उसने कहा कि मेरे पास विडियो अभी तो नहीं वह मेरे घर में है। प्रिंस उससे कहता है कि आप हमारे घर वह वीडियो लेकर आ सकते हैं ताकि वह घर वालों को दिखा सके कि उसने वीरु को नहीं मारा बल्कि उसे पत्थर से टकराने की वजह से चोट लगी है । तो उसने हां कहा और कहा कि मैं कल शाम को वीडियो लेकर तुम्हारे घर आ जाऊंगा ।
दोनों अलग होकर अपनी घर की दिशा की ओर बढ़ने लगते हैं और प्रिंस अपने घर आ जाता हैं आज वह बहुत खुश था क्योंकि उसे पता चल गया था कि वह वीरू की हालत के लिए जिम्मेदार नहीं है । बहुत दिनो बाद उसे थोडी़ खुशी मिली थी।
उधर उसी दिन वीरू को भी होश आ जाता है और शाम तक वह पूरी तरह बात करने की हालत में आ जाता है और वह उसकी मां से पूछता है सभी कहा है , प्रिंस कहां है वह मुझे देखने नहीं आया तो उसकी मां घर में हुए पूरी घटना उसे बताती है वीरू के पिताजी भी वही थे यह सब सुनने के बाद वीरु ने बताया कि उसे गेद नही लगी बल्कि वह चक्कर खाकर नीचे गिर गया था तभी उसे चोट लग गई होगी।
उधर घर पर सब थे ।छोटे दादा, बड़े दादा ,उसके भाई बहन, प्रिंस की मम्मी ,प्रिंस ,सभी घर पर थे। तभी उसी समय वहां प्रिंस के दोस्त का भाई आता है और वह घर वालों को वीडियो दिखाता हैं वे सब देखते हैं कि वीरू खुद गिर गया था और उसे पत्थर से चोट लगी थी यह देखकर सब घर वालो की आंख में आंसू आ जाते हैं और वे प्रिंस को जिम्मेदार ठहराने के लिए उससे माफी मांगते हैं।
तभी प्रिंस के दोस्त का भाई कहता है कि इन दोनों भाइयों की दोस्ती बहुत गहरी है वे दोनों भाई दो जिस्म एक जान की तरह हैं वे एक दूसरे को कैसे हानि पहुंचा सकते हैं उसने सब घरवालों को तलाब में हुई घटना के बारे में भी बताया कि कैसे प्रिंस ने अपनी जान पर खेलकर वीरू की जान बचाई थी जबकि प्रिंस को भी अच्छे से तैरना नहीं आता यह सब सुनने के बाद अब घर वालों के ह्रदय में प्रिंस के लिए प्यार बड़ जाता है।
अगले दिन विरू उसके पापा और उसकी मम्मी अस्पताल से घर आते हैं और वीरू के पापा चिराग, प्रिंस से माफी मांगते हैं। वीरू और प्रिंस एक दूसरे से गले मिलते हैं और उनका परिवार फिर से सब कुछ भुला कर एक साथ रहने लगते है।
वे दोनों बहुत खुश होते हैं थोड़ी दिनो बाद जब वीरू पूरी तरह ठीक हो जाता है तो वह प्रिंस को बताता है कि उनके स्कूल में भाले फेंक ,गोला फेंक और तवा फेक जैसे कार्यक्रम होते हैं उसने प्रिंस को कहा कि तुम भी इस तरह के कार्यक्रम में क्यों भाग नहीं लेते । तो उसने बताया कि उनके स्कूल में यह सब कार्यक्रम नहीं होते।
तो उसने प्रिंस को उसके पापा से बात करके उनसे सामान मंगवाने के लिए कहा । शाम को जब विमल काम से वापस आता है तो प्रिंस उससे डरते हुए पूछता है कि आप मेरे लिए भाला तवा और गोला ला देगे इस बार विमल उसे नहीं डांटता और उसके लिए सामान लाने का वादा करके चला जाता है ।
वह बहुत खुश होता है और 2 दिन बाद विमल सामान भी ला देता है । प्रिंस और वीरू एक साथ उसके खेल पर अच्छे से मेहनत करते हैं इंटरनेट से नये तरीके सीखते हैं और गर्मी के महीने में पूरी कड़ी मेहनत करते हैं छुट्टी खत्म होने के बाद विरू फिर अपने स्कूल चला जाता है।
6 महीने बाद जिला स्तरीय कार्यक्रम होते हैं जिसमें प्रिंस ने भाले और गोला फेक कार्यक्रम में हिस्सा लिया वह अपने पापा के साथ कार्यक्रम में भाग लेने जाता है और वहां दोनों कार्यक्रमों में पहला आता है अब वह राज्य स्तरीय कार्यक्रमों में भी भाग लेने लगता है और वहां भी जीत जाता है ।
अब उसके पापा उस पर बहुत गर्व करने लगते हैं ।और उसे अब पहले से ज्यादा प्यार और इज्जत मिलती है।
उस दिन सभी बैठकर प्रिंस की जीत की खुशी (पार्टी) मना रहे थे तभी उसके चाचा ने प्रिंस को कुछ कहने को कहा तब वह कहता है कि जितना प्यार मुझे अब मिला है उतना कभी नहीं मिला मैं वीरू को इसके लिए धन्यवाद करता हूं कि उसने मेरी कला को एक अच्छा मोड़ दे दिया जिसके कारण मुझे आज सब लोगों से प्यार मिल रहा है और सबको मुझ पर गर्व है। वह घर के सभी लोग का धन्यवाद करता है फिर बैठ जाता है।
तभी विमल खड़ा होता है और कहता है कि हम हमेशा तुमसे बहुत प्यार करते थे हम चाहते थे कि तुम भी वीरू की तरह होशियार हो, आगे बढ़ो इसलिए हम तुम्हें डांटते थे हमारी डांट को तुमने गलत समझा।मां बाप के लिए सभी बच्चे एक से होते हैं ।
हां मैं मानता हूं कि तुम्हें दोनों बच्चे से कम प्यार मिला क्योंकि तुम बीच में पैदा हुए थे । मैं यह भी मानता हूं की बड़े को सबसे ज्यादा प्यार मिलता है क्योंकि वह बड़ा है और छोटे को भी उतना ही प्यार मिलता है क्योंकि वह सबसे छोटा है बीच वाले को उतना प्यार मिल नहीं पाता । इससे तुम्हें लगा कि हम तुमसे प्यार नहीं करते हम भी तुमसे बहुत प्यार करते हैं । हां मेरा तुम्हें पढ़ाई के वक्त मारना गलत था इसके लिए मै तुमसे क्षमा मांगता हूं।
हर व्यक्ति की अलग-अलग विशेषताएं होती है और तुमने अपनी विशेषता को साबित भी कर दिया मैंने जो किया उसके लिए मुझे क्षमा करना और विमल यह सब बोलकर प्रिंस को गले लगाने के बाद बैठ जाता हैं।
सब पार्टी का आनंद लेते हैं। इस तरह प्रिंस को जिंदगी में अपने परिवार का प्यार मिल जाता है और वह पहली जिंदगी की पहली चुनौती में पार हो जाता है। फिर वह खुशी-खुशी अपने परिवार के साथ जिंदगी बिताता है।
कुछ महीने सब ठीक चलता है सभी हंसी-खुशी अपनी जिन्दगी बिताते है फिर एक दिन जब वीरू स्कूल में खेल रहा था तब वह फिर उसी जगह टकरा जाता है जहां उसे चोट लगी थी इस बार खुन तो नही निकलता लेकिन टक्कर के कारण उसे फिर तकलीफ होने लगती है ।
1 दिन बाद चिराग उसे घर लेकर आ जाता है और उसका सारा चेकअप कराता है चेकअप से पता चलता है कि अब वह नहीं बच सकता उसका चोट वाला भाग बहुत तेजी से गलने लगा है जिस कारण घर में फिर से दुख जैसा माहौल फैल जाता है चिराग घरवालों को बताता है कि वह अब कुछ दिनों का ही मेहमान है। प्रिंस अपनी स्कूल की पढ़ाई छोड़कर अब वीरू के साथ ज्यादा समय बिताने लगता है सब वीरू का ध्यान रखते हैं उसकी हर ख्वाहिश को पूरा करते हैं ।
10 दिन बाद उसकी तबीयत और बिगड़ने लगती है अब वह अस्पताल में ही रहता है वीरू को भी अब लगने लगता है कि अब उसकी मृत्यु निकट आ रही है वह घरवालों को बुलाता है सबसे कुछ कुछ बातें करता है। वह उनसे आग्रह करता है कि हमारा परिवार जैसे जुड़कर रह रहा है वह वैसे ही हमेशा एक साथ जुडकर रहे , हर दुख -सुख मे एक दूसरे का साथ दे कभी भी अलग न हों। वह अपनी तरफ से सबको प्यार देने की कोशिश करता है।
अब प्रिंस से बात करने की बारी आती है वह प्रिंस से कहता है कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं तुम ही मेरे जिंदगी के अहम हिस्से थे अगर तुम ना होते तो मेरी जिंदगी अधूरी रहती धन्यवाद! कि तू मेरी जिंदगी में थे वह कहता है कि तुम मुझे वादा करो कि तुम अच्छे से पढ़ेगे और पूरे भारत में हमारा नाम रोशन करेगा मेरी इच्छा थी कि मैं भारत में टॉप करूं और नाम कमाऊ लेकिन अब यह तो पूरा नहीं हो सकता इसलिए मैं तुमसे मेरी इच्छा को पूरा करने के लिए वादा चाहता हूं मैं यह भी चाहता हूं कि तुम खेल को भी जारी रखो और उसमें भी अपना नाम कमाओ क्योंकि यह तुम्हारी इच्छा है।
मैं जानता हूं कि मैं तुम पर बोझ लाद रहा हूं पर । तभी प्रिंस कहता है मै तुम्हारे लिए सब कुछ करूंगा मैं तुम्हारी हर ख्वाहिश पूरी करूंगा । यह सुनने के बाद वीरू सोने लगता है क्योंकि उसे नींद का इंजेक्शन दिया गया था ताकि उसे कम पीड़ा हो । अगले दिन सुबह- सुबह ही उसकी मृत्यु हो जाती है वह परिवार वालो से मिल भी नहीं पाता। प्रिंस की आधी दुनिया खत्म हो चुकी थी वे उसका अंतिम संस्कार करते है ।
जब रात को प्रिंस अपने कमरे में आता है तो उसे वह सारी बातें शुरू से आखिर तक याद आने लगती है कि वे कैसे शरारत करते थे तकीये को देखकर उसे तकीये से लड़ने की यादें ताजा हो जाती है उनका इधर-उधर भागना उसे याद आने लगता है। खेल के सामान को देखकर उसे याद आता है कि कैसे वीरू ने उसे खेल सीखने में मदद की थी।
उसने वीरू से यह भी वादा किया था कि वह उसकी मां का पूरा ध्यान रखेगा उसे उसका भी प्यार देगा प्रिंस वैसे ही करता है वह उसकी मां का ध्यान रखता है क्योंकि वीरू की मौत के बाद उसने खाना पीना छोड़ दिया था । प्रिंस खाना लेकर उसके पास जाता और उसे शांत कराता है और खाना खिलाता है वीरू की मां प्रिंस से गले लगकर रोती है ।
थोड़े दिनों बाद माहौल थोड़ा शांत होता है अब प्रिंस बहुत मेहनत करता है खेल में भी और पढ़ाई में भी। प्रिंस टॉप 10 में अपना स्थान हासिल कर लेता है और वही खेल में भी कई मेडल लाता है वह सारी चीजों को वीरु के फोटो के सामने रख देता है और कहता है कि मैंने तुम्हारा वादा पूरा किया और भावुक हो जाता है ।
अब वह आगे कॉलेज में भर्ती लेता है बाकी की कहानी कॉलेज में पूरी होगी ।
# साथ छूटने का दुख तो सबको होता है लेकिन हमें उसे छोड़ कर आगे बढ़ना ही पड़ता है।
# यह कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हर व्यक्ति एक समान नहीं होता जिस प्रकार हाथों की सारी उंगलियां एक बराबर नहीं होती लेकिन हाथ को पूरा करने के लिए सबका अलग अलग महत्व होता है उसी तरह सब में एक जैसी विशेषता नहीं होती । हमें अपने आप में वह विशेषता ढूंढने की जरूरत है ।
# इस कहानी में यह भी है कि जो जैसे दिखता है जरूरी नहीं कि वह वैसा ही हो।
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