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Beyond Words : A Love Born In Silence

Happy Birthday

Disclaimer - इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक तो नहीं कहेंगे लेकिन पूर्णतः मौलिक अवश्य हैं । कहानी में वास्तविकता का पुट लाने के लिए कुछ वास्तविक स्थानों के नामों का प्रयोग किया गया है ।

इसे अन्यथा ना लें एवं इस कहानी को केवल मनोरंजन की दृष्टि से ही पढ़ें । इस कहानी का उद्देश्य किसी के भी विचारों धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं है ।

इस कहानी में LGBT कम्यूनिटी की जोड़ियां भी हैं इसलिए जिन्हें इनसे आपत्ति हो वे इस कहानी से दूर रहें लेकिन अगर आप एक्शन, थ्रिलर और एडवेंचर के फैन हैं तो आपका स्वागत है और हां, जब आपको ये कहानी LGBT से लिंक्ड लगेगी तो ये नॉर्मल होगी और जब नॉर्मल होती हुई लगेगी तो LGBT से लिंक्ड होगी ।

ये कैसे होगा, ये तो आगे पता चलेगा । तो चलिए, चलते हैं हमारे इस रोमांचक सफर पर ।

__________________________

23 मई 2030,

तारामंडल - गोरखपुर,

सुबह के लगभग 7 : 30 बजे,

एक लड़का दौड़ते हुए कहीं जा रहा था । उसकी उम्र 25 साल के आस पास रही होगी । उसने सफेद रंग की ट्रैक पैंट के साथ काले रंग का टी - शर्ट पहना हुआ था ।

उसने अपने बाएं हाथ में एक काले रंग की स्पोर्ट्स वॉच और दाएं हाथ में एक कलावे के साथ सिल्वर ब्रेसलेट पहना हुआ था ।

उसके दाएं हाथ की रिंग फिंगर में एक हीरे की अंगूठी चमक रही थी । उसके पैरों में सफेद रंग के स्नीकर्स थे । उसके गले में एक हेडफोन लटक रहा था और मुंह पर मास्क लगा हुआ था ।

वो इस समय एक पार्क में था और अपनी मस्ती में दौड़ते हुए कहीं जा रहा था कि तभी किसी ने उसका नाम लेकर उसे बुलाया, " सिड भैया ! "

सिड ने जैसे ही वो आवाज सुनी, उसके कदम जहां के तहां रुक गए । वो उस आवाज को बहुत अच्छे से पहचानता था ।

उसने अपनी गर्दन आवाज की दिशा में घुमाई तो वहां पर एक 20 - 21 साल का लड़का खड़ा था । उसने काले रंग की जींस के साथ नीले रंग का टी - शर्ट पहना हुआ था ।

उसने अपने कंधे पर एक बैग लटका रखा था । सिड उसे देख कर मुस्करा दिया लेकिन उसने अपना मास्क नहीं उतारा ।

वो लड़का दौड़ कर उसके पास आया तो सिड ने कहा, " क्या हुआ छोटे, इतनी सुबह सुबह यहां क्या कर रहा है ? "

उस लड़के ने मुंह बना कर कहा, " क्या भाई, अब तो मुझे छोटे बुलाना छोड़ दीजिए । "

उसकी बात सुन कर सिड को हंसी आ गई । ये देख कर उस लड़के ने अपना मुंह फेर लिया तो सिड ने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा, " अच्छा, ऐसे मुंह मत बनाओ । अब नहीं बुलाएंगे । "

उस लड़के ने कन्फर्म करते हुए कहा, " पक्का न ! "

सिड ने उसे यकीन दिलाते हुए कहा, " हां बाबा, पक्का ! "

ये सुन कर वो लड़का खुश हो गया तो सिड ने कहा, " अब बता, इतनी सुबह सुबह यहां कैसे ? "

उस लड़के ने अपने बैग में से एक बॉक्स उसके सामने करके कहा, " हैप्पी बर्थडे, भाई ! "

सिड ने वो बॉक्स उसी की ओर बढ़ाते हुए कहा, " थैंक यू, लकी ! लेकिन इसकी जरूरत नहीं है । "

लकी ने फिर से मुंह बना कर कहा, " भाई ! "

लेकिन सिड ने तुरंत वो बॉक्स और ज्यादा उसकी ओर बढ़ा कर कहा, " इसे तुम रखो । तुम्हें इसकी ज्यादा जरूरत पड़ सकती है । "

लकी ने संकोच करते हुए कहा, " पर पापा... ! "

लेकिन सिड ने तुरन्त कहा, " उनसे हम बात कर लेंगे । "

लकी ने बॉक्स वापस अपने बैग में रखते हुए कहा, " ठीक है, भाई ! "

और इसी के साथ उसने एक लंच बॉक्स अपने बैग से निकालते हुए कहा, " लेकिन ये तो आपको लेना ही पड़ेगा । "

सिड ने उस लंच बॉक्स को देखते ही कहा, " हमारी खीर ! "

और अगले ही पल लकी के हाथ से वो खीर ले लिया । उसने वहीं बेंच पर बैठ कर वो बॉक्स खोला और अपना मास्क थोड़ा सा साइड करके वो खीर खाने लगा ।

उसने पहला बाइट लेते ही कहा, " वाह ! माता श्री के हाथों की खीर के बाद ये खीर ही दुनिया की बेस्ट खीर है । "

उसे ऐसे देख कर लकी मुस्करा दिया । उसने अपना बैग फिर से अपने कंधे पर चढ़ा कर कहा, " अच्छा भाई, मैं चलता हूं, गैरेज में काम है । "

सिड ने कुछ कहने के बजाय अपना अंगूठा दिखा दिया तो लकी उसी मुस्कान के साथ वहां से चला गया । उसके जाने के बाद सिड की मुस्कान एकदम से गायब हो गई और उसके चेहरे के भाव बदल गए ।

उसके आंखों में थोड़ी नमी भी थी, थोड़ा गिल्ट भी था और थोड़ा गुस्सा भी । उसने उस खीर को बिल्कुल गुस्से में खाना शुरू कर दिया ।

खीर खाने के लगभग दो मिनट बाद ही उसके हाथ से लंच बॉक्स छूट गया और वो बेहोश होकर वहीं गिर गया ।

लगभग एक घंटे बाद,

हर तरफ हौले - हौले ठंडी हवाएं बह रही थीं जो मन को सुकून देने वाली थीं । इसी सुकून के बीच एक लड़का अपने घर के गार्डन में सीढ़ियों पर बैठा हुआ था ।

वो घर देखने में बहुत खूबसूरत था । वो एक दो मंजिला घर था जो लगभग पांच डेसीमल के एरिया में बना हुआ था । घर के बाहर बहुत बड़ा गार्डन था जो कि घर के चारों ओर फैला हुआ था और फिर चारदीवारी ।

चारदीवारी के पास अलग अलग फलों के पेड़ लगे हुए थे जो देखने में बहुत ही खूबसूरत लग रहे थे । मेन गेट से घर के दरवाजे तक रास्ते के दोनों तरफ कई प्रकार के फूलों के गमले रखे हुए थे जो उस घर की शोभा को और भी बढ़ा रहे थें ।

वो लड़का सिर ऊपर की ओर किए हुए बैठा था । उसने काले रंग की पैंट के साथ सफेद रंग का टी शर्ट पहना हुआ था । साथ में उसने एक सफेद रंग का शर्ट पहना हुआ था जिसके बटंस खुले हुए थे ।

हवा से उसके बाल और शर्ट पीछे की ओर लहरा रहे थे । उसने अपने हाथ पीछे रखे हुए थे । वो अपनी आँखें बंद किए हुए उस हवा को महसूस कर रहा था ।

उसके चेहरे पर इस वक्त बहुत ही सुकून नजर आ रहा था, तभी उसका फोन बज उठा । उसने फोन उठा कर देखा तो वो कॉल बैंक से था ।

उसने चिढ़ कर खुद से ही कहा, " इन बैंक वालों को कुछ काम - धंधा नहीं रहता है क्या ! "

ये बोलते हुए उसने फोन काट कर वापस से साइड में रख दिया लेकिन अचानक से उसे कुछ याद आया तो उसने तुरंत फोन उठा लिया । उसने समय देखा तो सुबह के नौ बज रहे थे ।

उस लड़के ने खुद से ही कहा, " ये सिड कहां रह गया ? उसे तो अब तक आ जाना चाहिए था । "

ये कहते हुए वो लड़का उठ खड़ा हुआ । उसने अपने फोन में एक नंबर निकाला जिस पर “ माय लाइफ ” लिखा हुआ था । उसने उस नंबर पर कॉल किया पर कॉल आंसर नहीं हो रहा था । उसने दुबारा ट्राई किया लेकिन इस बार भी कॉल आंसर नहीं हुआ ।

उस लड़के ने बार - बार फोन ट्राई करते हुए कहा, " कहीं इसने फिर से अपना फोन डू नॉट डिस्टर्ब मोड पर तो नहीं डाल रखा है न ! "

फिर उसने चिढ़ कर कहा, " क्या करें हम इस लड़के का ! "

और अपना फोन जेब में डाल कर, अपनी बाइक लेकर बाहर निकल गया । कुछ देर बाद वो एक जिम के सामने था ।

उसने अंदर जाते ही चिल्ला कर कहा, " सिड, सिड, वेयर आर यू ? "

उसकी आवाज सुन कर उस जिम का मालिक, जिसका नाम राहुल था, अपने केबिन से बाहर आया ।

उस लड़के को देख कर राहुल ने कहा, " क्या हुआ यश, इतने परेशान क्यों लग रहे हो ? "

यश ने उसे देख कर कहा, " भाई, सिड कहां है ? "

राहुल ने कन्फ्यूजन के साथ कहा, " सिड, उसे निकले हुए तो लगभग 1 घंटा हो गया है । "

यश ने अपनी आँखें बड़ी करके कहा, " क्या ? "

राहुल ने नासमझी से कहा, " हां ! "

फिर उसने यश से ही सवाल करते हुए कहा, " क्यों, वो घर नहीं पहुंचा क्या अभी तक ? "

यश ने बाहर जाते हुए कहा, " हम आपसे बाद में बात करते हैं । "

राहुल ने उसे रोकते हुए कहा, " पर यश... " लेकिन यश उसे अनसुना करके चला गया ।

यश ने वापस घर आकर सिड को ढूंढना शुरू कर दिया । उसने सिड को हर जगह ढूंढ लिया था पर उसका कहीं कोई अता - पता नहीं था ।

उसे परेशान देख कर एक महिला जो पौधों को पानी दे रही थी, उसने यश से कहा, " क्या हुआ, बेटा ? "

उनकी उम्र कोई पचास साल के आस पास रही होगी ।

यश ने उनकी ओर देख कर कहा, " मां वो, वो ! "

वो पैनिक करने लगा था । उसे ऐसे देख कर सिड की मां ( मिसेज माथुर ) ने घबरा कर कहा, " वो क्या, यश ? "

यश ने एक ही सांस में कहा, " सिड कहीं मिल नहीं रहा है, मां । "

मिसेज माथुर ने तुरंत कहा, " क्या ? "

यश ने फिर से कहा, " हां मां, उसने हमसे कहा था कि वो जिम जा रहा है । "

मिसेज माथुर ने घबरा कर कहा, " तो वहां जाकर देखा ! "

यश ने टेंशन के साथ कहा, " हां मां, वहां भी देख लिये । राहुल भाई ने बताया कि सिड वहां गया था पर उसे निकले हुए लगभग एक घंटा हो गया है । "

मिसेज माथुर ने बौखला कर कहा, " ऐसा कैसे हो सकता है । अगर उसे निकले हुए इतना समय हो गया है तो अब तक तो उसे यहां आ जाना चाहिए था । "

यश ने टेंशन के साथ कहा, " वही तो समझ नहीं आ रहा है न ! "

मिसेज माथुर ने अपना सिर पकड़ कर कहा, " कहां चला गया ये लड़का ? "

यश ने मिसेज माथुर की ओर देख कर कहा, " मां, आप टेंशन मत लीजिए । हम, हम कुछ करते हैं । हम ढूंढते हैं उसे । "

मिसेज माथुर ने भी बाहर की ओर जाते हुए कहा, " हां, हम भी देखते हैं । कहीं कॉलेज में तो नहीं है न ! "

यश ने उन्हें रोकते हुए कहा, " नहीं मां, हमने वहां भी पता किया है । वो वहां भी नहीं है । एक काम करिए, आप पहले सनी भाई को इनफॉर्म कर दीजिए और हम लक्ष्मी दीदी और काव्या दीदी से पूछते हैं । "

मिसेज माथुर ने अपना फोन निकालते हुए कहा, " हां, ये ठीक रहेगा । "

यश ने कहा, " हम्म ! " और फिर वो दोनों अपने अपने फोन से कॉल करने लगे । "

उधर मिसेज माथुर सनी से बात कर रही थीं तो वहीं यश ने फोन पर काव्या से कहा, " प्रणाम दीदी, सिड आपके यहां आया है क्या ? "

सामने से काव्या ने कहा, " नहीं तो ! क्यों, क्या हुआ ? "

यश ने तुरंत कहा, " कुछ नहीं, हम आपसे बाद में बात करते हैं । "

काव्या ने कहा, " पर... " लेकिन यश ने तुरंत कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया ।

मिसेज माथुर ने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा, " क्या हुआ, सिड है वहां ? "

यश ने निराशा के साथ अपना सिर ना में हिला कर कहा, " नहीं । "

मिसेज माथुर ने उसकी ओर देख कर कहा, " लक्ष्मी को कॉल करो । "

यश ने भी कहा, " हां, हां, करते हैं । "

यश ने लक्ष्मी से बात कर ली तो मिसेज माथुर ने बेचैनी के साथ कहा, " क्या हुआ, कुछ पता चला ? "

यश ने फिर निराशा में सिर हिला कर कहा, " नहीं मां, सिड वहां भी नहीं है । "

वो दोनों बातें कर ही रहे थे कि इतने में एक आदमी अंदर आया ।

उसे देख कर यश ने कहा, " पापा ! "

उस आदमी ( मिस्टर सिन्हा ) ने उसकी ओर देख कर कहा, " हां, बेटा ! "

यश ने उनसे सवाल करते हुए कहा, " आपने सिड को कोई काम दिया है क्या ? "

मिस्टर सिन्हा ने अपना सिर ना में हिला कर कहा, " नहीं, तो ! "

यश ने फिर से सवाल किया, " आपने उसे किसी मिशन पर नहीं भेजा है ! "

मिस्टर सिन्हा ने कहा, " बिल्कुल नहीं, बल्कि हम तो उसे खुद ही मना करने वाले थे । "

मिसेज माथुर ने अपना सिर पकड़ कर कहा, " अब क्या किया जाए ? "

मिस्टर सिन्हा ने सवाल करते हुए कहा, " हुआ क्या है ? "

यश ने उनकी ओर देख कर कहा, " पापा, सिड का कहीं कुछ पता नहीं चल रहा है । "

मिस्टर सिन्हा ने नासमझी से थोड़ी तेज आवाज में कहा, " क्या मतलब, पता नहीं चल रहा है ? "

यश ने उन्हीं भावों के साथ कहा, " वो कुछ देर पहले जिम गया था और वहीं से गायब है । "

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कौन है सिड ?

उसके चेहरे के भाव बदल क्यों गए थे ?

क्या हुआ था उसके साथ ?

कहां था वो ?

इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,

बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस

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^^^ लेखक : देव श्रीवास्तव ^^^

Kidnap

   सुबह का समय था जब यश ने मिस्टर सिन्हा से सवाल करते हुए कहा, " आपने सिड को कोई काम दिया है क्या ? "

   मिस्टर सिन्हा ने अपना सिर ना में हिला कर कहा, " नहीं, तो ! "

   यश ने फिर से सवाल किया, " आपने उसे किसी मिशन पर नहीं भेजा है ! "

   मिस्टर सिन्हा ने कहा, " बिल्कुल नहीं, बल्कि हम तो उसे खुद ही मना करने वाले थे । "

   मिसेज माथुर ने अपना सिर पकड़ कर कहा, " अब क्या किया जाए ? "

   मिस्टर सिन्हा ने सवाल करते हुए कहा, " हुआ क्या है ? "

   यश ने उनकी ओर देख कर कहा, " पापा, सिड का कहीं कुछ पता नहीं चल रहा है । "

   मिस्टर सिन्हा ने नासमझी से थोड़ी तेज आवाज में कहा, " क्या मतलब, पता नहीं चल रहा है ? "

   यश ने उन्हीं भावों के साथ कहा, " वो कुछ देर पहले जिम गया था और वहीं से गायब है । "

   मिस्टर सिन्हा ने भी चिंता के साथ कहा, " तुमने हर जगह देख लिया । "

   यश ने फ्रस्ट्रेट होकर कहा, " हां, यहां तक कि वो लक्ष्मी दी या काव्या दी के यहां भी नहीं है ।

   मिसेज माथुर ने भी तुरंत कहा, " और सनी के साथ या मोक्षा के पास भी नहीं है । "

   यश ने उनकी ओर देख कर कहा, “ आपने वहां भी पता किया है ! ”

   मिसेज माथुर ने कहा, “ हां, जब उसका कुछ पता नहीं चल रहा है तो हर मुमकिन जगह कोशिश करनी होगी न ! ”

   मिस्टर सिन्हा ने फिर से पूछा, " उसके दोस्तों से बात की ! "

   यश ने फिर से अपना फोन निकालते हुए कहा, " नहीं, हम अभी करते हैं । "

   मिस्टर सिन्हा ने भी फोन निकालते हुए कहा, " हां, हम भी देखते हैं । "

   फिर वो तीनों अलग होकर सिड के दोस्तों से बात करने लगे । लगभग बीस मिनट बाद तीनों वापस हॉल में इकट्ठा हो गए ।

   मिसेज माथुर ने मिस्टर सिन्हा की ओर देख कर कहा, " कुछ पता चला ? "

   मिस्टर सिन्हा ने निराशा के साथ कहा, " नहीं, भाभी जी ! "

   फिर उन्होंने मिसेज माथुर की ओर देख कर कहा, " आपको ? "

   मिसेज माथुर ने भी ना में सिर हिला कर कहा, " नहीं, वो अपने किसी भी दोस्त के साथ नहीं है । "

   उनकी आंखों में आंसू आ गए थे ।

   यश ने भी कहा, " हमने भी देख लिया, वो कहीं नहीं है । "

   मिस्टर सिन्हा ने टेंशन के साथ कहा, " अब तो एक ही रास्ता है, पुलिस कंप्लेंट ! "

   फिर उन्होंने मिसेज माथुर की ओर देख कर कहा, " आप टेंशन मत लीजिए, भाभी जी ! सिड को कुछ नहीं होगा । वो आपका बेटा बना है पर हमने खुद उसे अपना बेटा माना है । उसे बचाने के लिए जो भी करना पड़े, हम करेंगे । "

    मिसेज माथुर ने हां में सिर हिला दिया तो मिस्टर सिन्हा अपने फोन से बात करते हुए बाहर चले गए । उन तीनों ने मिल कर पूरा शहर छान मारा था ।

   सनी, काव्या, मोक्षा और लक्ष्मी को भी सिड के गायब होने की खबर मिल चुकी थी और वो सब भी यहां आ चुके थें । सभी लोग हर मुमकिन कोशिश कर चुके थें सिड को ढूंढने की लेकिन उसका कहीं अता - पता नहीं था ।

   वहीं दूसरी तरफ,

   एक प्राइवेट जेट अपनी गति से आसमान में उड़ रहा था । उस जेट में एक लड़की और एक बूढ़ा आदमी बैठे हुए थे ।

   लड़की की उम्र कोई 24 साल रही होगी तो वहीं आदमी की उम्र 75 साल के आस पास लेकिन उसने खुद को इतना फिट किया हुआ था कि उसे देख कर उसकी उम्र का अंदाजा लगा पाना मुश्किल था । उन दोनों के अलावा सिड भी उस जेट में बैठा हुआ था ।

   जहां बूढ़े आदमी ने बढ़िया सा सूट पहना हुआ था तो वहीं सिड और उस लड़की ने काले रंग की जींस के साथ सफेद रंग का टी शर्ट पहना हुआ था जिसकी बाजू उनके पूरे हाथ को ढक रही थी ।

   सिड चुप चाप बैठा हुआ था और सामने की ओर देखे जा रहा था । उसके मुंह पर मास्क लगा हुआ था और बाल बिखरे हुए थे ।

   बूढ़े आदमी के चेहरे पर अकड़ तो वहीं उस लड़की के चेहरे पर दुनिया जहां की खुशी नजर आ रही थी । उसे देख कर ऐसा लग रहा था जैसे कि उसे कोई गड़ा हुआ खजाना मिल गया हो ।

   उसने अपने बगल में बैठे हुए सिड हाथ का हाथ अपने हाथ में पकड़ लिया तो सिड की पुतलियां उसकी ओर घूम गईं जिनमें नफरत साफ नजर आ रही थी लेकिन अजीब बात ये थी कि पुतलियों के अलावा उसके शरीर का कोई और हिस्सा नहीं हिल रहा था यहां तक कि उसकी गर्दन भी नहीं ।

   शायद उसे कोई ड्रग दिया गया था । उस लड़की ने उसकी आंखों में देख कर मुस्कराते हुए उसके चेहरे पर अपने हाथ फिरा दिए जिससे सिड और चिढ़ रहा था लेकिन वो चाह कर भी उसे खुद से दूर नहीं कर पा रहा था ।

   ये देख कर उस लड़की ने कहा, " बस थोड़ी देर और सिड, फिर हम दोनों इस देश से बाहर होंगे । एक ऐसी जगह पर, जहां हमारे अलावा और कोई भी नहीं होगा । "

   फिर उसने अपने दांत पीसते हुए कहा, " और वो यश तो बिलकुल भी नहीं । "

   शाम का समय,

   सभी लोग हॉल में बैठे हुए थें । सबके चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी ।

   इतने में मिस्टर सिन्हा ने अपना फोन देख कर मिसेज माथुर से कहा, " भाभी जी, एक बुरी खबर है । "

   मिसेज माथुर ने डर के साथ कहा, " क्या हुआ ? "

   मिस्टर सिन्हा ने हिचकते हुए कहा, " निशा भी आज सुबह से ही गायब है । "

   सबके मुंह से एक साथ निकला, " क्या ? "

   मिस्टर सिन्हा ने कहा, " हां, अनिरुद्ध ने अभी - अभी हमें ये बात बताई है । "

   सनी ने कुछ सोचते हुए कहा, " इसका मतलब कि... "

   उसकी बात पूरी होने से पहले ही मिस्टर सिन्हा ने कहा, " हां, हो सकता है कि वो दोनों साथ हों । "

   यश ने पूरे विश्वास के साथ कहा, " हो सकता है, लेकिन ये कभी नहीं हो सकता कि सिड अपनी मर्जी से उसके साथ चला जाए । "

   लक्ष्मी ने अपना सिर पकड़ कर कहा, " अब क्या करें ! "

   यश ने गुस्से में कहा, " हमें तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है कि क्या करें । उसका बाप कोई नॉर्मल इंसान होता तो डरा धमका कर सब कुछ उगलवा भी लेते, लेकिन वो ठहरा MLA, कुछ पूछ भी नहीं सकते हैं उससे । "

   मिसेज माथुर ने चिंता के साथ कहा, " कुछ भी हो पर हम ऐसे हाथ पर हाथ रख कर तो नहीं बैठ सकते हैं न ! "

   मिस्टर सिन्हा ने उन्हें भरोसा दिलाते हुए कहा, " बिल्कुल नहीं भाभी जी, हम कुछ भी करके सिड को ढूंढ कर ही रहेंगे । "

   दो दिन बाद,

   सभी लोग निराशा के साथ हॉल में बैठे हुए थें । मिसेज माथुर को तो जैसे सदमा सा लगा हुआ था क्योंकि दो दिनों से सिड की कोई खबर नहीं मिली थी ।

   वो चुपचाप बैठी हुई थीं कि तभी उनका फोन बज उठा । उन्होंने फोन उठा कर देखा तो उन्हें एक अंजान नंबर से वीडियो कॉल आ रहा था ।

   उन्होंने मिस्टर सिन्हा की ओर देख कर कहा, " वीडियो कॉल, वो भी अननोन नंबर से ! "

   मिस्टर सिन्हा ने उम्मीद के साथ कहा, " रिसीव करके देखिए । शायद सिड के बारे में कुछ पता चल जाए । "

   मिसेज माथुर ने कहा, " हम्म ! "

   और फिर कॉल आंसर किया तो सामने एक लड़की नजर आने लगी । ये वही लड़की थी जो दो दिन पहले उस जेट में थी ।

   उसने मिसेज माथुर को देख कर हाथ जोड़ कर कहा, " प्रणाम, सासू मां ! "

   मिसेज माथुर उसे देख कर हैरान हो गईं ।

   उनके मुंह से अपने आप ही निकल गया, " निशा ! "

   निशा ने उत्साहित होकर मुस्कराते हुए कहा, " अरे वाह सासू मां, आपकी याद्दाश्त तो बहुत तेज है । "

   मिसेज माथुर ने चिढ़ कर कहा, " बकवास बंद करो अपनी और ये बताओ कि कॉल क्यों किया है । "

   निशा ने बेशर्मी से कहा, " अरे, अरे, कुल डाउन सासू मां, कुल डाउन ! मैं जानती हूं कि आप सिड को लेकर परेशान हैं । होता है, होता है, जिससे आप प्यार करते हो, वो आपसे दूर चला जाए तो दुख होता है । "

   मिसेज माथुर ने फिर से कुछ कहना चाहा ही था कि तभी उनके दिमाग में कुछ खटका ।

   उन्होंने तुरंत निशा को घूरते हुए कहा, " तुम्हें कैसे पता कि हम सिड को लेकर परेशान हैं ? क्या वो तुम्हारे साथ है ? "

   निशा ने अपनी मुस्कान को और बड़ी करके कहा, " बिल्कुल, मेरे साथ ही तो है । "

   फिर उसने फोन को अपने बगल में लेटे हुए सिड की ओर घुमा कर कहा, " ये देखिए । "

   वहां एक बेड पर सिड लेटा हुआ था जिसने पेशेंट के कपड़े पहने हुए थे । उसका चेहरा पीला पड़ा हुआ था और उसके मुंह पर अभी भी मास्क था । उसके बाल माथे पर बिखरे हुए थे ।

   उसका पूरा चेहरा नजर नहीं आ रहा था लेकिन फिर भी सबने उसे पहचान लिया कि वो सिड ही है । वो बेहोश था लेकिन इस हालत में भी उसके माथे पर सुकून नजर नहीं आ रहा था ।

   मिसेज माथुर ने उसे देख कर बेचैनी के साथ कहा, " सिड ! सिड ! " लेकिन उसने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया ।

   निशा ने फोन को फिर से अपनी ओर घुमा कर कहा, " वो नहीं उठेगा, सासू मां ! "

   मिसेज माथुर ने गुस्से में कहा, " क्यों ? क्या किया है तुमने उसके साथ ? "

   निशा ने बेफिक्री से कहा, " कुछ नहीं, सासू मां ! बस एक इंजेक्शन दिया है जिससे ये कुछ घंटों के लिए बेहोश रहेगा । "

   यश ने गुस्से में कहा, " तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई उसे किडनैप करने की ! "

   निशा ने उसे घूरते हुए कहा, " अबे ओ, मेरे सौतन ! तू तो अपना मुंह बंद ही रख और मेरे सिड पर हक जताने के बारे में सोचना भी मत । ये सिर्फ मेरा है, सिर्फ मेरा । "

   यश ने हंस कर कहा, " क्या फायदा ? तुम उसे अपना बना कर भी अपना नहीं बना सकती । वो तुम्हें कभी नहीं अपनाएगा, कभी भी नहीं । "

   निशा के होठों पर एक तिरछी मुस्कान आ गई ।

   उसने कहा, " वो तो मुझे अपनाएगा, और जरूर अपनाएगा । जब वो सच में सिद्धांत बन जाएगा तो उसके पास मुझे अपनाने के अलावा कोई और रास्ता बचेगा ही नहीं । "

   यश ने नासमझी से कहा, " क्या मतलब, सच में सिद्धांत बन जाएगा ! "

   निशा ने एनॉयड सा फेस बना कर कहा, " क्या यश, तुम खुद साइंस लवर हो और फिर भी इस बात का मतलब पूछ रहे हो ! "

   यश ने कुछ सोचते हुए कहा, " यू मीन... " और इसके आगे वो चुप हो गया और आंखें बड़ी करके निशा को घूरने लगा तो निशा ने एक्साइटेड होकर कहा, " हां, हां, वही जो तू समझ रहा है । "

   यश ने उसे घूरते हुए बिल्कुल गंभीर आवाज में कहा, " तुम ऐसा नहीं कर सकती । "

   निशा ने दृढ़ आवाज में कहा, " मैं ऐसा कर सकती हूं और करूंगी भी । एक साल, सिर्फ एक साल में सिड सच में सिद्धांत बन जाएगा और फिर मैं उससे शादी कर लूंगी । "

   यश ने हल्के से व्यंग्य से हंस कर कहा, " एक साल ! "

   फिर उसने निशा की ओर देख कर कहा, " एक साल में तीन और पैंसठ दिन होते हैं मिस निशा, तीन सौ पैंसठ दिन ! और तुम्हें ऐसा लगता है कि हम इतने दिनों तक उसे तुम्हारे पास छोड़ेंगे । "

   निशा ने दृढ़ता के साथ कहा, " तुम चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते । "

   यश ने उससे सवाल करते हुए कहा, " और तुम्हें ऐसा क्यों लगता है ? "

   निशा ने स्क्रीन अपने चेहरे के बिल्कुल पास लाकर कहा, " इसलिए क्योंकि अगर तुमने ऐसा करने की कोशिश की तो मेरे पास सुसाइड और मर्डर दोनों के ही कई तरीके हैं ।

   इसे भी मार दूंगी और खुद भी मर जाऊंगी, फिर करते रहना शादी, इसकी लाश से । "

   ये सुनते ही मिसेज माथुर ने घबराहट के साथ कहा, " नहीं, तुम ऐसा कुछ नहीं करोगी । कोई तुम्हारे पीछे नहीं आएगा, लेकिन सिड को कुछ नहीं होना चाहिए । "

   निशा ने खुश होकर कहा, " ये हुई न बात ! "

   फिर उसने यश को टौंट मारते हुए कहा, " देखो, मेरी सासू मां कितनी समझदार हैं ! "

   यश ने मिसेज माथुर की ओर देख कर कहा, " मां, नहीं ! "

   मिसेज माथुर ने भी उसकी ओर देख कर कहा, " यश, सिड से बढ़ कर कुछ भी नहीं है । "

   उनकी बातें सुन कर यश के दिमाग में न जाने क्या आया कि उसने निशा की ओर देख कर कहा, " एक मिनट निशा, तुम उसे सच में सिद्धांत बनाना चाहती हो न ! "

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   यश निशा का सौतन कैसे है ?

   क्या करने वाली है निशा सिद्धांत के साथ ?

    लइन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,

   बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस

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^^^लेखक : देव श्रीवास्तव^^^

Bhagne Ki Koshish

   शाम का समय था जब वीडियो कॉल पर निशा ने यश को सिद्धांत को मारने की धमकी दे दी ।

   ये सुनते ही मिसेज माथुर ने घबराहट के साथ कहा, " नहीं, तुम ऐसा कुछ नहीं करोगी । कोई तुम्हारे पीछे नहीं आएगा, लेकिन सिड को कुछ नहीं होना चाहिए । "

   निशा ने खुश होकर कहा, " ये हुई न बात ! "

   फिर उसने यश को टौंट मारते हुए कहा, " देखो, मेरी सासू मां कितनी समझदार हैं ! "

   यश ने मिसेज माथुर की ओर देख कर कहा, " मां, नहीं ! "

   मिसेज माथुर ने भी उसकी ओर देख कर कहा, " यश, सिड से बढ़ कर कुछ भी नहीं है । "

   उनकी बातें सुन कर यश के दिमाग में न जाने क्या आया कि उसने निशा की ओर देख कर कहा, " एक मिनट निशा, तुम उसे सच में सिद्धांत बनाना चाहती हो न ! "

   निशा ने तुरंत कहा, " हां ! "

   यश ने उसे अपनी बातों में फंसाने के लिए कहा, " बनाओ, शौक से बनाओ और बेहोशी की हालत में उससे शादी भी कर लो, पर क्या उसे हमेशा ऐसे बेहोशी में ही अपने पास रखोगी ? “

   निशा ने लापरवाही से कहा, " नहीं, एक बार वो पूरी तरह से सिद्धांत बन जाए और हमारी शादी हो जाए, फिर मैं इसे होश में ही रखूंगी । "

   यश ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " और तुम्हें लगता है कि वो इस बेहोशी की शादी को और तुम्हें अपनी वाइफ के तौर पर एक्सेप्ट कर लेगा ! "

   निशा ने चिढ़ कर कहा, " कहना क्या चाहते हो तुम ? "

   यश समझ चुका था कि निशा बौखला चुकी है और इसी बात का फायदा उठाते हुए उसने कहा, " कहना नहीं, चैलेंज करना चाहते हैं हम तुम्हें ! "

   निशा ने भी कहा, " कैसा चैलेंज ? "

   यश ने आराम से कहा, " देखो, उसके सिद्धांत बनने के बाद हमारी और उसकी शादी तो होने से रही तो... "

   इसके आगे यश ने कुछ नहीं कहा तो निशा ने उत्सुकता से कहा, " तो ! "

   यश ने अपनी चाल चलते हुए कहा, " तो तुम यहां, सबके बीच, उसकी मर्जी से, सबके आशीर्वाद के साथ उससे शादी करके दिखाओ तो हम मान लेंगे कि तुम्हारा प्यार सच्चा था । "

   निशा ने पूरे एटीट्यूड के साथ कहा, " मेरा प्यार सच्चा था नहीं, सच्चा है और तुमने मुझे चैलेंज किया है न, ठीक है । एक साल बाद मैं इसे लेकर वापस आऊंगी और सबके आशीर्वाद के साथ ही इससे शादी करूंगी । "

   यश ने एक शातिर मुस्कान के साथ कहा, " चलो, देखते हैं ! "

   निशा ने पूरे कॉन्फिडेंस के साथ कहा, " देख लेना । "

   इतना बोल कर उसने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया ।

   कॉल कटते ही मिसेज माथुर ने यश की ओर देख कर तेज आवाज में कहा, " ये क्या किया तुमने, यश ? "

   यश ने आराम से कहा, " आपकी प्रॉब्लम को सॉल्व किया है, मां । "

   मिसेज माथुर ने गुस्से में कहा, " ये, ऐसे, ऐसे सॉल्व किया है तुमने इस प्रॉब्लम को ! "

   यश ने उनके कंधे पकड़ कर कहा, " हां, मां ! सिड को बचाने का यही तरीका है हमारे पास । "

   इस बार सनी ने कहा, " और वो कैसे ? "

   यश ने उसकी ओर देख कर कहा, " वो ऐसे कि वो उसका ऑपरेशन भले ही करा दे पर उससे शादी नहीं करेगी, एट लीस्ट इंडिया वापस आने तक तो नहीं, और अगर उसे सिड से शादी करनी है तो उसे इंडिया तो आना ही पड़ेगा । "

   सनी ने इस सब पर गौर करते हुए कहा, " हम्म ! बात तो तुम्हारी सही है । "

   मिसेज माथुर ने रोते हुए कहा, " पता नहीं, ये सब सिड के साथ ही क्यों होता है ! "

   अब इस पर यश क्या ही कहता । उसने सबको मिसेज माथुर को संभालने का इशारा किया और घर से बाहर चला गया । वो वहां से निकल कर पुलिस स्टेशन चला गया ।

   उसने ACP अनिरुद्ध सिन्हा से कहा, " क्या हुआ ? कुछ पता चला ? “

   अनिरुद्ध ने अपना सिर पकड़ कर कहा, " नहीं यार, यश ! "

   यश ने तेज आवाज में कहा, " ऐसा कैसे हो सकता है ? हम इसीलिए तो उससे इतनी देर तक बात करते रहे । "

   अनिरुद्ध ने उसकी ओर देख कर कहा, " तेरी बात सही है, पर जितने भी बार हमने स्क्रीन रिफ्रेश की उतनी ही बार हमें उसकी अलग लोकेशन मिली । "

   यश ने अपना एक पैर जमीन पर मार कर गुस्से में कहा, " शिट ! "

   फिर उसने अनिरुद्ध की ओर देख कर कहा, " एक काम करिए, आप लोग सिड के फोन की लोकेशन भी ट्राई करते रहिए । "

   अनिरुद्ध ने कुछ सोचते हुए कहा, " हम्म ! ट्राई कर सकते हैं लेकिन उसकी भी गारंटी नहीं है । "

   यश ने उम्मीद के साथ कहा, " गारंटी न हो, पर होप तो है न ! "

   अनिरुद्ध ने हां में सिर हिला दिया तो यश बाहर चला गया । ऐसे ही सिद्धांत को ढूंढते हुए तीन हफ्ते बीत गए लेकिन सिद्धांत का कहीं कोई सुराग नहीं मिला ।

   मिसेज माथुर, मिस्टर सिन्हा और यश हॉल में मौजूद थें । बाकी सबको इन तीनों ने कैसे भी समझा कर वापस भेज दिया था ।

   यश ने मिस्टर सिन्हा की ओर देख कर कहा, " पापा, हम जब तक उसे वापस नहीं ले आते तब तक हमें चैन नहीं मिलेगा । "

   मिस्टर सिन्हा ने निराशा के साथ कहा, " हमने सब कुछ तो कर लिया । हमारे एजेंट्स ने उन दोनों को पूरे इंडिया में ढूंढ लिया पर इन दोनों का कहीं कुछ पता नहीं चल । वो जहां - जहां मिशन पर गया था उन जगहों पर भी पता कर लिया, लेकिन कोई फायदा... "

   वो अपनी बात बोल ही रहे थें कि तभी उनके दिमाग में कुछ खटका और उन्हें अचानक से कहा, " एक मिनट ! "

   यश ने कौतूहल के साथ कहा, " क्या हुआ पापा ? "

   मिस्टर सिन्हा ने सोचते हुए कहा, " एक जगह ऐसी भी है जहां सिड मिशंस के लिए कम और घूमने के लिए ज्यादा गया है । "

   यश ने तुरंत कहा, " कौन सी जगह ? "

   इससे पहले कि मिस्टर सिन्हा कुछ कहते मिसेज माथुर ने कहा, " थाईलैंड ! "

   यश ने भी याद करते हुए कहा, " हां, लेकिन उसकी किडनैपिंग का इस सबसे क्या लेना देना ! "

   मिस्टर सिन्हा ने उसके सवाल का जवाब देने के बजाय उसी से सवाल करते हुए कहा, " तुम निशा के बारे में क्या जानते हो यश ? "

   यश ने नासमझी से कहा, " निशा के बारे में, मतलब ! "

   मिस्टर सिन्हा ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, " मतलब कि तुम निशा के बारे में क्या जानते हो ! "

   यश ने नॉर्मली कहा, " यही कि वो MLA की बेटी है और सिड के पीछे पड़ी है । "

   मिस्टर सिन्हा ने एक गहरी सांस लेकर कहा, " तुम्हें सिर्फ उसकी आधी इनफॉर्मेशन पता है । पूरी हम बताते हैं । "

   इसके बाद मिस्टर सिन्हा ने जो बातें यश को बताई उसे सुन कर यश और मिसेज माथुर, दोनों को ही आंखें बड़ी हो गईं ।

   यश ने अपने गुस्से को कंट्रोल करके मिस्टर सिन्हा से कहा, " पापा, आपने हमें ये बात पहले क्यों नहीं बताई ? "

   मिस्टर सिन्हा ने उसे शांत कराते हुए कहा, " शांत हो जाओ, यश । "

   यश ने भरी हुई आंखों के साथ कहा, " कैसे शांत हो जाएं पापा ! अगर उसने निशा की मदद की होगी तो हम कितनी भी कोशिश क्यों न कर लें, सिड की इनफॉर्मेशन नहीं निकाल पाएंगे । "

   मिस्टर सिन्हा ने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा, " उसकी टेंशन तुम मत लो । हमने वे, नट और चार्न से बात कर ली है । वो सब भी अपने अपने लेवल पर कोशिश कर रहे हैं । "

   उन्होंने इतना ही कहा था कि तभी उनके फोन पर कोई मैसेज आया । उन्होंने वो मैसेज देखा तो उनके होठों पर मुस्कान आ गई लेकिन अगले ही पल वो गायब भी हो गई और उनके माथे पर चिंता की लकीरें आ गईं । वो अपनी जगह पर खड़े खड़े ही मानों सुन्न हो गए हों ।

   ये देख कर यश ने उनके कंधे पकड़ कर कहा, " क्या हुआ पापा ? "

   मिस्टर सिन्हा ने बिना कुछ बोले सामने देखते हुए ही अपना फोन यश की ओर बढ़ा दिया । यश ने उनके हाथ से फोन लेकर मैसेज देखा तो वो भी शॉक हो गया ।

   उन दोनों को ऐसे देख कर मिसेज माथुर ने यश को पकड़ कर कहा, " क्या हुआ यश ? क्या है उस मैसेज में ? "

   यश ने शॉक में सामने देखते हुए ही कहा, " मां, मां, सिड का पता चल गया है । "

   मिसेज माथुर ने खुशी के साथ कहा, " सिड का पता चल गया है ! "

   यश ने शॉक में ही उनकी ओर देख कर कहा, " हां, मां ! "

   मिसेज माथुर ने नासमझी से कहा, " तो ये तो खुशी की बात है न, फिर तुम दोनों ऐसे शॉक्ड क्यों हो ? "

   यश ने भरी हुई आंखों के साथ कहा, " क्योंकि वो अब पहले जैसा नहीं रहा । "

   मिसेज माथुर ने नासमझी से कहा, " क्या मतलब पहले जैसा नहीं रहा ? "

   यश ने उनके कंधे पकड़ कर कहा, " मतलब ये कि वो सच में सिद्धांत बन चुका है । उसका ऑपरेशन हो चुका है । "

   ये सुन कर मिसेज माथुर को जैसे झटका सा लगा । उनके मुंह से निकला, " क्या ! "

   यश ने टेंशन के साथ कहा, " हां, और अभी उसे लाने की कोशिश करना, उसकी जान को खतरे में डालने जैसा है । "

   मिस्टर सिन्हा ने भी उनकी ओर देख कर कहा, " उसका ऑपरेशन दो हफ्ते पहले ही हो चुका है और हमें कम से कम दो हफ्ते और इंतजार करना पड़ेगा । "

   मिसेज माथुर ने इन बातों को साइड करके कहा, " ठीक है, पर वो है कहां ? "

   यश ने कहा, " बैंगकॉक में ! "

   दो हफ्ते बाद,

   वेजथनी हॉस्पिटल, बैंगकॉक, थाईलैंड

   दोपहर का समय,

   एक लड़की एक लड़के को व्हीलचेयर पर बैठाए हुए बाहर ला रही थी । उस लड़की ने एक नीले रंग की जींस के साथ हल्के गुलाबी रंग का टॉप पहना हुआ था । साथ में उसने एक डेनिम जैकेट पहना हुआ था ।

   उसके पैरों में व्हाइट कलर के स्नीकर्स थे । उसने अपने सिर पर एक बेस कैप पहना हुआ था । उसके मुंह पर मास्क था और आंखों पर चश्मा । कुल मिला कर उसका हर एक अंग ढका हुआ था, यहां तक कि आँखें भी ।

   वहीं लड़के ने पेशेंट वाले कपड़े ही पहने हुए थे और उसके मुंह पर मास्क लगा हुआ था । उसके बाल कुछ बड़े थे जो उसके माथे पर बिखरे हुए थे और उसकी आंखों को भी ढक रहे थे । उसे देखने से लग रहा था कि उसे कोई होश ही नहीं है ।

   वो चुपचाप व्हीलचेयर पर बैठा हुआ था । उसके गोद में उस लड़की का पर्स था जो उसे बाहर लेकर आ रही थी । वो लड़की हॉस्पिटल से बाहर आते ही अपने कार की ओर बढ़ गई । उसने जैसे ही कार का दरवाजा खोला वैसे ही वो लड़का उठा और दूसरी ओर दौड़ पड़ा ।

   भागते हुए उसने उसने उस लड़की का पर्स भी के लिया था । जैसे ही वो भागा, एक पल को तो वो लड़की चौंक गई लेकिन अगले ही पल वो भी उसके पीछे दौड़ पड़ी । उसके साथ - साथ उसके गार्ड्स भी उस ओर दौड़ पड़े ।

   अब उस लड़के के पीछे लगभग पचास लोग पड़े हुए थे और वो जितना हो सके उतनी स्पीड में दौड़े जा रहा था और वो भाग भी ऐसे रहा था जैसे कि वो वहां के - चप्पे चप्पे की जानकारी रखता हो ।

   वहीं वो लड़की और उसके गार्ड्स रास्ते के चक्कर में कन्फ्यूज हो जा रहे थें । इसी बात का फायदा उठा कर वो लड़का एक मॉल में घुस गया । वहां जाकर उसने अपने कपड़े बदले, खुद ही अपने बाल सेट किए और बाहर आ गया ।

   उसने खुद को ऐसे ट्रांसफॉर्म किया था कि उसे देखने से लग रहा था कि वो थाईलैंड का रहने वाला ही है । उसने पेमेंट करने के जगह उस लड़की का बैग ही वहां छोड़ दिया और बाहर आ गया ।

   फिर उसने रास्ते में चलते हुए ही किसी की पॉकेट से उसका फोन लिया और किसी को कुछ मैसेज करने लगा । फिर वो किसी को कॉल करने लगा लेकिन इससे पहले कि वो कॉल कर पाता, किसी ने तेज आवाज में उसका नाम लेकर उसे पुकारा ।

   उस लड़के ने अपनी गर्दन उस दिशा में घुमाई तो वहां पर एक थाई लड़का खड़ा था ।

___________________________

   तीन हफ्तों में कैसे किसी को भी सिद्धांत की कोई खबर नहीं मिली और अब अचानक से उसका पता चल गया ?

   कौन था ये लड़का जो भाग रहा था ?

क्या थी उसके भागने की वजह ?

उसने किसे मैसेज किया था ?

   कौन है ये थाई लड़का जो इस लड़के को जानता था ?

   इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,

   बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस

   लाइक, कमेंट, शेयर और फॉलो करना न भूलें ।

^^^लेखक : देव श्रीवास्तव^^^

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