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अध्याय 4 – एलिक से पहली मुलाकात
जे़मी का दिल और भी गुस्से में था जब वह ट्रेन से उतरकर उस शहर में कदम रखता था जहाँ एलिक रहता था।
छोटे शहर की हल्की ठंडी हवा ने उसके चेहरे को छुआ, लेकिन उसकी नफरत और नाराज़गी का ताप कम नहीं हुआ।
कॉलेज की ओर जाते समय, छात्र और छात्राएँ उसे देख कर राहत की साँसें ले रहे थे। लड़कियाँ खुशी से कह रही थीं,
“अंततः, वह चला गया! अब हम थोड़े सुरक्षित हैं।”
छात्रों की यह खुशियाँ जे़मी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं थीं। उसका गुस्सा बढ़ता गया।
वह अपने पुराने आदत के मुताबिक कॉलेज का माहौल बदलने के लिए तैयार था, लेकिन वह नहीं जानता था कि उसके सामने अब एलिक खड़ा होगा।
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जब जे़मी ने एलिक को देखा, तो उसके होंठों पर हल्की मुस्कान थी।
एलिक ने शांति से कहा,
“स्वागत है, जे़मी।”
लेकिन जे़मी का गुस्सा अचानक और बढ़ गया। वह अपने हाथ उठाकर मिडल फिंगर दिखा दिया।
एलिक की मुस्कान में थोड़ी देर के लिए ठहराव आया, लेकिन उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
वह जानता था कि जे़मी हमेशा अपनी नफरत और गुस्से में रहते हुए सामने आता है।
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एलिक ने धीरे-धीरे जे़मी के पास कदम बढ़ाया और कहा,
“मैंने तुम्हारे लिए चॉकलेट और टैकोस लाए हैं। शायद इससे तुम्हारा मूड बेहतर हो जाए।”
लेकिन जे़मी ने उसे देखकर चॉकलेट और टैकोस फेंक दिए, और फिर थप्पड़ मारते हुए सीधे अपने कमरे में चला गया।
एलिक ने शांत रहते हुए पीछे-पीछे उसका पीछा किया।
वह जानता था कि जे़मी की यह नफरत केवल उसके बचपन के अनुभवों से बनी है।
जब जे़मी छोटा बच्चा था, तब एलिक हमेशा सही रास्ते पर चलने के लिए उसे गाइड करता था। यह जे़मी को कभी पसंद नहीं आया।
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जे़मी ने अपने कमरे का दरवाजा बंद किया और सोचा,
“यह शहर, यह कॉलेज… और वह एलिक — सब कुछ मेरे खिलाफ है। मैं यहाँ बिल्कुल भी खुश नहीं हूँ।”
एलिक कमरे के बाहर खड़ा रहा, अपनी आँखों में धैर्य और संयम लिए।
उसने खुद से कहा,
“मैं इसे धीरे-धीरे संभालूँगा। यह नफरत कुछ ही समय की है। मैं जानता हूँ कि जे़मी के अंदर भी बदलाव की संभावना है। बस धैर्य रखना पड़ेगा।”
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पहले दिन की कॉलेज की क्लास में, जे़मी ने देखा कि उसकी पुरानी आदतें यहाँ भी जारी हैं।
वह कुछ दोस्तों के साथ हँसी-मज़ाक कर रहा था, और लड़कियाँ उसे छुप-छुप कर देख रही थीं।
लेकिन जे़मी की नजरें बार-बार उस कमरे की ओर जाती थीं जहाँ एलिक बैठा था।
एलिक की आँखों में एक अजीब सा संयम था। उसने धीरे से नोट किया कि जे़मी कितनी जल्दी परेशान हो जाता है और कितनी बार उसने गलत रास्ता अपनाया।
लेकिन एलिक ने खुद को याद दिलाया,
“धैर्य रखो। इस लड़के के अंदर मैं वही देखता हूँ जो वह बन सकता है।”
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शाम होते ही, जब क्लास खत्म हुई, जे़मी अपने कमरे में लौट आया।
उसने सोचा,
“मैं कभी भी यहाँ फिट नहीं होऊँगा। एलिक की हर बात मुझे तंग करती है। यह शहर मेरे लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।”
लेकिन एलिक पीछे-पीछे कमरे में आया और बस खड़ा रहा। उसने मुस्कुराते हुए कहा,
“पहली मुलाकात हमेशा थोड़ी कठिन होती है, लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा।”
जे़मी ने उस मुस्कान को नजरअंदाज किया और अपने पलंग पर गिर गया।
लेकिन एलिक ने देखा कि जे़मी के अंदर का गुस्सा केवल सतही है।
वह जानता था कि समय के साथ यह नफरत बदल सकती है।
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उस रात, एलिक ने खुद से वादा किया,
“मैं इसे संभालूँगा। यह लड़का मेरे मार्गदर्शन के बिना तो बिल्कुल खो जाएगा, लेकिन मैं उसे धीरे-धीरे सही रास्ता दिखाऊँगा। चाहे कितना भी गुस्सा हो, चाहे कितना भी विरोध करे, मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा।”
और इसी वादे के साथ, दोनों के जीवन में एक नया अध्याय शुरू हुआ।
जहाँ एक तरफ नफरत और गुस्सा थे, वहीं दूसरी तरफ धैर्य, संयम और छुपा हुआ प्यार धीरे-धीरे आकार लेने वाला था।
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