Episode-2 Auction house

Rudraksh अपनी seat से उठ कर window की तरह पहुँचा। अपनी study से बाहर देखत हुआ Rudraksh दोपहर के उजाले में भी बहुत भयानक लग रहा था।

उसकी आँखों में जैसे कि कोई barrier लगा हो जो किसी को भी उसकी आँखों में देखकर उसकी deep hidden feelings पता न लगने दें।

आज तक कोई भी नहीं जान पाया कि रुद्राक्ष प्रताप राठौर के मन में क्या चल रहा है। लोग कहते हैं कि इंसानों की आंखें उनके दिल का आईना होती है, लेकिन आज तक कोई पैदा ही नहीं हुआ जो रुद्राक्ष के आईने को पढ़कर उसके दिल का हाल पता कर सके। वह क्या सोचता है ? वह क्या करता है? और क्यों करता है? केवल वही जानता है।

"वक्त नजदीक आ रहा है।"

meanwhile,

दूसरी तरफ, Rathore फैमिली के सदस्य, Rudraksh के Parents और उसके दादा-दादी airport से गाड़ी में बैठकर Rathore Mansion के लिए निकल चुके थे।

आगे वाली गाड़ी में रुद्राक्ष के Parents उसके पीछे वाली गाड़ी में उसके Grand Parents और आगे पीछे तमाम Bodyguards, Police Officers की गाड़ियां और एक Ambulance, पूरा करवा एयरपोर्ट से Mansion की तरफ जा रहा था।

राठौर फैमिली की गाड़ियों के जाने के लिए पूरी रोड खाली कर दी गई थी। आम जनता वहां पर खड़ी हो कर यह नजारा देख रही थी । एक के बाद एक Luxurious Cars स्पीड में निकल रही थीं। बहुत सारे युवाओं ने इसका वीडियो भी बनाया।

बहुत जल्द यह सभी गड़ियाँ Rathore mansion पहुंची । guards जल्दी से आकर car का door open किया। Car से सबसे पहले Veer Pratap Rathore, Rudraksh Pratap Rathore के पिता, उतरे ।

Veer Pratap Rathore गाड़ी से उतरते ही car के दूसरे वाले door तक जाकर अपनी पत्नी, Rajnandini, का हाथ थाम कर mansion के अंदर कदम बढ़ाए ।

वहीं Bhanu Pratap और Charumati, Rudraksh के grandparents भी car से उतर कर mansion की तरफ चलने लगे।

 

"Rudraksh को study में भेजिए।" Veer Pratap ने stairs चढ़ते हुए और अपनी wrist से watch निकाल कर अपनी पत्नी Rajnandini को देते हुए कहा।

"आपको अभी ही बात करनी है?"Rajnandini ने watch अपने हाथ में लेते हुए कहा।

"हम्म्… अभी ही बात करना जरूरी है।"

" ज़रा ध्यान रहे वह बेटा है तुम्हारा दुश्मन नहीं।" Large couch पर बैठते हुए दादी Charumati ने Veer Pratap से कहा।

" पता है माँ।"

Veer Pratap यह कहते हुए अपनी study में चले गए।

Rajnandini भी Rudraksh को बुलाने उसकी study room की ओर चली गई।

Study Room,

" माँ"

Rudraksh Pratap जो भी काम कर रहा था वह उसे छोड़कर उठा जब Rajnandini door open कर study में आई।

" कैसे हो, Rudraksh? क्या हाल बना रखा है ये तुमने अपना? किस बात से इतना चिड़े हुए हो, हम्म्?"

Rajnandini Rudraksh के चेहरे पर अपने हाथ फेरते हुए कहती हैं। उसकी आंखों और बातों में उसके लिए चिंता झलक रही थी।

" I'm fine माँ। पापा ने बुलाया?" Rudraksh अपनी माँ के हाथ पर अपना हाथ रखते हुए बोला।

With a sigh Rajnandini कहती हैं, "तुम बाप-बेट के पास जो telepathy power है उसी को use करके एक दूसरे को बुला लिया करो और बात कर लिया करो । क्यों ही हमें और बाकी helpers को परेशान करना एक study room की याद दूसरी study room में पहुंचाने में।"

"अगली बार किसी और को भेज देना बुलाने के लिए। क्यों ही मशक्त करना इतना चलने की आपके पैरों में दर्द हो जाएगा।"

"बुड्डी बुला रहे हो!" Rajnandini अपने बेटे Rudraksh का कान मरोड़ते हुए कहती हैं।

"बिल्कुल नहीं"

"जो अच्छा जाकर अपने पापा से मिलो। काम है उन्हें और हाँ ज़ारा नरमी से बात करना और अपना गुस्सा Rudraksh Pratap Rathore अपनी जेब में रख कर जाना।"

"और कुछ?" Rudraksh ने पूछा और अपना फोन उठा कर study door तक पहुंचा।

"अभी के लिए बस इतना ही। जाओ पुत्र! यशस्वी भवः!" आशीर्वाद देने की तरह अपना हाथ उठाते हुए Rajnandini ने कहा।

Rudraksh corridor cross करके सामने वाली study room में knock करता है।

अंदर से एक आवाज आती है, "आ जाओ"

Rudraksh आगे बढ़ता है और गेट close कर देता है। सामने chair पर उसके पापा Veer Pratap Rathore, आराम से पीछे टेक लिये हुए अपने एक हाथ में cigar पकड़े और अपनी आँखे बंद करके बैठे थे।

" पापा"

Rudraksh सामने वाली chair पर बैठ जाता था और Veer Pratap भी आँखे खोलकर अपने बेटे की तरफ देखते हैं।

" लालमणि के बारे में कैसे पता चला तुम्हें?"

"…… आपने बताया"

एकदम से वहाँ सिर्फ सन्नाटा छा गया । Veer Pratap और Rudraksh में से किसी ने भी कोई भी शब्द कुछ time के लिए नहीं कहा।

थोड़े समय के बाद Veer Pratap एक गहरी सांस लेते हुए कहते हैं, " क्या हुआ था?"

वीर प्रताप ने यह सवाल पूछा तो जरूर था लेकिन इस सवाल का Rudraksh के पास कोई भी जवाब नहीं था और शायद Veer Pratap भी ये जानते थे कि उन्हें इस सवाल का जवाब शायद अभी इस समय नहीं मिलेगा।

"Conference में क्या कहने जा रहे हो?"

"Auction House Announcement"

 

"क्या हुआ? पापा ने कुछ कहा तो नहीं।" Rudraksh जैसे ही बाहर निकाला वैसे ही उसने अपनी मां को स्टडी रूम के बाहर पाया।

Rajnandini अपने कमरे में आराम करने के लिए नहीं गई बल्कि यहां पर आकर study room के बाहर Rudraksh का इंतजार कर रही थीं।

"नहीं। नहीं, कुछ नहीं कहा। आप जाइए आराम कर लो थोड़ा। आज शाम को काफी थकावट होगी।" Rudraksh यह कह कर अपनी माँ को उनके कमरे में भेज देता है।

शाम को सभी media house, The Oberoi, में इकट्ठा हो गए। Rudraksh Pratap Rathore ने शाम को एक news के ऐलान को कहा था जो कि वो शाम 8 बजे बताने वाले हैं और 8 बजने में सिर्फ 10 मिनट ही बाकी थे।

सभी बेसबरी से Rathore family का wait कर रहे थे और 7:55 पर 7 से 8 Large luxurious cars with Rathore family's embelum Hotel की enterance में रुकी ।

Rudraksh Pratap Rathore car से अपना suit straighten करता हुआ उतरा और तुरंत ही camera flash उसकी तरफ turn हो गए सभी Rudraksh Pratap Rathore की pictures लेना चाहते थे।

Rudraksh calmly entered the hotel towards the conference hall with his bodyguards, where everything for his announcement had been set up.

He stood on the stage, and down below was the crowd of reporters, seated with their mics and cameras, looking at the man standing up on the stage who had a cold and terrifying aura around him.

Can't mess.

This is the impression Rudraksh Pratap Rathore gives to others.

"Thanks for coming tonight. I'll keep it short. The Rathore Group is going to build an auction house where the legitimate auction of antiques, herbs, gems, paintings, and relics will take place. This auction house has gathered many experts from all over the world to appraise the goods before putting them up for auction. The follow-up updates will be uploaded on the official page of Rathore Group."

Rudraksh, standing in front of the podium, lowered his eyelashes slightly after finishing this.

"And the second news, I, Rudraksh Pratap Rathore, am going to hold my wedding with Indrani Vashisht after a week. You all are invited there."

If the first news brings joy and envy for successfully getting the permit to run an action house then this news was a bomb on these people.

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