my dear doll

^^^मेरी प्यारी गुड़िया^^^

सुन ओ मेरी प्यारी गुड़िया

तुझे एक कहानी सुनाऊं मैं

पहले लगती थी आफत की पुड़िया

अब तेरे बारे में सोच मुस्काऊ मैं

सुन ओ मेरी प्यारी गुड़िया

तुझे एक कहानी सुनाऊं मैं

तेरा दिल तो जैसे है कांच की चूड़ियां

कही दर्द इसे न दे जाऊ मैं

सुन ओ मेरी प्यारी गुड़िया

तुझे एक कहानी सुनाऊं मैं

तू तो जैसे है रोशनी की लड़ियां

तुझे पा कही खुद ही न खो जाऊ मैं

सुन ओ मेरी प्यारी गुड़िया

तुझे एक कहानी सुनाऊं मैं

मेरे बिना चांद है तू, सबसे बढ़िया

कही तुझपे दाग ना बन जाऊं मैं

सुन ओ मेरी प्यारी गुड़िया

तुझे एक कहानी सुनाऊं मैं

बिखरी है आपने रिश्तों की कड़िया

पर मन को कैसे समझाऊं मैं

सुन ओ मेरी प्यारी गुड़िया

तुझे एक कहानी सुनाऊं मैं

^^^पार्वती^^^

श्याम बदन ओ मां तेरा

आंखे काजल में रंगी हुई

और उन्ही कमल से नयनों में

आज है क्रोध की ज्वाला जली हुई

थे केश काली घटाओं से तेरे

वो भी पुस्पो में सजे हुए

और जिन हाथों में देखी थी मेंहदी

आज वो पापियों के रक्त से रंगे हुए

थी जिस मुख पे ममता तेरे

वो है अंध क्रोध से भरे हुए

और जो पद कभी देखे थे पुस्पो में

आज वे है रणभूमि के मत में घिरे हुए

था रूप वो भी मनमोहक तेरा

वो थी मानो प्रकृति बसंत में सजी हुई

और इस रूप में भी कुछ बात निराली है

आज तू उसी प्रकृति के प्रलय में रची हुई

थी मैं नतमस्तक तब भी तेरे

जब तू थी प्रेम मूरत बनी हुई

और अब भी मस्तक है झुका मेरा जब

आज तू अंत के रूप में खड़ी हुई

^^^पवन^^^

है साथ चलीं जो पवन मेरे

उससे पूछो क्यों जीता मैं

यदि होता शेष अन्य मार्ग कोई

तो जहर से घूट क्यों पीता मैं

पूछो कोई उस आकाश से भी

क्यों हर दर पर ठोकर खाता था मैं

यदि होता सहारा एक अंश का भी

तो हर बार निराशा से क्यों थक जाता था मैं

पूछो जरा इस धरती से

हर परीक्षा कैसे पार करता था मैं

चलते रहने और न कही ठहरने से

हर पग कैसे लेता था मैं

पूछो उन नदीयों झरनो से

कैसे हर दिन जीता था मैं

इस मुक्कदर तक पहुंचने को

कितनो से हरा कितनो से जीता था मैं

^^^तुम कौन हो^^^

मेरी अंधेरी सी जिंदगी में ,

पल भर का नूर हो तुम,

बहुत चाहा आपने पास रख लू ,

पर मेरी पहुंच से काफी दूर हो तुम,

उस काले आसमान की रोशनी हो,

इस कीचड़ से निकला फूल हो तुम,

सुबह की जैसे रागिनी हो,

जैसे गीतों का उसूल हो तुम,

मेरे बचपन के खूबसूरत हिस्से में

मेरी ही परछाई हो,

इसलिए लगता है पल भर का ही सही

जिंदगी का सुकून हो तुम।

^^^_शिव_^^^

वो रूप तुम्हारा बिखरा हुआ सा

मैने आंखों में अपनी समेत लिया

जोगन सी बनके तेरी हुई मै

और तुझमें ही रास्ता देख लिया ।

हजार सीरतो वाले तुममें

मैने कोई अपना सा देख लिया

जोगी जो मन ऐसा हुआ कि

तुम्हारे लिए ही जीना सिख लिया।

मदहोशी सी लगती है बाते

जो तुझपे लिखा देख लिया

महादेव मेरे भोले शंभू

कैसे कहूं के तुझमें ही है अब सारा जीवन देख लिया।

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