अपनी बहन को शुभरात्रि कहने के बाद, मोंसियुर बियंवेनू ने मेज़ से दो मिर्ची से लैस वक्तू घबराते हुए उन्हें अपने मेज की दूसरी मारसलाम दी और उनसे कहा, "मोंसियुर, मैं आपको आपके कमरे तक चलाता हूँ।"
व्यक्ति उसके पीछे आने लगा।
यह देखा जा सकता था कि घर इतने व्यवस्थित था कि जब भीसोपी कमरे के एकांतरिक मंदिर में प्रवेश करना होता था या उससे बाहर निकलना होता था तो व्योपर्य कमरे से यात्रा कि जरूरी बन जाती थी।
उनकी कमरे को पार करते समय ये, देखा गया था की मैडम मैग्लोईर बिस्फोप के बिस्तर के सिर के पास की अलमारी में चांदी की बरतनों को छिपा रही थी। यह हर शाम के बाद उसका आखिरी ध्यान रखना होता था जब वह सोने जाती थी।
बिशप ने उनकी संतानवास में आपात्तिजनक हरकत कर दी। वहा पर एक ताजगी सफेद बिस्तर तैयार हो चुका था। उस आदमी ने छोटे से मेज़ पर मोमबत्ती रख दी।
"अच्छा," बिशप ने कहा, "आप अच्छी नींद सोएंगे। कल सुबह, पूरी मॉंगसे दूध पीयेंगे आप, जो हमारे गायों की हैं।"
"धन्यवाद, मॉस्युर आबै," व्यक्ति ने कहा।
शांति से भरी इन शब्दों को बोलते ही, ऐसी अचानक और अवस्था बिना किसी संक्रमण हुए उस व्यक्ति ने एक अद्भुत चाल की, जो अगर पजनीया महिलायें देख लेती तो वे घबराकर थम जातीं। यह आज भी हमारे लिए मुश्किल है कि हम उस पल में किस बात की पहचान करें, क्या उसने चेतावनी देनीया है या कोई खतरा दिखाने की कोशिश कर रहा है? कहीं वह केवल अपने आपके एक जैसी प्रवृति का अनुसरण कर रहा था जिसका यह उसे स्पष्ट नही था? उसने आचानक बुढ़ापे के मोढ़े पर बांहियाँ चढ़ा लीं और आपने अतिथि पर एक अदंतर पोखर वाली नज़र डाली, और ग्रह शब्दो में एक खराशी आवाज़ में बोलते हुए उनसे कहा-
"आह! सलिकी आह! आप मेरे तरह करीबी मकान में ही मुझे लगाते हो?"
उन्होंने बोलना रोक दिया और एक ऐसी हासी में जब कुछ मुंहासिरी छुपा था वो बोलते हुए बोले-
"आपने सोचा क्या? आप यक़ीनन मुझे कोई हत्यारा ना हो चुका है क्या?"
बिशप ने जवाब दिया-
"यह भगवान की प्रकर्पा है।"
मग्नया, और जैसे की किसी ने प्रार्थना या अपने से बात कर रहे होंता वह अपने दाहिने हाथ के दो इशरो को सख्ती से बढ़ाते हुए और तेरह (benediction) प्राप्त करते हुए उन पर अपनी आशीर्वाद दिया जिसे व्यक्ति ने झुकव भी नही किया, और अपने सिर की तरफ उनका मुड़ना और पीछे नही देखा।
जब यह भोगमाला इस्तेमाल होती थी, तब उस मंदिर की बड़ी सर्जे के पर्दे सज़ा के रख दिया जाता था। बिशप इस पर्दे के सामने घुटने टेकता था और एक छोटी सी प्राथना करता था। कुछ ही समय बाद वह अपने बगीचे में थे, चलते थे, ध्यानित थे, व्यग्रता कम कर रहे थे, अपने दिल और आत्मा में खोये हुए थे, जो यह रात में भगवान जो आँखें खुली रखती हैं उन फिट और गहरी बातों की हैं।
जब तक व्यक्ति वास्तव में थका नहीं हो जाता था, वह उत्तम सफेद चटाईयों का भी लाभ उठा न मतलब नहीं निकालता। अपनी इंगली से मोमबत्ती को बुझा देने के बाद से वह सो गया, बिना जैसे की आदमियों का कुछ नहानी करके खुद को बिस्तर पर फेंकते थे।
मध्यरात को बिशप अपने बगीचे से अपने निवास को वापस करते समय व्यक्ति की पहुँच सुचरित हुई।
कुछ ही मिनटों के बाद छोटे घर में सब सो गये।
***बेहतर पढ़ाई का आनंद लेने के लिए नॉवेलटून को डाउनलोड करें!***
189 एपिसोड्स को अपडेट किया गया
Comments