एक आलिशान कमरा जीसे बहुत खूबसुरती से सजाया गया था,,, उस कमरे के बीचों बीच एक किंग साइज बैड था,, जिसे गुलाब की पंखुडियों से सजाया गया था,, उस आलिशान रुम को देख कर ही समझ आ रहा था की इसे किसी नए जोड़े के लिये सजाया गया है, ,,,
उसी कमरे मैं उस किंग साइज बैड के सामने कनक लाल रंग के दुल्हन के जोड़े मैं खडी थी,,,,इस समय उसकी आंखें बंद थी, और उसका दिल बेहिसाब धडक रहा था,,, वो अपने आप मैं बुदबुदाई
"इस कमरे के हर कोने मैं तुम्हारा एहसास है किट्टू"इतना कह उसकी पलके हल्की नम हो जाती है
कनक धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलती है तो उसकी नज़र सामने दिवार पर लगी उस बडी सी काच की फोटो फ्रेम पर जाती है जिसमें कार्तिक सिंघानिया यानी की उसके किट्टू की तस्वीर थी। दिवार पर लगी उसकी तस्वीर मैं उसका रोबिला चेहरा उसकी जीम मैं बनाई हुई बोडी उसकी स्मार्टनेस उसके मौजूद ना होने पर भी उसके होने का एहसास करा रही थी,
उस रुम की दीवारे ब्लैंक ऐंड ग्रे से पेंट की गई थीं,,, साथ ही खिडकियों पर मैचींग परदे भी लगे हुए थें,, उन ब्लैक ऐण्ड ग्रे दिवारों पर कई तरह की बेशकीमती पैंटींग्स भी लगी हुई थीं, जिनकी किमत कई करोडों मैं थी,,, कूल मिला कर अगर देखा जाए तो उस रुम को काफी अच्छे तरीके से मेनटेन करके रखा गया था,,,
इतने सालों से इस घर मैं रहने के बावजूद कनक इस रुम मैं आज दुसरी बार आई थी,,, क्यौंकि कार्तिक को कनक का उसके रुम मैं आना जो पसंद नही था।। कनक को आज भी याद था की बचपन मैं जब वो एक बार कार्तिक के रुम मैं आ गई थी,,, तब कैसे कार्तिक ने इस पूरे घर को अपने सर पर उठा लिया था,,, उसने उसे बोहोत डाटा था,,, जिसके बाद वो उस दिन काफी ज्यादा रोई भी थी,,,, पर हर्टलेस कार्तिक को कहाँ कनक के आंसुओं से फर्क पड़ने वाला था,,, उसने तो बिना कनक पर ध्यान दिए उसे अपने कमरे से बाहर निकाल उसके मुँह पर ही दरवाजा बंद कर दिया था,,,
कनक अभी अपनी यादों मैं खोई हुई ही थी की उसी वक्त उस रुम का दरवाजा एक तेज आवाज के साथ खूलता है,, कनक दरवाजे की तरफ देखने लगती है,,, जहाँ से एक लड़का रेड शेरवानी पहने हुए अभी अभी अंदर आया था,,,, गोरा रंग ,काली गहरी आंखें जिनमें किसी का भी खो जाने का मन करे,,, हल्की दाहडी और 6.6 फीट की हाइट के साथ वो किसी कामदेव से कम नही लग रहा था,,,,
ये कोई और नही बल्कि हमारी कहानी के हीरो कार्तिक सिंघानिया हैं,, जो एशिया के नम्बर वन बिजनेसमैन है, साथ ही इनका कनेक्शन अंडरवर्ल्ड से भी है,, इन्हें बिजनेस किंग के साथ- साथ अंडरवर्ल्ड का किंग भी कहा जाता है,, इनकी उमर महज 28 साल है,,, इनकी पर्सनेलीटी ऐसी है की लडकियों के साथ साथ लडके भी इनसे अत्रेक्ट हो जाते हैं,,,
अब बात आती है हमारी कहानी की हीरोइन कनक की,,, कनक अपनी माँ के साथ रहा करती थीं,,, लेकिन जब कनक 6 साल की थी तभी कनक की माँ यानी की सुमन जी की एक बस एक्सिडेंट मैं डेथ हो गई थी,, बस एक्सिडेंट के दौरान कनक अपनी माँ के साथ ही थी पर उसकी जान बच गई थीं,,, जिसके बाद कुछ लोगों ने उस मासूम सी पाँच साल की बच्ची को अनाथ आश्रम मैं छोड दिया था,,, वहीं बात करे कनक के पिता की , तो उनके बारे मैं किसी को नही पता था की वो कौन थें,,,,, जब कनक 7 साल की हुई थी, तभी उस आश्रम मैं कार्तिक के मम्मी पापा और दादा, दादी ,कार्तिक के साथ उस आश्रम मैं आए थें ,,, क्यौंकि ये आश्रम उन्ही का था ,और वे हर साल कार्तिक के बर्थडे पर वहां आया करते थें
उस दिन भी कार्तिक का बर्थडे था,,,
वे सभी कार्तिक का बर्थडे सेलीब्रेट कर ही रहे थें की तभी कार्तिक की दादी की नज़र कनक पर पडी,,,, गोरा चेहरा ,नीली आंखें, घूंघराले बाल ,फुले गालों और व्हाइट कलर की प्रिंसेस फ्रोग मैं कनक बिल्कुल किसी बार्बी डोल की तरह लग रही थी।।। उसे देखते ही दादी ने उससे एक लगाव सा मेहसूस किया,,, जिसके बाद उन्होने डिसाइड कर लिया की वे कनक को गोद लेंगिं,, क्यौंकि उस समय तक उनके परिवार मैं कोई भी लडकी नही थी, और दादी की बडी इच्छा थी की उनकी एक पोती हो,,, इसलिए उन्होने सभी को कनक के बारे मैं बताया और ये भी बताया की वे कनक को गोद लेना,,, चाहती है,,,
दादी की बात सभी ने खूशी- खूशी मान ली जिसके कुछ दिनों बाद सिंघानिया परिवार ने कनक को गोद ले लिया,, इस तरह से कनक सिंघानिया परिवार मैं आई थी।
कनक अब 21 साल की हो चुकी थी,,, लेकिन आज भी वो उतनी ही प्यारी थी जितनी की वो तब हुआ करती थी जब वो 7 साल की थी,, बस उसके बाल अब घूंघराले ना हो कर स्ट्रेट हो गये थें,,
वहीं कार्तिक एक नज़र कनक की तरफ देखता है,,,, फिर बिना किसी एक्सप्रेशन के वो अपने कदम कनक की तरफ बडा देता,है,,,
कार्तिक को अपनी तरफ बड़ते देख कनक धीरे धीरे अपने कदम पीछे लेने लगती है,,, इसी तरह पीछे होते हुए कनक के कदम अचानक रूक जाते है क्यौंकि बैड के कारन अब पीछे जाने के लिये जगह ही नही बची थी,,,,
कनक साइड से जाने की सोचती है,, लेकिन वो जा पाती की उससे पहले ही अचानक कार्तिक उसे बैड की तरफ धकेल देता है और कनक के ऊपर आ कर उसे रुड्ली किस करने लगता है,,,, कनक बस आंखें फाडे कार्तिक को देख रही थी और अपने हाथों की मदत से उसे दूर करने की कोशिश कर रही थी,, पर अफसोस हमारी नाजूक सी कनक कहाँ कार्तिक जैसे हट्टे कट्टे आदमी के सामने टीक सकती थी,,, कनक जितनी कोशिश करती कार्तिक को खूद से दूर करने की,, कार्तिक उतने उसके करीब आता जा रहा था,, पर कनक इतनी आसानी से हार माननों वाले मैं से नही थी,, इसलिए अब उसने कार्तिक की पीठ पर मुक्के बरसाने शूरू कर दिए थें,,, जिससे चिड कर कार्तिक उसके दोनों हाथों को अपने एक हाथ के पंजे मैं जकड़ कर कनकके सर के ऊपर कर देता है,, और अपने दूसरे हाथ को कनक के पूरे शरीर मैं फिराने लगता है।।।
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कनक साइड से जाने की सोचती है,, लेकिन वो जा पाती की उससे पहले ही अचानक कार्तिक उसे बैड की तरफ धकेल देता है और कनक के ऊपर आ कर उसे रुड्ली किस करने लगता है,,,, कनक बस आंखें फाडे हैरानी से कार्तिक को देख रही थी ,, कुछ देर बाद जब कनक को समझ आता है की कार्तिक क्या कर रहा है तब वो अपने हाथों को कार्तिक के सिने पर पूश करते हुए उसे खूद से दूर करने की कोशिश करने लगती है,, पर अफसोस नाजूक सी कनक कार्तिक जैसे हट्टे कट्टे आदमी को खूद से दूर करने मैं नाकामयाब हो जाती है , बल्कि उल्टा कनक जितनी कोशिश करती कार्तिक को खूद से दूर करने की,, कार्तिक उतने उसके करीब आता जा रहा था,, पर कनक इतनी आसानी से हार मानने वालो मैं से नही थी,, इसलिए अब उसने कार्तिक की पीठ पर मुक्के बरसाने शूरू कर दिए थें,,, जिससे चिड कर कार्तिक बिना किस ब्रेक किये कनक के दोनों हाथों को अपने एक हाथ के पंजे मैं जकड़ कर कनक के सर के ऊपर कर देता है,, और अपने दूसरे हाथ को कनक के पूरे शरीर मैं फिराने लगता है,,,
कार्तिक कनक के होठों को किस कम बाइट ज्यादा कर रहा था,,,, जिससे दर्द के मारे कनक की आँखों मैं आंसू आने लगते हैं,,, पर कार्तिक उसके आँसूओं को नज़रअंदाज कर अपने आप को सटिसफाए करने मैं लगा हुआ था।
कनक के होठों को बेदर्दी से किस और बाइट करने के बाद कार्तिक उसके कोलरबोन्स पर आ जाता है,,,,,
कोलरबोन्स पर किस और सक करते हुए कार्तिक ने अपने एक हाथ मैं कनक के दोनों हाथों को होल्ड किया हुआ था तो वहीं अब वो अपने दूसरे हाथ को कनक की बोडी पर फिराना बंद कर उस हाथ की मदत से खूद के कपडे रिमूव करने लगता है।
इस बीच कनक की कोशिश जारी थी कार्तिक को खूद से दूर करने की पर वो चाह कर भी नही कर पा रही थी
वहीं कार्तिक जिसने अपने ऊपर के कपडे तो निकाल दिए थें, लेकिन पेंट नीकालने मैं उसे दिक्कत हो रही थी ,,, इसलिए वो अपनी किस ब्रेक कर कनक से दूर होता है और कनक के हाथों को रिलीज कर अपनी पेंट उतारने लगता है।
वही कार्तिक के खूद से दूर होते ही कनक बेबसी से आंसू बहाते हुए उससे कहने लगती है। आप प्लीससस,,,, मत किजीये ये सब मेरे साथ,, मुझे जाने दिजीये प्लीस,, इसके अलावा आप जो कहेंगें मैं वो करूंगी,,, बस मेरे साथ ऐसे जबरदस्ती मत करिये,,, प्लीस मुझे छोड दिजीये,, मैं अभी इन सब के लिये तैयार नही हूं। इसके साथ ही कनक का रोना तेज हो जाता है,,, पर कार्तिक को इससे कोई फर्क नही पडता है,, और वो अपने कपडे खोलने के बाद कनक के कपडे खोलने लगता है,,, जिससे कनक खूद को बचाने के लिये काफी ज्यादा छटपटाने लगती है,,,
कनक के इस तरह छटपटाने से कार्तिक को उसके कपडे निकालने मैं दिक्कत होती है,,, जिससे उसे गुस्सा आने लगता है और वो गुस्से मैं आकर अपनी पूरी ताकत से कनक के गालों पर एक थप्पड मार देता है,, जिससे कनक के गोरे गालों पर कार्तिक के उंगलियों के निशान छप जाते हैं,,, और उसकी आंखें हल्की हल्की बंद होने लगती हैं,, लेकिन कार्तिक बिना कनक की परवाह किये,, कनक के कपड़ों को एक चररर,,, की अवाज के साथ फाड कर उसके शरीर से अलग कर साइड मैं फेक देता है,,, और आगे बड कर कनक की पूरी बोडी को चूमने लगता है,,, कुछ देर तक कनक की बोडी को चूमने के बाद कार्तिक बिना किसी वार्निंग के जबरदस्ती कनक के अंदर एन्टर होता है,,, जिससे कनक की एक दर्द भरी चीख उस पूरे रुम मैं गूँज जाती है,,, वही कनक की चीख सुनते ही कार्तिक के फेस पर एक डेविल स्माइल आ जाती है,,, लेकिन कुछ याद आते ही अचानक उसकी स्माइल कहिं गायब हो जाती है, और उसके चेहरे पर गुस्सा नज़र आने लगता है,,, वो बडी बेदर्दी से कनक के साथ इंटिमेंट होने लगता है,,, कार्तिक इस समय किसी जानवर की तरह कनक से पेश आ रहा था ,,,
वहीं कनक अपनी लाचारी पर आंसू बहाने के अलावा और कुछ नही कर सकती थी,, आज उसने पहली बार कार्तिक का ये रूप देखा था,, जो उसके लिये काफी ज्यादा दर्दनाक था,,,, हाँ उसे पता था की कार्तिक उससे नफरत करता है,, लेकिन उसने कभी नही सोचा था,, की कार्तिक अपनी नफरत मैं इतना ज्यादा गिर जाएगा की वो उसके शरीर को नोचने से पहले एक बार भी नही सोचेगा,, आज उसने अपनी नफरत मैं कनक को एक काफी गहरा जख्म दिया था जिसे कनक जिन्दगी भर भूलने वाली नही थी।
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कहाँ उसने सोचा था की आज से वो कार्तिक के साथ अपनी जिन्दगी की नई शूरुआत करेगी और कहाँ ये सब हो गया था,,, अब तो उसने कार्तिक का विरोध करना भी छोड दिया था , वो चूप चाप बिस्तर पर किसी जिन्दा लाश की तरह लेटि हुई थी और कार्तिक जो कर रहा था उसे वो करने दे रही थी,,,
रात के करीब 4 बजे के आस -पास
काफी घंटों तक कनक के शरीर के साथ खेलने के बाद जब कार्तिक का मन भर जाता है तब जा कर वो कहिं कनक से दूर होता है और कनक को उसी बैजान हालत मैं छोड कर फ्रेश होने के लिये वोश्रूम के अंदर चला जाता है। वहीं कनक अब तक बेहोश हो चुकी थी।
15 मिनट बाद कार्तिक वोश्रूम से अपनी कमर पर एक तौलिया बांधे बाहर आता है,,, और कनक की तरफ बिना देखे बैड साईड़ के ड्रॉर से सिग्रेट ,लाइटर निकाल कर बाल्कनी की तरफ चला जाता है स्मोक करने के लिये।
बाल्कनी मैं,
कार्तिक का एक हाथ रेलिंग पर कँसा हुआ था ,, तो वही उसके दूसरे हाथ मैं सिग्रेट मौजूद थी ,, जिसे वो अपने होठों से लगाए उसके कश भर रहा था,,,, उसके पैरों के आस- पास बहुत से आधे जले सिग्रेट पडे हुए थें,, जिन्हें कार्तिक ने ही स्मोक करने के बाद फेके थें।।
जब कार्तिक एक और सिग्रेट लेने के लिये अपने जेब मैं हाथ डालता है तब उसे समझ आता है की उसकी सारी सिग्रेट्स खत्म हो चूकी ,, जिसका एहसास होते ही कार्तिक एक गहरी साँस लेता है,, और अपनी आंखें बंद कर उन ठण्डी हवाओं को मेहसूस करने लगता है जो उसके चेहरे को छू कर जा रही थीं,,
अभी कार्तिक को आंखें बंद किये हुए कुछ पल ही बीते थें की उसे किसी का मुस्कुराता हुआ चेहरा नज़र आने लगता है,,, जिससे उसके होठों पर भी एक मुस्कुराहट आ जाती है,,, और वो उसी तरह से मुस्कुराते हुए एक नाम पूकारता है,
जूही,,,,,,,
पर तभी वो चेहरा अचानक गायब हो जाता है जिससे एक झटके मैं कार्तिक अपनी आंखें खोल लेता है,,, आंखें खूलते ही उसकी मुस्कुराहट कहिं गायब हो जाती है , और उसकिं आंखें गुस्से से लाल हो जाती है,,, उसके माथें पर उसकी नसें उभर आई थीं,,, वो अपने एक हाथ का मुक्का बना कर रेलिंग पर मार कर दाँत पिस्ते हुए कहता है,,,
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कार्तिक अपने एक हाथ का मुक्का बना कर रेलिंग पर मार दाँत पिस्ते हुए कहता है,,, " बहुत शौक है ना तुम्हें दूसरों से उनके प्यार को छीनने का,, उन्हें अपने प्यार से दूर करने का,,,, उनकी खूशियों से भरी जिन्दगी को उजाडने का,,, तो अब मैं तुम्हें बताऊंगा की लोगों से उनके प्यार को छीनने का अंजाम क्या होता है,, उनसे उनकी खूशियों को छीनने की सजा क्या होती है।।। ये कार्तिक सिंघानिया का तुमसे वादा है,, की मैं तुम्हारी जिन्दगी मौत से भी बत्तर बना दूंगा,,,, तुमसे तुम्हारी सारी खूशिया छीन लूंगा,, ठीक उसी तरह से जिस तरह से तुमने मेरी खूशियों को छीना है,, तुम्हारी जिन्दगी, मैं इतनी बत्तर बना दूंगा की तुम ,,,इस जिन्दगी को जीने से अच्छा मरना पसंद करोगी,, पर तुम्हें मौत भी नसीब नही होगी,, इतना कहते ही कार्तिक के होठों पर एक एविल स्माइल और आँखों मैं नफरत उतर आती है।
अगली सुबह 6 बजे
कार्तिक अपने रुम के बडे से आलिशान सोफे पर बेठे हूए पिछले 1:30 घंटों से सामने बैड़ पर सोई हुई कनक को अपनी गहरी आँखों से घूर रहा था,,, जो आराम से सूकून की नीन्द लेने मैं बिजी थी,,, उसे काफी गुस्सा आ रहा था की कहाँ उसने सारी रात जागते हुए बिताई थी और कहाँ कनक सूकून से सो रही थी।।।
जब कार्तिक से कनक को इतने आराम से सोते हुए देखना बर्दाश्त नही होता है तब वो सोफे से उठ वोश्रूम की तरफ चला जाता है और वहां से एक बाल्टी भर पानी लाकर उस पूरे पानी को कनक के ऊपर डाल देता है,, जिससे कनक की नीन्द एक झटके मैं खूल जाती है,, और बैड पर बेठ हैरानी से अपने सामने खड़े कार्तिक को देखने लगती है जो अपने हाथ मैं खाली बाल्टी पकड़े उसे ही गुस्से से देख रहा था।।
कार्तिक के हाथ मैं खाली बाल्टी देख कनक समझ जाती है की उसके ऊपर पानी फेकने वाला कोई और नही कार्तिक ही है,,, जिससे कनक को भी गुस्सा आने लगता है,,, और वो बैडशीट को अपने शरीर के चारों तरफ लपेटते हुए बैड पर खडी हो कर अपने एक हाथ से बेड़शीट पकड अपने दूसरे हाथ की उँगली कार्तिक की तरफ पोइंट करते हुए कहने लगती है।
कनक- मिस्टर मजनू ,, कल तुम्हारी लेला तुम्हें मंडप मैं अकेले छोड कर भाग गई थी,,, जिसकी वजह से आपका कल रात हार्ट ब्रेक था,,, इसलिए कल आपने जो भी मेरे साथ किया उसके लिये मैने आपको माफ किया,, लेकिन आज आपने मेरे ऊपर पानी फेक कर अच्छा नही किया , क्यौंकि इससे मेरी नीन्द खराब हो गई है,, और कनक सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है,, लेकिन ये कभी बर्दाश्त नही करेगी की कोई उसकी नीन्द मैं टांग अड़ाए ,, अब जबकी आपने मेरी नीन्द खराब कर ही दी है तो,,,, इतना कह कनक कार्तिक की तरफ देखती है जो अपनी लाल आँखों के साथ उसकी पोइंट की हुई उँगली की ही तरफ देख रहा था,,,
कार्तिक को इतने गुस्से मैं देख कनक समझ जाती है की अगर अब उसने आगे कुछ और उल्टा सीधा कहा तो कार्तिक सिधे उसकी उँगली की ही बली चड़ा देगा इसलिए वो जल्दी से अपने हाथ को अपनी कमर के पीछे छूपाते हुए आगे कहती है,,
कनक- तो,,, चलों ये आपकी दुसरी गलती है इसलिए मैं आपकों माफ करती हूं,, वैसे भी आप मेरे हसबेंड है तो मैं इतना तो आपके लिये कर ही सकती हूं इतना कह कनक कार्तिक के कन्धों को थप -थपाती और बैडशीट अपने चारों तरफ लपेटे हुए ही बैड़ से उतर कार्तिक के साइड से जाने लगती है,, की कार्तिक बाल्टी साइड मैं फेकते हुए कनक के एक हाथ को पकड उसे मरोड़ते हुएt कनक की पीठ से लगा देता है,,जिससे कनक की एक चीख निकल जाती है,, पर कार्तिक उसके दर्द को नज़रअंदाज कर अपने दाँत पिस्ते हुए कहता है।।
कार्तिक- तुम्हारे पर कुछ ज्यादा ही निकल आए हैं ना,,, लगता है, इन्हें कुतरने पडेंगें, इतना कह कार्तिक ,,कनक के बेड़शीट को जिसे उसने अपने शरीर पर लपेटा हुआ था। उसे उसके शरीर से अलग करने लगता है,, जिससे कनक की पकड अपने बैडशीट पर मजबूत हो जाती है,,, और वो कार्तिक से दूर जाने की कोशिश करने लगती है,,, की तभी कोई दरवाजे पर नॉक करता है,,, तो वो दरवाजे की तरफ देखने लगता है जिससे उसका ध्यान कनक के ऊपर से हट जाता है,, साथ ही उसकी पकड कनक के हाथों पर थोड़ी ढीली पड जाती है,,
कार्तिक की पकड खूद के हाथों पर ढीली पडते देख कनक ,,, कार्तिक को एक जोरदार धक्का देती है,,, जिससे कार्तिक जा कर सिधे बैड़ पर गिरता है,,, और कनक इस बात का फाएदा उठाते हुए सिधे वोश्रूम मैं घूस जाती है।।।
कार्तिक वोश्रूम के गेट को घूरने लगता है,,, की एक बार फिर दरवाजे पर नॉक होती है,,, तब कार्तिक बैड़ से उठ कर गेट खोलने के लिये चला जाता है,
जब कार्तिक दरवाजा खोलता है तो उसे दरवाजे पर एक सर्वेंट खड़ा मिलता है,,, कार्तिक उस सर्वेंट से अपनी कोल्ड वोइस मैं पूछता है।
कार्तिक- क्या काम है?
कार्तिक के सवाल पर वो सर्वेंट घब्राते हुए कहता है,,,,
सर्वेंट- सर आपकों और कनक बिटिया को आपके दादा जी निचे बूला रहे हैं,, इतना कह वो सर्वेंट चूप हो जाता है और कार्तिक के कहने का इन्तेजार करता है।।
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