सुबह की हल्की धूप मिश्रा हाउस की खिड़कियों से छन-छनकर भीतर आ रही थी। आँगन में रिश्तेदारों की चहल-पहल, बच्चों की किलकारियाँ और बड़े-बुजुर्गों की हिदायतें मिलकर ऐसा माहौल बना रही थीं मानो पूरा मोहल्ला शादी के रंग में रंग गया हो।
अमृता अपनी सहेलियों के साथ कमरे में बैठी तैयारियों पर नज़र रख रही थी। तभी मौसी अंदर आईं और बोले –
“अरे बिटिया, इतनी सिंपल ड्रेस क्यों पहनी हो? दुल्हन की बहन होकर भी ऐसे सादी-सादी लग रही हो।”
अमृता हँसते हुए बोली –
“मौसी, अगर मैं ही दुल्हन जैसी लगूँगी तो भाभी की शोभा कौन बढ़ाएगा?”
इस जवाब पर पूरा कमरा ठहाकों से गूंज गया।
इधर वरुण अपने दोस्तों संग बारात की प्लानिंग कर रहा था। उसकी माँ बार-बार समझा रही थी –
“वरुण, देखो बेटा, बैंड वाले से कहना कि शुद्ध शहनाई बजाए। पिछली बार शादी में उन्होंने फिल्मी गाने बजा दिए थे, सब बुजुर्ग नाराज़ हो गए थे।”
वरुण ने हँसकर कहा –
“माँ, इस बार मैं DJ से एंट्री लूँगा। बैंड-बाजा आउटडेटेड हो गया है।”
बुआ जी ने तुरंत टोक दिया –
“DJ? अरे हमारे ज़माने में तो दूल्हा घोड़ी पर चढ़कर राजा बनकर आता था।”
वरुण ने शरारती अंदाज़ में जवाब दिया –
“बुआ जी, आजकल के राजा DJ पर ही नाचते हैं।”
सभी हँसते-हँसते लोटपोट हो गए।
दोपहर में सजावट देखने के दौरान अमृता और वरुण की टकराहट हो गई।
अमृता – “तुम्हारी DJ की जिद से बारातियों के लिए मिठाई कम पड़ जाएगी।”
वरुण – “मिठाई बाद में बाँट देंगे, पहले शादी का डांस हिट होना चाहिए।”
अमृता गुस्से में जाने लगी, तभी वरुण मुस्कुराकर बोला –
“वैसे… लाल रंग में तुम बेहद अच्छी लग रही हो।”
अमृता ने मुस्कान छिपाने की कोशिश की और बोली –
“ये फ्लर्टिंग का समय नहीं है।”
लेकिन दिल की धड़कनें दोनों की तेज़ हो चुकी थीं।
शाम को हल्दी की रस्म शुरू हुई। रिश्तेदारों ने हल्दी ऐसे लगाई जैसे कोई रंगोली बना रहे हों। वरुण के दोस्तों ने तो उसे पूरे “पीले पुतले” में बदल दिया।
अमृता हँसते-हँसते बोली –
“अब लग रहे हो असली दूल्हा, बिल्कुल ‘हल्दी बाबू’।”
वरुण ने मज़ाक में कहा –
“तुम्हें ही तो मेरा यह रूप पसंद आएगा।”
पूरा घर खिलखिलाहट से गूंज रहा था।
इसी बीच, अमृता का फोन बजा। उसने अनजान नंबर देखा और कॉल उठाई। दूसरी तरफ से धीमी, रहस्यमयी आवाज़ आई –
“शादी में सब कुछ वैसे नहीं होगा जैसा तुम सोच रही हो… सावधान रहो।”
अमृता चौंक गई। उसने तुरंत पूछा –
“कौन बोल रहा है? आप कौन हैं?”
लेकिन लाइन कट चुकी थी।
उसका चेहरा पीला पड़ गया। पास खड़ी सहेली ने पूछा –
“क्या हुआ अमृता? इतनी घबराई क्यों लग रही हो?”
अमृता ने बात टाल दी –
“कुछ नहीं… शायद गलत नंबर था।”
पर उसके दिल में डर घर कर चुका था। हंसी-ठिठोली और डांस के बीच अब उसे लग रहा था जैसे कोई परछाईं छुपकर सब देख रही हो।
उधर वरुण, जो अब तक मज़ाक-मस्ती कर रहा था, अचानक अमृता की उदासी नोटिस करने लगा।
वह पास आकर बोला –
“क्या हुआ? तुम इतनी चुप क्यों हो गई?”
अमृता ने हल्की मुस्कान के साथ कहा –
“कुछ नहीं… बस थक गई हूँ।”
लेकिन उसके मन में वही रहस्यमयी आवाज़ गूंज रही थी।
“शादी में सब कुछ वैसे नहीं होगा…”
क्या यह सिर्फ मज़ाक था या किसी बड़ी साज़िश की आहट?
शादी की खुशियों के बीच यह नया सस्पेंस किस तूफ़ान को जन्म देने वाला था?
(एपिसोड 2 समाप्त – जारी रहेगा…)
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Updated 22 Episodes
Comments
LOLA SANCHEZ
I don't usually read this genre, but this author has converted me! 🤩
2025-09-16
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