबको अपना गुस्सा दिखाओ गी ?

अरविंद बहुत ही अच्छा लडका था,और देखने में बहुत ही आकर्षक था ! अनु मन ही मन जानती थी कि अरविंद उसे पसंद करता है ! लेकिन बस अनु अपनी बीती हुई भयानक जिंदगी को याद करके अरविंद को अनदेखा कर देती थी !

अनीता : अरे मैडम कहां खोई हो रेस्टोरेंट आ गया !

अनु बस यूं ही चलते चलते ख्यालों में खो गई थी !

अनु : हा चल अन्दर चलते है !

दोनों बार के अन्दर पहुंच गई अन्दर हल्की रोशनी में फ्लोर पर बेहद सुंदर म्यूजिक पर एक लडकी धीमा से संगीत पर डांस कर रही थी !

सब टेबल भरे हुए थे ! साईड के दो टेबल खाली थे !

अनु को ये सब थोडा अपपटा सा लगता था क्योंकि ये सब उसे उसकी पिछली जिंदगी की याद दिलाता था !

अनु और अनीता एक टेबल पर बैठ गई , जहां से सब टेबल दिखते थे !

अनीता : यार कितना रोमांटिक है ना सब कुछ ! मैं तो एक बीयर जरुर पियूगी !

अनु : हां जो मरजी पी,तू आई किसलिए है लेकिन उतनी पीना कि हम घर जा सके !

अनीता ने वेटर को एक बीयर और कुछ खाने का आर्डर दे दिया ! और दोनों उस मधुर संगीत को सुनते हुए अपने आर्डर का इंतजार करने लगी..........

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