" वेदांत तुम कहां जा रहे हो?" एक लडकी ने कहा। " मुझे अजीब सा लग रहा है मुझे बैचेनी सी हो रही है!" वेदांत ने कहा।
" वेदांत मेरी तरफ़ देखो, मेरी तरफ देखो वेदांत!" उस लड़की ने कहा और वेदांत को kiss कर दिया। " वेदांत चला तुम्हारी बैचेनी दूर करते हैं!" उस लड़की ने कहा। " रिया मुझे जानें दो!" वेदांत ने कहा।
वेदांत ने रिया को धक्का दिया और वहां से निकल गया। वेदांत के धक्का देने के कारण रिया गिर गई और उसके घुटनों से खून निकलने लगा। तभी बारिश शुरू हो गई।
वेदांत भीगता हुआ अपने घर पंहुचा। घर पहुंचकर वेदांत जोर जोर से चिल्लाने लगा। वेदांत बेहोश जमीन पर गिर गया। वेदांत का चेहरा पुरी तरह से सफेद पड़ गया था।
तभी वेदांत के घर का दरवाजा खुलता है और एक लडकी अंदर आती है। वेदांत को बेहोश देखकर वह लडकी उसे बेड पर लेटाती है और उस कमरे से बाहर निकल जाती है।
वेदांत को होश आता है वेदांत जोर से चिल्लाया," रिया!" वेदांत के चिल्लाते ही वह लडकी फिर से उस कमरे में आती है और वेदांत के माथे पर अपना हाथ रख कहती है," शांत हो जाओ वेदांत मैं हुं सोफी सो जाओ!" सोफी के इतना कहते ही वेदांत सो जाता है।
2 घंटे बाद वेदांत की आंखें खुलती है। वेदांत उठता है और पेंटिंग स्टेंट के पास बैठ जाता है। जिस पर एक लडकी की आधी तस्वीर बनी हुई थी। वेदांत उस तस्वीर को देखते हुए कहता है," तुम कौन हो और मेरे सपनो में हर रोज क्यों आ जाती हो?"
तभी दरवाजे पर किसी की दस्तक होती है," क्या मैं अंदर आ सकती हूं!" एक लड़की ने कहा। ये सोफी थी। " हां आ जाओ सोफी!" वेदांत ने कहा। " तुम्हारी तबियत ठीक नहीं लग रही है!" सोफी ने कहा।
" नही मैं ठीक हूं बस थोड़ा काम को लेकर परेशान रहता हूं!" वेदांत ने कहा। तभी सोफी की नजर उस पेंटिंग पर गई। " ये कितनी सुंदर है किसकी पेंटिंग है!" सोफी ने पुछा।
" पता नहीं!" वेदांत ने कहा। वेदांत की बात सुनकर सोफी को हंसी आ गई क्योंकि उसे लगा कि वेदांत उससे मजाक कर रहा है। लेकीन असल में तो खुद वेदांत को भी नहीं पता था कि उसने किसकी पेंटिंग बनाई है।
" Any way मैं तुम्हारे लिए खाना लाई हुं!" सोफी ने कहा। " इसकी क्या ज़रूरत थी सोफी!" वेदांत ने कहा। " अरे एक पड़ोसी होने का क्या फायदा जब एक दूसरे का साथ ना दिया!" सोफी ने कहा।
वेदांत ने सोफी के हाथ से खाना ले लिया। " अच्छा मैं चलती हूं मुझे काम है लेकीन खाना याद से खा लेना!" सोफी ने कहा। वेदांत ने ok कहा। सोफी के जाने के बाद वेदांत फिर उस लडकी के बारे में सोचने लगा।
जब वह इस बारे में कुछ नहीं सोच पाया तो उसने खाना खाना शुरू कर दिया। वेदांत अभी खाना खा ही रहा था कि उसके फोन पर किसी का फोन आया फोन रिया का था। " वेदांत तुम ठीक तो हो?" रिया ने पुछा।
वेदान्त ने बेरुखी से जवाब दिया, " मैं ठीक हूं तुम अपनी फिक्र करो!" वेदान्त की बात सुनकर रिया को कुछ अजीब सा लगा पर उड़ने ध्यान नहीं दिया।
" वेदांत मैं तुम्हारे पास आ रही हुं!" रिया ने कहा। इससे पहले कि वेदांत उसे कुछ कहता फोन कट हो चुका था। वेदांत ने रिया को कई बार फोन किया पर रिया ने फोन नही उठाया क्योंकि उसे पता था कि वेदांत उसे मना करेगा।
जब रिया वेदांत के घर पहुंची तो उसने देखा की सोफी वेदान्त के घर की सफाई कर रही थी। रिया को देखकर सोफी खुशी से कहती हैं," hii रिया वेदान्त अपने कमरे में है!" रिया सोफी की बात को अनसुना करते हुए वहां से निकल जाती है। रिया सोफी को इसलिए पसंद नहीं करती थी कि कहीं वेदान्त उससे दूर ना हो जाए।
रिया वेदान्त के कमरे में पहुंची और शट से दरवाजा बंद कर दिया। रिया ने वेदान्त को चूमना शुरू कर दिया। पहले तो वेदान्त उसे दूर कर रहा था पर फिर वेदान्त ने भी रिया को अपनी बाहों में भींच लिया।
वेदान्त रिया को चूमते जा रहा था कि तभी वेदान्त को अचानक से कुछ हुआ और वेदान्त जमीन पर गिर गया। वेदान्त तड़पने लगा जैसे कोई मछली पानी के लिए तड़प रही हो। " वेदान्त क्या हुआ तुम्हें वेदांत उठो!" रिया ने चिल्लाते हुए कहा।
" मुझे खून चाहिए!" वेदांत ने कहा। रिया समझ गई थी की वेदान्त के अंदर का शैतान उसके ऊपर हावी होने लगा था। अगर वेदान्त को खून नहीं मिला तो उसकी जान भी जा सकती थी।
रिया उठी और कमरे से बाहर भागी कुछ ही देर में रिया वापिस आई और वेदान्त के मुंह में एक खून से भरी बोतल डाल दी। वेदान्त की आंखें एकदम सफेद हो गई। जो वेदान्त अभी लाचार पड़ा हुआ था अब वह एक दम फुर्तीला बन गया था।
वेदान्त को सही सलामत देख रिया खुश हो गई थी। पर तभी वेदान्त ने उसका गला पकड़ लिया। रिया का दम घुटने लगा," वेदान्त छोड़ो मुझे!" रिया ने वेदान्त को अपने से दूर करते हुए कहा।
तभी अचानक से दरवाजा खटखटाने की आवाज़ आई और दरवाजा अपने आप खुल गया। दरवाजे पर एक इन्सान खड़ा हुआ था जो एक टक वेदान्त को ही देख रहा था।
तभी उस इन्सान ने कुछ बड़बड़ाया और वेदान्त ने रिया के गले को छोड़ दिया। रिया जमीन पर बैठ गई और लंबी सांस लेने लगी। " तुम कौन हो?" रिया ने पुछा। " मैं नीव सोफी का भाई!" उस इन्सान ने कहा।
नीव की आंखें अभी भी वेदान्त को घूर रही थी कि तभी वहां सोफी आ जाती है। सोफी भी वेदान्त की हालत देखकर कहती है," मुझे लगता है की हमें वेदान्त को हॉस्पिटल में एडमिट कर देना चाहिए!"
सोफी की बात सुनकर रिया कहती है," मैं वेदान्त को हॉस्पिटल ले जाती हुं!" रिया के इतना कहते ही नीव बोल पड़ता है," मैं भी साथ चलूंगा!" नीव की बात सुनकर रिया उसे हां कर देती है।
नीव वेदान्त को कार में बिठाता है और रिया ड्राइव करती है। " नीव को vempire किसने बनाया?" नीव की बात सुनकर रिया एक दम से ब्रेक लगाती है जैसे कोई सच्चाई उसे पता चली हो।
" Vempire तुम क्या कहना चाहते हो?" रिया ने अंजान बनते हुए कहा। " हां vempire मैं सब जानता हूं!" नीव ने कहा।
तो क्या बताएगी रिया सच्चाई?
" रिया मैं सब जानता हुं और समझता भी हुं मुझे सच्चाई जाननी है वरना bcca तुम्हें छोड़ेगा नहीं!" नीव ने कहा। " मेने कहा मैं कुछ नहीं जानती इस बारे में!" रिया ने कहा।
" ठीक है मत बताओ पर जब वो आयेगा तब क्या करोगी?" नीव ने कहा। " कौन victer उसका भी जवाब यही होगा!" रिया ने कहा। " Victer तुम्हें खत्म कर देगा!" नीव ने कहा।
नीव ने कहा और रिया से कार रुकवाई नीव कार से बाहर निकल गया और कहा," victer से बचकर रहना!" इतना कहकर नीव हवा की रफ्तार से गायब हो जाता है। रिया कार हॉस्पिटल की तरफ बड़ा देती है।
वेदान्त का चेकअप हुआ पर कोई बीमारी नजर नहीं आई। वेदान्त को तुरंत डिस्चार्ज कर दिया गया था। रिया वेदान्त को घर वापस लाई। नीव अभी भी दरवाजे पर खड़ा उनका इंतजार कर रहा था।
नीव ने रिया के पास जाकर कहा," विक्टर आ चुका है!" नीव की बात सुनकर रिया सहम गई उसे नही पता था कि विक्टर इतनी जल्दी आ जाएगा। " विक्टर कहां है?" रिया ने कहा।
" तुम्हें उसे ढूंढने की जरूरत नहीं है वो खुद तुम्हें ढूंढ लेगा!" नीव ने कहा। " Bcca ने तुम्हारे खिलाफ मामला दर्ज कर दिया है और उन्हें भेज दिया है!" नीव ने कहा। " पर तुम मेरी मदद क्यों करना चाहते हो?" रिया ने कहा।
" मैं bcca को अपना बनाना चाहता हूं!" नीव ने कहा। " ये नही हो सकता है!" रिया ने कहा। " क्यों नहीं हो सकता है?" नीव ने पुछा। " क्योंकि वो हमेशा ज्यादा ताकतवर है!" रिया ने कहा।
" मेरे पास अपनी एक फौज है जो मेरे इशारे पर मरने के लिए भी तैयार हैं!" नीव ने कहा। " शायद विक्टर तुम्हारे साथ वेदान्त को भी कुछ कर ना दे!" नीव ने कहा। वेदान्त का नाम सुनकर रिया सकपका गई। उसने तुरंत कहा," मैं तुम्हारी मदद करूंगी सिर्फ वेदान्त के लिए!"
" तो ठीक पहले हम यहां से निकलते हैं विक्टर के आने से पहले!" नीव ने कहा। नीव रिया और वेदान्त यहां से दूर किसी गुफा में थे। वेदान्त अभी भी बेहोश था। नीव ने वेदान्त के मुंह में एक सीरम डाला।
"अब इसे कुछ देर बाद होश आ जायेगा!" नीव ने कहा। रिया वेदान्त के पास बैठी हुई थी। तभी वहां एक लड़का और लड़की आते हैं। रिया उन्हें देखकर घबरा जाती है पर नीव उसे शांत करते हुए कहता है।
" घबराओ मत ये हमारी साइड है इससे मिलो ये है रियाना और ये है रोहन !" रिया ने दोनो को देखकर मुस्कुराया। " नीव bcca के चार लोगों को हमने मार दिया है पर इसमें हमारे एक साथी की जान चली गई!" रोहन ने कहा।
" बाकी के vempire कहां है?" नीव ने पुछा। " याना गांव की पहाड़ी पर हैं!" रोहन ने कहा। " ठीक है अब अगला हमला कब करना है मैं बताऊंगा!" नीव ने कहा। रोहन और रियाना वहां से चले गए।
तभी वेदान्त को होश आने लगा और वेदान्त ने अपनी आंखें खोल दीं। अपने आप को किसी अनजान जगह पाकर वेदान्त अचानक से उठ बैठा। " मैं कहां हूं?" वेदान्त ने पुछा।
" कहीं नहीं बस तुम बीमार हो!" रिया ने कहा। रिया ने वेदान्त को सब कुछ समझाया। वेदान्त को उन्होंने ये आश दी की वह उसे फिर से इन्सान बना सकती है।
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