पंद्रहवा दिन - 23 अगस्त
सुबह 6.30 बजे उठा। योग नही हुआ। नाष्ता किया। नैलूर की ओर निकले। गीता जी ने आकर नाश्ता कराया। दुःखी मन से कहा कि लोहियावादी के साथ काम करना उनके व्यक्तिवादी होने के कारण कठिन हो जाता हैं। उन्होंने बताया कि वे पहले राकेश भारद्वाज के साथ एस.एफ.आई के काम करती थी। सभी ने एस.एफ.आई ...
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सप्त क्रांति विचार यात्रा
पंद्रहवा दिन - 23 अगस्त
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