“Kambakht Ishq! Shuruaat Mein Sweet, Aakhir Mein Defeat”

“Kambakht Ishq! Shuruaat Mein Sweet, Aakhir Mein Defeat”

Episode-1: Rudraksh Pratap Rathore

Banaras, Uttar Pradesh

" तुमने सुना क्या?"

" आज की news? सुनी है यार! अब ना जाने क्या ही earth shaking तबाही वाली news Rudraksh Pratap Rathore देगा आज रात की prese conference में!"

" जो भी हो हमें क्या ही करना? मैं तो सिर्फ उसकी Body Builder plus A-listed actor जैसी Body and Personality को देखने जाऊंगी! हाय हाय! मैं वारी जाउ उसके फिगर पर! क्या बन्दा है यार!" अपना red sling Bag कंधे पर डाले कॉलेज जाने वाली लड़की ने अपनी सहेली से मुस्कुराते हुए कहा ।

" हाँ-हाँ! तुम तो सिर्फ शक्ल सुंदरता पर ही मरी जाती हो तो तुम तो ऐसा कहोगी ही ना। तुमको पता नहीं कितना गुस्सेल इंसान हैं वो। "

" अरे यार! फिर से शुरू मत हो जा। Please!" red sling bag वाली लड़की ने अपना मुँह बनाते हुए कहा।

" बाढ़ में जाए तेरा अरे यार! धरती पर अब तुम्हारे जैसी लड़कियाँ की नई प्रजातियाँ पैदा हो रही है जो जानबुझ कर ' मेरा अब्दुल्ला ऐसा नहीं है' कह कर, वही गलती करती हैं जिसे करके पहले ही ऊपर पहुंच गई हैं।"

" । was talking about Rudraksh Pratap Rathore for your kind of information मैडम!"

" तो वो भी तो एक handsome चमड़ी में गुस्सेल वाला red fort है। क्याहीं अंतर है दोनों में!"

"………"

" तुम लड़कियो ने ही ऐसे लड़कों को शय दे रखी है । just don't give such man any attention और उन्हें उनकी हद और औकात दोनों पता चल जाएगी।"

Red sling bag लड़की ने अपनी सहेली की पीठ पर एक थप्पड़ लगाते हुए कहा, " चुप कर अपना भाषणा ज्ञानचंद! I was just joking और तु तो इसे seriously लेकर बैठ गई और चालू कर दिया अपना 5 पन्नों का भाषण! Men like Rudraksh Pratap Rathore are just meant to be fantasied हकीकत में ऐसे आदमी कोसो दूर रखने वाले ही होते है।"

" भगवान का शुक्र है कि तू ऐसी नहीं है। चल गुप्ता जी के पानी के बताशे खिलाती हूँ तुझे।"

दोनों कॉलेज friends हस्ते खिलखिलाते चल दिये पानी के बताशो का लुफ्त लेने इस बात से अन्जान कि उनके पीछे खड़ा काले कोट पैंट वाला शख़्स यह सारी comersation सुन रहा था और उसके चेहरे पर एक छोटी से नटखट मुस्कान भी थी जैसे कि अब वह कोई तो हरकत करने वाला है जिसमे उसको बड़ा मजा आएगा।

" आहा! टमाटर बढ़े मज़ेदार! आहा! टमाटर बढ़े मज़ेदार!" यह youtube viral song मस्ती में गाते हुए वह शख्स एक बड़ी से luturious कार में बैठ कर चला गया।

दूसरी तरफ,

Mumbai, Rathore mansion,

मुंबई की तटीय रेखा पर बनी Rathore Mansion कोई ordinary हवेली नहीं थी — ये legacy थी, इज़्ज़त थी, और ताकत का ऐसा symbol जिसे हर कोई देख तो सकता था... मगर समझ नहीं सकता था।

भारी iron gates पर उकेरा गया lion-emblem साफ़ बताता था कि ये जगह किसी common आदमी की नहीं है। यहाँ हुकूमत है Rudraksh Pratap Rathore की — एक ऐसा नाम जो सरकार की जुबान से ऊपर बोला जाता है।

हवेली की architecture में था पुराना Rajputana charm, sandstone की pillars, मेहराबदार खिड़कियाँ, और long corridors जिनमें हर कदम पर इतिहास की गूँज महसूस होती थी। दीवारों पर ancestors की portraits टंगी थीं — उनकी निगाहें मानो हर आने-जाने वाले को silently judge कर रही थीं।

अंदर luxury की कोई कमी नहीं थी — chandeliers जो stars जैसे झिलमिलाते थे, antique furniture जो European luxury को टक्कर देता था, और floors जो imported marble से बने थे। लेकिन इस सारी शानो-शौकत के पीछे एक ठंडा सन्नाटा छुपा था।

The main study — Rudraksh का personal space — mahogany की लकड़ी से बनी shelves, Cuban cigars की faint महक और वो silence... जो डराता भी था और hypnotise भी करता था।

Rathore Mansion सिर्फ एक घर नहीं — ये एक किला, एक throne room, और ज़रूरत पड़ने पर — battlefield भी हैं।

Study का दरवाज़ा बंद था। बाहर की दुनिया का शोर, हवेली की हलचल — सब उस मोटी teakwood door के पीछे रुक जाता था।

अंदर सिर्फ खामोशी थी।

वो वाली खामोशी जो शांति नहीं देती, बल्कि भीतर तक चुभती है। Room में एक अजीब-सा tension था, जैसे दीवारें भी सांस रोके खड़ी थीं।

Rudraksh Pratap Rathore अपनी high-back leather chair पर बैठा था — आँखें आधी झुकी हुईं, और हाथों में एक antique fountain pen जिसे वो बार-बार घुमा रहा था। सामने बिछे mahogany desk पर कई documents फैले थे, पर उसकी निगाहें किसी एक फाइल पर जमी थीं — intense और ठंडी।

उसके sharp jawline पर हल्की दाढ़ी की परछाई थी, और आँखें... ऐसी जैसे उनमें emotions के लिए कोई जगह नहीं बची हो। वो handsome था, dangerously handsome — जैसे कोई well-dressed storm, हर चीज़ में control लेकिन कभी भी बेकाबू हो सकने वाला।

Room की dim light उसके चेहरे की shadows को और गहरा कर रही थी, और chandeliers से छन कर आती हल्की रोशनी उसके चेहरे को किसी पुराने शासक की तरह majestic बनाती थी।

कोई आवाज़ नहीं थी — सिर्फ clock की टिक-टिक... और कभी-कभी pen की scratch.

Rudraksh की मौजूदगी ही काफी थी किसी को घुटन महसूस कराने के लिए। वो किसी से कुछ कहे बिना भी, अपनी cold aura से सब कुछ कह सकता था।

यह कमरा उसका command center था — और वो खुद, जैसे कोई तानाशाह राजा जो अपने empire की चालें तय कर रहा हो।

buzz

उसका Phone desk के right कॉर्नर पर रिंग कर। रुद्राक्ष अपना fountain pen फ़ाइल के बीच में रखकर अपना फोन उठाता है ।

Rudraksh ने कोई जल्दबाज़ी नहीं की। Calmly उसने नजरें फाइल से हटाईं और एक हाथ से फोन उठाया — जैसे उसे पहले से पता था कि ये call important है।

“Bolo…”

बस एक शब्द। मगर उस एक लफ्ज़ में ऐसा दम था कि दूसरी तरफ़ silence छा गई।

उसकी आवाज़ धीमी थी, मगर ठंडी और कड़क — जैसे बर्फ पर तलवार चल रही हो।

ना ऊँची, ना नाटकीय... फिर भी ऐसी कि सुनने वाला काँप जाए।

हर syllable में authority थी, हर pause में warning।

वो उन लोगों में से था जिसे सुनना पड़ता है — चाहे मन हो या ना हो।

" छोटे सरकार, बड़े सरकार India वापस लौट चुके है वह सभी airport से हवेली के लिए निकल रहे हैं। बड़े सरकार ने कहा है कि…"

Phone ने आती हुई मुनीम की आवाज धीमे होते होते last में रुक गई।

" क्या कहा उन्होंने?"

अपना सर नीचे करते हुए और अपनी आवाज को सम्भालते हुए मुनीम जी ने आगे कहा, " आप हवेली पर ही बड़े सरकार को मिलने चाहिये। उन्हें आपसे एक बहुत जरूरी बात करनी है।"

" ठीक।" ये कहते ही रुद्राक्ष ने Phone cut कर दिया।

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