अब आगे .....,
मुंबई के सिटी हॉस्पिटल......,
नीचे फर्श पर गिरे हुए सारे फलों को उठाते हुए मुक्ता सवालिया निगाहों से सिर्फ रक्तांश को देख रही थी | क्यों कि रक्तांश बार-बार उस नर्स से आज का तारीख पूछ रहा था | जो उसे काफी अजीब लग रहा था |
वह नर्स पहले तो एक बार रक्तांश को तारीख बताई, लेकिन रक्तांश का दूबारा से पूछने पर वह बिना बताए रक्तांश को ही सवालिया नज़रों से देखने लगी थी | क्यों की ऐसा तो नहीं था की उसने बहुत ही धीमी आवाज में रक्तांश को जवाब दिया हो और रक्तांश ने सुना ना हो |
वही रक्तांश को कुछ समझ नही आ रहा था, की उसने अभी अभी जो कुछ देखा ? क्या वह सच था या कोई सपना? रक्तांश फिर उस नर्स को देखने लगा | वह नर्स रक्तांश को कोई जवाब दिए बिना ही अभी भी उसे ही देखते खड़ी थी |
यह देख रक्तांश ने गुस्से से कहा ,""_ मै कुछ पूछ रहा हु मिस,आप जवाब देने का कष्ट उठाएगी ? "
रक्तांक्ष खुराना का गुस्सा कैसा होता है? सिर्फ उस नर्स को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया वाकिफ था,क्यों की वह आदमी ना सिर्फ बिजनेस वर्ल्ड से जुड़ा था ,वह एक बेरहम माफिया डॉन भी था |
नर्स बिना देर कीए ही जल्दी से रक्तांश को जवाब में बोली,""_ 24 अप्रैल 2024..| "
दुबारा से वही डेट सुन रक्तांश ने आगे कुछ नही कहा लेकिन उसके दिमाग में हजार सवाल घूमने लगे थे |
वही खड़ी मुक्ता बिना कुछ कहे चुपचाप रक्तांश को देख रही थी |
वह फिर उसके करीब बढ़ते हुए बोली,""_ रक्तांश. आ आप...? "
मुक्ता आगे कुछ बोल पाती उससे पहले ही उस वार्ड का दरवाज़ा दड़ाम से खुल गया |
रक्तांश और मुक्ता मुड़ कर सामने देखने लगे,एक लड़की अपनी आँखों में आँसू लिए भागते हुए अंदर आई थी | उसका ध्यान सिर्फ राक्तांश पर था या यू कहे की उसे सिर्फ रक्तांश से मतलब था, तो वह सामने खड़ी मुक्ता को बेरहमी से पीछे के ओर धक्का देते हुए ,सीधा जा कर राक्तांश के गले गई |
मुक्ता को इसका बिलकुल उम्मीद नहीं था | और उस लड़की का इस तरह धक्का देने से वह थोड़ा पीछे जा कर गिरते गिरते रुक गई | लेकिन उसका हाथ साइड में रखे टेबल पर टकरा गई थी |
" अअह्ह्ह्ह......!! "
रक्तांश ने जैसे ही मुक्ता की चिक सुना,उसका औरा अचानक से गुस्से से भर गया | वह मुक्ता को देखते हुए उस लड़की को खुद से अलग करने को हुआ की तभी वह लड़की रोते हुए बोली,""_ रक्तांश,रक्तांश तुम ठीक हो ना ? तुम पर हमला किसने किया और तुम्हे ज्यादा चोट तो...? "
वह लड़की कोई और नही मान्या थी | रक्तांश की गर्लफ्रेंड ,वह रक्तांश का चेहरा और बॉडी को टच करते हुए देख रही थी यह जानने के लिए की कही उसे ज्यादा चोट तो नहीं आई ? लेकिन रक्तांश ने उसे बेरहमी से नीचे धक्का दे दिया तो वह धड़ाम से नीचे गिर गई |
" अअह्ह्ह्ह अअह्ह्ह्ह....! "
मान्या हैरानी से रक्तांश को देखने लगी ,अभी अभी रक्तांश ने उसे ऐसे गिराया जैसे वह कोई कीचड़ हो और रक्तांश ने अपने बदन से लगते ही झटका दिया हो ?
रक्तांश गुस्से से मान्या को घूर रहा था ,इस लड़की की हिम्मत भी कैसी हुई उसकी बीवी को ऐसे धक्का देने की ?
वही मुक्ता हैरानी से कभी रक्तांश को देखती तो कभी मान्या को ,उसे यकीन नही हो रहा था की रक्तांश ने अभी अभी मान्या को खुद से ऐसे अलग कर नीचे गिराया था ?
वही रक्तांश जल्दी से बेड से नीचे उतर कर मुक्ता के करीब गया,फिर उसके हाथ को ध्यान से देखते हुए पूछा ,""_ बीवी...? तुम्हे ज्यादा तो नहीं लगी ना ? "
रक्तांश के मुंह से बीवी शब्द सुन मुक्ता हैरानी से रक्तांश को देखने लगी | रक्तांश से उसकी शादी हुए एक हफ्ता हुआ था,लेकिन इस एक हफ्ते में रक्तांश ने उसके साथ बिलकुल अच्छे से पेश नही आया था | वह बहुत ही बुरा बरताव करते हुए उसे बहुत टॉर्चर भी कर रहा था लेकिन आज आचनक से ऐसा क्या हुआ ? यह मान्या को खुद से दुर कर उसके पास आ कर उसका केयर क्यों कर रहा है,लेकिन क्यों ?
रक्तांश मुक्ता का कलाई पकड़ कर उसे अपने उंगलियां से सहला रहा था | मुक्ता को ज्यादा गहरी चोट तो नहीं लगी थी लेकिन उसके कलाई हल्का सा कट गया था और बूंद बूंद खून निकलने लगा था |
वही नीचे गिरी मान्या हैरानी से रक्तांश और मुक्ता को देख रही थी | आज पहली बार रक्तांश उसके साथ ऐसा बर्ताव किया था और खुद मुक्ता के इतना करीब जा कर उसका केयर कर रहा था | लेकिन क्यों ?
मान्या अपने जगह से उठी ,फिर रक्तांश के करीब जा कर उसके बाजू पकड़ते हुए धीमी मगर रोनी सी आवाज में बोली,""_रक्तांश,आ....आपने इस लड़की के लिए मुझे नीचे गिराया... अअह्ह्ह्ह्ह..? "
मान्य अपने आंखों से आंसू बहाते हुए रक्तांक्ष से यह सब कह ही रही थी, कि तभी रक्तांश का हाथ गुस्से से उसके गर्दन में कस गया |
मुक्ता और वह नर्स हैरानी से रक्तांश को देखने लग गए | मान्या भी ज्यादा ही शॉक में थी | वही रक्तान्श गुस्से से एक एक बात भी चबाते हुए बोला ,""_ तुम्हारी हिम्मत भी कैसी हुई मेरी बीवी को इस तरह धक्का दे कर मेरे करीब आने की ? हा ? "
मान्या को समझ नही आ रहा था की आज अचानक से रक्तांश को क्या हुआ है ? उसे मुक्ता के लिए इतना फिकर कब से होने लगा ? वह रोते हुए बोली,""_ रक्तांश....,तुम इस लड़की के लिए मुझे.... अअह्ह्ह्ह ? "
मान्य आगे अभी अपनी बात पूरा करने ही वाली थी की उसे मेहसूस हुआ की रक्तांश का पकड़ उसके गर्दन में और कसते जा रहा था | वह छटपटाते हुए रक्तांश से छुटने की कोशिश करने लगी | क्यों की रक्तांश उसके गर्दन पर अपना पकड़ और मजबूत कर रहा था जिससे वह ठीक से सांस भी नही ले पा रही थी | वह और जोर जोर से छटपटाने लगी |
तभी रक्तांश ने गुस्से से मान्या से कहा ,""_ एक गलत शब्द भी तुम्हारे मुंह से मेरी बीवी के लिए निकला तो तुम्हे यही जिंदा गाड़ दूंगा | "
चिल्लाते हुए रक्तांश गुस्से से मान्या को धक्का दे दिया तो मान्या धड़ाम से एक बार फिर नीचे गिर गई |
वही मुक्ता यह सब देख अपने जगह में ही जम सी गई थी | रक्तांश उसके लिए मान्या से ऐसा बरताव कर रहा है ? मान्या पर चिल्ला रहा है ?
वही मान्या जोर जोर से खांसते हुए रक्तांश को देख रही थी | उसे समझ नही आ रहा था की अचानक से रक्तांश को क्या हो गया है ? क्या मुक्ता ने उसके खिलाफ कोई जाल तो नही बिछाई ? मान्या फिर नफरत से मुक्ता को देखने लगी |
वही रक्तांश गुस्से से अभी भी मान्या को घूर रहा था | उसे अभी भी चीज़े समझने में वक्त चाहिएं था ,लेकिन वह सामने मान्या को अब एक पल भी बर्दाश्त नही करने वाला था | वह गुस्से से गार्ड्स को आवाज लगाया और मान्या को उसके नजरो से दूर ले जाने का ऑर्डर दिया | गार्ड्स को भी उसका यह ऑर्डर थोड़ा हैरान करा ,क्यों की रक्तांश उन्हे हमेशा मान्या के सेफ्टी पर ध्यान देने कहता था, लेकिन आज वह उन्हे ऐसे ऑर्डर दे रहा है ?
वह लोग रक्तांश से इसके बारे में पूछने की हिम्मत नही रखते थे तो वह मान्या को वहा से ले गए |
रक्तांश एक गहरी सांस लेते हुए मुड़ा,मुक्ता हैरानी से ना समझी में उसके और ही देख रही थी | रक्तांश फिर एक नजर उसके हाथ को देखा फिर मुक्ता के करीब खड़ी नर्स से गुस्से से कहा,""_ how careless you are ? मेरी बीवी की हाथ पर चोट लगी है ,खून बह रहा है,और तुम खड़े खड़े यहां तमाशा देख रही हो ? "
नर्स एक दम से हड़बड़ा गई,वह सच में खड़े खड़े तमाशा देखने में ही busy थी | वह जल्दी से बोली,""_ सॉरी सर...| "
बोलते हुए वह नर्स मुक्ता के हाथ पर ऑइंटमेंट लगाने लगी |
वही मुक्ता अपनी बड़ी बड़ी आंखो को और बड़ी कर रक्तांश को देख रही थी | रक्तांश की नजर भी मुक्ता पर ही टिकी थी ,लेकिन अब उसका सर घूम रहा था |
वह अपने आंखे कसके भींच कर अपना सर पकड़ा तो उसकी कान में मुक्ता की धीमी मगर डरी हुई आवाज सुनाई दिया ,""_ रक्तांश....,आ आप ठीक हैं ना ? "
रक्तांश अपने आंखे खोल कर मुक्ता को देखा,मुक्ता उसके बेहद करीब आ खड़ी थी | रक्तांश चुपचाप उसके आंखो में देखने लगा , बहुत ही मासूम नज़र आ रही उसकी बीवी की आंखे बहुत ही सुंदर थे | लेकिन उसमे सिर्फ डर और दर्द का भाव ही नजर आ रहा था |
रक्तांश धीरे से मुक्ता का हाथ पकड़ने को हुआ की तभी उसके सर में हल्का सा दर्द मेहसूस हुआ | वह फिर अपना सर पकड़ते हुए जा कर बेड पर बैठा |
यह देख मुक्ता जल्दी से नर्स को कुछ कहने को हुई,वह नर्स अब वार्ड से बाहर चली गई थी | मुक्ता फिर रक्तांश से बोली,""_ मैं... मैं अभी डॉक्टर को बुला लाती हु | "
मुक्ता जल्दी से वार्ड से बाहर भाग गई |
अब रक्तांश वार्ड में अकेला था और उसके दिमाग में अभी भी बहुत कुछ घूम रहा था | वह अपना सर पकड़ते हुए कहा ,""_ यह सब क्या हो रहा है मेरे साथ ? में... मैं तो मर चुका था फिर में 6 साल पीछे कैसे आ सकता हु ? मैं .. मैं कही पागल तो नहीं हो गया ? "
यह सब बड़बड़ाते हुए रक्तांश सब कुछ सोचने लगा तभी एक बार फिर वार्ड का डोर खुला,और मुक्ता डॉक्टर के साथ अंदर आ गई |
वही रक्तांश अब बहुत ही फ्रस्ट्रेट हो चुका था की तभी उसकी नज़र जा कर मुक्ता की चेहरे पर टिक गई | मुक्ता थोड़ा परिशान और डरी हुई लग रही थी | और चल कर उसके करीब आ रही थी |
रक्तांश ध्यान से उसके और देखने लगा था | वह जितना गहराई से मुक्ता को देख रहा था, वैसे वैसे उसे पीचले एक हफ्ते में जो कुछ भी हुआ वह सब याद आ रहा था ,और शादी के इस हफ्ते में उस पर दुश्मनों ने दो बार अटैक किया था जिस कारण उसे आज हॉस्पिटलाइज्ड होना पड़ा था | और यह सब उसके साथ पहले भी हो चुका था | रक्तांश को अब धीरे धीरे यकीन होने लगा की उसका रिबर्थ हुआ है |
रक्तांश अभी भी मुक्ता के और ही देख रहा था | वह लड़की थोड़ा घबराई हुई लग रही थी |
तभी डॉक्टर सामने आ कर रक्तांश को चेक करने लगा | रक्तांश बिलकुल नॉर्मल था बस उसे प्रोपर रेस्ट करने की जरूरत थी |
वह बोले ,""_ मिस्टर खुराना,आपके सर पर ज्यादा गहरी चोट तो नहीं लगी है लेकिन आपको कुछ वक्त तक प्रोपर रेस्ट करना होगा,ज्यादा दिमाग पर जोर मत डालिए | "
रक्तांश ने अपना सर हिलाया,तो वह डॉक्टर वार्ड से बाहर चला गया | वही मुक्ता अपने आंखे टिमटिमाते हुए उसी को देख रही थी | वह धीरे से बोली,""_ मैं मैं.....? "
मुक्ता बोलते बोलते रुक गई क्यों की रक्तांश उसका कलाई पकड़ कर उसके चोट को गिल्ट भरी निगाहों से देखने लगा था, जो मान्या के वजह से लगा था |
मुक्ता को बिलकुल समझ नही आ रहा था की रक्तांश को अचानक से क्या हुआ ? वह उसके लिए बुरा क्यों फील करने लगा ?
वह धीरे से रक्तांश का नाम लिए बोली,""_ रक्तांश..., मैं ठीक हु | "
धीरे से मुक्ता ने उसके हाथ से अपना हाथ छुड़वाते हुए एक कदम पीछे ले गई |
उसका ऐसा करने से रक्तांश अपना सर ऊपर कर मुक्ता को देखा ,मुक्ता को इस तरह उससे दूरी बनाता देख उसे बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन उसका यह गुस्सा खुद के लिए था | उसने पिछले जन्म में जो गलती की थी वही गलती वह इस एक हफ्ते में दौरा चुका था | उसे बहुत कुछ बुरा बला सुनाते हुए बहुत टॉर्चर दिया था |
यह सब याद कर रक्तांश को खुद से ही नफरत सा हो रहा था | वह धीमी आवाज में मुक्ता से कहा,""_ मेरे करीब आओ मुक्ता "
हूंह...? " मुक्ता ना समझी में उसके ओर देखने लगी | क्या उसने गलत सुना ? जो इंसान उसके आस पास देखने भी पसंद नही करता वह खुद उसे आज अपने करीब बुला रहा है ?
मुक्ता को अभी भी दूर खड़ा देख, वह खुद ही अपने हाथ आगे बढ़ा कर मुक्ता का हाथ पकड़ा ,फिर उसे अपने करीब खींचा |
मुक्ता सीधे जा कर उसके ऊपर ही गिर गई | वह फिर हैरानी से अपना सर ऊपर कर रक्तांश को देखने लगी,रक्तांश उसके गाल को सहलाते हुए उसे ही प्यार से देख रहा था लेकिन मुक्ता के आंखो में अपने लिए डर और घबराहट उसे अच्छा भी नही लग रहा था |
रक्तांश धीरे से उसके होंठो के करीब झुकने लगा,डर और घबराहट से मुक्ता के होंठ हल्के से हिल रहे थे | वह धीरे से बोली,""_ रक्तांश...आ आप...umm..? "
रक्तांश मुक्ता के कांपती होंठो को धीरे से अपने होंठो के गिरफ्त में लिए उन्हे बेहद प्यार से चूमने लग गया था |
वही मुक्ता बस हैरानी से रक्तांश को देख रही थी | उसका यह फर्स्ट किस था,और आज पहली बार रक्तांश उसके इतना करीब आया था | मुक्ता का दिल जोरो से धड़कते हुए अजीब सा शोर कर रहा था | और उसके दोनो हाथ रक्तांश के सीने में फस चुके थे |
रक्तांश का एक हाथ मुक्ता के एक गाल को सहला रहा था तो दूसरा वह अपने सीने में रखे मुक्ता के हाथो को अपने एक हाथ के पकड़ में ले रहा था |
मुक्ता पूरी तरह ब्लैंक हुए बस रक्तांश के चेहरे को देख रही थी | वह इस वक्त उसके साथ बहुत ही नरमी से पेश आ रहा था | उसका किस भी बहुत ही सॉफ्ट और मदहोश भरा था |
थोड़ी ही देर में मुक्ता की सांसे उखड़ने लगे | वह छटपटाने को हुई उससे पहले ही रक्तांश ने उसके होंठो को रिहा कर उसके पूरे चेहरे पर बिना रुके चूमने लगा |
मुक्ता को अपने उखड़ी सांसों को नॉर्मल करने की मौका भी नहीं मिला रहा था | बस उस वार्ड में सिर्फ एक दूसरे को चूमने की ही आवाज गूंज रही थी ,तभी अचानक से उनके वार्ड का डोर खुला |
और एक लड़का जल्दी से अंदर घुस गया |
" रक्ता....? Oh shit.... मैने कुछ नही देखा | "
सामने रक्तांश और मुक्ता को इस तरह एक दूसरे में खोए देख वह जल्दी से मुड़ कर कहा |
वही उस लड़के का इस तरह अंदर आने से रक्तांश का चेहरा चीड़ गया था और वही मुक्ता जल्दी से उसे खुद दूर कर खड़ी हो गई थी जैसे उसका कोई चोरी पकड़ा गया हो |
रक्तांश ने एक नजर अपनी बीवी को देखा फिर सामने खड़े लड़के को देख गुस्से से बोला ,""_ और हम तुम्हारे वजह से कुछ आगे कर भी नही रहे | "
हूंह..? " मुक्ता और सामने खड़े वह लड़का जिसका नाम युग था ,वह हैरानी से रक्तांश के और देखने लगे |
रक्तांश युग को ही अपने टिकी नजरो से घूर रहा था | साफ साफ पता चला रहा था की युग का इस तरह अंदर आने से वह ना खुश है |
वही मुक्ता के गाल और कान पूरी तरह लाल हो गए थे | आज उसके पति कोनसे नशा कर बैठे है ,उसे समझ ही नही आ रहा था |
वही युग अपने बालो में हाथ फिराते हुए कहा ,""_वह, मैं यहां तुम लोगो को डिस्टर्ब करने के इरादा से नही आया था ? "
" फिर तुमने इस तरह अंदर घुसने की तकलीफ क्यों उठाई युग ? " एक एक बात को भी चबाते हुए रक्तांश ने कहा तो युग का मुंह बन गया | वही मुक्ता को वहा रुकने के लिए भी शर्म आ रही थी ,उसका मन कर रहा था की वह अभी यहां से कही दूर भाग जाए |
युग ने एक नजर मुक्ता को देखा फिर रक्तांश के करीब बढ़ते हुए कहा ,""_ मैं तो यह कहने आया था की मैने डिस्चार्ज की सारे फॉर्मेलिटी पूरा किया है ,और हमे यहां से चलना चाहिए क्यों की दादू तुम्हारे लिए बहुत ही परिशान है |
युग के मुंह से दादू का जिक्र सुन कर रक्तांश का औरा एक दम से सर्द हो गया | उसके हाथो की मुट्ठी आपस में ही भींच गए |
युग ने कहा ,""_ मैं बाहर तुम दोनो का वेट कर रहा हु,आराम से आ जाना | "
इतना बोल कर युग बाहर चला गया | वही युग के जाते ही मुक्ता रक्तांश के और देखी तो उसका चेहरा डर से पिला पड़ गया | उसे इतना गुस्से में देख कर मुक्ता को लग रहा था की वह उसे कुछ कहेगा ? भले ही उसने रक्तांश के करीब खुद से नही गई थी लेकिन रक्तांश कभी भी उसके करीबी को बर्दाश्त नही करता था |
वही रक्तांश के दिमाग में अपने दादाजी वेदांश खुराना घूम रहा था | इस आदमी के झूठे लाड़ प्यार के कारण उसने मुक्ता और अपने मां बाप को खुद से दूर रखा और आखिर में उसे मौत का सामना करना पड़ा |
थोड़ी देर बाद रक्तांश गहरी सांस लिए अपना सर ऊपर कर मुक्ता के और देखा | मुक्ता का चेहरा डर से पिला पड़ गया था और वह अपने दोनो हाथो को आपस में उलझा कर अजीब तरह से रब करते हुए कुछ सोच रही थी | वह यही सोच रही थी की रक्ताँश उसे अभी कुछ बुरा बला बोलते हुए सुनाएगा |
रक्तांश अपने जगह से उठा ,फिर उसके करीब बढ़ते हुए उसका नाम बेहद प्यार से लिया ,""_ मुक्ता...? "
हहु..? " मुक्ता अपना सर घुमा कर रक्तांश को देखने लगी, रक्तांश उसके बेहद करीब आ गया था,इतना करीब की उसके गरम सांसे वह अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी |
वही रक्तांश उसके गाल को हल्के से टैप करते हुए कहा ,""_ घर चले ? "
मुक्ता को रक्तांश का बरताव समझ ही नही आ रहा था | वह आज से पहले कभी उससे इतना नरमी से बात ही नही किया था |
वह अपना सर ऊपर नीचे करते हुए हा में हिलाई तो रक्तांश उसके हाथ पकड़ कर वार्ड से बाहर चला गया |
क्या होगा आगे इस कहानी में ? जानने के लिए पढ़ते रहिए
" Rebirth Of My Possessive Billionaire husband "
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