रत्ना जीवित होने के बाद राज के हाथ को चुमकर कहती है “अगर आप पहले ही श्मशान घाट से सफेद रंग के पन्ने उठाकर उन्हें देख लेते तो इस झमेले में नहीं फसते और मैं बार-बार आपको सूर्य उदय होने तक अपने घर में रोकने की इसलिए तो बहुत कोशिश कर रही थी कि मुझे पता था उन सफेद पन्नों में क्या लिखा है और आपके उस वफादार नौकर की जिसने हत्या की है वह भी मैं आपको अभी बताती हूं।”
“जल्दी बताओ मेरे वफादार नौकर की किसने हत्या की है।” राज पूछता है?
“मैं नहीं चाहती थी कि उस पन्नी में लिपटे हुए सफेद रंग के दोनों पन्नों को आपके अलावा कोई और देखें इस वजह से आपके अपने नौकर को फोन करने के तुरंत बाद मैंने जिद से कहकर आपके वफादार नौकर की हत्या करवा दी थी।” रत्ना बताती है
राज क्रोध में रत्ना का हाथ झटक कर कहता है “डायन तू जानती नहीं है, तूने एक चलते फिरते तंदुरुस्त आदमी की हत्या करके कितना बड़ा गुनाह कर दिया है उस इंसान पर अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी, उसके परिवार में विधवा मां छोटी बहन पत्नी बेटी है, उसकी मौत के बाद अब उनका क्या होगा, और तेरी इस बात से मुझे एक बात तो समझ आ गई है कि तेरा शरीर ही मिट्टी गारे का नहीं बल्कि तेरा दिल भी पत्थर का है, इसलिए तेरे जैसी खतरनाक मशीन को इस दुनिया में इधर-उधर घूमने का कोई अधिकार नहीं है, मैं अभी तेरे एक नहीं सौ टुकड़े करता हूं।”
“नही नही राज ऐसा नहीं करना कुछ देर पहले जो आपसे बात कर रही थी, वह मैं नहीं मेरी मां माया थी, क्योंकि माया मेरे शरीर में घुस गई है, ध्यान से सुनो पहले और इस आवाज में आपको अंतर सुनाई देगा, मेरा विश्वास करो मैंने आपके वफादार नौकर की हत्या नहीं करवाई है।” रत्ना ने इतना कहते ही माया चुड़ैल रत्ना के शरीर से बाहर निकाल कर राज के सामने खड़ी हो जाती है, राज इससे पहले कुछ सोच समझ पाता वह राज को हवा में उड़कर अपने साथ दिल्ली बॉर्डर के पास वाले टीकरी गांव के श्मशान घाट में लेकर पहुंच जाती है, श्मशान घाट में पहुंचकर अपनी शक्ति से राज की आवाज हाथ पैरों को जकड़ कर राज को जिंदा ही चिता पर लिटा कर राज का चेहरा छोड़कर राज का पूरा शरीर चिता की लड़कियों से ढक कर राज को मौत की धमकी देते हुए कहती है “अगर जीवित रहना चाहता है तो रत्ना को पूरा बना उसके हाथ की कनी उंगली (छोटी उंगली) बनाकर उसको पूरा कर वह जीवित अधूरी मूर्ति मेरे किसी काम की नहीं है, उस अधूरी मूर्ति की वजह से मेरी पूजा अधूरी रह गई है, वरना मैं आज दुनिया की सबसे शक्तिशाली चुड़ैल जादूगरनी स्त्री होती और दुनिया के सारे मर्दों को औरतों का गुलाम बना देती, या मर्दों का दुनिया से नामो निशान मिटा देती, मुझे युवावस्था से ही मर्द जाति से नफरत है।”
राज आंखों से और अपने मुंह से जबरदस्ती आवाज निकाल कर माया चुड़ैल से यह कहने की कोशिश करता है कि पहले मुझे आजाद कर माया चुड़ैल जब ही तो रत्ना की अधूरी मूर्ति पूरी करूंगा, माया चुड़ैल राज के इशारो को समझ कर राज को चिता से उठाकर सीधा खड़ा कर देती है और इस समय उनके पीछे-पीछे रत्ना भी वहां पहुंच जाती है।
माया चुड़ैल रत्ना का हाथ पकड़ कर राज के सामने सामने करके चीख चीख कर राज से कहती है “जल्दी इस अधूरी मूर्ति को पूरा करो वरना पिछले जन्म में तो मैंने तुझे चाकू से गोंदकर मारा था, इस बार मैं तुझे जिंदा जला कर भयानक दर्दनाक मौत दूंगी।”
“पहले मुझे यह विश्वास दिलाओ कि पिछले जन्म की तरह तुम मुझसे मूर्ति बनवाने के बाद मेरी जान तो नहीं नहीं ले लोगी।” राज पूछता है?
“जब मैं इंसान थी अब मैं आत्मा हूं और इंसान झूठ बोल सकते हैं आत्मा नहीं जा मैं मां काली की शपथ खाकर कहती हूं, रत्ना की मूर्ति पूरी होने के बाद मैं खुद सुरक्षित तुझे अपने घर पहुंचाऊंगी।” माया चुड़ैल माता काली की शपथ लेते हुए कहती है
तभी रत्ना चिल्लाकर कहती है “राज ऐसा गजब नहीं करना मेरा शरीर पूरा होने के बाद माया मां मेरे शरीर में प्रवेश करके मुझे अपने चिकनी मिट्टी गारे के शरीर से बाहर निकाल देगी और मैं किसी भी हालत में आपसे जुदा नहीं होना चाहती हूं।”
राज तो पहले से ही रत्ना की मूर्ति को पूरा नहीं करना चाहता था, क्योंकि वह जानता था कि रत्ना की मूर्ति पूरी होने के बाद माया चुड़ैल दुनिया की सबसे शक्तिशाली स्त्री बनने के बाद पूरी दुनिया में आतंक तबाही मचा देगी और राज रत्ना से बे इंतेहा मोहब्बत भी करता था, इसलिए वह रत्ना को किसी भी हालत में खोना नहीं चाहता था चाहे उसके प्राण भी शरीर से निकल जाए, इसलिए वह माया चुड़ैल से कहता है “मैं इस जन्म में मूर्तिकार नहीं चित्रकार हूं अगर मैं साधारण मिट्टी से रत्ना की कनी उंगली (छोटी उंगली) बनाऊंगा तो रत्ना की मूर्ति अधूरी रहेगी अगर मैं रत्ना की मूर्ति उसी जगह और उसी चिकनी मिट्टी से बनाऊं, तभी रत्ना की मूर्ति संपूर्ण होगी।”
“तो बताओ वह चिकनी मिट्टी कहां मिलेगी माया चुड़ैल पूछती है?
राज माया चुड़ैल की बात को अनसुना करके जिद का इंतजार करने लगता है, क्योंकि राज को अच्छी तरह मालूम था कि इस माया चुड़ैल से मुझे और रत्ना का छुटकारा माया चुड़ैल का आशिक जिद ही दिला सकता है, क्योंकि जींद माया चुड़ैल से सच्चा प्रेम करता था और बरसों से माया चुड़ैल को अपने साथ ले जाने का इंतजार कर रहा है, और जब राज माया चुड़ैल की बात का बहुत बार-बार पूछने पर जवाब नहीं देता है तो माया चुड़ैल अपने खूबसूरत रूप से भयानक चुड़ैल के रूप में आ जाती है और क्रोध में आकर राज से कहती है “अगर तूने मेरी बात का जवाब नहीं दिया तो मैं अपनी शपथ भूलकर तुझे कच्चा चबा जाऊंगी।” यही तो राज चाहता था कि माया चुड़ैल अपने डरावने भयानक रूप में आए और जींद उसे इस रूप में देखकर उसे अपनी शक्ति से दोबारा वही18 वर्ष की खूबसूरत युवती बना दे जो वह तांत्रिक या जादूगरनी बनाने से पहले थी, क्योंकि वह 18 वर्ष की माया तब साधारण युवती थी।
और माता मनसा माई की कृपा से जिद वहां पहुंच जाकर माया चुड़ैल का भयानक डरावना रूप देखकर राज कि सोच के अनुसार माया चुड़ैल को 18 वर्ष की सुंदर युवती बना देता है।
18 वर्ष की खूबसूरत युवती बनते ही माया चुड़ैल की शक्तियां नाम मात्र की रह जाती है, अपने साथ यह विचित्र घटना होने के बाद माया चुड़ैल इस सबके लिए जींद को दोषी मानकर राज रत्ना का पीछा छोड़कर श्मशान घाट में मटका ढूंढने लगती हैं जींद को हमेशा के लिए कैद करने के लिए और जब उसे दोपहर की जाली चिता के पास मटका मिल जाता है, तो वह जींद को अपने प्रेम जाल मे फंसा कर हमेशा के लिए मटके में कैद कर लेती है।
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