hello reders this my first novel on this aap I hope you like it
एक बोहोत बड़ा पैलेस एंट्रेस पर R.R लिखा था आज यहां काफी सुंदर तरह से सजावट की गई थी ये पैलेस काफी बड़ा और शानदार था और आज तो जैसे कयामत महंगे विदेशी फूलों की खुशबू पूरे पैलेस में महक रही थी पैलेस की चारो और कड़ी सिक्योर्टी थी जिसपर R R का टैग था इस शादी में काफी बड़े से लेके छोटे बिजनेस मैन एक्टर्स और माफिया वर्ल्ड के लोग मोजूद थे। आज राठौर परिवार के दोनो बेटे रिवान और रेवंश की शादी हो रही थी।
अनिका अनिका कहा हो बाबा कहते हुए एक हैंडसम से आदमी ने उस पैलेस के ऊपरी हिस्से पर बने कमरे एंटर किया। उसने पूरे कमरे में अपनी नजरे घुमाई वहां कोई नहीं था। तभी वाशरूम का डोर खुला और एक खूबसूरत औरत बाहर आई उम्र भले ही ढल चुकी हो लेकिन आज अभी कयामत लग रही थी।
अनिका ने एक गहरी रॉयल ब्लू रंग की सिल्क साड़ी पहनी थी, जिसकी बॉर्डर पर ज़री की महीन कढ़ाई थी। साड़ी इतनी खूबसूरती से पहनी गई थी कि हर प्लीट जैसे उसकी नज़ाकत बयाँ कर रही हो। उसके बाल हल्के से खुले हुए थे, और सिर के एक ओर मोतियों की सजी हुई क्लिप चमक रही थी।
ये क्या है तुम्हे इतना रेडी होने के लिए किसने कहा था उस आदमी ने अनिका को वॉल के अगेंस्ट चिपकाते हुए कहा। उसके आंखो में शरारत थी।
जिसे देखते हुए अनिका ने उस आदमी के गले में अपने दोनो हाथ डाले और कहा ", मिस्टर राजेश राठौर जी क्या आप भूल गए आज हमारे बेटों की शादी है।
वैसे में भुला तो नही मिसेज राठौर जी लेकिन आपको इतनी सुंदर दिखने के कोई हक नही समझी राजेश ने अनिका को और करीब करते हुए कहा।
आहन आज नही राज अनिका ने उसे दूर करते हुए कहा लेकिन राजेश एक इंच भी नहीं हिला वही वो अनिका के और पास आ गया। उसका एक हाथ वॉल पर था और दूसरा हाथ अनिका के कमर पर।
क्या कर रहें हो राज हमे देर हो जायेगी अनिका ने पलके झुकाते हुए कहा वो शरमा रही थी उसके गाल किसी पके टमाटर की तरह लाल हो गए थे।
तुम्हे क्या लगता है राज ने उसकी थोड़ी को ऊपर करते हुए कहा। अब दोनो की आंखे एक दूसरे पर थी एक की आंखों में जहां शरारत थी वही दूसरे की आंख में हया। राज ने अनिका को खुद से सटा लिया वो दोनो बोहोत करीब इतने की हवा को भी उनके बीच आने की इजाजत नहीं थी। राज ने अनिका की आंखों को में देखा जेसे वो किसी चीज की परमिशन मांग रहा हो जिसके बदले में अनिका ने अपनी पलके झपका दी।
अनिका ने जैसे ही अपनी पलकों को झपकाया, राज के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान फैल गई। अगले ही पल, राज ने झुक कर उसके होंठों को चूमा। गहरा और बेहद नरम किस धीरे धीरे रफ होता जा रहा था तकरीबन पांच मिनट बाद राजेश अनिका से दूर हुआ इस वक्त अनिका हाफ रही थी और राजेश उसे देख कर मुस्कुरा रहा था।
"राज..." अनिका ने धीमे से कहा, "अब हमें नीचे जाना चाहिए... बच्चे इंतज़ार कर रहे होंगे।"
"हाँ," राजेश ने उसका हाथ थामा, "लेकिन आज मेरा बिलकुल मन नहीं है तुमसे अलग होने का। जिसे सुनने के बाद
अनिका ने शरारत से उसकी ओर देखा, और कहा, "तो चलिए मिस्टर राठौर, पहले बेटों की शादी करवा लीजिए, फिर रात में हम दोनो... आप समझ रहे हो ना।
राज ने मुस्कराकर उसका हाथ चूमा, "डील फिक्स समझूं?"
"डील फाइनल," अनिका ने आंख मारते हुए कहा।
और फिर दोनों, हाथों में हाथ डाले, कमरे से बाहर निकल गए… जहां पूरा महल रोशनी में नहाया था,
नीचे उतरते ही उनका स्वागत गुलाब और ऑर्किड की पंखुड़ियों की बारिश से हुआ।
देखते ही देखते छोटे से लेकर बड़े businessman राजेश की और अपनी बिजनेस की बात करने के लिए आ रहा था क्योंकि वो जानते थे की अगर राजेश राठौर उसने इंप्रेस हो गए तो उन्हें ऊंचाइयों पर पोहोंच से कोई रोक नही सकता।
सारा माहौल जगमगा रहा था सभी अपनी बातों में मशगूल थे बैकग्राउंड में हल्के से रोमांटिक म्यूजिक बाज रहा था सारे कपल डांस कर रहे थे
लेकिन अचानक वहां के माहोल का टेंप्रेचर ठंडा होने लगा सभी की नजर एंट्रेस पर गई जहां दोनो दूल्हे आ रहे थे सभी उन्हें देखने के लिए बड़े बेताब थे लेकिन अफसोस वो उनका चेहरा नही देख सकते थे उनके चेहरे पर सेहरा जो लगा था।
उनके सेहरे देख कर अनिका थोड़ा कन्फ्यूज हो गई ", राज क्या आपने कहा था इन्हे ये पहने के लिए ।
राज ने भी रेवान रिवांश को हैरानी से देखते हुए कहा " नही अनिका मेने इन्हे नही कहा।
तो फिर ये सेहरे क्यू पहने रखे है इन्होंने अनिका ने राज की और देखते हुए कहा।
शायद ये इसी तरह से शादी करना चाहते हो छोड़ो भी इतना कोई घबराने वाली बात नहीं है. राज ने अनिका से कहा।
लेकिन अनिका की आंखों में हल्की बेचैनी थी।
दोनों मंडप सज चुके थे...
शादी की रस्में शुरू होने वाली थीं...
जैसे ही दोनों दूल्हे मंडप की ओर बढ़े, पंडितों ने मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए। पूरा माहौल सुगंधित धूप, फूलों की खुशबू और मंत्रों की गूंज से पवित्र हो उठा।
दूल्हों ने अपने-अपने मंडप में बैठने से पहले एक-दूसरे की ओर देखा — बिना शब्दों के कुछ बहुत बड़ा तय हो रहा था। सेहरे की ओट में उनकी आंखों में एक अलग ही गंभीरता थी, जैसे कोई राज़ छुपा हो।
राजेश और अनिका दोनों अपने-अपने बेटों की ओर देख रहे थे, लेकिन मन में कहीं हल्का सा शक था।
तभी पंडित ने कहा,
“कन्याओं को बुलाइए।”
पंडित की आवाज़ के साथ ही सबकी नज़र महल के बड़े दरवाज़े की ओर गई, जहां से दोनों दुल्हनें अंदर आने वाली थीं।
धीमे-धीमे दो दुल्हनें अंदर आईं — चेहरा घूंघट से ढका हुआ, भारी कढ़ाई वाले लहंगे
दोनों लड़कियों ने बिल्कुल एक जैसे लहंगे पहने थे — रॉयल रेड और गोल्डन का मेल, ज़रदोज़ी वर्क से सजा हुआ, भारी दुपट्टा सिर पर मोतियों की किनारी के साथ। उनकी चाल, यहां तक कि उनकी ज्वेलरी तक एक जैसी थी।
ये क्या राज अब इन्होंने क्यू घूंघट कर रखा है।
ये हमारे घर का रिवाज है बहन जी कहते हुए एक बुड्ढी सी औरत अनिका के पास आई ", ये है सुमित्रा जी
दोनो ब्राइड्स अव्या और रीधा की केयर टेकर बचपन से इन्होंने ही इन्हे पाला है इनके माता पिता नही है । (क्यूं नही जानेंगे आगे)
दोनो दुल्हने मंडप में आ गई
अव्वया लेफ्ट वाले मंडम में बैठी जहां रेवान था और रिद्ध राइट वाले रेनांश के साइड
पंडित जी ने मंत्र पढ़ना शुरू किया।
अब दोनो जोड़े फेरों के लिए खड़े हो जाइए पंडित जी ने मंत्र पढ़ ते हुए कहा।
दोनो जोड़े फेरों के लिए खड़े होते हैं लेकिन आव्य अपनी जगह से हिल ही नही रहती
तभी रेवन ने उसे अपना हाथ दिया जिसे देखने के बाद आव्या ने धीरे से अपना हात रेवण के हाथों में रखा।
पंडित जी ने मंत्रों का जाप जारी रखा, और दूल्हे और दुल्हन के बीच फेरों की रस्में शुरू हो गईं। लेकिन जैसे ही पहले फेरे के लिए कदम बढ़े, आव्या बोहोत धीरे धीरे चाल रही थी वो अचानक से रुक गई जिसे देख सभी
हैरानी से उसकी और देखने लगे आव्या को रुकता देख रेवान ने उसके पास आते हुए कान में कुछ कहा जिसे सुनने के बाद आव्या आगे बड़ी पर वो लड़खड़ा रही थी
पंडित जी: "अब सिन्दूर की रस्म है वधु और वर नीचे बैठ जाइए।
बारी बारी रेवानश और revan ने सिंदूर और मंगलसूत्र पहनाया।
अब शादी संपन्न हुई आज से आप पति पत्नी हुए अपने बड़ों का आशीर्वाद ली जिए।
गन फायरिंग से पूरा माहौल गूंज उठा सारे बॉडीगार्ड आसमान में फायरिंग करने लगे।
अब फाइनली में सास बन गई अनिका ने खुशी से उछल ते हुए राज से कहा।
हा बाबा आराम से राज ने कहा ।
अब बिदाई की बारी ", सुमित्रा ने कहा।
और दोनो ब्राइड्स की और आई उसने रिद्धा को गले से लगाया और कहा ", रिद्दा मुझे पता है तुम सब संभाल लोगी अपनी छोटी बहन का ख्याल रखना ये कहते हुए उन्होंने रीधा का माता चूम लिया।
बिदाई की रस्म शुरू हो चुकी थी। पूरे महल में ढोल-नगाड़ों की गूंज के साथ साथ कुछ आंखें नम भी थीं।
रीद्धा की आँखों में आँसू थे, लेकिन उनमें एक ठहराव था, जैसे उसने खुद से कोई वादा कर लिया हो। जबकि अव्या का चेहरा अब भी घूंघट में छुपा हुआ था, लेकिन उसकी उंगलियां काँप रही थीं। कुछ तो था जो उसे बेचैन कर रहा था।
राठौर पैलेस।
दोनो जोड़े बाहर मेन डोर पर खड़े थे।
अनिका ने उनकी आरती उतारी और फिर चावल के कलश को गिरने के लिए कहा।
दोनो दुल्हनों ने बारी बारी कलश को गिरया और अंदर आ गई और उन्ही के साथ दोनो दूल्हे भी।
जिसे ही उन्होंने अंदर कदम रखा उन पर फूलों की बरसात होने लगी।
अच्छा चलो अब तुम दोनो अपना सेहरा हटाओ में कब से तुम्हे देखने के लिए परेशान हूं अनिका ने रेवान का सेहरा हटाते हुए कहा। लेकिन जैसे ही सेहरा हटा सभी की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई वहां रेवान की जाग रेवंश खड़ा था
", ये क्या तुम..,,तुम यहां तो ये,,, कहते हुए अनिकाने दूसरा सेहरा हटाया जहां रेवान था।
ये क्या है तुम ,, तुम एक दूसरे की जगह क्यू खड़े हो।
रेवांश तुमने आव्या से शादी करली ये क्या हो रहा है अनिका अपना माथा पकड़ते हुए नीचे बैठ गई
राजेश का चेहरा गुस्से से लाल हो चुका था।
वो तेज़ी से रेवांश के पास आया और उसका कॉलर पकड़ते हुए चीखा —
"ये क्या मज़ाक चल रहा है? तुम रिद्धा से शादी करने वाले थे न? तो अव्या के साथ क्या कर रहे हो!"
रेवांश ने राजेश का हाथ अपने कॉलर से हटाया वो शांत था लेकिन ये शांति तूफान के पहली वाली शांति थी।
हा में रीधा से शादी करने वाला था लेकिन मुझे अब ये नही पसंद वो मेरे टाइप की नही है ", रेवांश ने शांति से कहा
अनिका चीख पड़ी —
"रेवांश! तुम्हें अंदाज़ा भी है तुम क्या कह रहे हो?" तुम दोनो पूरे पांच सालों से साथ हो।
हा लेकिन रेवाँश अभी बोल ही रहा था की रीधा अपना लहंगा संभाले उसके सामने आ खड़ी हुई उसकी आंखो मे आसूं थे।
वो उसके पास आई और उनके कोलर को पकड़ते हुए बोली ", क्या बोल रहे हो रेवांश में तुम्हारी टाइप की नही हु बोलो क्या करूं बोलो में सब करूंगी तुम बोलो तो सही में खुद को पूरा बदल लूंगी रेवांश 🥺🥺 ये कहते हुए रेवांश के पैरों में गिर पड़ी। प्लीज डोंट लीव मी रेवांश i love you वो बिलख कर रोने लगी।
रेवांश ने उसे देखा उसकी आंखो मे उसके लिए कोई इमोशन नही थे वो एक दम शांत था।
तभी अव्व्य आगे आई और उसने रीधा को रेवांश से दूर करते हुए कहा।
", दी क्या कर रहे हो आप को समझ नही आता रेवांश बोल तो रहे हैं वो आपको पसंद नही करते दूर रहो ना उसने तेज आवाज में कहा और तेज़ी से धक्का दे दिया जिससे वो नीचे गिर पड़ी।
अनिका चीख पड़ी—
"अव्या! क्या कर रही हो तुम? ये तरीका होता है किसी से बात करने का?"
आवाज नीचे मॉम मेरी वाइफ है वो " रेवांश ने तेज आवाज में कहा।
रेवाश तमीज से मेरी बीवी है", राजेश ने घुस्से तेज गरजते हुए कहा।
दोनो बाप बेटे एक दूसरे को जानलेवा नजरों से देख रहे थे मानो अगर आंखो से ही एक दूसरे को खतम कर देंगे।
आप दोनो क्या कर रहे हैं ये घर हैं कोई लड़ाई का मैदान नही ", रेवांन जो अब तक शांत था वो चीख पड़ा।
तुम ये बात अपने भाई को समझाओ तो बेहतर रहेगा राजेश ने रेवांश को घुस्से देखा और फिर अनिका का हाथ पकड़ कर ऊपर कमरे की और ले गया।
हाल में अब बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था की तभी अव्य रेवांश के पास आई और उसके चेहरे पर हाथ रखते हुए कहती है ", रेवान बेबी मुझे नींद आ रही है उपर चालों न क्या अब पूरी रात इस का रोना सुनना है।
वो कहने को तो कह रहती लेकिन उसके आंखो मे भी आसूं चमक रहे थे।
हा वाइफि क्यू नही उसने अव्व्य के हाथ चूम लिए उसे अपने बाहों में उठा कर ऊपर की और चल पड़ा उसकी आंखे सामने थी और अव्य की आंखे रीधा पर जो नीचे फ्लोर पर बैठी सिसक रही थी।
क्या अब तुम ये रोना बंद कर सकती हो सभी चले गए है यहां कोई नहीं है रेवान ने अपने पॉकेट में हाथ डालते हुए ठंडे लहजे में कहा।
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वही दूसरी और रेवांश का रूम
जेसे ही रिवाश ने रूम में कदम रखा अव्य को बेड पर रखने की जगह उसे नीचे फ्लोर पर पटक दिया जेसे ही अव्य नीचे गिरी
उसका सिर पलंग के कोने से टकरा जाता है।ahhhh वो कराहती है, लेकिन आवाज़ नहीं करती। बस ज़मीन पर बैठी, अपनी शादी की चूड़ियों को देखती रह जाती है।
रेवांश उसकी ओर देखता भी नहीं। वो अपने जैकेट के बटन खोलते हुए वाशरूम में चला जाता हे ।
जेसे उसे अव्य के तकलीफ में होने से कोई फर्क नहीं पड़ता।
वही अव्य धीरे धीरे सिसक रही थी उसकी कमर और सर मे बोहोत दर्द हो रहा था ", मॉम सब मुझे ही क्यू हर्ट करते हैं इतना कहते हुए बिलख कर रोने लगी
तभी रेवांस ने उसके बाल तेज़ी से पकड़ ते हुए खड़ा किया
उसकी आंखों में आव्या के लिए नफरत साफ साफ देखी जा सकती थी।
आहह रेवांश आप ,,, आ क्या कर रहे हे छोड़िए दर्द हो रहा है आव्या ने रोते हुए कहा उसे बोहोत दर्द हो रहा था
रेवांश ने उसे ज़ोर से पास खींचा, उसके चेहरे के बेहद पास आकर बर्फ जैसी ठंडी आवाज़ में फुसफुसाया—
क्या तुम ये सोच रही हो की में तुमसे प्यार करता हु इसलिए तुमसे मेने शादी की हा अगर तुम ये सोच रही हो तो ये तुम भूल कर रही हो मुझे तुमसे कोई प्यार नही i hate you मुझे नफरत हैं तुमसे समझी ये कहते हुए रेवांश ने उसे दूर झटक दिया।
तो फिर क्यूं,,, क्यों की मुझसे शादी क्यों रीधा को छोड़ दिया क्यू मुझे ब्लैक मेल किया बोलिए ",अव्या काँप रही थी। उसकी हालत देख कर रेवांश के होंठों पर हल्की मुस्कान आ गई...
वो मुस्कुराते हुए उसके पास आया ", छोड़ो शादी से याद आया आज हमारी फर्स्ट नाइट है बीवी क्या सोचती हो उसने अव्वय को वॉल के अगेंस्ट चिपका दिया वो अवया के बोहोत करीब था इतना की दोनो की सांसे आपस में टकरा रही थी
अव्या (काँपती हुई):
"रेवांश... प्लीज़... मत कीजिए ऐसा... मुझे डर लग रहा है..."प्लीज आप,,,
वो इसे आगे कुछ कहती की उसे कुछ फटने की आवाज आई ये उसका ब्लाउज था जो रेवंश ने फ़ाड़ दिया था।
रेवांश प्लीज ऐसा मत करो ", अव्य ने खुद को वॉल से पूरा चिपकाते हुए कहा उसकी बॉडी पूरी कांप रही आंखो से आसूं है की रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
तुम इतना घबरा क्यू रही हो ये कहते हुए रेवानांश ने उसे अपने बाहों में उठा लिया और बेड पर लाकर पटक दिया।
बेड पर गिरते ही अव्य दो से तीन बार बाउंस हुई वो धीरे धीरे पीछे होने लगी ",
रेवांश उस का डर उसके आसूं और उसका कांप न देख रहा था। वो पीछे पलट गया और सीधे बहार की और चला गया
जैसे ही रेवांश बाहर की ओर बढ़ता है, अव्या बिस्तर पर बैठी कांप रही होती है। उसकी आँखों में दर्द और नफरत की भावना भी साफ झलक रही है, लेकिन वह कुछ बोलने की हालत में नहीं है। उसकी आँखों से बहते आंसू जैसे उसे और कमजोर कर रहे थे।
वहीं रेवांश घुस्से से रूम से निकल कर बाहर आया और कार में बैठ कर निकल गया उसने ड्राइवर को भी अपने साथ आने से मना कर दिया उसकी आंखों में आग उगल रही थी
रेवंश कार ड्राइविंग कर रहा था। उसकी आंखों में गुस्से की एक अलग ही आग जल रही थी।
रेवंश की कार हाईवे पर बिजली की रफ्तार से दौड़ रही थी। आसमान में बादल घिर चुके थे, और हवा में हल्की सी सर्दी घुल गई थी, लेकिन उसके भीतर जो तूफान चल रहा था, वो किसी मौसम से शांत नहीं होने वाला था।
उसके फोन पर बार-बार कॉल आ रहा था — revan calling..." — मगर उसने स्क्रीन देखी तक नहीं फोन उठाकर बैक सीट पर फेंक दिया
कुछ ही देर में उसकी कार सुनसान जंगल से पार होते हुए एक विला के सामने आ रुकी
विला के बहार कड़ी सिक्योरिटी थी
रेवांश विला में एंटर करते ही ऊपर के कमरे में जाता है
वो कमरा काफी डार्क था बस हल्की नीली रोशनी आ रही थी
दीवारों पर हल्के ग्रे रंग का पेंट था, जो माहौल को ठंडा और गंभीर बना रहा था। एक तरफ बड़ी सी खिड़की थी, जिससे हल्की रोशनी और ठंडी हवा अंदर आ रही थी।
कमरे के बीच में एक काले रंग का रॉयल सोफा था, और उसके सामने एक कांच की टेबल जिस पर आधा खाली कॉफी कप रखा था — जैसे कोई अभी-अभी यहाँ से उठा हो।
रेवांश अपने शर्ट के बटन को खोलता है और कमरे से अटैच स्विमिग पुल की और आता है वो इस वक्त शर्टल्स था उसके बैक पर फीनिक्स का टेटू था
आग से फिर जन्म लेने वाला पक्षी। उसके पंख आधे जलते हुए और आधे फैलते हुए थे, जैसे वो राख से उठकर फिर उड़ान भरने को तैयार हो।
रेवांश अपनी पानी में पढ़ रही अपनी परछाई को देख रहा था की तभी किसी ने उसे पीछे से गले लगा लिया। वो एक लड़की थी।
तुम इतनी देर से कहां थी समायरा रेवांश ने उसे आगे करते हुए कहा। उम्म वो में तो बस ,, वो उसके आगे कुछ कहती रेवंश ने उसे अपनी बाहों में उठा लिया
और अंदर रूम की और ले आया जहां समायरा की आंखे रेवंश पर थी वही रेवांश सिर्फ सामने देख रहा था उसने धीरे उसे बेड पर लेटाया ", फिर से एक बार सोच लो ", रेवांश ने बेड पर आते हुए कहा।
मेने सोच लिया ", समायरा ने ये कहते अपना हुए टॉप निकल फेका इस इस वक्त वो ब्रा और शॉर्ट में थी ।
रेवंश उसके उपर आ गया दोनो के चेहरे बोहोत नजदीक थे दोनो के होंठ आपस में टकरा रहे थे ।
रेवंश ने एक बार समायरा को देख जो उसे ही देख रही थी
रेवांश ने समायरा के ब्यूटी बोन पर किस करते हुए उसकी ब्रा उससे अलग की और उसे चूमने लगा उसका एक हाथ उसके ब्रेस्ट को प्रेस कर रहा था
और दूसरा हाथ पूरी तरह से समायरा के बॉडी को एक्सप्लोर कर रह था कुछ ही देर में उस पूरी हेवली में समायरा की सिसकियां गूंज रही थी।
समायरा की आंखो में आसूं थे लेकिन उसने रेवांश को रुकने के लिए नही कहा समय के साथ रेवंश अपनी रफ्तार बड़ा रहा था।
और ऐसे ही ये सिलसिला कुछ घंटो और चला रेवांश समायरा से अलग हुआ उसने समायरा को देखा उसकी आंखे बंद थी लेकिन आंखो से कुछ आसुओं की बूंद चमक रही थी उसने उसको ब्लैंकेट से कवर किया और उस रूम से बाहर चला गया।
उसके जाते ही समायरा ने आंखे खोली
फिर धीरे से उठकर वो ब्लैंकेट को सीने से लपेटती है और वॉशरूम की ओर चली जाती है। आइने के सामने खड़ी होकर उसने खुद को देखा… और फिर एक धीमी लेकिन कड़वी मुस्कान उसके होंठों पर आई।
और खुद के बॉडी पर रेवंश के दिए निशाने को देखते हुए कहा ", अगर में तुम्हारा दर्द एसे काम कर सकती हूं वंश तो मुझे तुमसे मिला हर दर्द मंजूर है ये कहते हुए उसकी आंखो से एक बूंद गाल पर आ लुढ़की
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