पंचतत्व जो मनुष्य की उत्पत्ति और उसके जीवन के आधार है। जो ईश्वर द्वारा इस कार्य का पालन करते हैं ईश्वर जो दिखते कभी नही पर कभी ना कभी वह अपने होने का अहसास हमे करा देते हैं किसी ना किसी रूप में आकर पर ईश्वर आखिर दिखाई क्यों नहीं देते??? और क्या वह सच में है या ये मात्र सिर्फ़ एक कल्पना है। अगर ये कल्पना है तो आख़िर मरने के बाद मनुष्य का क्या होता है? वह कहा चला जाता है? ।।।
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