मैं असुराआदित्य सात ब्रह्मांड मै आतंकित करने बाला अभी मैं भाग रहा हुं। जिसे मै कमजोर समझ रहा था बो मेरे जान के पीछे पड़ा है ।
मैं सभी को हराया है, स्वर्ग मे मैंने स्वर्ग रैंकिंग मे मै पहला सथान है । मगर मेरी मौत स्वर्ग रैंकिंग १०० वाले के हाथो हुई, उसने एक युक्ति(artificat) के
खातिर अपना असली ताकात दिखाई और स्वर्ग वध कर दिया मै बदला लेना चाहता था, यही मेरी अंतिम ईचा है । मरने से पहले, जब मेरी आँख खुली तो मै एक किशोर लडका के शरीर मै था जो बहुत आलसी है। जिसका सब लोग मजाक उड़ाया करते हैं, हर चिज मै कमजोर है।
उधर से आवाज़ आई रिक्की उठो.. सुभा हो गयी है, ओ तो इस लड़के का नाम रिक्की है।
अब मै विद्यालय मे हुँ मुझे इस लड़के की पुरानी यादें याद आ रही है । अब मै ये सोच मे पड़ा हूँ कि लड़का कितना मासुम है, किसी से कोई मतलब नही
बिलकुल सरल और सामान्य ।
ऐसे ही जिंदगी के एक साल बीत गया और मै १२बी कछा मे पहुँच गया हूँ। मै अब इस दुनिया और यहाँ पर रहने वाले लोगों के बारे मे ।यहाँ योग्यतम की उत्तरजीविता है । अब बक्त आ गया है कि मै अपना लक्ष्य और अपना बदला के बारे मे सोचूँ। अब ऐसा होगा जैसा कभी नही हुआ।
मैं अपने दोस्त के साथ पार्क आया हुआ हूँ, पार्क यहाँ घूम रहा हूँ उधर से किसी के चिलाने की आवाज आई और मै गया तो देखा की मेरा दोस्त एक लड़के लड़की चूमा ले रहे थे । उसे डंडे के साथ पीछा कर रहे हैं अब जुकी पकड़ मे आ गए हैं तो पूछ रहे है डंडे किसे मारूँ लड़के ने कहा लड़की को मारो, ये बात हम लोग मजाक मे पूछा पर उतर सुन कर यकीन नही हुआ, उधर से पुलिस भी आ गयी आवाज सुन कर बताया क्या हुआ पुलिस ने उसके घर वालों को बुलाया ।पुलिस ने तो हाथ नहीं उठाया पर उसके घर वालों ने उस लड़की को सब के सामने पिटा जिसका बजाब पुलिस को हि करना पड़ा लड़के के माँ बाप सारे दोष लड़की को ही दे रहे थे क्योंकि लड़का भाग गया पुलिस के आने के कारण पुलिस अब लड़के के माँ ,बाप बे फिकर थे। पर जब लड़की के बाप जो अभी तक कुछ नही किया और कहा अब लड़की को एक थपाड गाल मे देते हैं और कहते हैं, तुमे यही कायर लड़का से प्यार करने को मिला है । ये बात सुनकर जैसे हमे पता चल गया की लड़की की माँ और पिता ये मामला यही खतम नहीं करना चाहते हैं, लड़के का बाप जो अभी तक जयादा बोल रहे थे बो चुप हो गये लड़की जो अपने प्यार की घमंड कर रही थी। उसके मुख पर शर्म थी और कुछ जयादा ही थी ऐसा लग रहा था की जो लड़की अपनी माँ की २० थापड़ गाल मे खाकर नही रोई अब रोने लगी। अब बोल रही थी की उसको बहुत अफसोस है की बो ऐसा लड़का से प्यार निभा रही थी और बो भी अपने पिता जी से लिपटकर.....
ये देख कर उसके माँ और पिता जी बिलकुल असमंजस मे पड़ गये, लड़की के पिता ने तो कुछ नही कहा और बो लडका का परिबार जो लड़की पर अपने लड़के को फसाने का आरोप लगा रहे थे वो अब शांत थे। लड़की जो अपने बॉयफ्रेंड के माँ बाप के सामने उसकी बहु बनने की बात कर रही थी। वो अब उस लड़के के माँ बाप के सामने उस लड़के को कायर कहा और माफी माँग कर आगे चल दिया। लड़की ने तो कुछ नही कहा पर उस लड़के को जाते जाते कायर कहा। उसके बाद वो लोग वहाँ से चले गए, लड़की के बाप ने लड़के के बाप को कहा की उसका लड़का कायर है, कैसे लड़के को जनम दिया है। उसके बाद वो लोग वहाँ से चले गए।
फिर हमे पता चला की लड़का ऐसा काम पहले भी कर चुका है। पुलिस ने हमे सावधान रहने को कहा। क्यों की लड़का का बैकग्राउंड कुछ सही नही है ,इसीलिए सावधान। एक लड़का सारे कलंक को सह सकता है पर कोई उसे कायर कहे ये नही सह सकता है वो भी कोई उसके माँ बाप को कहे कुछ भी होता है तो तुम लोग मुझे तुरंत बात करो ऐसा लग रहा था पुलिस उसको अपने निशान पे ली हुई थी।
ऐसे ही हमारा चार महिना बीत गया हमे नही पता था की ये तो बस तूफान से पहले की शांति है। . ......
चार महीने बाद जब हमलोग दोस्तों के साथ प्री बोर्ड परिछा दे कर वापस आ रहे थे। वो लड़का हमे और हमारे साथी को पिटने के लिए अपने साथी को ले आया। उसने हमे पिटा मैं जबाब दे देता मैं भी पिट देता उसे पर मैंने अपने दोस्त लोग ये क्या कर रहे हैं वो सबके सामने मार खा रहे थे। पर जो बोल रहे थे वो सुनकर मेरे कान खड़े हो गया। वो बोल रहे थे हमको नही पता था की वो लोग भाई की नाबालिक गरलफ्रेंड है। जिसे आप पटाऐ हैं। उसके जायदाद के लिए। ये सुन कर उस लड़का का होश उड़ गया, पर था इसका उल्टा खैर ,तब हमलोग उसी तरह मार खाते रहे। बार बार यही रपीट करते रहे। ये सुनकर मार्केट वाले किसने हमे तो नही बचाया उसने भी हमे खूब पिटा ये सुनकर अब उसे अपनी इच्चत पर बात आ गयी। मैंने भी युध को दिमाग से कैसे लरते हैं ये भी सिखा।
ये सब होने के बाद हमलोग घर गए तब माँ ने हमे खाने को फेक कर दिया इससे हमे बहुत दुख हुआ पापा ने हमसे बात किया हमने सब कुछ बताया। पापा ने कहा की हम इस सब से दूर रहे वरना हमे आर्मी मै जॉब करना पड़ेगा .... ऐसा ही दो तीन सप्ताह चला मेरे दोस्त आर्यन को डुंड रहे हैं.... पर क्यों ये समझ मे नही आया शाम को पता चला की अगली रात वो उस लड़के का झुंड का सबसे कमजोर और गरीब लड़का का घर गया और उसे धमकी दे रहा था की तुमको बहुत लड़की के चकर मे मार पिट करने का सौख चढ़ा है......
आर्यन के माँ और पिता जी उसके हरकत से काफी गुस्सा थे, और ये सब हो रहा था बोर्ड परीक्षा से पहले, शायद उसके माँ ने उसे घर से बाहर निकालने की धमकी दी थी। ये उसके सहन से बाहर था, उसने भी वैसे ही बदला लेने की सोची और ये हरकत कर डाली बिना हमलोग से पूछे, हमारे समूह मे पंद्रह लड़के थे अब सबका खून खौल रहा था।
सिबाये हमारे अलाबे, मैं ये सोच रहा था की ये लोग इतना सोच समझ कर काम कर रहे हैं। मैं ये मनाने वाला था की, पूर्ण शक्ति के सामने सब कुछ व्यर्थ है, हमारे समूह का मुखिया तौलिक ने कहा की आर्यन को बचाने का कोई उपाए बताओ, मैंने कहा की हमलोग जाते हैं उसक लड़के के घर उसे पिट ते हैं सारा मामला रफा दफा पर तौलिक ने कहा सारा पुलिस केस अपने सर लेते हैं। और चलते हैं हैं जेल अपने और माँ, बाप का इजत साथ लेकर , उसने मुझसे कहा। मैंने सोचा की आजतक किसी ने भी मझसे ऐसे बात करने की हिम्मत नही हुआ और ये ऐसा मेसेज किया मेरे को, पर मैंने अपना गुस्सा शांत रखा और कहा और मेसेज किया बताओ ना तो क्या करना है । उसने बोला अगर आर्यन को पिटना होता तो वो उसके घर जाकर पिट देता वो हमको बस डररा रहा है।
सब लोग अपने घर मे वापस चल जाओ, वो हमारी इज्जत लेना चाहता है, जान और अंजान लोगों के बीच तो वो बोर्ड परीक्षा के दिन कुछ करेगा , अभी कोई घर से बाहर मत निकलना चाहये कुछ भी हो जाए सब पढने पर ध्यान दो जो होगा देखा जायेगा और आर्यन को कहा गया की वो तुम्हारे घर रोज दिन नौटँकी करेगा घर के आस पास बस उकसना मत वस ऐसा ही हुआ परीक्षा से बाहर निकलते ही उसपर नजर पड़ गयी जैसा कहा गया था वैसा ही हुआ। बस हमलोग पुलिस वाले के करीब हो गए, जैसे ही हाथ उठाया पुलिस ने अरेस्ट कर लिया उन सबको हमलोग फ्री थे और वो लोग जेल मे हमलोग ने बहुत अच्छा परीक्षा दिया जो फेल होने वाला लड़का था हमारे समूह मे वो भी ८५% अंक पराप्त किया हमलोग खुश हुए ।
परीक्षा का परिणाम वैसे भी दो महीने के आस पास आया था। हमलोग खुश और ये सब लडाई झगड़ा भूल चुके थे । मैं अपने आप को इस तरह से ढाल लिया था यहाँ की मत पूछो अब मैं भी लड़कों की तरह शोजने और रहने लगा था। मुझे ये सब देख कर बहुत हैरान हुआ पर जल्द ही मुझे अपने बदले की बात याद आई और मेरा चेहरा बहुत जयादा लाल हो चुका था।
मैं अपने मार्शल आर्ट को लगभग अपनी मुख्य(prime) के आधे से भी जयादा करीब आ गया था। अब मुझे कम से कम दो साल और चाहिए थे अपने मार्शल आर्ट को अपने मुख्य (prime) तक लाने मे । वो भी बस उसके शरीरिक अवस्था मे लाने को, मुझे अपने बदले की भावना ने मुझे अधीर(impatient) कर रहा था।
खैर, मेरे को लोकल कॉलेज मे एडमिशन मिल गया।एक साल बीत गए थे, मैं खुश था.... तभी मेरे पास एक दिन पुलिस का बुलाबा आया किसी जरूरी पूछ ताछ के लिए.......
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