एक सुनसान सी दिखने वाली पुरानी इमारत… दरवाजे के पीछे एक गुप्त रास्ता। आर्यन फिंगरप्रिंट स्कैन करता है और जैसे ही दरवाज़ा खुलता है, एक हाई-टेक बेसमेंट सामने आता है।
हर तरफ़ मॉनिटर, मैप्स, शिपमेंट ट्रैकिंग सिस्टम और हथियारों से भरे लॉकर। कुछ भरोसेमंद लोग आर्यन का इंतज़ार कर रहे होते हैं।
आर्यन (गंभीर आवाज़ में)
“अब एक भी चूक नहीं होनी चाहिए। FBI हमारी हर हरकत पर नज़र रख रही है। शिपमेंट अब पुराने रास्तों से नहीं, अंडरग्राउंड टनल से जाएगा। हर एक सेकंड की कीमत होगी। समझे सब?”
वो एक बड़ा मैप निकालता है, रास्ता समझाता है, और हर एक आदमी को अलग-अलग ज़िम्मेदारी देता है। सभी लोग गंभीरता से उसकी बातें सुनते हैं।
आर्यन
“अगर कोई भी बाहर की दुनिया को ज़रा सा भी इशारा दे, तो समझ लो वो आख़िरी बार सांस ले रहा होगा। अब से हम हर कदम सोच-समझकर उठाएंगे।”
ये वो लोग थे जो हर शिपमेंट को देश विदेश में ट्रांसपोर्ट करते थे शिपमेंट कहां जायेगी किस रास्ते से जायेगी ये आर्यन के कहने पे ये लोग करते थे।आर्यन माफिया वर्ल्ड का बादशाह है कुछ गिने चुने लोगों को ही पता है की आर्यन अपनी कंपनी के साथ साथ अपनी माफिया वर्ल्ड भी चलता है।
अर्जुन राय आर्यन का सबसे अच्छा दोस्त है जो हमेशा से आर्यन का सपोर्ट करता है यहां तक कि जब आर्यन छोटा था उसके सिचुएशन ठीक नही थे तो अर्जुन ने ही आर्यन की मदद की थी उसे संभाला था।
सब कुछ सॉर्ट करने के बाद आर्यन अपनी रूम में गया उसने अपनी सीक्रेट बेस पर भी अपने लिए रूम बनाया था। रूम में जाने के बाद वो अर्जुन से बोला, “ पता लगाओ की फैक्ट्री के आस पास जो इंसान था उसका कुछ पता चला या नहीं और हां Zayan को कहो की मुझे उस लड़की के बारे में सारी डिटेल्स चाहिए जितनी जल्दी हो सके।”
अर्जुन आर्यन के सामने आते हुए हैरानी से बोला, “ क्या फैक्ट्री के आस पास कोई था पर मैंने तो नही देखा तुम्हे कोई गलतफहमी हो रही है वहां कोई नहीं था।” ये बोल कर अर्जुन वही पड़े सोफे पर बैठ गया। तभी उसे आर्यन की एक सर्द आवाज आई, “ अर्जुन”। अर्जुन जो आराम से सोफे पर बैठे हुए जूस पी रहा था वो आर्यन की आवाज सुन जल्दी से उठा और बोला, “ जा रहा हूं जा रहा हूं हर बार अपनी आवाज से डराना जरूरी है क्या।” ये बोल वो पैर पटक कर वहां से चला गया।
आर्यन जल्दी से फ्रेश हो कर वहां से चला गया क्यों वो जायदा देर यहां नहीं रुक सकता था क्यों की उसे पता था fbi वाले उसके पीछे हाथ धो कर पड़े है और अगर उनको इस जगह के बारे में पता चला तो वो इस जगह तक पोहांच जायेंगे।
जहां एक ओर आर्यन अपने अंधेरे और खतरों से भरे खेल को और गहरा बना रहा था… वहीं दूसरी ओर एक पहाड़ी की चोटी पर, सिया अपने टूटे हुए अतीत से दोबारा जुड़ने की कोशिश कर रही थी।
भीड़ भाड़ दुनिया से सबसे दूर एक पहाड़ी इलाके में सबसे ऊपर एक घर था वहां बस एक ही घर था आस पास हरियाली छाई हुई थी ऐसा लग रहा था जैसे कोई वहां उन फूलों का खयाल रखता हो।
बारिश की हल्की फुहारें पड़ रही हैं। सिया धीरे धीरे उस तरफ बढ़ रही थी और बहुत जल्द वो पोहंच भी गई
सामने एक पुराना घर जो न जाने कब से या कितने सालों से बंद पड़ा था… उसका बचपन का आशियाना।
पुराने घर के दरवाज़े की कुंडी को पकड़ते हुए उसके हाथ काँप रहे थे... एक अजीब सी सिहरन सी हो रही थी डर की नहीं, यादों की।
उसके सामने हर वो चीज सामने आ रही थी जो उसके अतीत में बीता था अपनी मम्मा पापा के साथ हंसी खुशी की यादें उनकी मौत का दृश्य सब कुछ, वो धीरे धीरे दरवाज़ा खोलती है, हर चीज़ धूल और मकड़ी के जालों से रहना चाहिए पर ऐसा नहीं था घर एक दम साफ़ था मानो वहां कोई रहता हो।
खामोशी में लिपटी हुई माहोल उसका चेहरा थका हुआ और उदासी से भरा हुआ है।
वो खुद से बोली,” यहां सब साफ़ कैसे है यहां कोई रहता है क्या।” ये बोलकर वो चारों तरफ अपनी नजर दौड़ती है फिर वो धीरे-धीरे एक कमरे में जाती है। उस कमरे में एक टेबल पर कुछ पुरानी तस्वीरें रखी हैं और कुछ दीवारों पर टंगी है। वो भी बिलकुल साफ।
वो एक तस्वीर उठाती है जिसमें सिया अपने मम्मी-पापा के साथ मुस्कुरा रही होती है। उसके चेहरे पर दर्द साफ़ झलकता है।
सिया (धीरे-धीरे बोलते हुए, आंखों में नमी)
“जब समझ ना आए कि कहां जाना है… तो इंसान वहीं लौटता है जहां से सब कुछ शुरू हुआ था…”
“I miss you मम्मी पापा आप क्यों मुझे छोड़ कर चले गए।”
वो एक पुराना टेडी बियर उठाती है जो उसकी माँ ने उसे तोहफ़े में दिया था। उसे सीने से लगाती है।
वो कोने में बैठ जाती है, चुपचाप… आंसू नहीं रोकता, कोई आवाज़ नहीं आती एक दम शांत। बस एक टूटे दिल की खामोशी पूरे कमरे में फैल जाती है।
वो जमीन पर लेट कर टेडी को पकड़ कर कब सो जाति है उसे पता ही नही चलता।
दोनो की किस्मत धीरे धीरे एक दूसरे को पास ला तो रही थी पर उसी के साथ उनके अतीत भी आ रही थी क्या वो दोनो अपने अतीत से लढ़ पाएंगे।
दुबई की एक बड़ी सी इमारत के सामने तेज़ रफ्तार से एक ब्लैक कार रुकती है। दरवाज़ा खुलते ही एक आदमी बाहर निकलता है काला कोट, नुकीली आंखें, चाल में घमंड… वो था कबीर खान। आर्यन का सबसे बड़ा कंपटीटर।
वो सीधा उस इमारत के अंदर जाता है और एक डार्क रूम में जाता है। वहां कंप्यूटर स्क्रीन पर आर्यन की तस्वीरें, उसका शेड्यूल, शिपमेंट का प्लान और बेसमेंट की हल्की सी झलक।
कबीर मुस्कुराता है।
कबीर
"आर्यन मल्होत्रा... तू समझता क्या है खुद को? बादशाह? अंडरवर्ल्ड का बादशाह my foot, अब तू देख कैसे तुझे मैं चुन चुन कर बदला लेता हूं।"
वो जेब से एक छोटा सा ट्रैकिंग डिवाइस निकालता है और एक नक्शा खोलता है। नक्शे पर आर्यन की हर मूवमेंट मार्क की हुई है।
तभी उसके सामने स्क्रीन पर एक विडियो कॉल आती है। बस एक परछाईं नजर आती है, चेहरा नहीं दिखता। आवाज भारी और रहस्यमयी।
रहस्यमयी आवाज
"कबीर, मुझे आर्यन के सारे अपडेट्स चाहिए, एक भी चूक नहीं होनी चाहिए वो बहुत चालाक है हमें किसी भी तरह से उसे शक नहीं होने देना है।"
कबीर
"सब कंट्रोल में है। जल्द ही वो हमारे हाथों में होगा।"
रहस्यमयी आवाज
"आर्यन को लगता है वो चालें चल रहा है… लेकिन असली खेल हम खेल रहे हैं। अब देखता हूं कब तक बचता है।" ये बोल वो एक सैतानी हंसी हंसता है और कॉल कट देता है।
कबीर खिड़की से बाहर देखता है, मुट्ठी भींचते हुए।
कबीर (धीरे से)
"तेरा हर राज अब मेरे पास है आर्यन, तेरा वो हर चीज तुझ्से छीन लूंगा तुझसे हर वो चीज छीन लूंगा जो तेरा कीमती चीज है हर वो चीज।” ये बोल वो जोर से हंसता है पागलों की तरह।
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