NovelToon NovelToon

दोस्ती से प्यार तक

पहले दिन की रैगिंग

( यह कहानी है तो ऐसे लोगों की जो अभी-अभी स्कूल पूरा करके कॉलेज में पहुंचे थे एक लड़का और एक लड़की दोनों की अलग-अलग खूबियां और अलग-अलग बर्ताव था लेकिन एक चीज उन दोनों में सामान्य थी दोनों ही पढ़ने में बहुत अच्छे थे । दोनों को कॉलेज में स्कॉलरशिप मिली थी जिसके कारण आज वह भारत के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में खड़े थे । लड़की जो कि हमेशा हस्ती मुस्कुराती रहती थी , उस लड़की को हर एक से दोस्ती करना और नए-नए दोस्त बनना बहुत पसंद था उस लड़की का नाम उर्वशी था । वहीं दूसरी तरफ लड़का जो हमेशा सबसे दूर रहता था । वह एक हड्डी पहनकर रखता था । जिसकी टोपी हमेशा उसके सर पर होती थी । कोई भी उसका चेहरा नहीं देख सकता था क्योंकि हमेशा उसके सर पर टोपी और चेहरे पर काले रंग का मास्क लगा होता था । वह लड़का किसी से भी बात करना पसंद नहीं करता था । हर एक से दूरी बनाकर रखता था । अगर किसी से बात भी करते हो था तो एक हद में करता था । उस लड़के का नाम था रौनक । रौनक को हमेशा से एक सच्चे और अच्छे दोस्त की तलाश थी लेकिन उसे कभी एक सच्चा और अच्छा दोस्त नहीं मिला । वहीं उर्वशी को हर एक को अपना दोस्त बनान बहुत पसंद था । उर्वशी और रौनक आज दोनों का ही पहला दिन था । अब उर्वशी अपने स्वभाव के मुताबिक कॉलेज को देखने लगी वह बहुत खुश थी । उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वो भारत के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया था उसने अपनी पहली ही क्लास में अपने कई से दोस्त बना लिए थे और उनके साथ पूरा कॉलेज घूम रही थी । रौनक भी उनकी क्लास में ही था । रौनक सबसे आगे बैठा था लेकिन अकेला बैठा था । उसके आस - पास कुछ लोग थे लेकिन वह लोग होकर भी नहीं थे । हर कोई अपनी बातों में लगा हुआ था । हर कोई एक दूसरे से मिलना चाहता था क्योंकि अब उन्हें अगले 5 साल एक साथ ही बिताने थे लेकिन रौनक अपने स्वभाव के मुताबिक केवल पढ़ाई में ही ध्यान दे रहा था । उसे कोई मतलब नहीं था कि कोई उसके बारे में क्या सोचता था । वह कोई दोस्त नहीं बनाना चाहता था  क्योंकि वह इस दुनिया को अच्छे से समझने लगा था । उसे पता था की जरूरत पड़ने पर उसका कोई साथ नहीं देगा इसलिए उसने फैसला किया था कि जब तक उसे कोई ऐसा साथी नहीं मिल जाता जो कि हमेशा उसके साथ रहे तब तक वह किसी से भी दोस्ती नहीं करेगा । बेशक वह हर एक को पहले परखता था लेकिन रौनक की नजर इतनी तेज थी कि वह हर एक को पहली नजर में ही पहचान जाता था और हैरानी की बात यह थी कि वह जिसके भी बारे में जो भी सोच रहा था वह हमेशा सही भी होता था उसकी नजर कभी भी गलत नहीं होती थी । रौनक अपनी पढ़ाई कर ही रहा था कि तभी उसके साथ में बैठा एक उसी के क्लासमेट ने उससे बात करते हुए कहा । )

यदु : मेरा नाम यदु है ! मुझे तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा तुम कौन ?

रौनक : मैं रौनक हूं ।

यदु : तुम मुझसे इस तरह से बात क्यों कर रहे हो ?

( दरअसल रौनक हर किसी से थोड़े रोबीले तरीके से बात करता था इसलिए यदु ने ऐसा सवाल किया तभी रौनक ने कहा । )

रौनक : मैं हर एक से इसी तरह बात करता हूं अगर तुम्हें अच्छा लगे तो बात करो वरना मत करो ?

यदु : अरे बड़े अजीब हो तुम ठीक है मुझे भी तुमसे कोई बात करने का शौक नहीं !

( इतना कहकर यदु रौनक से दूर हो गया इसी तरह पूरा कॉलेज खत्म हो गया । उर्वशी ने अपनी बहुत सी सहेलियां बना ली थी लेकिन रौनक चुपचाप अपने काम से काम रखा । कॉलेज खत्म होने के बाद रौनक ने लाइब्रेरी जाकर समय अपनी पढ़ाई को देने का फैसला किया लेकिन उस वक्त वहां पर बहुत से बच्चे थे इसलिए रौनक ने फैसला किया कि वह तभी जाएगा जब सारे बच्चे वहां से चले जाएंगे क्योंकि रौनक को अकेला रहना बहुत पसंद था । कुछ देर बाद कॉलेज पूरा खाली हो गया रौनक ने अपनी किताबे उठाई और लाइब्रेरी की तरफ बढ़ने लगा । वहीं दूसरी तरफ उर्वशी अपनी कई सहेलियों में से एक सहेली रुबीना के साथ कॉलेज का एक चक्कर मार एक क्लास रूम में बैठ गई तभी रुबीना ने बोतल दिखाते हुए कहा । )

रुबीना : मुझे बहुत प्यास लगी है मैं थोड़ा पानी लेकर आती हूं , तुम यहीं बैठो ।

उर्वशी : ठीक है !

( रुबीना क्लासरूम से बाहर पानी लेने चली गई उर्वशी वहां के क्लासरूम का मुआयना लेने लगी कुछ देर बीतने के बाद कुछ छह सात लड़के उस क्लास में आए जिस क्लास में उर्वशी मुआयना रही थी वह लड़के दरवाजे पर ही खड़े थे और वही जम गए तभी उर्वशी ने उन्हें देखते हुए कहा । )

उर्वशी : ( घबराते हुए ) माफ कीजिए दरअसल मैं तो बस देख रही थी ।

( इतना कहकर रुबीना ने अपनी किताबें उठा ली और वहां से जाने लगी लेकिन उन लड़कों ने आगे आते हुए कहा । )

लड़का एक : अरे कमाल है हम तुम्हारे सीनियर्स हैं तो तुम ऐसे बात करोगी हमसे ?

उर्वशी : ( घबराते हुए ) क्या चाहिए आपको ?

लड़का दो : तुम्हारे पास जो कुछ भी है ।

उर्वशी : ( घबराते हुए ) मेरे पास कुछ भी नहीं है ।

लड़का तीन : तो फिर अपनी यह बेकार की किताब ही दे दो!

लड़का चार : रहने दो ! रहने दो ! किताबें रहने दो !ऐसा करो नाच के दिखाओ !

उर्वशी : ( घबराते हुए ) अरे यह क्या बात हुई ? मैं तो केवल इस क्लास का मुआयना ले रही थी इसमें आप लोग इतना नाराज क्यों हो रहे हैं?

लड़का पांच : नहीं - नहीं हम लोग नाराज नहीं हो रहे हैं , हम लोग तो तुम्हें तुम्हारी सीनियर की इज्जत करना सीख रहे हैं ।

लड़का छे : अब तुम्हारा पहला दिन है तो रैगिंग करना तो बनती है ।

( उर्वशी ने डर के मारे अपने कदम पीछे लेने शुरू किया तभी लड़का एक ने आगे आते हुए कहा । )

लड़का एक : घबराने की जरूरत नहीं है तुम बस हमें नाच के दिखा दो उसके बाद हम तुम्हें जाने देंगे !

लड़का चार : अब हमारे पास समय नहीं है थोड़ा जल्दी करो !

उर्वशी : मैं तुम्हारी कंप्लेंट करूंगी रैगिंग करना कानून के हिसाब से एक जुर्म है ।लड़का तीन :तो अब तुम अपने सीनियर को बताओगे कि क्या जुर्म है और क्या नहीं !

लड़का दो : चुपचाप नाच के दिखाओ और यहां से निकल जाओ ।

लड़का छे : इसे देखकर लग नहीं रहा कि यह नाचेगी तो नहीं एक काम करते हैं इसे यहीं इसी क्लास में बंद करके चले जाते हैं , कल सुबह तक अपने आप ही इसकी अकल ठिकाने आ जाएगी ।

लड़का तीन : बिल्कुल इसे अपनी सीनियर्स की इज्जत करना आना चाहिए ।

( तभी एक गुस्से भरी आवाज सबके कानों में पड़ी । )

आवाज : रुक जाओ ! तुम्हें यह करने का हक किस ने नहीं दिया ?

( जब सब ने आवाज की दिशा में मुड़कर देखा तो एक लड़का दरवाजे की चौखट पर खड़ा था उसके पीछे से रोशनी आ रही थी इसलिए वह उसका चेहरा नहीं देख पाए तभी लड़के ने दो कदम आगे बढ़ाए तो उसका चेहरा दिखा वह और कोई नहीं रौनक था जिसके हाथों में कुछ किताबें थी । रौनक ने किताबों को रखते हुए उन लोगों से कहा । )

रौनक : तुम लोगों को किसी को परेशान करने का हक नहीं चले जाओ यहां से !

लड़का एक : तो अब तुम सिखाओगे जहां तक मुझे पता है तुम भी एक जूनियर ही हो ।

रौनक : बिल्कुल किसने कहा मैं जूनियर नहीं लेकिन तुम लोगों की अकल ठिकाने लगाने के लिए मैं अकेला ही काफी हूं चले जाओ यहां से !

लड़का तीन : अच्छा तो अपने दोस्त को बचाने आए हो तो अब देख ।

( इतना कहकर लड़के तीन उर्वशी की तरफ बढ़ने लगा उर्वशी ने घबराहट के कारण अपने कदम पीछे लिए सीढ़ियां होने के कारण उस का ध्यान नहीं गया कि अब आगे सीधी है इसके कारण उर्वशी नीचे गिर गई तभी रौनक ने एक बड़ी छलांग लगाई और उर्वशी और उस लड़के के बीच में आकर खड़ा हो गया और कहा । )

रौनक : ( गुस्से में ) यह क्या बदतमीजी है जाओ यहां से !

( रौनक की इस तरह की छलांग देख वहां पर मौजूद सारे लड़के डर गए तभी उनमें से एक लड़के ने आगे आते हुए कहा । )

लड़का तीन : तुम चाहते क्या हो यहां से यहां पर हम लोग इसकी रैगिंग कर रहे थे ।

लड़का दो : और तुम्हें बीच में आने को किसने कहा है जाओ यहां से !

उर्वशी : ( डरते हुए ) नहीं मुझे बचा लो !

( तभी लड़के छे ने आगे आते हुए कहा । )

लड़का छे : बड़े डरपोक हो तुम तुम लोगों से यह उम्मीद नहीं थी ।

( इतना कहकर उस लड़के ने उर्वशी की तरफ अपने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए और अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ाया था ताकी वो उससे उसकी किताब छीन सके लेकिन इससे पहले की लड़का छे उर्वशी तक पहुंच पाता रौनक ने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने एक ही हाथ से उठाकर दूर दीवार के पास फेंक दिया लड़के छे कि यह हालत देख सारे लड़के डर गए और सब ने मिलकर लड़के छे को उठाया तभी लड़का एक ने कहा । )

लड़का एक : हम जा रहे हैं यहां से हम आगे से कोई गलत काम नहीं करेंगे बस तुम हमें माफ कर दो !

लड़का तीन : सुनो लड़की मैं तुमसे माफी मांगता हूं ।

( इतना कहकर वह सारे लड़के लड़की छे को सहारा देते हुए वहां से चले गए तभी रौनक ने पीछे मुड़कर उर्वशी की तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहा । )

रौनक : तुम ठीक तो हो ना ?

( उर्वशी ने अपना हाथ रौनक को पकड़ा और कहा । )

उर्वशी : हां मैं ठीक हूं तुम्हारी वजह से बहुत-बहुत धन्यवाद

( उर्वशी नीचे से खड़ी हो गई तभी रौनक ने इधर-उधर देखते हुए कहा । )

रौनक : तुम इस वक्त इधर क्या कर रही हो क्या यह क्लास तुम्हारी है ?

उर्वशी : नहीं यह क्लास मेरी नहीं मैं तो बस अपनी दोस्त के साथ कॉलेज घूम रही थी और थक गए तो यहां आकर बैठ गए थे ।

रौनक : दोस्त ! कहां है तुम्हारी दोस्त ?

उर्वशी : बस आती ही होगी पानी लेने गई थी ।

(तभी रौनक ने कुछ सोचते हुए कहा । )

रोनक : क्या तुम्हारी दोस्त ने गुलाबी रंग की शर्ट पहनी थी ?

उर्वशी : हां लेकिन तुम्हें कैसे पता ?

( रौनक ने अपनी दोनों हाथ अपनी जेब में डालते हुए कहा । )

रौनक : मुझे नहीं लगता अब वो वापस आएगी ।

( इतना कहकर रौनक वहां से जाने लगा तभी उर्वशी ने उसे रोकते हुए कहा । )

उर्वशी : रुको ! तुमने ऐसा क्यों कहा कि अब वह वापस नहीं आएगी ?

( रौनक ने बिना पीछे मुड़े ही जवाब दिया । )

रौनक : क्योंकि वह तुम्हें मुसीबत में देखकर यहां से भाग गई ।

उर्वशी : क्या तुम कहना क्या चाहते हो ?

( रौनक ने अपनी आंखें फेरी और कहा । )

रौनक : बेवकूफ लड़की तुम्हें अभी भी समझ नहीं आया वो तुम्हारी सच्ची दोस्त नहीं थी इसलिए उसने तुम्हें क्लासरूम के बाहर से ही मुसीबत में देखा और भाग गई ।

उर्वशी : क्या सबूत है तुम्हारे पास कि वह भाग गई ?

रौनक : सबूत चाहिए तो दिखाता हूं ना ।

( रौनक ने अपना एक हाथ पहले डेस्क की ओर करते हुए कहा । )

रौनक : जरा वहां देखो ! वहीं पर पड़ा था ना उस लड़की का बैग वहां पर कुछ भी नहीं है उसने वहीं से अपना बैग उठाया और भाग गई मैंने अपनी आंखों से देखा बाकी तुम्हारी मर्जी तुम्हें भरोसा करना है तो करो वरना मत करो मुझे किसी के भरोसे से कोई फर्क नहीं पड़ता ।

( इतना कह कर रौनक कुछ कदम आगे बढ़ाए उर्वशी हैरानी से पहले डेस्क की और ही देख रही थी तब भी उर्वशी ने रौनक को रोकते हुए कहा । )

उर्वशी : रुको ! रुको ! अगर तुम चले गए और वह लोग वापस आ गए तो वह लोग तो क्या पूरा कॉलेज तुम्हें कभी भी परेशान नहीं करेगा तुम बस मेरा नाम ले देना।

(उर्वशी जाकर रौनक के आगे खड़ी हो गई और कहा । )

उर्वशी : मुझे तो तुम्हारा नाम भी नहीं पता और न ही तुम्हारी क्लास तो तुम मुझे उसके बारे में बताओ फिर मैं तुम्हारा नाम किसी के भी आगे ले दूंगी ।

रौनक : तुम्हें यह सब करने की जरूरत नहीं है समझी ।

उर्वशी : एक लड़की से इस तरह बात करते हैं क्या ?

रौनक : मैं हर एक से ऐसी बात करता हूं इसलिए कोई मुझसे बात नहीं करता तो बेहतर होगा तुम भी मत करो !

( इतना कहकर रौनक उर्वशी के साइड में से निकलने लगा तभी उर्वशी उसके साथ चलते हुए कहा । )

उर्वशी : अच्छा कम से कम अपना नाम तो बताते जाओ !

रौनक : मेरे नाम में कुछ नहीं रखा बेहतर होगा तुम अपने काम से काम रखो ।

( तभी रौनक ने अपनी घड़ी की ओर देखा और मन में सोचा । )

रौनक : ( मन में ) अरे नहीं मुझे जाना चाहिए ।

( इतना कहकर रौनक जल्दी से सीडीओ से नीचे उतरने लगा उर्वशी उसका पीछा कर रही थी तभी जल्दी के चक्कर में उर्वशी का पैर फिसल गया रौनक को उर्वशी कुछ दो से चार सीडीओ की दूरी पर खड़ा था । उर्वशी ने अपनी आंखें बंद कर ली और चलते हुए कहा । )

उर्वशी : ( चिल्लाते हुए ) बचाओ  !

( रौनक ने पीछे मुड़कर देखा तो उर्वशी नीचे गिरने वाली थी तभी रौनक ने उर्वशी को अपनी दोनों बाजुओं से संभाला जिसके कारण रौनक ने अपना एक पाव नीचे वाली सीढ़ी पर रख दिया लेकिन इससे पहले कि वह लोग गिर पाते रौनक ने अपने आप को और उर्वशी को संभाल लिया तभी रौनक ने कहा । )

रौनक : बेवकूफ लड़की अपनी आंखें खोलो देखो तुम बिल्कुल ठीक हो ।

( उर्वशी ने अपनी आंखें खोली और सीधी खड़ी होते हुए कहा । )

उर्वशी : मैं बेवकूफ नहीं और मेरा नाम उर्वशी है तुम्हें मुझे कोई और नाम देने की जरूरत नहीं !

रौनक : अच्छी बात है अगर तुमसे सीधा चलना भी नहीं जाता तो तुम इतनी बड़ी हिलस पहनकर क्यों आती हो।

उर्वशी : ऐसे ही  तुम लड़कों की तरह कुछ भी पहन के थोड़ी ना आ जाऊंगी ?

रौनक : कुछ भी मतलब कोई फैशन शो में आ रही हो क्या तुम जो इतना सज धज के आई हुई हो ?

( उर्वशी ने कम से कम पांच इंच लंबी हिलस और एक मिडी पहन रखी थी। उसने अपने बाल भी खुले छोड़ रखे थे जिसके कारण वह बहुत सुंदर लग रही थी लेकिन रौनक के मुंह से यह सब सुन उर्वशी ने गुस्से में कहा । )

उर्वशी : ( गुस्से में मुंह चढ़ाते हुए ) मेरे पापा भी यही कहते हैं लेकिन अब कॉलेज में आई हूं तो कुछ फैशन करना तो बनता है ना !

रौनक : तुम्हारे पापा मैं तुम्हें तुम्हारे पापा की उम्र का लगता हूं ?

उर्वशी : जिस तरह से तुम बात करते हो उस तरह से तो लगये ही हो ।

रौनक : अच्छी बात है ।

( इतना कहकर रौनक वहां से जपने लगा तभी उर्वशी ने उसका हाथ पकड़ और उसे रोकते हुए कहा । )

उर्वशी : तुमने अब तक मेरा अपना नाम नहीं बताया और ना ही यह बताया कि तुम कौन सी क्लास में हो जल्दी बताओ वरना मैं तुम्हें जान नहीं दूंगी ।

( रौनक ने उर्वशी के आगे हाथ जोड़ते हुए कहा । )

रौनक : अच्छा बाबा मैं फर्स्ट ईयर के सेक्शन डी में हूं ।

( इतना कहकर रौनक वहां से चला गया लेकिन उर्वशी वही जम गई तभी उसने होश में आते हुए कहा । )

उर्वशी : ( मन में ) फर्स्ट ईयर सेक्शन डी क्या बात है हम दोनों एक ही क्लास में है और अब तक मुझे यह खबर ही नहीं थी । कोई बात नहीं अगली बार हो जाएगी लेकिन इस बार मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं मिस्टर खडूस इस बार मैं तुमसे पूरा बदला लूंगी मेरे से पीछा छुड़वाना इतना आसान नहीं है ।

आखिर उर्वशी क्या करने वाली है ?

ये रौनक कोन है ?

ये अपना नाम क्यों नही बता रहा था ?

आखिर इसने अपना चेहरा क्यों छुपा रखा था ?

जानने के लिए पढ़िए " दोस्त से प्यार तक "

डाविड एक सुपरस्टार

( इतना कहकर उर्वशी संभाल के उन सीढ़ियों से नीचे उतरने लगी बाहर पहुंचकर उर्वशी कुछ दूरी तक पैदल चली दरअसल पैसों की कमी होने के कारण उर्वशी रोज 2 किलोमीटर पैदल चल कॉलेज जाती थी । उर्वशी वहां पर अकेले रहती थी इसलिए किसी को इस चीज के बारे में खबर नहीं थी । दरअसल उर्वशी ने अपने सपने पूरे करने के लिए बहुत मेहनत की थी और जब वह आज इस कॉलेज में थी तो वह किसी के ऊपर बोझ नहीं बनना चाहती थी इसलिए उसने पीजी में रहना ज्यादा बेहतर समझा रास्ते में जब वो घर जा रही थी। तब उसने एक बड़े काले रंग की गाड़ी एक छोटे से घर के बाहर खड़ी दिखी तभी घर के अंदर एक लंबा और हैंडसम लड़का आया उसके बाल बहुत सुंदर उसकी आंखों में एक चमक थी उसके कपड़े बहुत महंगे थे । उर्वशी ने उस लड़के को देखते ही पहचान लिया और उसके पास जाते हुए कहा । )

उर्वशी : ( उत्सुकता से ) सुपरस्टार डाविड देसाई मुझे यकीन नहीं हो रहा क्या यह आप ही है ? सुपरस्टार डाविड देसाई !

डाविड : हां मैं ही डाविड हूं ।

उर्वशी : ( उत्सुकता से ) मुझे यकीन नहीं हो रहा आप मेरे सामने खड़े हैं क्या मैं आपके साथ एक फोटो ले सकती हूं ?

डाविड : ( अजीब तरीके से मुस्कुराते हुए ) हां बिल्कुल !

( उर्वशी ने अपना फोन निकाला और डाविड के साथ फोटो खिंचवाई जिसके बाद गाड़ी के अंदर से आवाज आई । )

आवाज : सर हम लेट हो रहे हैं जल्दी कीजिए !

डाविड : माफ करना मुझे जाना होगा ।

उर्वशी : कोई बात नहीं मैं आपसे मिल पाई मेरे लिए बहुत बड़ी बात है ।

डाविड : तुम कहां जा रही हो?उर्वशी:कुछ नहीं बस अपने घर तक ।

डाविड : तो फिर चलो मैं तुम्हें ड्रॉप करवा देता हूं ।

उर्वशी : नहीं - नहीं आपने मुझसे पूछा यही मेरे लिए बहुत बड़ी बात है धन्यवाद ।

डाविड : अब मेरी इतनी बड़ी फैन हो तो इतना तो मैं तुम्हारे लिए कर ही सकता हूं आओ अंदर बैठो !

( डाविड ने उर्वशी के लिए दरवाजा खोला  उर्वशी ने अंदर बैठते हुए कहा । )

उर्वशी : थैंक यू  !

( डाविड सड़क की दूसरी तरफ से गाड़ी में बैठ गया और उसने ड्राइवर से कहा । )

डाविड : पहले आप उनके घर चलिए उसके बाद शूटिंग की लोकेशन पर चल पढ़िएगा ।

ड्राइवर : जी सर ।

( ड्राइवर ने गाड़ी चलाना शुरु किया तभी डाविड ने अपना हाथ अपने माथे पर रखते हुए मन में कहा । )

डाविड : ( मन में ) यकीन नहीं हो रहा यह भी !

उर्वशी : डाविड  माफ कीजिएगा डाविड सर ।

डाविड : तुम मुझे डाविड बुला सकती हो मैं तुम्हारा दोस्त ही हो ।

उर्वशी : यकीन नहीं हो रहा इतने बड़े सुपरस्टार होने के बावजूद भी आप मुझे इस तरह से बात कर रहे हैं ।

डाविड : तो क्या हो गया मैं तुम लोगों की वजह से ही तो सुपरस्टार हूं तुम कुछ कह रही थी ?

उर्वशी : हां माफ करना वो अगर आपके पास समय हो तो आप मेरे घर चलिए ना ।

डाविड : नहीं प्रस्ताव देने के लिए धन्यवाद लेकिन अभी मेरे पास समय नहीं है जैसे ही मेरे पास समय होगा मैं जरूर आना पसंद करूंगा ।

उर्वशी : बहुत-बहुत धन्यवाद लेकिन क्या मैं आपसे एक सवाल पूछ सकती हूं ?

डाविड : मैंने अभी-अभी कहा ना तुम मेरी दोस्त हो पूछो क्या पूछना चाहती हो ?

उर्वशी : आप इस शहर में क्या कर रहे हैं मतलब आपको तो इस वक्त मुंबई में होना चाहिए ।

डाविड : मैं यहां पर अपनी पढ़ाई पूरी करने आया हूं मैं यहां पर लगभग 5 साल तक रहूंगा ।

उर्वशी : फिर आपकी शूटिंग उसका क्या उसके लिए तो आपको इधर-उधर जाना पड़ता होगा ना ?

डाविड : हां बिल्कुल उसके लिए मेरा प्राइवेट हेलीकॉप्टर है जिसकी मदद से मैं जब चाहूं वहां पर जा सकता हूं और वैसे भी कॉलेज में हूं तो कोई दिक्कत नहीं आएगी कभी भी छुट्टी ले सकता हूं ।

उर्वशी : वाव आप कितने कमल के हैं काम और पढ़ाई दोनों एक साथ कैसे संभाल सकते हैं ?

डाविड : अगर किसी चीज के बारे में ठान लिया जाए तो उसे करना मुश्किल नहीं होता ।

उर्वशी : अभी तक तो आप मेरे लिए केवल एक सुपर हीरो थे लेकिन अब आप मेरे लिए एक इंस्पिरेशन भी बन गए मैं भी आप ही की तरह काम संभालना सीखूंगी।

डाविड : बहुत अच्छी बात है मैं तुम्हारी सफलता का इंतजार करूंगा और हां सफल होने के बाद मुझे मत भूल जाना ।

उर्वशी : बिल्कुल भी नहीं कैसी बातें कर रहे हैं आप मैं आपको कैसे भूल सकती हूं

डाविड : लोग भूल जाते हैं तो मैं तो तुमसे एक ही बार मिल रहा हूं ।

उर्वशी : बिल्कुल नहीं लोग मुझे भूल जाते हैं लेकिन मैं लोगों को नहीं भूलती ।

( तभी ड्राइवर ने गाड़ी रोकी और कहा । )

ड्राइवर : सर मैंम आपके द्वारा बताया गया एड्रेस आ गया ।

( उर्वशी ने दरवाजे को पकड़ते हुए कहा । )

उर्वशी : धन्यवाद डेविड उम्मीद है हमारी फिर से मुलाकात हो ।

डाविड : बिल्कुल मुझे भी इंतजार रहेगा ।

( इतना कहकर उर्वशी गाड़ी से उतर गई और ड्राइवर ने गाड़ी को आगे बढ़ा ली ।  उर्वशी अपने घर चली गई दरअसल उर्वशी पीजी में रह रही थी इसीलिए उसका घर पहली मंजिल पर था । उर्वशी का घर बहुत बड़ा नहीं था उसने जैसे ही दरवाजा खोला तो एक छोटा सा कॉरिडोर बना हुआ था जिसमें एक दरवाजा था और अंदर जाने पर एक कमरा जिसमें एक छोटी सी दीवान पड़ी थी और उसके सामने ही किचन थी । उर्वशी ने जल्दी से अपने कपड़े बदले और किचन में खाना बनाने चली गई खाना खाने के बाद उर्वशी अपने बिस्तर पर लेट गई । उर्वशी लेटी ही थी कि तभी उसके घर की घंटी बजी जब उसने दरवाजा खोला तो एक छोटा बच्चा जो कि ज्यादा बड़ा नहीं लग रहा था । लगभग 5 या 6 साल का जो की पहली या दूसरी कक्षा में ही होगा वह आया तभी उर्वशी ने कहा । )

उर्वशी : ( प्यार से ) आओ रोए बाकी सब कहां है  ?

रोए : बाकी सब देर लगा रहे थे इसलिए मैं उन्हें छोड़कर पहले ही आ गया ।

उर्वशी : अच्छा किया मैं भी तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी ।

( तभी रोए अंदर आया और उर्वशी ने दरवाजा खुला ही छोड़ दिया । कुछ देर बाद दो लड़कियां और एक लड़का भी अंदर आए तभी उर्वशी ने कहा । )

उर्वशी : समय पर आया करो !

( दरअसल उर्वशी अपना घर चलाने के लिए बच्चों को पढ़ती थी । कॉलेज के बाद यह सब करना बहुत मुश्किल था लेकिन उर्वशी को यह सब करना बहुत अच्छा लगता था क्योंकि वह अकेली रहती थी या कुछ समय भी अपने साथ बिताए तो उसे अच्छा नहीं लगता था ।

क्या करने वाली है उर्वशी ?

रौनक कहां है और कहां से आया था

?

क्या है रौनक का सच ?

जानने के लिए पढ़िए" दोस्ती से प्यार तक"

उर्वशी की बैटामिजी

अगले दिन सुबह रौनक पहले डेस्क पर ही बैठा था अभी तक क्लास शुरू नहीं हुई थी इसीलिए बच्चे एक दूसरे से बातें कर रहे थे लेकिन रौनक हर बार की तरह किताबों में ही घुसा हुआ था तभी एक बच्ची उसके पास आकर बैठी उसने उस बच्ची की शक्ल नहीं देखी और उससे अपने आप ही कुछ दूर हो गया। तभी उस बच्ची ने कहा ।)

बच्ची : हेलो मिस्टर खडूस !कैसे हो तुम ?

( रौनक ने हैरानी से अपनी किताबों से बाहर निकलते हुए लड़की को दिखा उसके सामने और कोई नहीं बल्कि उर्वशी बैठी थी उर्वशी को देख रौनक ने हैरानी से कहा । )

रौनक : ( हैरानी से ) तुम ! यहां पर तुम यहां पर क्या कर रही हो अपनी क्लास में जाओ ।

उर्वशी : मैं तो अपनी क्लास में ही हूं ।

रौनक : तो लगता है मैं ही गलत क्लास में आ गया।

( इतना कह कर रौनक उठने लगा तभी उर्वशी ने उसका हाथ पकड़ से बिठाते हुए कहा । )

उर्वशी : तुम सही क्लास में आए हो हम दोनों एक ही क्लास में हैं ।

रौनक : देखो मेरे साथ मजाक मत करो ।

उर्वशी : इतना बड़ा मजाक मैं क्यों करूंगी ?

रौनक : मुझे कैसे पता होगा कि तुम इतना मैं बड़ा मजाक क्यों करोगी लेकिन इस वक्त तुम मजाक ही कर रही हो है ना ?

उर्वशी : बिल्कुल नहीं ! मिस्टर खडूस में कोई मजाक नहीं कर रही ।

( रौनक ने अपने पीछे मुड़कर देखा तो 4 से 5 लड़के और लड़कियां उसके पीछे बैठे थे और उसने अपने साथ में देखा तो कुछ लड़के और लड़कियां उसके साथ भी बैठी थी तभी रौनक में हैरानी से पूछा । )

रौनक : ( हैरानी से ) यह सब तुम्हारे दोस्त है ?

उर्वशी : अब मुझे तुम्हारे साथ बैठना था लेकिन इन सबको तो अकेला नहीं छोड़ सकती थी ना ?

( रौनक ने परेशानी लहजे में उर्वशी की ओर देखते हुए कहा । )

रौनक : नहीं , तुम्हें मेरे साथ बैठने की जरूरत नहीं है। मुझ पर इतना बड़ा एहसान मत करो , तुम जा सकती हो ! उर्वशी:में एहसान क्या मुझे तुम्हारे साथ बैठने में बहुत खुशी होगी ।

( तभी उन सब बच्चों ने एक साथ कहा । )

सब : हेलो रौनक हमें तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा ।

( तभी रौनक ने अजीब तरीके से कहा । )

रौनक : ( अजीब तरीके से ) हां मुझे भी।

( रौनक फिर से अपनी पढ़ाई में घुस गया कुछ समय बाद। दरवाजे पर खड़े एक लड़के ने कुछ इशारा किया तभी उर्वशी ने अपने बैग से एक डब्बे को निकाल कर रौनक की तरफ करते हुए कहा । )

उर्वशी : ये कुछ मिठाई है , मैंने खुद अपने हाथों से तुम्हारे लिए बनाई है । प्लीज इस चख कर बताओ ना कैसे बनी है ?

रौनक : तुमने मेरे लिए इतनी मेहनत की इसके लिए थैंक यू लेकिन इस वक्त खाना सही नहीं होगा। मैं रिसेस में खा लूंगा ।

उर्वशी : ( नौटंकी चेहरा बनाते हुए ) मैंने तुम्हारे लिए इतनी मेहनत से बनाई है । कम से कम चख कर तो बताओ ।

( उर्वशी का ऐसा बताओ देख पहले तो रौनक ने अपना सर पकड़ लिया और उसके बाद उर्वशी की ओर देखकर मुस्कुराते हुए कहा । )

रौनक : अच्छा ठीक है।

( इतना कह कर रौनक ने डब्बा उर्वशी से ले लिया जब उसने डब्बा खोला तो उसमें कुछ लड्डू थे । रौनक ने उन लड्डुओं में से थोड़ा सा तोड़ा और दूसरी तरफ चेहरा कर अपने मुंह में पा लिया। तभी उर्वशी ने उसकी और उदासी से देखते हुए कहा । )

उर्वशी : ( उदासी से ) तुम तो लड़कियों से भी ज्यादा शर्म आते हो ।

( इतना सुनकर जब रौनक ने उर्वशी की ओर देखा तो उसकी आंखें बड़ी हो गई। उर्वशी हंसने लगी तभी वहां पर प्रोफेसर आ गए। सब बच्चों ने उन्हें खड़े होकर वेलकम किया फिर रौनक अपने चेहरे के मास्क को ठीक करने लगा और अपने मास्क के पास अपना हाथ हिलाने लगा तभी रौनक ने उर्वशी की और हैरानी से देखते हुए कहा । )

रौनक: (धीरे से ) उर्वशी तुमने इन लड्डुओं में मिर्ची मिलाई है ?

उर्वशी : ( धीरे से हंसते हुए ) हां मजा आया ?

( रौनक इधर-उधर अपनी की बोतल ढूंढने लगा तभी उर्वशी ने रौनक को एक बोतल दिखाते हुए कहा । )

उर्वशी : (धीरे से ) इसे ढूंढ रहे हो?

रौनक : ( धीरे से ) मेरी बोतल यह तुम्हारे पास कहां से आई ?

उर्वशी : ( धीरे से ) जब तुम अपनी पढ़ाई में बिजी थे तब मैंने इसे उठा लिया। उम्मीद है , तुम्हें बुरा नहीं लगा होगा ।

( तभी रौनक ने अपनी बोतल को उर्वशी से छीनने की कोशिश करते हुए कहा । )

रौनक : ( धीरे से ) मेरी बोतल मुझे वापस दो !

( तभी उर्वशी ने रौनक की बोतल उससे दूर कर ली और कहा । )

उर्वशी : (धीरे से ) तुम्हें तुम्हारी बोतल और इस मिर्ची से छुटकारा पाने का इलाज दोनों मिल जाएगा ।

रौनक : ( धीरे से ) मैं अपना चेहरा नहीं दिखा सकता। मेरी बोतल मुझे वापस दो !

( तभी उर्वशी ने रौनक की बोतल अपने दोस्तों को दे दी और कहा । )

उर्वशी : अगर तुम अपना चेहरा नहीं दिखा सकते तो मैं भी तुम्हें तुम्हारी बोतल नहीं दे सकती , अब बैठो ऐसे ही ।

( अब रौनक क्लास के बीच में तो कुछ कर ही नहीं लगता था तभी उसने अपनी मिर्ची बुलाने की कोशिश करते हुए क्लास पर ध्यान देना शुरू कर दिया, लेकिन बदकिस्मती से वह मिर्ची बहुत तेज थी इसलिए कुछ देर बाद रौनक की आंखों में से पानी निकलने लगा । रौनक ने अपना रुमाल निकाला और उसे पहुंच लिया। तभी उर्वशी ने रौनक के चेहरे की तरफ देखा। दरअसल मिर्ची के कारण रौनक की आंखें भी लाल हो चुकी थी इसलिए उर्वशी ने अपने बैग से । एक चॉकलेट निकाल कर रौनक की तरफ देते हुए कहा । )

उर्वशी : मुझे माफ करना मुझे नहीं पता था । तुम्हें मिर्ची से इतनी तकलीफ होती है ।

रौनक : ( धीरे से ) मुझे तुम पर भरोसा नहीं है । क्या पता इसमें भी तुमने मिर्ची मिला रखी हो , मुझे नहीं चाहिए ।

( उर्वशी ने अपने दोस्तों की ओर इशारा किया और उसके दोस्तों ने उसे रौनक की बोतल वापस दे दी । तभी उर्वशी ने रौनक की तरफ इसकी बोतल करते हुए कहा । )

उर्वशी : ( धीरे से ) तुम्हें मेरी दी हुई चॉकलेट पर विश्वास नहीं है , लेकिन इस बोतल पर तो है ना यह तो तुम्हारी ही बोतल है इससे पानी पी लो मुझे यह सब दिखा नहीं जा रहा ।

( रौनक ने उर्वशी से बोतल ले ली और दूसरी तरफ अपना चेहरा करके पूरी बोतल खत्म कर दी । तभी उर्वशी ने चॉकलेट देते हुए कहा । )

उर्वशी : तुम्हारे चेहरे से ही पता चल रहा है कि अभी तक तुम्हारी इमेज गई नहीं। तुम भी चॉकलेट ले लो । मैं तुम्हारे लिए ही लाई थी।

रौनक : ( धीरे से ) बिल्कुल भी नहीं मुझे तुम पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं रहा ।

( रौनक सीधा बैठ गया और लेकिन अभी भी उसकी आंखों में से पानी निकल रहा था । तभी उर्वशी ने चॉकलेट खोलते हुए अपने मुंह में पाइप और कहा । )

उर्वशी : देखो , अब तो विश्वास हो गया ना अब इसे खा लो कम से कम तुम्हारी मिर्ची तो जाएगी आई एम सो सॉरी मैंने तुम्हारे साथ ऐसा प्रैंक किया। मुझे तुम्हारे साथ ऐसा प्रैंक करना ही नहीं चाहिए था।

( रौनक ने जल्दी से उर्वशी से दो टुकड़े लिए और अपने मुंह में पा लिए तभी रौनक ने धीरे से कहा । )

रौनक : ( धीरे से ) कल तुम्हें बचाने का यह अंजाम मिला आगे से मैं कभी किसी को नहीं बचाऊंगा खासकर तुम जैसे लोगों को !

उर्वशी : ( धीरे से ) आई एम सो सॉरी रौनक वह कल तुम मुझे इग्नोर करके चले गए थे बस इसलिए लेकिन मुझे सही में नहीं पता था कि मैं तुम्हें इतना परेशान कर दूंगी।

रौनक : ( धीरे से ) तुम्हें पता होने की जरूरत नहीं होती अब मैं तुम्हारी तो क्या कभी भी किसी की मदद नहीं करूंगा ?

उर्वशी : ( धीरे से ) रौनक मेरी बात तो सुनो ।

( रौनक उर्वशी की बात सुने बगैर ही उससे दूर हो गया और अपने डेस्क पर अपना बैग रख लिया ताकि उर्वशी उसके पास में आ सके और अपनी पढ़ाई में लग गया। इसी तरह रिसेस आ गई और रौनक ने उर्वशी की तरफ देखा भी नहीं और अपनी पढ़ाई में ही लगा रहा रिसेस आने पर उर्वशी खड़ी हुई और उसने रौनक का बैग पीछे कर दिया और कहा । )

उर्वशी : तो अब तुम मुझे फिर से इग्नोर कर रहे हो ?

रौनक : ( गुस्से में ) तो अभी भी तुम चाहती हो कि मैं तुम्से प्यार से बात करूं तो ठीक है !

( रौनक ने अपने हाथ जोड़ और कहा । )

रौनक : मैं आपसे बड़ी प्यार से बात कर रहा हूं और कह रहा हूं कृपया कर मुझसे दूर हो जाइए ।

उर्वशी : रौनक तुम एक बार भी बात तो सुनो हर एक चीज के बारे में बता दूंगी ।

रौनक : ( गुस्से में ) कहने और को सुनने को कुछ बचा नहीं है समझी ?

( इतना कहकर रौनक वहां से उर्वशी के बगल से निकल गया।

क्या रौनक और उर्वशी की दोस्ती खत्म ?

क्या उनकी कहानी शुरू होते ही खतम हो जाएगी ?

क्या रौनक उर्वशी से दूर हो जाएगा ?

जानने के लिए पढ़िए " दोस्ती से प्यार तक "

Download MangaToon APP on App Store and Google Play

novel PDF download
NovelToon
Step Into A Different WORLD!
Download MangaToon APP on App Store and Google Play