अब आगे का सफर
मेरा यह आइडिया सबको पसंद आया सब ने कहा हां यह अच्छा रहेगा पर भाई कुछ सोचने में लगे थे मुझे लगा शायद भाई को यह आइडिया अच्छा नहीं लगा होगा पर भाई ने कहा यही अच्छा होगा इस कहानी के लिए और उन्होंने इस कहानी के बारे में और भी बहुत सारी बात बताई जैसे यह कहानी एक मैजिकल वर्ल्ड पर है जहां हर किसी के पास माया है सबके पास कुछ अलग सा मैजिक जैसे इस कहानी की मेल लीड जो खुद एक बिजली है तूफान है और आज है जिसका नाम लूसियान है और इस कहानी का मेल नीड जो बिल्कुल उससे अलग है मतलब शांत पानी जिसका नाम गंगोचैन है ।
इस कहानी में यह एक दूसरे के दुश्मन है जहां लड़ाई के बीच में प्यार हो जाता है बाद में लड़की को समझ आता है कि वह जो कर रही है वह गलत है वो अपने लिए लड़ रही है और वह लड़का जो सब के लिए सबके अच्छे के लिए और जब लड़की उसकी मदद करने की कोशिश करती है तभी एक नया दुश्मन आ जाता है जिससे लड़ते-लड़ते उसकी सारी माया चली जाती है और वह एक अलग ही वर्ल्ड में पहुंच जाती है जहां पर मैजिक कुछ नहीं मतलब एक कहानी में हैं।
मुझे तो काफी अच्छी लगी यह स्टोरी अब पब्लिश होने और मार्केट में पहुंचने का इंतजार था।
जल्दी ही शाम होने की आ गई मैं और भाई हम घर जाने के लिए निकल गए रास्ते में मुझे एक छोटी सी बच्ची मिली जो गुब्बारे बेच रही थी मैं उसे देखने लगी मुझे ऐसे देख भाई ने पूछा क्या हुआ कुछ कहना चाहती हो मैंने कहा भाई क्या हम उसे बच्ची की मदद नहीं कर सकते भाई ने कहा हां बस इतनी सी बात चलो हम कहां से बाहर निकले और उसे बच्ची के पास गए मैंने पूछा आप यह काम क्यों कर रही हो क्या आप पढ़ाई नहीं करती हो उसे बच्ची ने बहुत सुंदर जवाब दिया दीदी मैं पढ़ाई करती हूं पर घर के लिए मुझे काम करना होता है मेरे पापा नहीं है और मैं अपने घर में सबसे बड़ी हूं मेरी मम्मी घर का काम करने जाती थी पर उन्हें वहां से निकाल दिया जिससे मुझे काम करना पड़ रहा है पर जैसे ही मम्मी को कम मिल जाएगा फिर मुझे काम करने की जरूरत नहीं होगी मैंने कुछ सोचा नहीं और भाई से कहा भाई ने मां से बात कर ली फिर हम उसे बच्ची को अपने कर में बैठ कर उसके घर ले गए और उनकी मम्मी से मिले उनसे कहा आप कल से हमारे घर काम करने आ सकती है अपने टांका अपनी अच्छी मिल जाएगी वह सब बहुत खुश हो गए मैंने पहली बार ऐसी खुशी देखी जो मुझे भी खुश कर गई मारा घर वहां से जल ज्यादा दूर नहीं था। और हमने उन्हें अपना घर भी दिखा दिया।
हम अपने घर जाकर पहले मामा के पास है मामा को थैंक यू बोला हम अभी खुश थी कि हम भी अपने मां पापा की तरह ही सबकी मदद करने वाले हैं डिनर के बाद अम्मा ने कहा आपके लिए एक सरप्राइज है आप कल जल्दी उठ जाना मैं बहुत पूछा पर मामा ने नहीं बताया मैं बहुत खुश थी सुबह होने का इंतजार करते हुए जल्दी सोगई।
अगली सुबह
मैं जल्द ही उठ गई थी सुबह 6:00 और रेडी भी हो गई पर मैंने सोचा अभी तो काफी टाइम है 8:00 बजने को तो मैं अपना लैपटॉप उसे करने बैठ गए फिर मैंने एक आवाज सुनी इसलिए मैं नीचे जा ही रही थी कि भाई भी आ रहा है अपने कमरे से और बोले तुम कहां जा रही हो क्या बात है आज तो इतनी प्यारी लग रही हो मैंने कहा हां कहीं नहीं जा रही बस मुझे आवाज आई किसी की तो मैं देखने जा रही हूं नीचे भाई बोले ठीक है फिर चलो साथ में चलते हैं हां चलो मैंने कहा और जब नीचे गए तो मैं एक आदमी को देखा जो सच में क्या कमल का दिख रहा था।
तभी भाई बोले पापा और उनके गले लग गए पर मैं नहीं जा रही थी शायद मुझे डर था या मैं पहचान नहीं रहे थे फिर पापा ने आवाज लगाई कीर्ति आओ पापा से नहीं मिलेगी फिर मैं भी चली गई उन्होंने मुझे गले लगाया और पूछे हम मेरा छोटा शेर ठीक है ।ना मैं हंसने लगे कि पापा मुझे छोटा शहर बुलाते हैं पापा ने कहा बताओ कैसा लगा सरप्राइज मैं खुश थी और मैंने कहा मामा आज मैं बहुत खुश हूं फिर आज हम सब साथ में नाश्ता किए हमारी यह हैप्पीफैमिली।
सिर्फ पापा ने कहा कल से तो मेरा छोटा शेर कॉलेज जाएगा मैंने कहा क्या सच में मैं कल से कॉलेज जा सकती हूं सब ने कहा ज्यादा दिनों के लिए नहीं ले सकते ना।
आगे जानने के लिए अध्याय 4 का इंतजार करें।
🌸🐼☺️🫂
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