Pain In Love
धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश,
पहाड़ों के बीच बसा एक सुन्दर सा शहर। जिसमें पर्यटकों को का आना जाना लगा रहता है। हो भी क्यों ना इतना सुंदर जो है। कड़ाके की ठंड में पड़ती बर्फ़ इस शहर को और ज्यादा सुंदर बना देती है।
इसी शहर के पहाड़ी की दूसरी तरफ़ एक प्यारा सा घर। जिसके आस पास सिर्फ हरियाली ही हरियाली। वो घर दिखने में ना ज्यादा बड़ा ना ज्यादा छोटा था। उस घर में एक मेड जिसका नाम रोजी है। वो उस घर की देखभाल करती है।
घर के बाहर लोन में, जहां रंग बिरंगे फूल खिले हुए थे। उस लोन के सामने से बर्फ से ढका पहाड़ दिखाई दे रहा था।
उस लोन में एक लड़की जिसने ब्रश पकड़ी थी। वो कैनवास में पेंटिंग कर रही थी। हवा चलने की वजह से उसके बाल बार बार उसके चेहरे पर आ रहे थे। उसने मैसी बन बनाया। और फिर से पेंटिंग पर कलर करना शुरू कर दिया।
"ओफ्फो बेबी अब पेंटिंग बंद करो । पहले नाश्ता करलो। बाद में करना रंगना पौतना " कहते हुए रोजी हाथ में ट्रे लेते हुए वहां आई।
रोजी की बात सुन वो लड़की जोर जोर से हंसने लगी। उसने हंसते हुए कहा " आंटी इसे पेंटिंग करना कहते है । ना की रंगाई पुताई कहते हुए उसे और तेज हंसी आने लगी।
उस लड़की को हंसता देख रोजी उसे देख मुस्कराई। फिर उसके पास आकर उसके सिर पर रखकर बोली " god तुझे ऐसे ही खुश रखे। जैसे तू इस बेरंग तस्वीर में रंग भरती है। ऐसे ही कोई तेरी जिंदगी में आकर खुशियों वाले रंग भर दे।
" किया आंटी आप भी सुबह सुबह । मैं आपको ऐसे ही खुश नहीं लगती किया ? " कहते हुए उस लड़की ने ब्रश साइड में रखा। और उसके हाथ से कप ले कर चाय पीने लगी।
" वाह आंटी आपकी जितनी तारीफ करूं कम है। आप चाय मस्त बनाती हो " कहते हुए उस लड़की ने रोजी को आंख मारी।
" किया बेबी आप भी ना " शरमाते हुए बोली
" Ohhhhhh आंटी आप अब भी शर्माती हो"
फिर वह लड़की थोड़ा रुककर बोली " आपको पता है आंटी इस चाय में एक ही रंग है। पर फिर भी इसे पीते ही सुकून मिलता है।
आंटी ऐसे ही मैं अपनी जिंदगी चाहती हूं। सुकून वाली । रंग और खुशियां तो अपने आप ही आजाएंगी " कहते हुए वो लड़की खिलखिलाकर हंसने लगी।
तभी हॉर्न की आवाज आई । स्कूटी पर बैठी हुई एक लड़की थी।
" नैना चल, लेट हो जाएगा " कहते हुए श्रुति ने जोर से आवाज लगाई
" Oh shit , किया आंटी आपकी बातों की वजह मैं लेट हो गई" कहती हुई उस लड़की ने जल्दी से कप रोजी को थमाया । और पोस्टर को रोल करने लगी।
" बेबी भी ना हर वक्त जल्दी " कहती हुई रोजी ने कप लिया और अंदर चली गई।
इधर स्कूटी पर बैठी नैना ने कहा " तू पहले नही आ सकती थी । देख कितना लेट हो गया" नैना ने कलाई में बंधी घड़ी देखते हुए कहा
" अच्छा बच्चू गलती करे कोई , भरे कोई , तेरी वजह से सिर्फ तेरी वजह से मुझे जल्दी उठना पड़ा" कहते हुए श्रुति ने स्कूटी की स्पीड बड़ा दी।
" माता मुझे जिंदा पहुंचना है एक्सिबिशन में" चिल्लाते हुए नैना बोली ।
पर श्रुति ने एक ना सुनी । उसकी स्कूटी हवा से बातें करने लगी।
जिसे अभी आपने चिल्लाते हुए सुना नैना, नैना राठौर उम्र 19 साल , रंग गोरा , हाइट 5.4 इंच , उसकी सबसे ज्यादा खूबसूरत थी उसकी आंखे । उसकी आंखें sea blue eyes थी ।जो उसे यूनिक बनाती थी। तीखे नैन शक्श। किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए काफी है।
नैना मशहूर बिजनेस मैन अखिलेश राठौर की इकलौती बेटी। नैना की मां उसके पैदा होते ही चल बसी। जिस वजह अखिलेश जी बिजनेस में घुसते हुए चले गए। और नैना के ऊपर ध्यान कम देने लगे।
इसे देख नैना की नानी उसे अपने साथ धर्मशाला ले आई। नैना ने अपना बचपन धर्मशाला में ही बिताया । नैना का स्वभाव बचपन से ही चुलबुली , मस्तीखोर , खुशमिजाज का है। उसे दूसरों की जिंदगी में खुशियां भिखेरना अच्छा लगता है।
सब अच्छा चल रहा था की अचानक नैना की नानी का देहांत हो गया। आखिर उनकी उम्र भी हो गई थी। जिससे नैना टूट गई । उसे अपने पापा की बहुत याद आती थी। पर कोई फायदा नहीं अखिलेस को तो बस अपना काम दिखता था।
नानी के जाने के बाद रोजी ने नैना को किसी की कमी खलने नहीं थी। रोजी उसे बहुत प्यार करती । नैना रोजी के साथ मस्ती मजाक करती। जिससे नैना सब दुख भूल जाती। नैना की जिंदगी मे दो लोग बहुत अहम थे। एक तो नानी।
दूसरी उसकी बचपन की दोस्त श्रुति । जिस पर वो जान निछावर करती। दोनो ने एक साथ स्कूली कंप्लीट किया । अब दोनो साथ में कॉलेज भी जाती। नैना का ये लास्ट ईयर है।
आज नैन को आर्ट एग्जीबिशन में जाना है अपनी पेंटिंग को दिखाने के लिए । जिसके लिए थोड़ी देर पहले वो श्रुति के साथ घर से निकली।
The art gallery,
थोड़ी देर में एग्जीबिशन स्टार्ट होने वाला था। नैना ने अपनी पेंटिंग भी वही रख दी थी।
"टेंशन न ले तेरी पेंटिंग सबको अच्छी लगेगी" श्रुति ने नैना के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा। श्रुति नैना को हमेशा से ही मोटिवेट करती थी।
" क्रॉस फिंगर यार I hope इस बार सेलेक्ट हो जाए " कहते हुए नैना ने अपनी फिंगर क्रॉस कर ली ।
सुबह 11 बजे ,
आर्ट एग्जीबिशन स्टार्ट हो गया था। उस स्टूडियो के दीवार का कलर व्हाइट था। जिसमे रंग बिरंगी , खूबसूरत पेंटिंग फब रही थी। वहा मॉर्डन आर्ट पोंटिंग , हैंड मेड पेंटिंग , abstract painting वगेरह कैनवास लगे हुए थे। ज
पेंटिंग एक से बड़कर एक थी। लोग खींचे चले आ रहे थे उस आर्ट गैलरी में। वहां टूरिस्ट भी आए थे पेंटिंग देखने। ओवरऑल अच्छी खासी भीड़ हो गई थी।
नैना और श्रुति एक साइड में खड़े सारा नजारा देख रहे थे। की तभी नैना के पीछे से आवाज आई " congratulation नैना यू did इट तेरी पेंटिंग सेलेक्ट भी हो गई और किसी ने खरीद भी ली " the art and gallery ke owner रंजीत ने एक्साइटेड होते हुए नैना से कहा
पहले तो नैन को विश्वास नही हुआ। पर जब श्रुति ने उसकी कमर में चिंगोटी कटी तब उसे यकीन हुआ। उसने उछलते हुए श्रुति को गले लगा लिया ।
" ये श्रुति मेने कर दिखाया" नैना कूदते हुए बोली इस वक्त नैना और श्रुति बिलकुल छोटी बच्ची लग रही थी।
जिससे सबकी नजर उन दोनो पर चली गई । और हंसने भी लगे।
नैना ने जब सबकी आवाज सुनी तो उसने खुद को कंट्रोल किया और श्रुति को भी कंट्रोल करने को कहा।
" पर वो शक्श है कोन जिसने मेरी पेंटिंग खरीदी " नैना ने रंजीत को सवाल करते हुए पूछा
"वो देख वो है जिसने तेरी पेंटिंग खरीदी " रंजीत ने फिंगर पॉइंट करते हुए इशारा किया। जहां वो शक्श नैना की पेंटिंग को पैक करने का इंस्ट्रक्शन दे रहा था।
नैना ने उस शक्श की ओर देखते हुए उसके पास जाने लगी। उसकी पीठ इस वक्त नैना की तरफ थी।
" Excuse me, hi my name is नैना" कहते हुए नैना उस शक्श के पास जाकर खड़ी हुई।
उस शक्श ने मुड़कर नैना को देखा। जिससे उन दोनो का आई कॉन्टैक्ट हुआ।
"Hi मिस ब्यूटीफुल, I am Advik , advik khurana" कहते हुए उसने अपना एक हाथ आगे बड़ाया।
जिसे देख नैना ने भी अपना हाथ आगे बड़ा दिया।
Hi frns i hope aapko pehla chapter acha laga hoga , please support my novel
Milte hai next part mein,
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Updated 15 Episodes
Comments
intense
thanku 🙂
2024-07-15
1
NamiLover
Fantastic
2024-07-15
0
ANIKET
good 👍👍
2024-07-15
0