अस्पताल में दवाओं का गंध हमेशा बना रहता था | और रक्तांश खुराना को इससे हमेशा से नफ़रत थी लेकिन इस वक्त वह उस गंध को मेहसूस नही कर पा रहा था |
रक्तांश इस वक्त वीआईपी वार्ड के एक बेड पर लेटा हुआ था | उसके शरीर में बहुत सी चोटे आई थी और उसका पूरा शरीर खून से सना हुआ था | और तीन मिनट पहले ही डॉक्टर भी यह कह कर गया था की " The Most Powerful buisness man Raktansh Khurana is no more | "
28 साल का लड़का द ग्रेट बिजनेस टायकून रक्तांश खुराना , जो खुराना एंटरप्राइजेज का सीईओ के साथ साथ अंडरवर्ल्ड दुनिया का बेताज बर्दशाह था | डॉक्टर ने तो कह दिया था की वह मर चुका है ,लेकिन रक्तांश में थोड़ी जान अभी भी बची हुई थी | उसके कान में इस वक्त दो लोगो का अजीब तरह के आवाजे सुनाई दे रही थी |
उसने अपनी अंधुखुली आंखो को थोड़ा बड़ी कर ली और सामने एक दूसरे से गले मिलते एक जोड़े को देखने लगा | वह दोनो इस वक्त बेजीजक एक दूसरे पे प्यार लूटा रहे थे | और उनके होंठ भी आपस में मिल चुके थे |
" Ummmm देव.... मुझे दर्द हो रहा है ....!! "
वह लड़की उस लड़के के होंठो में उलझी अपने होंठो को रिहा करते हुए बहुत ही मदहोशी भरी आवाज में बोली,वही वह लड़का जो रक्तांश खुराना का बड़ा भाई देवांश खुराना था | रक्तांश के मौत पर उसे इस वक्त शौक मानना चाहिए था लेकिन वह कुछ अलग ही मूड में लग रहा था |
देव उस लड़की की होंठो को सहलाते हुए उसी के ही लहजे में बोला ,""_ तुम्हे दर्द हो रहा है? जरा मैं भी तो देखूं,कहा ,कैसे दर्द हो रहा है ? "
बोलते हुए देव उस लड़की की होंठो के करीब फिर से अपने होंठ ले जाने लगा | वही वह लड़की जिसका नाम मान्या था ,वह शर्माते हुए देव के होंठो पर हल्के से किस की फिर उसके गले से लग गई |
वही रक्तांश हैरानी से कभी देव को देख रहा था तो कभी मान्या को देखने लगा जाता | वह उसका सगा भाई था ,जिसके लिए उसने पूरी जिंदगी में क्या कुछ नही किया था ? और वह उसके मौत पर शोक मनाना तो दूर उसके लाश के सामने ,उसके ही गर्लफ्रेंड से चिपका उसे किस कर रहा था ? और वह लड़की मान्या ? हर वक्त रक्तांश के पीछे भागते हुए उसे हर दिन अपना प्यार का इजहार करती,उसके लिए मर मिटने की वादा करती तो वह आज उसके ही भाई को किस कर रही है ?
तभी वार्ड में एक बूढ़ा आदमी अंदर आया,जो काफी खुश भी लग रहा था | उसने एक नजर रक्तांश को बेफिक्री से देखा फिर देव और मान्या के पास जा कर कहा ,""_ मैं अभी अभी पंडित से बात कर आ रहा हु,दो दिन बाद ही शादी का अच्छा मूहर्त निकला है | "
वह बूढ़ा आदमी रक्तांश का दादाजी आशुतोष खुराना था |
थोड़ी देर पहले ही डॉक्टर उनसे कह कर गया था की उनका पोता अब इस दुनिया में नही रहा, तो इस हिसाब से उन्हे इस वक्त सिर्फ रक्तांश का अंतिम संस्कार के तैयारी करना चाहिए था और उसके लिए शोक मनाना चाहिए था | लेकिन वह पंडित से अपने बड़े पोते की शादी का मुहर्त निकाला कर आ रहे थे ?
रक्तांश उन तीनो को हैरानी से देख रहा था ,जैसे वह आज पहली बार उन तीनो का असली चेहरा देख रहा हो ? जिनसे वह पूरी जिंदगी में सबसे प्यार किया था | उन तीनो के लिए उसने क्या क्या नही किया था ? और आज यह तीनो उसके मौत पर रोना तो दूर उसके लाश के सामने ही शादी की खुशियां मना रहे है ? रक्तांश अपने जिंदगी की आखिर पल जी रहा था लेकिन उसके दिल के करीब जो लोग थे उनका यह बरताव उसे मौत से भी ज्यादा बत्तर लग रहा था | उसके बदन में बहुत सी चोटे लगी हुई थी, लेकिन दर्द उसे सामने का नजारा देख कर हो रहा था ? क्या यह उसके अपने नही थे ? उसके मौत पर यह दो तीन आंसू नहीं बहा सकते ?
आशुतोष की बात सुन मान्या मुस्कुराते हुए उठ कर उसके गले लग कर बोली,""_ थैंक यू दादाजी , आपको पता है मैं इस वक्त का कब से इंतजार कर रही थी ? "
आशुतोष उसके सर पर हाथ फेरते हुए कुछ कहता उससे पहले ही वार्ड का डोर एक बार फिर से खुला ,और एक 24 साल की लड़की रोते हुए अंदर भाग कर आई |
रक्तांश की धुंधली हो रही नजर उस लड़की पर जा टिक गई | वह लड़की रक्तांश खुराना की एक्स बीवी मुक्ता थी | वह रोते हुए बस रक्तांश को देखने लगी ,मुक्ता की आंखो में दर्द साफ साफ झलक रहा था ,उसकी आंखो से जो आंसू बह रहे थे, वह रक्तांश को खोने के लिए थे | वह फूट फूट कर रो रही थी ,लेकिन क्यों ? वह उसकी बीवी थी लेकिन अब नही, क्यों की कुछ दिन पहले ही रक्तांश ने उसे तलाक दे दिया था |
रक्तांश ने मुक्ता से सिर्फ एक साल तक का ही कॉन्ट्रैक्ट मैरिज किया था | वह भी सिर्फ देव और आशुतोष के लिए ,लेकिन आज उसके हालत पर उन दोनो को ही फरक नही पड़ रहा था | और जिन्हे फरक नही पड़ना चाहिए था वह उसके मौत पर रो रही थी |
रक्तांश मुक्ता के साथ कभी भी अच्छे से पेश नही आया था,लेकिन मुक्ता के दिल में उसके साथ रहते रहते फीलिंग्स उमड़ गए थे और उसने तलाक पेपर्स पर साइन करने से पहले भी रक्तांश से अपनी फीलिंग्स जाहिर भी किया था,लेकिन रक्तांश मान्या और देव की बातो में आ कर बेरहमी से उसे नीचा दिखा कर उसका दिल तोड़ा था |
मुक्ता रोते हुए बस रक्तांश को देख रही थी | रक्तांश भले ही होश में था और अपने आंखो को हल्के से उसने खोला भी था ,लेकिन कोई भी आसानी से यह बिलकुल कह नही पाता था की वह अभी जिंदा है ,उसमे थोड़ी ही सही जान बची है | रक्तांश बस अपनी धुंधली नजरो से उन्हे देख रहा था लेकिन उसमे हिलने या कुछ भी रिएक्ट करने का ताकत नहीं था |
मुक्ता की नजर रक्तांश के बदन पर लगी चोट पर थी ,उसे बहुत सी गोली लगी थी और कही जगह कंजर से वार भी किया गया था | मुक्ता के दिल में दर्द सा उठ चुका था ,वह मुड़ कर गुस्से से आशुतोष ,देव और मान्या को देखने लगी , क्यों की उसे अच्छे से पता था की यह तीनो कितने पाक दिल के है |
वह तीनो अपने चेहरे पर जीत का मुस्कान लिए उसे ही देख रहे थे |
मुक्ता उन पर चिल्लाते हुए बोली,""_ तुम लोग इतने गिरे हुए कैसे हो सकते है ? क्या बिगाड़ा था इन्होंने आपका की आप लोगो ने उन्हे ऐसे मार डाला ? "
वह तीनो हंसने लगे | तो वही रक्तांश ना समझी में मुक्ता को देखने लगा | भले ही उसे सामने का नजारा देख बुरा लग रहा था ,लेकिन उसे पता नही था की उसकी मौत की कारण वही तीनो है जिनके लिए उसने अपने जान तक कुर्बान करने तैयार था |
वही मुक्ता गुस्से से आगे बोली,""_ रक्तांश,हमेशा आप पर आंख बंद कर भरोसा करते थे ,आप लोग जो चाहते वह आपके कदमों में ला कर रखते और आप लोग ....? बदले में आप लोगो से उन्हें ऐसी मौत नसीब हुई ? "
देव अपने चेहरे पर smirk स्माइल लिए मुक्ता के करीब जा कर कहा ,""_ मौत ..? नही नही मुक्ता उसे हमसे मौत नही दर्दनाक मौत नसीब हुआ है |
देव बोलते हुए मुक्ता पर जोर जोर से हंसने लगा | वही रक्तांश हैरानी से देव को देखने लगा | उसे यकीन नही हो रहा था की उसका यह भाई क्या कह रहा है ? उसकी हालत की जिम्मेदार उसका भाई है ? लेकिन क्यों ?
मुक्ता आशुतोष को देख रोते हुए बोली,""_रक्तांश आपको खुद की जान से भी ज्यादा मानते थे ,आपके लिए कुछ भी कर गुजरने तैयार थे लेकिन आप ...? क्यों आपने उनके पीठ पीछे चूरी घोंपा ? क्यों मिस्टर खुराना ?क्यों ? "
" क्यों की मैं हमेशा से उसे बर्बाद देखना चाहता था लड़की,उसके नाम पर जितनी भी प्रॉपर्टी है ,जितना भी उसने पूरी दुनिया में अपना नाम कमाया है ,वह सब मुझे देव के नाम पर चाहिए था , इसीलिए मैंने शुरू से उससे देव से भी ज्यादा प्यार करने का नाटक किया ,उसके दुश्मनों के साथ हमेशा कनेक्ट रहा, ताकि वक्त आते ही मैं रक्तांश को मौत का घाट उतारा सकू देखो,उसे पता भी नही चला और वह मर भी गया | " आशुतोष ने गुस्से से अपनी गरजती आवाज में चिल्लाते हुए कहा | लेकिन अगले ही पल वह अपनी जीत पर मुस्कुरा उठा |
वही बेड पर लाश की तरह लेटे रक्तांश को यकीन नही हो रहा था,की यह बूढ़ा आदमी, वही इंसान है जिस पर वह आंख बंद कर भरोसा करता था ? इस इंसान के लिए उसने अपने मां बाप तक को खुद से दूर कर दिया था | जिसके बस एक बार कहने पर वह सारी दुनिया की खुशियां उसके कदमों पर ला कर रख देता |
जिंदगी भर रक्तांश ने सिर्फ अपने दादाजी का सम्मान करते हुए उनके लिए जिया था | उसने कभी भी अपने मां बाप का प्यार या मुक्ता की प्यार का कदर नहीं कीया था ,लेकिन आज ? सब कुछ याद करते हुए रक्तांश के आंखो में आशुतोष के लिए नफ़रत सा नजर आने लगा था | और उतना ही खुद पर घिन्न सा मेहसूस हो रहा था |
तभी मान्या भी आगे आ कर बोली,""_ दादू बिलकुल ठीक कह रहे है ,देव उनका असली पोता है तो उनका देव के लिए इतना सोचना ,करना कुछ गलत नही ,वैसे भी रक्तांश के साथ जो हुआ वह उन्हे डिजर्व करता है ,अपने मां बाप और तुम्हारे जैसी बीवी का प्यार तक उससे देखा नही गया तो उन्हे ऐसे मौत मिलनी ही चाहिए ,i think मुक्ता तुम्हे भी हमारे साथ मिल कर इस बेरहम इंसान की मौत पर हंसना चाहिए ना की इस तरह रोते हुए कोई सीन क्रिएट करना चाहिए | "
मान्या की बात सुन मुक्ता अपने दांत टटोरते हुए मान्या से बोली,""_ तुम तो रक्तांश से सच्चा प्यार करती थी ना ? तुम भी..? "
" प्यार...? मैने कभी रक्तांश से प्यार ही नही किया था मुक्ता ,मैं बस उसके साथ उसके पैसों के लिए थी,असली प्यार तो मेरा हमेशा से देव था | " मुक्ता की बात को टोकते हुए मान्या ने नफरत से कहा | फिर जा कर देव के गाल पर वह किस करते हुए उसके गले लग गई |
रक्तांश नफरत से आशुतोष,देव और मान्या को देखने लगा | काश इन तीनो का असली चेहरा पहले पता होता तो आज वह लोग उसके सामने खड़े होने के काबिल ही नही रहते | रक्तांश खुराना का बेदर्दी से पूरी अंडरवर्ल्ड कांप उठता था, लेकिन उसने अपने आस पास के दुश्मनों को पहचानने में ज्यादा ही देर कर दिया था | आज भी मुक्ता यहां आती नही तो उसे यह कभी पता नही चलता की उसके मौत के पीछे असली हाथ किसका था ?
मुक्ता रोते हुए रक्तांश को देखने लगी थी | वह गुस्से से उन तीनो से बोली ,""_ काश रक्तांश मेरी बातो पर विश्वास कर तुम तीनो का असली चेहरा देख पाते तो तुम तीनो इस वक्त कही के नही होते | "
मुक्ता ने कही बार रक्तांश को समझाने की कोशिश की थी,लेकिन रक्तांश ने उसके परिवार के खिलाफ बोलने का कभी हक नही दिया था | या यू कहे की मुश्किल से दिन में एक या दो बार ही वह मुक्ता से बात करता या बस देखता इससे ज्यादा उनके बीच कोई अच्छा रिश्ता नही बना था ,या यू कहे की आशुतोष ने कभी यह होने नही दिया था |
मुक्ता की बात सुन देव , मान्या,आशुतोष हंसने लगी | मुक्ता की बात अब उन्हें बकवास लग रहा था | वैसे मुक्ता जो कह रही थी सब सच था ,मरने से पहले रक्तांश ने उनका असली देखा होता तो वह एक ही पल में उन्हे बर्बाद कर रखता लेकिन तीनो ने उसे धोखे से ही मौत का घाट उतार दिया था | उन लोगो ने मरते दम तक रक्तांश को भनक तक लगने नही दिया था की उसकी मौत की कारण वही लोग बनने वाले है क्यों की रक्तांश कितना बेरहम है, उन्हे पता था |
देव मुक्ता के करीब जा कर कहा ,""_ लेकिन अब इन बातो का कोई सेंस नही बनता मुक्ता, रक्तांश खुराना का अब हमारे पास लाश पड़ा है जिन्हे हम जाते वक्त किसी जंगली जानवरों का हवाले करने वाले है | "
देव इतना बोल कर नफरत से रक्तांश को देखने लगा | वही मुक्ता को बहुत गुस्सा आ रहा था | जिंदगी भर रक्तांश देव के लिए क्या कुछ नही किया था और वह उसके लाश को तो बक्श देता ? लेकिन नही वह उसे जंगली जानवरों को सौंफाना चाहता था | मुक्ता को अब बर्दाश्त नही हो रहा था | वह गुस्से से चिल्लाई,""_ तुम लोगो ने जो भी मेरे रक्तांश के साथ किया है, उसका बदला अब मैं तुम लोगो से चुन चुन कर लूंगी,अब तुम लोग कही के नही रहेंगे | "
चिल्लाते हुए मुक्ता गुस्से से वार्ड से बाहर जाने को हुई की उतने में ही मान्या पास में ही रखे फ्रूट बास्केट में रखे हुए चाकू को उठा कर मुक्ता के पीठ पर घोंप दिया |
" अअह्ह्ह्ह.....!
मुक्ता दर्द से करहाते हुए उनके तरफ मुड़ गई | वही देव का गुस्सा भी बढ़ गया था ,यह लड़की उनके खिलाफ जा रही है ? अभी अभी तो उसका दुश्मन मरा था और उन्होंने उसकी जीत तक ना मनाई और यह लड़की उससे पहले ही उनके लिए फिर से मुसीबत खड़ी कर रही है ?
वह गुस्से से मुक्ता का सर पकड़ कर दीवार को दे मारते हुए कहा ,""_ तुम ,तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई हमारे खिलाफ जाने की ? Hmm ? अब तुम भी वही पहुंचोगी जहा,हमने तुम्हारे पति को पहुंचाया है | "
बोलते हुए देव ने एक दो बार और उसके सर को दीवार को दे मारा | पल भर में मुक्ता का सर से खून बहने लगा | और उसे सब कुछ धुंधला सा लगने लगा |
वही रक्तांश सब कुछ अपने अंधखूली आंखो से देख रहा था लेकिन वह हिलने या बोलने के हालत में ही नही था | उसे कभी भी मुक्ता के दर्द से फरक नही पड़ा था,लेकिन आज ? आज उसका दिल उस लड़की के लिए बहुत दर्द मेहसूस हो रहा था | वह लड़की उसके लिए तो लड़ रही थी | और उसके लिए लड़ते मर रही थी और वह देखने के अलावा कुछ नही कर पा रहा था |
आशुतोष खड़े खड़े यह सब देख रहा था | वह जल्दी से जा कर देव के कान में कुछ कहा तो देव थोड़ी देर रुका ,फिर अपने जेब में से एक इंजेक्शन निकाल कर मुक्ता के गर्दन में इंजेक्ट किया,फिर वहा से मान्या के साथ निकल गया |
वही आशुतोष,जल्दी से गॉर्ड्स को इशारा कर उस वार्ड को साफ कराया फिर मुक्ता को वहा से ले जाने लगे ,मुक्ता को पता नही देव ने कोनसा इंजेक्शन दिया था, मुक्ता के मुंह से बस खून ही निकलते जा रहा था | वह दरवाज़े तक तक जाते जाते ही अपने दम तोड़ गई |
वही रक्तांश सब कुछ बस धुंधली नजरो से देख रहा था, उसके आंखो के कोने से आंसू भी बह रहे थे और धीरे धीरे उसके आंखो के सामने अंधेरा सा छाने लगा था |
वह अपने आंखे बंद करते हुए मुश्किल से बस मुक्ता का नाम अपने मन में ही ले पाया,""_ मुक्ता...!! "
मुंबई के सिटी हॉस्पिटल में....,
" मुक्ता........!! "
हॉस्पिटल के बेड पर लेटे 28 साल का लड़का पूरी ताकत से चिल्लाते हुए अपने आंखे खोला | उसका आवाज ज्यादा ही कर्कश और हद से ज्यादा दर्द भरा था |
उस लड़के के चिल्लाने बाद ही अचानक से वहा कुछ जोर से टूटने की आवाज गूंज उठा था |
वह लड़का जो रक्तांश खुराना था ,वह तेज़ तेज़ सांस लेते हुए अपने चेहरे पर से पसीना साफ करते हुए आस पास देख रहा था की तभी उसे कुछ टूटने की आवाज सुनाई दी तो वह अपना सर घुमा कर सामने देखने लगा |
लेकिन सामने खड़ी मुक्ता को देख उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो गई थी |
वही मासूम मुक्ता डरी सी, सहमी नजरो से रक्तांश को देख रही थी | क्यों की अभी अभी रक्तांश दर्द से चिल्लाते हुए उसका नाम लिया था ,जिसे सुन डर से उसके हाथ से फ्रूट्स का बास्केट गिर कर टूट गया था |
वही रक्तांश हैरानी से मुक्ता को अभी भी देख रहा था | मुक्ता जिंदा है ? और अभी अभी उसने जो मुक्ता को मरते हुए देखा ,वह क्या था ?
वही मुक्ता को समझ नही आया था की रक्तांश उसका नाम लिए ऐसा क्यों चिल्लाया ? वह धीमी आवाज में पूछी,""_ आ....आप ठीक है ? "
रक्तांश अभी भी उसे ना समझी में देख रहा था | तभी एक नर्स अंदर आई,उसने एक नजर नीचे फर्श पर गिरी फ्रूट्स को देखा फिर मुक्ता को,यह देख मुक्ता बोली,""_ i am sorry, मैं अभी यह सब उठाती हू | "
बोलते हुए मुक्ता उन सारे फ्रूट्स को उठाने लगी | वही रक्तांश हैरानी से कभी मुक्ता को देखता तो कभी खुद को ? वह बिलकुल ठीक था, बस उसके सर पर हल्का सा चोट लगी थी |
वही नर्स एक ट्रे में अपने साथ कुछ दवाईयां ले आई थी | वह उस ट्रे को साइड टेबल पर रख कर रक्तांश को चेक करने उसके करीब आई,तभी रक्तांश ने उससे पूछा ,""_ आज का डेट क्या है नर्स ? "
रक्तांश का सवाल सुन नीचे बैठी मुक्ता अपना सर घुमा कर रक्तांश के ओर ना समझी में देखने लगी | वही वह नर्स नॉर्मली रक्तांश का चेक अप करते हुए बोली,""_ 24th April 2024 | "
नर्स की मुंह से यह डेट सुन कर रक्तांश हैरानी से नर्स को देखने लगा जैसे उसे नर्स की बातो पर यकीन ही ना हो रहा हो | वह उससे दुबारा से डेट पूछने लगा |
क्या रक्तांश का पुनर्जन्म हुआ है ? कैसा रहेगा आगे इनकी जिंदगी का कहानी ? जानने के लिए पढ़ते रहिए
Rebirth Of My Possessive Billionaire husband
अब आगे .....,
मुंबई के सिटी हॉस्पिटल......,
नीचे फर्श पर गिरे हुए सारे फलों को उठाते हुए मुक्ता सवालिया निगाहों से सिर्फ रक्तांश को देख रही थी | क्यों कि रक्तांश बार-बार उस नर्स से आज का तारीख पूछ रहा था | जो उसे काफी अजीब लग रहा था |
वह नर्स पहले तो एक बार रक्तांश को तारीख बताई, लेकिन रक्तांश का दूबारा से पूछने पर वह बिना बताए रक्तांश को ही सवालिया नज़रों से देखने लगी थी | क्यों की ऐसा तो नहीं था की उसने बहुत ही धीमी आवाज में रक्तांश को जवाब दिया हो और रक्तांश ने सुना ना हो |
वही रक्तांश को कुछ समझ नही आ रहा था, की उसने अभी अभी जो कुछ देखा ? क्या वह सच था या कोई सपना? रक्तांश फिर उस नर्स को देखने लगा | वह नर्स रक्तांश को कोई जवाब दिए बिना ही अभी भी उसे ही देखते खड़ी थी |
यह देख रक्तांश ने गुस्से से कहा ,""_ मै कुछ पूछ रहा हु मिस,आप जवाब देने का कष्ट उठाएगी ? "
रक्तांक्ष खुराना का गुस्सा कैसा होता है? सिर्फ उस नर्स को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया वाकिफ था,क्यों की वह आदमी ना सिर्फ बिजनेस वर्ल्ड से जुड़ा था ,वह एक बेरहम माफिया डॉन भी था |
नर्स बिना देर कीए ही जल्दी से रक्तांश को जवाब में बोली,""_ 24 अप्रैल 2024..| "
दुबारा से वही डेट सुन रक्तांश ने आगे कुछ नही कहा लेकिन उसके दिमाग में हजार सवाल घूमने लगे थे |
वही खड़ी मुक्ता बिना कुछ कहे चुपचाप रक्तांश को देख रही थी |
वह फिर उसके करीब बढ़ते हुए बोली,""_ रक्तांश. आ आप...? "
मुक्ता आगे कुछ बोल पाती उससे पहले ही उस वार्ड का दरवाज़ा दड़ाम से खुल गया |
रक्तांश और मुक्ता मुड़ कर सामने देखने लगे,एक लड़की अपनी आँखों में आँसू लिए भागते हुए अंदर आई थी | उसका ध्यान सिर्फ राक्तांश पर था या यू कहे की उसे सिर्फ रक्तांश से मतलब था, तो वह सामने खड़ी मुक्ता को बेरहमी से पीछे के ओर धक्का देते हुए ,सीधा जा कर राक्तांश के गले गई |
मुक्ता को इसका बिलकुल उम्मीद नहीं था | और उस लड़की का इस तरह धक्का देने से वह थोड़ा पीछे जा कर गिरते गिरते रुक गई | लेकिन उसका हाथ साइड में रखे टेबल पर टकरा गई थी |
" अअह्ह्ह्ह......!! "
रक्तांश ने जैसे ही मुक्ता की चिक सुना,उसका औरा अचानक से गुस्से से भर गया | वह मुक्ता को देखते हुए उस लड़की को खुद से अलग करने को हुआ की तभी वह लड़की रोते हुए बोली,""_ रक्तांश,रक्तांश तुम ठीक हो ना ? तुम पर हमला किसने किया और तुम्हे ज्यादा चोट तो...? "
वह लड़की कोई और नही मान्या थी | रक्तांश की गर्लफ्रेंड ,वह रक्तांश का चेहरा और बॉडी को टच करते हुए देख रही थी यह जानने के लिए की कही उसे ज्यादा चोट तो नहीं आई ? लेकिन रक्तांश ने उसे बेरहमी से नीचे धक्का दे दिया तो वह धड़ाम से नीचे गिर गई |
" अअह्ह्ह्ह अअह्ह्ह्ह....! "
मान्या हैरानी से रक्तांश को देखने लगी ,अभी अभी रक्तांश ने उसे ऐसे गिराया जैसे वह कोई कीचड़ हो और रक्तांश ने अपने बदन से लगते ही झटका दिया हो ?
रक्तांश गुस्से से मान्या को घूर रहा था ,इस लड़की की हिम्मत भी कैसी हुई उसकी बीवी को ऐसे धक्का देने की ?
वही मुक्ता हैरानी से कभी रक्तांश को देखती तो कभी मान्या को ,उसे यकीन नही हो रहा था की रक्तांश ने अभी अभी मान्या को खुद से ऐसे अलग कर नीचे गिराया था ?
वही रक्तांश जल्दी से बेड से नीचे उतर कर मुक्ता के करीब गया,फिर उसके हाथ को ध्यान से देखते हुए पूछा ,""_ बीवी...? तुम्हे ज्यादा तो नहीं लगी ना ? "
रक्तांश के मुंह से बीवी शब्द सुन मुक्ता हैरानी से रक्तांश को देखने लगी | रक्तांश से उसकी शादी हुए एक हफ्ता हुआ था,लेकिन इस एक हफ्ते में रक्तांश ने उसके साथ बिलकुल अच्छे से पेश नही आया था | वह बहुत ही बुरा बरताव करते हुए उसे बहुत टॉर्चर भी कर रहा था लेकिन आज आचनक से ऐसा क्या हुआ ? यह मान्या को खुद से दुर कर उसके पास आ कर उसका केयर क्यों कर रहा है,लेकिन क्यों ?
रक्तांश मुक्ता का कलाई पकड़ कर उसे अपने उंगलियां से सहला रहा था | मुक्ता को ज्यादा गहरी चोट तो नहीं लगी थी लेकिन उसके कलाई हल्का सा कट गया था और बूंद बूंद खून निकलने लगा था |
वही नीचे गिरी मान्या हैरानी से रक्तांश और मुक्ता को देख रही थी | आज पहली बार रक्तांश उसके साथ ऐसा बर्ताव किया था और खुद मुक्ता के इतना करीब जा कर उसका केयर कर रहा था | लेकिन क्यों ?
मान्या अपने जगह से उठी ,फिर रक्तांश के करीब जा कर उसके बाजू पकड़ते हुए धीमी मगर रोनी सी आवाज में बोली,""_रक्तांश,आ....आपने इस लड़की के लिए मुझे नीचे गिराया... अअह्ह्ह्ह्ह..? "
मान्य अपने आंखों से आंसू बहाते हुए रक्तांक्ष से यह सब कह ही रही थी, कि तभी रक्तांश का हाथ गुस्से से उसके गर्दन में कस गया |
मुक्ता और वह नर्स हैरानी से रक्तांश को देखने लग गए | मान्या भी ज्यादा ही शॉक में थी | वही रक्तान्श गुस्से से एक एक बात भी चबाते हुए बोला ,""_ तुम्हारी हिम्मत भी कैसी हुई मेरी बीवी को इस तरह धक्का दे कर मेरे करीब आने की ? हा ? "
मान्या को समझ नही आ रहा था की आज अचानक से रक्तांश को क्या हुआ है ? उसे मुक्ता के लिए इतना फिकर कब से होने लगा ? वह रोते हुए बोली,""_ रक्तांश....,तुम इस लड़की के लिए मुझे.... अअह्ह्ह्ह ? "
मान्य आगे अभी अपनी बात पूरा करने ही वाली थी की उसे मेहसूस हुआ की रक्तांश का पकड़ उसके गर्दन में और कसते जा रहा था | वह छटपटाते हुए रक्तांश से छुटने की कोशिश करने लगी | क्यों की रक्तांश उसके गर्दन पर अपना पकड़ और मजबूत कर रहा था जिससे वह ठीक से सांस भी नही ले पा रही थी | वह और जोर जोर से छटपटाने लगी |
तभी रक्तांश ने गुस्से से मान्या से कहा ,""_ एक गलत शब्द भी तुम्हारे मुंह से मेरी बीवी के लिए निकला तो तुम्हे यही जिंदा गाड़ दूंगा | "
चिल्लाते हुए रक्तांश गुस्से से मान्या को धक्का दे दिया तो मान्या धड़ाम से एक बार फिर नीचे गिर गई |
वही मुक्ता यह सब देख अपने जगह में ही जम सी गई थी | रक्तांश उसके लिए मान्या से ऐसा बरताव कर रहा है ? मान्या पर चिल्ला रहा है ?
वही मान्या जोर जोर से खांसते हुए रक्तांश को देख रही थी | उसे समझ नही आ रहा था की अचानक से रक्तांश को क्या हो गया है ? क्या मुक्ता ने उसके खिलाफ कोई जाल तो नही बिछाई ? मान्या फिर नफरत से मुक्ता को देखने लगी |
वही रक्तांश गुस्से से अभी भी मान्या को घूर रहा था | उसे अभी भी चीज़े समझने में वक्त चाहिएं था ,लेकिन वह सामने मान्या को अब एक पल भी बर्दाश्त नही करने वाला था | वह गुस्से से गार्ड्स को आवाज लगाया और मान्या को उसके नजरो से दूर ले जाने का ऑर्डर दिया | गार्ड्स को भी उसका यह ऑर्डर थोड़ा हैरान करा ,क्यों की रक्तांश उन्हे हमेशा मान्या के सेफ्टी पर ध्यान देने कहता था, लेकिन आज वह उन्हे ऐसे ऑर्डर दे रहा है ?
वह लोग रक्तांश से इसके बारे में पूछने की हिम्मत नही रखते थे तो वह मान्या को वहा से ले गए |
रक्तांश एक गहरी सांस लेते हुए मुड़ा,मुक्ता हैरानी से ना समझी में उसके और ही देख रही थी | रक्तांश फिर एक नजर उसके हाथ को देखा फिर मुक्ता के करीब खड़ी नर्स से गुस्से से कहा,""_ how careless you are ? मेरी बीवी की हाथ पर चोट लगी है ,खून बह रहा है,और तुम खड़े खड़े यहां तमाशा देख रही हो ? "
नर्स एक दम से हड़बड़ा गई,वह सच में खड़े खड़े तमाशा देखने में ही busy थी | वह जल्दी से बोली,""_ सॉरी सर...| "
बोलते हुए वह नर्स मुक्ता के हाथ पर ऑइंटमेंट लगाने लगी |
वही मुक्ता अपनी बड़ी बड़ी आंखो को और बड़ी कर रक्तांश को देख रही थी | रक्तांश की नजर भी मुक्ता पर ही टिकी थी ,लेकिन अब उसका सर घूम रहा था |
वह अपने आंखे कसके भींच कर अपना सर पकड़ा तो उसकी कान में मुक्ता की धीमी मगर डरी हुई आवाज सुनाई दिया ,""_ रक्तांश....,आ आप ठीक हैं ना ? "
रक्तांश अपने आंखे खोल कर मुक्ता को देखा,मुक्ता उसके बेहद करीब आ खड़ी थी | रक्तांश चुपचाप उसके आंखो में देखने लगा , बहुत ही मासूम नज़र आ रही उसकी बीवी की आंखे बहुत ही सुंदर थे | लेकिन उसमे सिर्फ डर और दर्द का भाव ही नजर आ रहा था |
रक्तांश धीरे से मुक्ता का हाथ पकड़ने को हुआ की तभी उसके सर में हल्का सा दर्द मेहसूस हुआ | वह फिर अपना सर पकड़ते हुए जा कर बेड पर बैठा |
यह देख मुक्ता जल्दी से नर्स को कुछ कहने को हुई,वह नर्स अब वार्ड से बाहर चली गई थी | मुक्ता फिर रक्तांश से बोली,""_ मैं... मैं अभी डॉक्टर को बुला लाती हु | "
मुक्ता जल्दी से वार्ड से बाहर भाग गई |
अब रक्तांश वार्ड में अकेला था और उसके दिमाग में अभी भी बहुत कुछ घूम रहा था | वह अपना सर पकड़ते हुए कहा ,""_ यह सब क्या हो रहा है मेरे साथ ? में... मैं तो मर चुका था फिर में 6 साल पीछे कैसे आ सकता हु ? मैं .. मैं कही पागल तो नहीं हो गया ? "
यह सब बड़बड़ाते हुए रक्तांश सब कुछ सोचने लगा तभी एक बार फिर वार्ड का डोर खुला,और मुक्ता डॉक्टर के साथ अंदर आ गई |
वही रक्तांश अब बहुत ही फ्रस्ट्रेट हो चुका था की तभी उसकी नज़र जा कर मुक्ता की चेहरे पर टिक गई | मुक्ता थोड़ा परिशान और डरी हुई लग रही थी | और चल कर उसके करीब आ रही थी |
रक्तांश ध्यान से उसके और देखने लगा था | वह जितना गहराई से मुक्ता को देख रहा था, वैसे वैसे उसे पीचले एक हफ्ते में जो कुछ भी हुआ वह सब याद आ रहा था ,और शादी के इस हफ्ते में उस पर दुश्मनों ने दो बार अटैक किया था जिस कारण उसे आज हॉस्पिटलाइज्ड होना पड़ा था | और यह सब उसके साथ पहले भी हो चुका था | रक्तांश को अब धीरे धीरे यकीन होने लगा की उसका रिबर्थ हुआ है |
रक्तांश अभी भी मुक्ता के और ही देख रहा था | वह लड़की थोड़ा घबराई हुई लग रही थी |
तभी डॉक्टर सामने आ कर रक्तांश को चेक करने लगा | रक्तांश बिलकुल नॉर्मल था बस उसे प्रोपर रेस्ट करने की जरूरत थी |
वह बोले ,""_ मिस्टर खुराना,आपके सर पर ज्यादा गहरी चोट तो नहीं लगी है लेकिन आपको कुछ वक्त तक प्रोपर रेस्ट करना होगा,ज्यादा दिमाग पर जोर मत डालिए | "
रक्तांश ने अपना सर हिलाया,तो वह डॉक्टर वार्ड से बाहर चला गया | वही मुक्ता अपने आंखे टिमटिमाते हुए उसी को देख रही थी | वह धीरे से बोली,""_ मैं मैं.....? "
मुक्ता बोलते बोलते रुक गई क्यों की रक्तांश उसका कलाई पकड़ कर उसके चोट को गिल्ट भरी निगाहों से देखने लगा था, जो मान्या के वजह से लगा था |
मुक्ता को बिलकुल समझ नही आ रहा था की रक्तांश को अचानक से क्या हुआ ? वह उसके लिए बुरा क्यों फील करने लगा ?
वह धीरे से रक्तांश का नाम लिए बोली,""_ रक्तांश..., मैं ठीक हु | "
धीरे से मुक्ता ने उसके हाथ से अपना हाथ छुड़वाते हुए एक कदम पीछे ले गई |
उसका ऐसा करने से रक्तांश अपना सर ऊपर कर मुक्ता को देखा ,मुक्ता को इस तरह उससे दूरी बनाता देख उसे बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन उसका यह गुस्सा खुद के लिए था | उसने पिछले जन्म में जो गलती की थी वही गलती वह इस एक हफ्ते में दौरा चुका था | उसे बहुत कुछ बुरा बला सुनाते हुए बहुत टॉर्चर दिया था |
यह सब याद कर रक्तांश को खुद से ही नफरत सा हो रहा था | वह धीमी आवाज में मुक्ता से कहा,""_ मेरे करीब आओ मुक्ता "
हूंह...? " मुक्ता ना समझी में उसके ओर देखने लगी | क्या उसने गलत सुना ? जो इंसान उसके आस पास देखने भी पसंद नही करता वह खुद उसे आज अपने करीब बुला रहा है ?
मुक्ता को अभी भी दूर खड़ा देख, वह खुद ही अपने हाथ आगे बढ़ा कर मुक्ता का हाथ पकड़ा ,फिर उसे अपने करीब खींचा |
मुक्ता सीधे जा कर उसके ऊपर ही गिर गई | वह फिर हैरानी से अपना सर ऊपर कर रक्तांश को देखने लगी,रक्तांश उसके गाल को सहलाते हुए उसे ही प्यार से देख रहा था लेकिन मुक्ता के आंखो में अपने लिए डर और घबराहट उसे अच्छा भी नही लग रहा था |
रक्तांश धीरे से उसके होंठो के करीब झुकने लगा,डर और घबराहट से मुक्ता के होंठ हल्के से हिल रहे थे | वह धीरे से बोली,""_ रक्तांश...आ आप...umm..? "
रक्तांश मुक्ता के कांपती होंठो को धीरे से अपने होंठो के गिरफ्त में लिए उन्हे बेहद प्यार से चूमने लग गया था |
वही मुक्ता बस हैरानी से रक्तांश को देख रही थी | उसका यह फर्स्ट किस था,और आज पहली बार रक्तांश उसके इतना करीब आया था | मुक्ता का दिल जोरो से धड़कते हुए अजीब सा शोर कर रहा था | और उसके दोनो हाथ रक्तांश के सीने में फस चुके थे |
रक्तांश का एक हाथ मुक्ता के एक गाल को सहला रहा था तो दूसरा वह अपने सीने में रखे मुक्ता के हाथो को अपने एक हाथ के पकड़ में ले रहा था |
मुक्ता पूरी तरह ब्लैंक हुए बस रक्तांश के चेहरे को देख रही थी | वह इस वक्त उसके साथ बहुत ही नरमी से पेश आ रहा था | उसका किस भी बहुत ही सॉफ्ट और मदहोश भरा था |
थोड़ी ही देर में मुक्ता की सांसे उखड़ने लगे | वह छटपटाने को हुई उससे पहले ही रक्तांश ने उसके होंठो को रिहा कर उसके पूरे चेहरे पर बिना रुके चूमने लगा |
मुक्ता को अपने उखड़ी सांसों को नॉर्मल करने की मौका भी नहीं मिला रहा था | बस उस वार्ड में सिर्फ एक दूसरे को चूमने की ही आवाज गूंज रही थी ,तभी अचानक से उनके वार्ड का डोर खुला |
और एक लड़का जल्दी से अंदर घुस गया |
" रक्ता....? Oh shit.... मैने कुछ नही देखा | "
सामने रक्तांश और मुक्ता को इस तरह एक दूसरे में खोए देख वह जल्दी से मुड़ कर कहा |
वही उस लड़के का इस तरह अंदर आने से रक्तांश का चेहरा चीड़ गया था और वही मुक्ता जल्दी से उसे खुद दूर कर खड़ी हो गई थी जैसे उसका कोई चोरी पकड़ा गया हो |
रक्तांश ने एक नजर अपनी बीवी को देखा फिर सामने खड़े लड़के को देख गुस्से से बोला ,""_ और हम तुम्हारे वजह से कुछ आगे कर भी नही रहे | "
हूंह..? " मुक्ता और सामने खड़े वह लड़का जिसका नाम युग था ,वह हैरानी से रक्तांश के और देखने लगे |
रक्तांश युग को ही अपने टिकी नजरो से घूर रहा था | साफ साफ पता चला रहा था की युग का इस तरह अंदर आने से वह ना खुश है |
वही मुक्ता के गाल और कान पूरी तरह लाल हो गए थे | आज उसके पति कोनसे नशा कर बैठे है ,उसे समझ ही नही आ रहा था |
वही युग अपने बालो में हाथ फिराते हुए कहा ,""_वह, मैं यहां तुम लोगो को डिस्टर्ब करने के इरादा से नही आया था ? "
" फिर तुमने इस तरह अंदर घुसने की तकलीफ क्यों उठाई युग ? " एक एक बात को भी चबाते हुए रक्तांश ने कहा तो युग का मुंह बन गया | वही मुक्ता को वहा रुकने के लिए भी शर्म आ रही थी ,उसका मन कर रहा था की वह अभी यहां से कही दूर भाग जाए |
युग ने एक नजर मुक्ता को देखा फिर रक्तांश के करीब बढ़ते हुए कहा ,""_ मैं तो यह कहने आया था की मैने डिस्चार्ज की सारे फॉर्मेलिटी पूरा किया है ,और हमे यहां से चलना चाहिए क्यों की दादू तुम्हारे लिए बहुत ही परिशान है |
युग के मुंह से दादू का जिक्र सुन कर रक्तांश का औरा एक दम से सर्द हो गया | उसके हाथो की मुट्ठी आपस में ही भींच गए |
युग ने कहा ,""_ मैं बाहर तुम दोनो का वेट कर रहा हु,आराम से आ जाना | "
इतना बोल कर युग बाहर चला गया | वही युग के जाते ही मुक्ता रक्तांश के और देखी तो उसका चेहरा डर से पिला पड़ गया | उसे इतना गुस्से में देख कर मुक्ता को लग रहा था की वह उसे कुछ कहेगा ? भले ही उसने रक्तांश के करीब खुद से नही गई थी लेकिन रक्तांश कभी भी उसके करीबी को बर्दाश्त नही करता था |
वही रक्तांश के दिमाग में अपने दादाजी वेदांश खुराना घूम रहा था | इस आदमी के झूठे लाड़ प्यार के कारण उसने मुक्ता और अपने मां बाप को खुद से दूर रखा और आखिर में उसे मौत का सामना करना पड़ा |
थोड़ी देर बाद रक्तांश गहरी सांस लिए अपना सर ऊपर कर मुक्ता के और देखा | मुक्ता का चेहरा डर से पिला पड़ गया था और वह अपने दोनो हाथो को आपस में उलझा कर अजीब तरह से रब करते हुए कुछ सोच रही थी | वह यही सोच रही थी की रक्ताँश उसे अभी कुछ बुरा बला बोलते हुए सुनाएगा |
रक्तांश अपने जगह से उठा ,फिर उसके करीब बढ़ते हुए उसका नाम बेहद प्यार से लिया ,""_ मुक्ता...? "
हहु..? " मुक्ता अपना सर घुमा कर रक्तांश को देखने लगी, रक्तांश उसके बेहद करीब आ गया था,इतना करीब की उसके गरम सांसे वह अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी |
वही रक्तांश उसके गाल को हल्के से टैप करते हुए कहा ,""_ घर चले ? "
मुक्ता को रक्तांश का बरताव समझ ही नही आ रहा था | वह आज से पहले कभी उससे इतना नरमी से बात ही नही किया था |
वह अपना सर ऊपर नीचे करते हुए हा में हिलाई तो रक्तांश उसके हाथ पकड़ कर वार्ड से बाहर चला गया |
क्या होगा आगे इस कहानी में ? जानने के लिए पढ़ते रहिए
" Rebirth Of My Possessive Billionaire husband "
Wp link ...
अब आगे .....,
रक्तांश मुक्ता को ले कर जैसे ही हॉस्पिटल से बाहर आया तो उसका औरा एक दम से काला पड़ गया |
क्यों की उसकी नजर सामने पार्किंग एरिया में युग के साथ बात करते खड़े देवांश पर गया था |
देवांश खुराना ,जो रक्तांश का सगा भाई था | लेकिन फरक इतना था की रक्तांश और देवांश भले ही एक ही मां के कोक में जन्मे थे, लेकिन दोनो के बाप अलग था ,उन दोनो का खून अलग था |
रक्तांश देवांश को बेहद सर्द नजरो से घूरते हुए मुक्ता के साथ उन लोगो के ओर बढ़ने लगा | वह जैसे जैसे आगे बढ़ रहा था वैसे वैसे रक्तांश को अपने पिछले जन्म में देवांश ने जो कुछ भी उसके साथ धोखे का खेल खेला था वह याद आ रहा था | इसी आदमी ने तो उसके आंखो के सामने ही उसकी मुक्ता को मार कर जहर का इंजेक्शन इंजेक्ट किया था | वह लड़की उसकी मौत का बदला लेना चाह रही थी ,लेकिन उसे देवांश के हाथो में बुरी मौत नसीब हुई थी |
" अअह्ह्ह्ह रक्तांश....! "
रक्तांश गुस्से से अपने अतीत के सारे पल याद करते आगे बढ़ ही रहा था की तभी उसके कान में मुक्ता का दर्द से करहाने की आवाज सुनाई दिया तो वह जल्दी से अपना सर घुमा कर मुक्ता के ओर देखा |
मुक्ता का चेहरा दर्द से भींच गया था | और वह दर्द से करहाते हुए रक्तांश के मजबूत हाथ में फसे हुए अपने हाथ को छुड़वाने की कोशिश कर रही थी |
वही देव को अपने सामने देख रक्तांश के अंदर गुस्से का ऐसा सैलाब सा उठ गया था | की उसे बिलकुल ध्यान ही नही रहा था, की उसका पकड़ मुक्ता के मुलायम सी हाथ पर कसता जा रहा है | वह जल्दी से मुक्ता का हाथ छोड़ते हुए कहा ,""_ I am so sorry bivi, क्या मैने तुम्हे ज्यादा दर्द दे दिया ?
बोलते हुए रक्तांश ने फिर से मुक्ता का हाथ पकड़ कर उसे सहलाने लगा | और ऐसा करते हुए उसके आंखो में गिल्ट साफ साफ दिखाई दे रहा था | वह अब मुक्ता को जरा भी हर्ट नही करना चाहता था, लेकिन अंजाने में ही उसने उसे हर्ट कर दिया था |
वही मुक्ता हैरानी से रक्तांश को ही देख रही थी | क्यों की रक्तांश को कभी भी उसके दर्द से फरक नही पड़ता था लेकिन आज पहली बार उसके दर्द को देख रक्तांश के आंखो में भी अजीब सी दर्द नजर आ रही थी ,जो उसके समझ ही नही आ रहे थे |
वही कार के पास युग के साथ खड़े देव का पूरा ध्यान रक्तांश और मुक्ता पर ही था | रक्तांश मुक्ता से क्या कह रहा है ? यह उसे सुनाई तो नही दे रहा था लेकिन हा रक्तांश के चेहरे के हाव भाव और मुक्ता का हाथ जिस तरह उसने पकड़ा था, वह सब देख वह ज्यादा ही हैरान लग रहा था |
रक्तांश और मुक्ता के शादी हुए एक हफ्ता हुआ था और इस एक हफ्ते में रक्तांश कभी भी मुक्ता को अपने करीब आने नही दिया था और नाही उसने उससे प्यार से बात करते हुए उसका कभी केयर किया था, लेकिन आज वह दोनो एक दूसरे के ज्यादा ही करीब आ खड़े थे |
वही युग भी यह सब नोटिस कर रहा था लेकिन वह खुश था, क्यों की उसे मान्या कभी रक्तांश के लिए सही नहीं लगती थी |
रक्तांश अभी भी मुक्ता का हाथ पकड़े उसे बार बार यही पूछ रहा था की उसने उसे ज्यादा हर्ट तो नही कर दिया ? तो वही मुक्ता उसका यह बदला हुआ रूप देखते ही खड़ी थी |
वह धीमी स्वर में बोली,""_ अब ठीक है | "
रक्तांश धीरे से मुक्ता के गाल पर हाथ रख कर एक बार फिर से माफी मांगते हुए कहा ,""_ Sorry...| "
बोलते हुए रक्तांश उसे बेहद प्यार से भी देख रहा था,मुक्ता को उसका यह केयरिंग नेचर समझ नही आ रहा था तो उसने उससे कुछ कहा नहीं | वही रक्तांश मुक्ता को ले कर युग के पास चला गया |
देवांश भी युग के पास ही खड़ा था | वह फिर अपने चेहरे पर झूठी कंसर्न लिए रक्तांश के करीब जा कर कहा ,""_ अब तुम्हारा तबियत कैसा है Rakta? "
रक्तांश को देवांश का शकल देखने भी घिन्न आ रही थी | वह बेमन से अपना सर हिलाया फिर बैक सीट का डोर ओपन कर मुक्ता के ओर देख अंदर बैठने का इशारा किया |
मुक्ता को उससे इसका भी उम्मीद नही था | वह थोड़ी देर हैरानी से रक्तांश के और देखी,फिर चुपचाप अंदर बैठ गई |
वही युग और देवांश को भी मुक्ता जितना ही हैरान लग रहा था | उन लोगो ने अभी अभी क्या देखा ? रक्तांश ने खुद मुक्ता के लिए कार का डोर ओपन किया ? रक्तांश का एटिट्यूड,गुस्सा ,घमंड सब कहा गायब है आज ?
युग जल्दी से जा कर पैसेंजर सीट का डोर ओपन करा ताकि रक्तांश अंदर बैठ सके लेकिन रक्तांश ने बैक सीट का डोर ओपन कर मुक्ता के बगल में ही जा कर बैठ गया |
युग,देव और मुक्ता तीनो ही अपने चेहरे पर हैरान भरा भाव लिए फिर से रक्तांश को देखने लगे थे ,क्यों की पिछले एक हफ्ते से रक्तांश को अगर मुक्ता के साथ ट्रैवल करना भी पड़ता तो मुक्ता उसके कार के बैक सीट पर बैठ जाती या फिर अलग से कार में आ जाती,कभी भी रक्तांश उसे अपने बगल में बैठने नही देता था, लेकिन आज वह खुद उसके बगल में जा बैठा था | यह उन्हे ज्यादा ही अजीब लग रहा था |
युग को यह देख अच्छा लग रहा था तो वह हल्के से मुस्कुराते हुए जा कर ड्राइविंग सीट पर बैठ गया ,तो वही देव को यह सब बहुत ही गुस्सा दिलाने वाला था ,लेकिन उसने ज्यादा रिएक्ट नहीं किया और जा कर अपने कार में बैठ गया |
वही मुक्ता अभी भी रक्तांश को देख रही थी ,जो अपना सर उसके कंधे पर टिका कर उसके हाथो के उंगलियों से खेल रहा था | मुक्ता को इससे ज्यादा ही अनकंपर्टेबल फील हो रहा था लेकिन वह कुछ कह नहीं पा रही थी | या यू कहे की रक्तांश का यह बदला रूप उसे ज्यादा ही चौंका कर रख दिया था |
वही युग अब कार स्टार्ट कर चुका था | वह लोग हॉस्पिटल के मैन गेट अभी क्रॉस किया ही था की तभी कार में युग का फोन रिंग होने लगा | युग एक हाथ से ड्राइव करते हुए अपना फोन चेक करा,कॉल इस वक्त रक्तांश के दादाजी ऋषभ खुराना का था |
यह देख युग ने जल्दी से कॉल पिक कर कहा ,""_ हा दादू, हम लोगो अभी हॉस्पिटल से बाहर आए है,बस थोड़ी देर में पहुंच जाएंगे | "
यह सुन उधर से ऋषभ ने कहा ,""_रक्तांश को फोन दो युग ....!! "
" जी ...!! बोलते हुए युग ने रक्तांश के तरफ फोन बढ़ाया |
वही रक्तांश का औरा फिर से काला पड़ गया था | वह बेमन से युग के हाथ से फोन लिया,फिर सीधे कॉल कट कर युग से सख्ती से कहा ,""_ सीधे चंद्रा मेंशन चलो युग | "
" लेकिन रक्तांश..? दादू कब से तुम्हारे लिए परेशान है और तुम..? "
फ्रंट मिरर में रक्तांश को देखते हुए युग बोलते बोलते रुक गया क्यों की रक्तांश के चेहरे के हाव भाव ज्यादा ही भिगड़े हुए लग रहे थे |
रक्तांश अपना सर सीट को टिका कर अपने आंखे बंद करते हुए थोड़ा सख्त टोन में युग से कहा ,""_ जितना कहा है उतना करो युग | "
युग ने आगे बात नही बढ़ाई और कार को यू टर्न लेते हुए चंद्रा मेंशन जो रक्तांश के डैड का था ,उस ओर चल पड़ा |
वही उनके पीछे ही देवांश का कार था और वह युग का कार फॉलो करते हुए मेंशन के ओर ही चल रहा था | लेकिन युग को, कार को इस तरह यू टर्न लेता देख वह ना समझी में बड़बड़ाते हुए कहा ,""_ युग रक्तांश को इधर कहा ले जाना चाहता है ? "
देवांश कार रोक कर युग को कॉल करने लगा | लेकिन युग का फोन इस वक्त रक्तांश के हाथ में था , रक्तांश ने उसके कॉल को इग्नोर करा फिर अपने बगल में बैठी मुक्ता को देखने लगा |
मुक्ता रक्तांश के बारे में ही सोचते हुए बाहर के ओर देख रही थी | उसे आज रक्तांश का बरताव चौका दे रहा था | उसके लिए मान्या से लड़ना,सीधे होंठो पर किस करना,प्यार से पेश आना सब कुछ उसे सोचने पर मजबूर कर रहा था |
दूसरी तरफ.....
खुराना मेंशन....
मेंशन का माहौल इस वक्त ज्यादा ही परिशान भरा था | क्यों की मेंशन में सिर्फ मान्या का रोने का आवाज ही गूंज रहा था |
रक्तांश ने जिस तरह से उसके साथ हॉस्पिटल में बरताव किया था, उससे वह बहुत ही हर्ट हुई थी | और उतना ही उसे मुक्ता पर गुस्सा आ रहा था ,क्यों की मुक्ता के वजह से ही तो रक्तांश ने उस पर चिल्लाते हुए उसे नीचे जमीन पर गिराया था ,जैसे वह मुक्ता के सामने उसका औकात दिखा रहा हो ?
वही ऋषभ इधर से उधर टहलते हुए बार बार युग को कॉल कर रहा था ,ताकि वह रक्तांश से मान्या के बारे में बात करे | मान्या ने आते ही उन्हे सब कुछ बताया था की रक्तांश ने उसके साथ कैसे बरताव किया है ? कैसे वह मुक्ता का केयर कर रहा था | लेकिन ऋषिभ को उसकी बातो पर बिलकुल यकीन नही हो रहा था |
" शादी के बाद रक्तांश इस तरह बदल जाएंगे,मैने कभी यह सोचा नहीं था दादी,वह मेरे साथ आज ऐसे बर्ताव कर गए जैसे वह मुक्ता के साथ करते थे |" रोते हुए मान्या बार बार ऋषभ की बीवी वेदिका से कह रही थी | वेदिका को उसके लिए बहुत बुरा लग रहा था |
वह उसे अपने गले से लगाते हुए बोली,""_ मान्या बच्चे,तुम्हे इतना रोने की जरूरत नही है , रक्तांश को घर आने दो हम उससे बात कर लेंगे | "
वेदिका की बात मान्या पर कोई असर नहीं करा | वह बस रोए ही जा रही थी | वही ऋषभ युग को कॉल किए ही जा रहा था लेकिन बहुत देर बाद भी युग ने कॉल पिक नही किया तो उसने थक हार कर देवांश को कॉल करा |
देवांश ने दो तीन रिंग बाद कॉल पिक करा तो ऋषभ ने कहा ,""_ हेलो देव...? देव रक्तांश कहा है ? और यह युग मेरा कॉल क्यों पिक नही कर रहा है सब ठीक तो है ना ? "
उधर से देव ने कहा ,""_ सब ठीक नज़र तो आ रहा है दादू,लेकिन कुछ ठीक नही है | "
देव की बात सुन ऋषभ की आईब्रोज आपस में ही जुड़ गए | वह देव से पूछा ,""_ क्या मतलब है तुम्हारा ? "
उधर से देव ने कहा ,""_ दादू, अभी हम सब चंद्रा मेंशन के आस पास है, मैं आपसे बाद में बात करता हु | "
इतना बोल कर देव ने कॉल काटा तो वही ऋषभ के माथे पर शिकन आ गए थे | और उसके होंठो पर एक ही नाम गूंज उठा,वह था ," चंद्रा मेंशन "
चंद्रा मेंशन.....,
युग का कार आ कर चंद्रा मेंशन के सामने रुक गया | वही बैक सीट पर बैठे रक्तांश के चेहरे के हाव भाव ज्यादा ही नरम पड़ गए थे | और वह अपनी नजरे चारो ओर घुमाते हुए बस पूरे मेंशन को देखने लगा था | इसी मेंशन में ही तो उसका बचपन बीता था | लेकिन सालों से वह ऋषभ और वेदिका के साथ खुराना मेंशन में रह रहा था ,जिस कारण उसे ना इस मेंशन याद थी और नाही उसके मां बाप |
कार से बाहर आए युग ने बैक सीट का डोर ओपन करा तो रक्तांश मुक्ता के साथ बाहर आया | अब तक वहा देवांश भी पहुंच चुका था और वह थोड़ा शॉक में था की रक्तांश, खुराना मेंशन ना जा कर सीधे यहा क्यों आया है ?
रक्तांश ने अपने तिरछी नजरों से देव को एक नजर देखा फिर मुक्ता के साथ अंदर जाने को हुआ की तभी देव आगे आ कर उसे रोकते हुए कहा ,""_ रक्तांश,तुम आज यहां क्यों आए ? तुम्हे अच्छे से पता है दादू तुम्हारा आने का कितना बेसब्री से इंतजार कर रहे है और तुम ? "
देव को बस सामने देख कर ही रक्तांश का औरा सख्त हो गया था और ऊपर से ऋषभ का जिक्र सुन उसका खून जल रहा था | लेकिन वह अभी जल्दीबाज में कुछ नही करने वाला था | वह हर किसी से इसाब लेने वाला था बस उसे थोडा इंतजार करना था |
" भाई.......? भाई आप सच में यहां आए हो ? Omg भाई ...? " एक लड़की ज्यादा ही एक्साइट होते हुए भाग कर रक्तांश के पास आ कर उससे लिपट गई |
वही उसकी यह हरकत देख मुक्ता,युग और रक्तांश के होंठो पर हल्की सी स्माइल आ गई थी | वह लड़की रक्तांश की छोटी बहन कनक थी |
रक्तांश उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा ,""_ कैसी हो बच्चा ? "
कनक रक्तांश से अलग हो कर उसे कोई जवाब देने को हुई की तभी उसकी नजर रक्तांश के सर पर किए बैंडेज पर गई | वह घबराहट भरी आवाज में पूछी ,""_ भाई ,भाई आपको यह चोट कैसे लगी ? आप आपको...? "
कनक परिशान हो कर रक्तांश को ध्यान से देखने लगी ,यह जानने के लिए की कही रक्तांश को और कही चोट तो नहीं लगी ?
तभी रक्तांश ने कहा ,""_ मैं ठीक हु कनक, बस आज सुबह छोटी सी एक्सीडेंट हुआ था और कुछ नही | "
" लेकिन भाई...? "
रक्तांश के बताने पर भी कनक और पैनिक करते हुए आगे बोलने लगी,लेकिन रक्तांश उसे शांत करते हुए अंदर ले गया | उनके पीछे मुक्ता और युग भी अंदर चले गए |
अब वहा देवांश ही अकेला खड़ा था | उसके चेहरे के हाव भाव ज्यादा ही बिगड़े हुए थे और गुस्से से उसके हाथो की आपस में मुट्ठी तक भींच गए थे |
रक्तांश का यहां आना उसे बिलकुल बर्दाश्त नही हुआ था और ऊपर से कनक ने उससे बात तक नही की ,वह उसकी भी बहन थी | लेकिन कनक सिर्फ रक्तांश को ही अपना भाई मानती थी ,क्यों की रक्तांश और उसका खून एक ही था और वह दोनो एक ही बाप के बच्चे थे |
रक्तांश की मां शार्वी की शादी अजय खुराना से हुई थी | लेकिन देव के जन्म दिन ही अजय का मौत एक कार एक्सीडेंट में हुआ था | उसके बाद खुद ऋषभ खुराना ने शार्वि की शादी प्रणव चंद्रा से कराया | और रक्तांश और कनक प्रणव चंद्रा के बायोलॉजिकल बच्चे थे, लेकिन रक्तांश को पूरी दुनिया सिर्फ रक्तांश खुराना नाम से जाना जाते थे |
देव गुस्से से रक्तांश के साथ अंदर जा रही कनक को ही देख रहा था | वह फिर बड़बड़ाते हुए बोला ,""_ इस लड़की को रक्तांश के अलावा मैं कही नजर ही नहीं आता,आता भी कैसे दोनो का खून जो एक ही है,गंदा खून हूह | "
देव हमेशा से नही चाहता था की उसकी मां दूसरी शादी करे ,जिस कारण वह चंद्रा मेंशन आता ही नहीं था | वह ऋषभ के साथ खुराना मेंशन में रहता था और वही उसे अपना घर लगता था | देव को आज भी चंद्रा मेंशन के अंदर जाने का मन नही था तो वह वही से वापस चला गया |
मेंशन के अंदर ...., रक्तांश और मुक्ता को देख कर माहौल काफी खुशनुमा हो गया था |
रक्तांश को अपने साथ नई नवेली बीवी को घर लाया देख शार्वी की खुशी का कोई टिकाना नही था | और वैसे रक्तांश सालो बाद उनके घर आया था और उनके बीच हमेशा से अजीब तरह का मनमुटाव भी था |
रक्तांश चुपचाप शार्वी को देख रहा था | वह उसकी मां थी, उससे कितना प्यार करती थी, लेकिन रक्तांश ने अपने पिछले जन्म में उन्हे हमेशा खुद से दूर रखा था | क्यों की ऋषभ ने उसके मन में शार्वीं के लिए जहर भर दिया करता था | वह ऋषभ के प्यार के जाल में ऐसे फस गया था, की उसे अपने मरते दम तक यह पहचानने में गलती हो गई थी किसका प्यार सच्चा है और किसका झूठा |
" रक्तांश....? तुम्हे पता भी है तुम यहां कितने वक्त बाद आए हो ? " शार्वी रक्तांश के गाल पर हाथ रख अपने आंखो में आंसू लिए बोली |
तभी रक्तांश उनके माथे पर किस करते हुए कहा ,""_ I am sorry mom, लेकिन आप चिंता मत करिए अब मैं यही रहने वाला हु ,और वैसे भी यह घर मेरा ही तो है | "
शार्वि ने जैसे ही यह सुना उसकी आंखों में अजीब सा डर नजर आने लगा | उसे यकीन नही हुआ था की रक्तांश ने उसे अभी अभी क्या कहा ? वह अब यही रहने वाला है ?
रक्तांश अपनी मां को ही ध्यान से देख रहा था | वह फिर जल्दी से उनके गले लगते हुए कहा,""_अरे मेरा मतलब है, मैं अब यहां रोज आता जाता रहूंगा | "
शार्वी थोड़ा राहत का सांस लेते हुए चुप हुई लेकिन उसका दिल अंदर ही अंदर रो उठा , क्यों की यह चंद्रा मेंशन रक्तांश का ही तो था | वह चंद्रा परिवार का असली वारिस था ,लेकिन हालत बहुत बिगड़े हुए थे |
थोड़ी देर शार्वी से बात करने के बाद रक्तांश की नजर किसी को ढूंढने लगे | तभी कनक ने कहा ,""_ भाई ,क्या आप डैड को ढूंढ रहे है ? "
रक्तांश ने सर हिलाया तो शार्वी बोली,""_ प्रणव किसी क्लाइंट से मिलने दिल्ली चले गए है रक्तांश,कल तक आ जाएंगे | "
रक्तांश ने बस सर हिला दिया ,फिर उसकी नजर मुक्ता पर गई | मुक्ता चुपचाप उसके बगल में खड़ी थी | उसकी मासूम चेहरे पर ज्यादा खुशी के भाव नही थे | लेकिन वह खामोशी से पूरे मेंशन को देख रही थी |
रक्तांश ने धीरे से उसे कमर से पकड़ कर अपने करीब खींचते हुए बेहद धीमी मगर भारी आवाज में कहा,""_मुक्ता..? "
रक्तांश का इस तरह करीब खींचने से मुक्ता हैरानी से उसे देखते हुए बस इतना गुनगुनाई,""_ mmm ? "
रक्तांश का सख्त हाथ मुक्ता के कमर को हल्के हल्के से प्रेस कर रहा था, जिससे मुक्ता का पूरा बदन रिएक्ट करने लगा | वह अपना थूक निगलते हुए उससे अलग होने की कोशिश करने लगी ,लेकिन रक्तांश का पकड़ मजबूत था |
वही रक्तांश उसके आंखो में ही देख रहा था | वह बोला ,""_ तुम्हे नही लगता तुम्हे इस वक्त अपने पति के बेहद करीब रह कर ,उसका अच्छे से ख्याल रखना चाहिए ? Hm ? "
मुक्ता बार बार अपने लिप को गिला करते हुए अपना थूक नींगल रही थी क्यों की रक्तांश के उंगलियां उसके कमर में ज्यादा ही हरकत कर रहे थे | और इससे उसका गला सूख रहा था | वह आस पास शार्वी ,युग और कनक को भी देख रही थी | वह तीनो आपस में कुछ बात कर रहे थे ,लेकिन मुक्ता को समझ नही आ रहा था की रक्तांश उनके सामने ही उसे इतना करीब कर ऐसे क्यों बोल रहा है ? वैसे रक्तांश ने बहुत ही नॉर्मल टोन में कहा था,लेकिन उसकी बात बहका देने वाला था |
मुक्ता धीरे से रक्तांश का हाथ अपने कमर से हटाते हुए बोली,""_ आ ,आ रक्तांश,मुझे....मुझे प्यास लगी है ,छोड़िए ना ? "
बोलते हुए मुक्ता अपने नजरे इधर उधर दौड़ाते हुए उसका हाथ हटा रही थी,की तभी रक्तांश ने झुक कर उसके कान में धीमी आवाज में कहा ,""_ मेरे छोड़ने से तुम्हारा प्यार कैसे बुझ सकता है मुक्ता ? प्यास तभी बुझेगा जब मैं तुम्हारे बेहद करीब आऊंगा | "
बोलते हुए रक्तांश के होंठ मुक्ता के कान को चूम रहे थे | और ऊपर से उसकी यह बेशर्म भरी बाते ? उफ्फ !मुक्ता के कान और गाल दोनो ही जलने लगे थे | और वह अपना मुंह खोले रक्तांश को ही हैरानी से देख रही थी ,यह जानने के लिए की कही उसके पति के सर पर ज्यादा गहरी चोट तो नहीं लगी है ? कही ऐसा तो नहीं की दवाई का असर सीधे उसके सर पर चढ़ रहा है ?
तभी उन दोनो को किसी की खांसने की आवाज सुनाई दी,तो रक्तांश और मुक्ता अलग हो कर सामने देखने लगे | सामने युग ज्यादा ही जोर से खांस रहा था | जैसे वह उन दोनो का अटेंशन पाना चाहता हो ?
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए
" Rebirth Of My Possessive Billionaire husband "
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