जीवन में पहली बार इतनी भयानक चुड़ैल और जींद को सदरुप एक साथ देखने के बाद राज बेहोश हो जाता है, किंतु रत्ना को तो बचपन से रात दिन माया चुड़ैल जींद के साथ रहती थी इसलिए वह बिना भयभीत हुए राज के कहने मुताबिक सुखे बांस और लकड़ी पत्थर के कोयलों को इकट्ठा करके तेज आंच जला देती है और राज को अपने पास जलती आग के पास लिटाकर होश में लाने के लिए प्रयत्न करना शुरू कर देती है और घर में आग जलते ही माया चुड़ैल जींद छत के छेद से गायब हो जाते हैं।
दो घंटे बाद होश में आने के बाद राज अपने हाथ के अंगूठे से लहू बहता देख रत्ना को गले लगा कर कहता है “मेरे अंगूठे का लहू आपके माथे पर लग गया है।”
और फिर रत्न की तरफ मुस्कुरा कर कहता है “बेहोश होने से पहले मेरे मन में अपने पिछले जन्म को सपने में देखने की बहुत प्रबल इच्छा हो रही थी, इसलिए मैंने अपने सपने में अपना पिछला जन्म देख लिया है।”
“ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई अपना पिछला जन्म अपने सपने में देख ले।” रत्ना आचार्य चकित होकर कहती है
“ऐसा हो सकता है, मैंने एक अखबार में पढ़ा था कि अगर मनुष्य सोने से पहले यह प्रबल इच्छा करके सोए कि उसे अपना पिछला जन्म सपने में देखना है, तो पहले दिन नहीं तो दो-चार दिन दो-चार सप्ताह में वह अपनी इच्छा शक्ति या प्रबल इच्छा से अपना पिछला जन्म ही नहीं पिछले कई जन्म देख सकता है, आप की तरह पहले भी मुझे इस अनोखी बात पर विश्वास नहीं होता था, लेकिन जब मैंने कई अखबारों मैगजीनों और गूगल सर्च करके सर्वे किया तो तब जाकर मुझे यकीन हुआ था कि यह बात सच है आप चाहो तो आप भी अपना पिछला जन्म इसी तरीके से देख सकती हो।” राज बताता है
“आप पढ़े लिखे हो समझदार हो जब कह रहे हो तो सच ही कह रहे होंगे, तो फिर आप मुझे बताओ आपने अपने पिछले जन्म में क्या-क्या देखा।” रत्ना बोलती है
“मैंने अपने पिछले जन्म में देखा उस पर आपको यकीन नहीं होगा क्योंकि पिछले जन्म में माया मेरी प्रेमिका नहीं बल्कि मेरी सबसे बड़ी दुश्मन थी और मैं दुर्गा मां सरस्वती मां गणेश भगवान आदि की मूर्ति बनाने वाला मूर्तिकार था, माया चुड़ैल मुझसे अपनी मूर्ति बनवा कर दुनिया की शक्तिशाली स्त्री बनना चाहती थी, उसकी यहां तक सोच थी कि वह अमर हो जाए कभी मारे ही ना वह माता काली की बहुत बड़ी पुजारन होने के साथ-साथ जादूगरनी भी थी और वह मेरे हाथों की बनी मूर्ति से ही दुनिया की सबसे शक्तिशाली जादूगरनी बन सकती थी, क्योंकि मेरे हाथ की बनी मूर्तियां जीवित इंसानों जैसी होती थी, मैं अपने पिता के साथ वर्ष में एक बार अपने जानवरों को चराते चराते आपके गांव टीकरी तक पहुंच जाता था, मैं अपने पिता जी जैसे मधुर वाणी में गीत गाना चाहता था, लेकिन मेरी आवाज सुरीली ना होने की वजह से जो भी मेरे गीत सुनता था, वह मेरी बेसुरी आवाज सुनकर हंस-हंसकर लोटपोट हो जाता था फिर एक बार बसंत पंचमी के त्यौहार पर मेरे पिता ने मुझसे कहा अगर तू अच्छा गायक बनना चाहता है तो आज बसंत पंचमी का त्यौहार है, मन लगाकर मां सरस्वती से प्रार्थना करके तू बेहतरीन गायक बन सकता है और उस दिन के बाद से मैंने बीस वर्ष की आयु तक मां सरस्वती की दिन रात पूजा की हर पल मेरी जवान पर मां सरस्वती का नाम रहता था और एक रात बीस वर्ष की आयु में मां सरस्वती ने मुझे सपने में दर्शन देकर कहा तुझे मैं गायक नहीं मूर्तिकार बनाना चाहती हूं, तू जो भी मूर्ति बनाएगा वह मिट्टी गारे की मूर्ति नहीं होगी बल्कि वह जीवित स्त्री पुरुष जैसी मूर्ति होगी, अगर ब्रह्मा जी की इच्छा होगी तो वह उसमें प्राण भी डाल सकते हैं, इसलिए उस दिन से मैंने इंसानों की नहीं बल्कि देवी देवताओं की मूर्ति बनाना शुरू कर दिया था और जब मैं अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद आपके गांव में अपने जानवरों भेड़ बकरियों गाय आदि को चराने आया, तो माया चुड़ैल ने मुझे माता दुर्गा और अन्य देवी देवताओं की मूर्ति बनाने के लिए अपने पति की दुकान के पास यानी कि आपके पिता रंजीत की अंतिम संस्कार के समान कि दुकान के पास बड़ी सी दुकान खुलवाकर रोजगार दे दिया था, भेड़ बकरियों गाय के व्यापार से मूर्ति बनाने के व्यापार में मुझे ज्यादा लाभ होने लगा था, इसलिए मैं आपके गांव में रहकर अपनी पसंद का काम मूर्ति बनाने का करने लगा था और जब तक मुझे एहसास हुआ की माया एक खतरनाक जादूगरनी है और मुझसे अपनी जीवित मूर्ति बनवाकर दुनिया की शक्तिशाली स्त्री बनना चाहती है, तब तक मैं माया की कैद में पूरी तरह कैद हो चुका था और अब भी शायद माया चुड़ैल अपनी तस्वीर बनवा कर कुछ खतरनाक करने कि सोच रही है और माया चुड़ैल आपके पिता रंजीत से मिलने से पहले सिर्फ काली माता की भक्तिनी थी जादूगरनी नहीं थी, लेकिन आपके पिता से विवाह करने के बाद माया काली माता की पूजारन के साथ-साथ जादूगरनी भी बन गई थी।
“और सबसे बड़ी बात जो मुझे सपने में धुंधली धुंधली सी याद है की माया चुड़ैल ने मुझसे चाकू की नौक पर अपनी मूर्ति बनवाईं थी लेकिन मैंने माया चुड़ैल की मूर्ति की जगह किसी दूसरी खूबसूरत लड़की की मूर्ति बना दी थी और वह मूर्ति भी मैंने अधूरी बनाई थी, उस मूर्ति के सीधे हाथ की कनी उंगली (छोटी उंगली) नहीं बनाई थी ताकि अधूरी मूर्ति होने की वजह से माया चुड़ैल उस खूबसूरत लड़की की मूर्ति का दुरुपयोग ना कर पाए माया चुड़ैल ने खुशी में मूर्ति को ठीक से देखे बिना चाकूओं से गोंदकर मेरी हत्या कर दी थी लेकिन मरने से पहले मैंने एक बात सुना थी, जब अधूरी खूबसूरत लड़की की मूर्ति को देखकर माया चुड़ैल बेचैन हो गई थी तो वह दोबारा अपनी उम्मीद बढ़ाने के लिए कह रही थी कि मेरी प्यारी शांति मां बनने वाली है, उसकी संतान की आत्मा को मैं इस खूबसूरत लड़की की मूर्ति में प्रवेश करवाऊंगी चाहे वह लड़का हो या लड़की और मेरे पिछले जन्म के सपने से एक बात तो साफ हो गई है कि आपके पिता ने मेरी पिछले जन्म में हत्या नहीं की थी, लेकिन दो बातें समझ में नहीं आ रही है मुझे कि माया चुड़ैल ने मेरी याद में तड़प तड़प कर अपनी जान क्यों दी थी और वह किस शांति महिला की बात कर रही थी कि वह मां बनने वाली है और वह उसकी संतान की आत्मा को मेरी नवनिर्मित मूर्ति के अंदर प्रवेश करवाएगी।
“अपने पिछले जन्म का सपना रत्ना को बताते बताते अचानक चित्रकार राज की नजर रत्ना के दाएं हाथ की जन्म से कटी हुई कनी उंगली (छोटी उंगली) पर जाती है इसलिए वह अपने शक को यकीन में बदलने के लिए दुबारा रत्ना से उसकी मां का नाम पूछता है?”
रत्ना पहले की तरह वही जवाब देती है, पिता जी का नाम तो रंजीत था लेकिन अपनी मां का नाम मुझे पता नहीं है, क्योंकि मेरे जन्म के तुरंत बाद मेरी मां की मृत्यु हो गई थी और जन्म के एक वर्ष बाद माया फिर छ महीने बाद पिता जी की और माया मां ने मरने के बाद आज तक किसी भी मनुष्य से मुझे बात नहीं करने दी है, और ना ही एक क्षण मिलने ही दिया था सिर्फ आपके अलावा फिर मुझे कैसे पता चलता अपनी मां का नाम।”
“फिर आपको अपने पिता का नाम कैसे मालूम है।” राज पूछता है?
“वह तो माया मां अपनी और आपकी प्रेम कहानी और मेरे पिता ने आपकी हत्या क्यों की रात दिन सुनती रहती थी।” रत्ना बताती है
रत्ना की बातों में सच्चाई है यह तो राज को समझ आ रहा था, लेकिन उसके सामने समस्या थी कि अपनी शंका को कैसे मिटाए की रत्ना ही वह मूर्ति है जिसे उसने पिछले जन्म में बनाया था और रत्ना की मां का नाम शांति था, जिसकी नवजात बेटी की हत्या करके माया चुड़ैल ने उसकी बेटी की आत्मा को उसकी बनाईं अधूरी मूर्ति कनी उंगली (छोटी उंगली) कटी हुई मूर्ति में प्रवेश करवाया दिया था।
बादलों की तेज गड़ाहट के साथ बाहर ओलो के साथ तेज बारिश होने की आवाज आने लगती है, रत्ना तेज बारिश की आवाज सुनकर राज के सीने से चिपट जाती है और घर की छत के छेद से बारिश का पानी आता देख राज से कहती है “जल्दी से बारिश के पानी को घर में आने से रोको मुझे पानी से बहुत ज्यादा नफरत है, मुझे डर है कि मेरे शरीर पर पानी पढ़ते ही में गल जाऊंगी।”
रत्ना की यह बात सुनकर राज बारिश के पानी की कुछ बूंदें रत्ना के चेहरे पर फेंक कर रत्ना के चेहरे को बारिश के पानी से गिला करके डरी सहमी रत्ना के चेहरे की ऐसे मालिश करता है जैसे स्त्री पुरुष क्रीम लगाकर अपने चेहरे कि हल्के-हल्के मालिश करते हैं, उसके ऐसा करते ही रत्ना के चेहरे का रंग उड़ने लगता है, राज अपने हाथ पर मिट्टी जैसा कुछ देखकर तुरंत अपना हाथ रुमाल से पोंछ लेता है और समझदार बुद्धिमान पढ़ा लिखा राज समझ जाता है कि रत्ना मूर्ति है इस रत्ना नाम की मूर्ति में रंजीत और उसकी पत्नी शांति की बेटी की आत्मा है और अब मैं चुड़ैल जिंद शक्तिशाली मूर्ति के बीच फंस चुका हूं, रत्ना नाम की कोई भी खूबसूरत लड़की इस दुनिया में है ही नहीं, बस मुझे किसी तरह सूर्योदय तक इनसे अपनी जान बचानी है।
जिस समय राज इस सोच विचार में डूबा हुआ था, तभी पुलिस इंस्पेक्टर मिलन का फोन राज के पास आता है पुलिस इंस्पेक्टर मिलन राज से पूछता है? “ कब तक थाने पहुंचोगे।”
“मैं सुबह होने तक थाने नहीं पहुंच पाऊंगा मैं दिल्ली के सिंधु बॉर्डर के पास वाले गांव टीकरी में आधी तूफान बारिश में फंस गया हूं और मेरी बाईक खराब हो गई है।” राज बताता है
“आपका थाने पहुंचना बहुत जरूरी है, आपके नौकर की लाश के पास पॉलिथीन में लिपटे दो सफेद पेपर मिले हैं, उन सफेद पेपरो को को देखकर मुझे शक हो रहा है कि कातिल आपकी हत्या करना चाहता था, लेकिन उसने गलती से आपके नौकर की हत्या कर दी है और मुझे शक है यह काले जादू का भी कोई चक्कर हो सकता है, क्योंकि मैं चार-पांच बार उन दोनों पेपरो की फोटो खींचकर आपके व्हाट्सएप पर भेजने की कोशिश कर चुका हूं, लेकिन मैं सेंड (भेज) नहीं कर पा रहा हूं और आपके देर करने से मुजरिम हमारी पहुंच से दूर जा सकता है।” पुलिस इंस्पेक्टर मिलन कहता है
उसी समय राज को शैतानी आत्माओं से बचने की तरकीब सूज जाती है वह पुलिस इंस्पेक्टर मिलन से कहता है “आप पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके किसी तरह मुझे बारिश की इस अंधेरी रात में इस वीराने घर से निकलकर हाईवे से प्राइवेट टैक्सी पड़वा दे।”
“ओके आप इस समय कहां है, उस जगह का पता ठिकाना व्हाट्सएप पर सेंड कर दे।” पुलिस इंस्पेक्टर मिलन कहता है
राज को अपनी जान बचने की उम्मीद की किरण दिखाई देने लगती है और वह तुरंत पुलिस इंस्पेक्टर मिलन के व्हाट्सएप पर रत्ना के घर का पता सेंड कर देता है।
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