उसके दादा उसके बडें भाई और छोटी बहन को ज्यादा प्यार करते थे उनके ज्यादा करीब थे । प्रिंस हमेशा बदमाशियों में ही लगा रहता था इसलिए वे उसे ज्यादा पसंद नहीं करते थे और उसके छोटे दादा अपने दोनों पोतो को ज्यादा प्यार करते थे इस पर भी प्रिंस को लगता कि उससे कोई घर वाला प्यार ही नहीं करता।
अगला साल आ जाता है और अब दोनों पांचवी में पढ़ रहे थे वे दोनों इस साल नवोदय की परीक्षा दिलाते है और थोड़े दिनों बाद नवोदय का परिणाम भी आ जाता हैं ।
नवोदय में वीरू का चयन हो जाता हैं लेकिन प्रिंस का नहीं हो पाता । तब उसके पापा उसे बहुत डांटते हैं और कहते हैं कि तुम तो बेकार है मैंने तुम पर अपना इतना समय लगाया फिर भी तुम परीक्षा पास नहीं कर पाए तुमने मेरी मेहनत को पानी में मिला दिया यह कहते हुए वह बाहर चले जाते है ।
प्रिंस को भी अपने आप पर बहुत गुस्सा आ रहा है और उसे दुख भी हो रहा था कि उसका चयन नहीं हुआ । अब उसे एक और चीज का दुख हो रहा था कि वह वीरू के साथ नहीं रह पाएगा।
कुछ दिनों बाद वीरू नवोदय चला जाता है वह बहुत अकेला पड़ जाता है और अपने कमरे में ही अकेला रहने लगता है । कभी-कभी मन बहलाने के लिए वह अपने छोटे भाई- बहन के साथ कुछ खेल लेता था नहीं तो वह अपने कमरे में एक मरे हुए व्यक्ति की भांति पड़ा रहता।
छुट्टियों में वीरू जब घर आता था तो प्रिंस जी उठता था लेकिन अब वीरू भी पहले के जैसे नहीं रहा वह अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देता और इधर उधर की बातें ,खेलने में ज्यादा ध्यान नहीं देता था। लेकिन अभी भी वह प्रिंस को ही अपना सबसे प्यारा दोस्त मानता था अब भी उन दोनों के बीच में उतना ही प्यार था जितना बचपन में था।
अब दोनों 15 साल के हो चुके थे प्रिंस गांव में रहने के कारण वह सब कुछ जानता था जो एक गांव का लड़का जानता है । जब भी वीरू नवोदय से आता दोनो बैठकर पूरे गांव की चुगलियां भी करते।
एक दिन वे दोनों तालाब में नहाने जाते है तलाब में पानी भरा हुआ था तभी अचानक वीरू का पैर फिसल जाता है जिस कारण से वह डूबने लगता हैं प्रिंस को भी गहरे पानी में अच्छे से तैरना नहीं आता था लेकिन वीरू को डूबता देख कर वह अपनी जान की परवाह ना करते हुए उसे बचाने गहरे पानी में दौड़ पड़ता है और उसे बचा लेता है।
उन्होंने तालाब में डूबने वाली बात घर पर किसी को नहीं बताई । फिर कुछ दिनों बाद प्रिंस और वीरू क्रिकेट खेलते हैं । तब प्रिंस गेंद फेंक रहा था और वीरू बैटिंग कर रहा था । शुरु शुरु में तो सब ठीक चलता है लेकिन एक बार जब प्रिंस गेंद फेंकता है तो इतनी तेज फेंकता है कि मानो वह बिजली की गति से भी तेज हो । उस समय वह गेद वीरु के कान के किनारे से गुजरता है और वह नीचे गिर जाता है और किनारे पड़े पत्थर से उसका सर टकरा जाता है और उसके सर से खून निकलने लगता है ।
प्रिंस दौड़कर वहा जाता है और उसके सर को अपने गोदी में रखता है और वीरू को उठाने की कोशिश करता है तभी प्रिंस की मां देखती है और सभी घर वालों को आवाज देती है सारे घर वाले नीचे आते हैं और वीरू को अस्पताल ले जाते हैं और वहां उसका इलाज होता है। जब सब अस्पताल जाते है तो घर में केवल प्रिंस, उसका भाई और उसकी बहन ही थे।
अस्पताल में घर वालों को पता चलता है कि वीरू कोमा में चला गया है अगले दिन सुबह सभी लोग घर आते हैं। चिराग भी थोड़ी देर बाद घर आ जाता है और प्रिंस को बुलाकर उस पर चिल्लाने लगता है वह कहता है कि तुमने वीरू को इतनी जोर से गेंद क्यों मारी , तुम्हारी वजह से वह कोमा में चला गया है तुम्हें इतनी तेज बॉल फेंकने की क्या जरूरत थी अब तुम्हारी वजह से ना जाने वह कब तक बिस्तर में पड़ा रहेगा और ना जाने कब उसे होश आएगा।यह तुमने क्या किया कहकर उसे थप्पड़ मार देता है।
प्रिंस ने कभी चिराग का ऐसा रूप नहीं देखा था वीरू की मां अस्पताल में रूकी थी इसलिए प्रिंस को सहारा देने वाला भी अभी कोई नहीं था लेकिन इस बार यह देखकर कि चिराग ने उसके बच्चे पर हाथ उठाया प्रिंस की मां चिराग पर गुस्सा करती है और वह चिराग पर चिल्लाती भी है । उन दोनों के बीच बहुत बहस हो जाती है तभी विमल भी वहां आ जाता है वह भी प्रिंस की मां का ही पक्ष लेता है और वह कहता है कि हमने तो कभी तुम्हारे बच्चे पर हाथ नहीं उठाया चाहे कुछ भी हो ,तुमने कैसे हमारे बच्चे पर हाथ उठा दिया इस सबसे बहस और बढ़ जाती है ।
उन दोनों का जुड़ा हुआ परिवार टूट जाता है और उन दोनों के परिवार के बीच एक अनचाही दीवार खड़ी हो जाती है। इस बार बहस में प्रिंस को लगाता है कि उसके मम्मी पापा उसका साथ देते हैं क्योंकि अब तक कभी भी उसके मम्मी पापा ने उसका साथ नहीं दिया था , वे हमेशा ही उसे डांटते और टोकते थे।
प्रिंस के पास भी कोई सबूत नहीं था कि उसने यह नहीं किया क्योंकि वह गेंद फेंकते वक्त लड़खड़ा गया था जिसके कारण उसे भी नहीं दिखा कि वीरू को गेद से चोट लगी या पत्थर से जिस कारण से उसे भी लगता था कि वह ही उसके हालत लिए जिम्मेदार है ।
लड़ाई खत्म होने के बाद वह अपने कमरे में आता है तभी उसके पापा भी वहां पहुंच जाते हैं और वे भी उसे सुनाने लगते हैं क्योंकि वे जानते थे कि प्रिंस कितनी तेज गति से गेंद फेंकता है यदि वह किसी को लगे तो उसकी जान ही चली जाए।
कुछ दिनों तक प्रिंस अपने कमरे में ही गुमसुम रहता है। एक तो अपने प्रिय मित्र / भाई के पास ना होने और खोने का डर और ऐसा करने का कारण वह खुद । यह सोचकर उसे अपने आप पर ही गुस्सा आता। कुछ दिन ऐसे ही बीतते हैं ।
एक दिन जब वह बाजार में सामान खरीदने गया था तो बाजार में उसे उसके दोस्त का भाई मिल जाता है जो उसके स्कूल में ही पढ़ता था और उसके घर के पीछे वाले घर में ही रहता था। वह पूछता है कि वीरू की तबीयत कैसी है जब उसने पूछा तो प्रिंस को लगा कि उसे कैसे पता चला क्योंकि प्रिंस के घर वालों ने इस बात को किसी को घर के बाहर बताने से मना किया था (क्योंकि उनके दादाओं ने मिलकर निर्णय लिया था कि बाहर के लोगों को यह पता नही चलना चाहिए कि वीरू कोमा में है, क्योंकि यह बात लोगों को पता चलेगी तो लोग प्रिंस को खूनी समझेंगे और वीरू के हालत के लिए जिम्मेदार भी ठहरायेंगे ) । लेकिन जब उसके दोस्त के भाई ने पूछ ही लिया था तो प्रिंस उसे कैसे नही बताता वह सब बात गंभीरता से बताता है और उससे किसी को न बताने का वचन लेता है।
सब कुछ सुनने के बाद उसके दोस्त का भाई उसे बताया कि जब वे दोनो खेल रहे थे तब वह छत पर वीडियो बना रहा था तो उसने देखा कि तुम्हारा गेद उसके कान के पास से निकल गया तभी वह गिर पड़ा और उसे पास का पत्थर लगा। वह कहता है इसके आगे उसने कुछ नहीं देखा क्योंकि उसकी मां ने उसे नीचे बुला लिया था और वीडियो बनाना बंद करके वह नीचे आ गया था उसने बताया कि उसने इसे वीडियो में भी रिकॉर्ड किया है।
वह कहता है कि मैं सब जानता था इसीलिए मैने तुमसे पूछा । यह सब कुछ जानने के बाद प्रिंस उसे और बताता है कि विरु कोमा में चला गया है और इस सब के कारण उसके घर में बहुत लड़ाई हो गई है । उसने उससे पूछा कि क्या आप मुझे वह वीडियो दे सकते हों ।
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