सदियों से पुराने बरगद के पेड़ के नीचे जो ढाबा था । उस ढाबे पर भोलू नाम का कुत्ता रहता था, जो अपने जीवन के अकेलेपन से बहुत दुखी रहता था, ऐसा नहीं था कि ढाबे का मलिक और ढाबे के नौकर उसका पूरा ध्यान नहीं रखते थे, बल्कि वह सब तो उसका खाने-पीने का ध्यान रखने के अलावा उससे बहुत प्यार भी करते थे।
भोलू कुत्ता तो इसलिए दुखी रहता था, क्योंकि उस हाईवे रोड़ के पास बने ढाबे पर इंसानों के अलावा उसे कोई जानवर तो दूर पंछी भी दिखाई नहीं देता था, क्योंकि उस ढाबे के आसपास खेत जंगल पेड़ पौधों कि जगह खुला मैदान था, और सिर्फ एक पुराना बरगद का पेड़ था जिसके नीचे ढाबा बना हुआ था, खेत जंगल दुसरा ढाबा भी था, किंतु वह कुछ किलोमीटर कि दूरी पर था।
जब भोलू कुत्ता दूर दौड़ कर खेतों जंगल में दुसरे जानवरों से मिलने जाता था, तो फसल को नुकसान पहुंचा रहे दुसरे जानवर नीलगाय बारहसिंगा आदि उससे डर कर दूर भाग जाते थे, क्योंकि भूरे रंग का भोलू कुत्ता कद काठी से चीते शेर जैसा दिखता था, लेकिन भोलू कुत्ता शरीर से जितना मजबूत था, दिल से उतना ही कोमल था और जब वह आगे वाले कालु कुत्ते के ढाबे पर जाता था तो कालु कुत्ता अपने साथी कुत्तों के साथ मिलकर भोलू कुत्ते को वहां से पीट पीटकर भगा देता था, दुसरा जब वह कुछ घंटों के लिए अपने ढाबे से गायब हो जाता था तो ढाबे का मलिक ढाबे पर बर्तन धोने वाले नौकर भगतराम को उसे ढूंढने जरूर भेजता था, क्योंकि ढाबे के आसपास सन्नाटा रहने के कारण ढाबे पर चोरी का बहुत डर रहता था और हटे कटे भोलू कुत्ते को देखकर चोर दूर से ही भाग जाते थे लेकिन जब ढाबे का नौकर भोलू कुत्ते को ढूंढते ढूंढते तंग आ जाता था और बहुत मुश्किलों से ढूंढने के बाद जब उसे भोलू कुत्ता मिलता था तो वह ढाबे का नौकर भगत राम भोलू कुत्ते को पीटता हुआ ढाबे पर लाता था, इस वजह से भोलू कुत्ता उसे देखते ही भयभीत हो जाता था इन हालातो की वजह से भोलू कुत्ते का दिन-ब-दिन अकेलापन बढ़ता ही जा रहा था।
और एक रात भोलू कुत्ता अपना पेट भरकर हाईवे रोड़ के किनारे बैठकर आती-जाती गाड़ी मोटरों को देख रहा था तो उसे तभी एक महंगी गाड़ी में एक खूबसूरत बड़े-बड़े बालों वाली सफेद रंग कि कुत्तियां गाड़ी की खिड़की से झांकते हुए दिखाई देती है। गाड़ी को उस कुत्तिया की मालकिन चला (ड्राईव) रही थी।
जब तक भोलू कुत्ता उस खूबसूरत कुत्तिया को ठीक से देख पाता वह गाड़ी उसकी आंखों से तेज स्पीड से ओझल हो जाती है।
उस रात वहां से खूबसूरत कुत्तिया को जाता देख भोलू कुत्ते को बहुत सुकून महसूस होता है, उस रात के बाद से उसे नींद में भी उसी कुतिया के सपने दिखाई देने लगते हैं।
और उस रात के बाद से भोलू कुत्ता रोज खाना खाकर या इधर-उधर अकेले खेल कूद कर हाईवे रोड़ के पास बैठकर उस कुतिया का दुबारा मिलने का इंतजार करने लगा था।
ऐसे ही एक रात भोलू कुत्ता उस खूबसूरत कुत्तिया को दोबारा देखने का इंतजार कर रहा था, तभी एक महंगी कार का गन्ने से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली से एक्सीडेंट हो जाता है। उस एक्सीडेंट के बाद हाईवे रोड़ पर जाम लग जाता है और कुछ लोग पुलिस के आने से पहले गाड़ी चला रही महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए निकल जाते हैं, क्योंकि वह महिला ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ भीडनत में गंभीर रूप से घायल हो गई थी।
कुछ देर बाद पुलिस वहां आ कर गन्ने से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली वाले ड्राईवर को गिरफ्तार करके थाने ले जाती है। ढाबे पर इंसानों की ज्यादा भीड़ भाड़ होने की वजह से भोलू कुत्ता ढाबे से थोड़ा दूर जाकर कांटेदार झाड़ियां के पास जाकर बैठ जाता है, तभी उसे कांटेदार झाड़ियो के पास छोटे से सुखे गड्ढे से किसी जानवर के करहाने की आवाज सुनाई देती है।
रात के अंधेरे में भोलू कुत्ता पहले तो डरकार भौंकने लगता फिर हिम्मत करके सूखे गड्ढे में झांक कर देखता है तो उसी ख़ूबसूरत घने बालों वाली सफेद रंग की कुत्तिया को देखकर खुशी से पागल हो जाता है जो रात दिन उसके सपने में आती थी, परंतु वह कुत्तिया भोलू को देखकर दर्द से कराहना छोड़कर भोलू की तरफ देखकर भोंकने लगती है।
तब भोलू उस कुत्तिया से बहुत प्यार से कहता है “आप मुझसे डरो नहीं मैं आपको नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा।”
“ठीक है मैं आपकी बात मान लेती हूं, लेकिन पहले मुझे इस गड्ढें से बाहर निकालो।” खूबसूरत कुत्तिया कहती है
और गड्ढे से बाहर निकलते ही कुत्तिया अपना दुख दर्द भूल कर अपनी मालकिन को ढूंढने लगती हैं तब भोलू पूछता है? “जिस गाड़ी का अभी एक्सीडेंट हुआ था, आप उसी के अंदर बैठी हुए थी।”
“हां मैं और मेरी मालकिन अपने घर जा रहे थे, तभी न जाने कहां से गन्ने से भरा ट्रैक्टर हमारी गाड़ी के आगे आ गया था, उसके बाद का मुझे कुछ भी याद नहीं है लेकिन अब ना तो मुझे दूर तक अपनी मालकिन दिखाई दे रही है और ना ही अपनी गाड़ी।” खूबसूरत कुतिया बोलती है?
“आपकी गाड़ी को पुलिस वाले ले गए हैं और आपकी मालकिन को बहुत से इंसानों ने शहर के अस्पताल में पहुंचा दिया है।” भोलू कुत्ता बताता है
यह है सुनकर खूबसूरत कुत्तिया रोने लगती है और रोते-रोते कहती है “इस अनजान ढाबे से में शहर पहुंच कर अपनी मालकिन को कहां और कैसे ढूढ़ूंगी।”
“रोना बंद करो मैं तुम्हें तुम्हारी मालकिन के पास शहर के अस्पताल तक पहुंचा दुंगा।”भोलू कुत्ता बोला
“सच में तुम ऐसा कर दोगे तो यह परी तुम्हारा जीवन भर एहसान मनेगी।” खूबसूरत कुत्तिया कहती है
“यह परी कौन है।” भोलू कुत्ता पूछता है?
“मूर्ख बुद्धू परी मेरा नाम है बड़े-बड़े शहरों में ऐसे ही बात करते हैं।” खूबसूरत कुत्तिया बोली
“आपका बहुत प्यारा नाम है और मेरा नाम भोलू है आज से परी जी भोलू आपका दोस्त हैं और यह भोलू ही आपको आपकी मालकिन तक पहुंचाएंगा।” भोलू कुत्ता बोला
“मुझे तुम्हारी बातों से पूरा यकीन हो गया है कि तुम मुझे मेरी मालकिन से मिलवा दोगे लेकिन यहां से चलने से पहले मुझे पेट भर खाना खिला दो भोलू दोस्त।” परी कुत्तिया बोली
“बस इतनी सी बात मैं अभी तुम्हारे लिए खाना लेकर आता हूं, तुम ढाबे के पास जो पानी का हेड पंप लगा हुआ है, वहां जाकर बैठ जाओ।” भोलू बोला
ढाबे के सामने एक्सीडेंट होने की वजह से ढाबे पर एक दो ग्राहक ही बैठकर खाना खा रहे थे और भोलू अपने हिस्से का खाना ढाबे के नौकर भगत राम से लेकर खा चुका था, और उसे ढाबे पर खाना खा रहे ग्राहकों के खाने की टेबल के नीचे से नाम मात्र खाना मिलता है। इस वजह से वह भूख से तड़प रही परी को कालू कुत्ते के बड़े ढाबे पर खाना खिलाने ले जाने कि सोचता है, यह जानते हुए की कालू कुत्ता उसका सबसे बड़ा दुश्मन है और अगर ढाबे के नौकर भगत राम ने उसे परी के साथ ढाबे से भगता हुआ देख लिया तो परी के समाने ही उसे पीटना शुरू कर देगा।
और जब उसे कालू कुत्ता अपने ढाबे पर नहीं मिलता है क्योंकि उस समय कालू कुत्ता अपने साथी कुत्तों के साथ जंगल में शिकार खेलने गया हुआ था, तो इसलिए खाली ढाबा देखकर भोलू खुद भी स्वादिष्ट भोजन स्वाद लेकर खाने लगता है और परी कुत्तिया को भी पेट भरकर खाना खिलाता है, किंतु दोनों के पेट भर के खाना खाकर वहां से निकलने से पहले ही वहां कालू कुत्ता अपने साथियों के साथ पहुंच जाता है और भोलू पर हमला कर देता है।
भोलू को जब कालू कुत्ता और उसके साथी कुत्ते बुरी तरह पीटते हैं तो परी दोनों के झगड़े को शांत करने की कोशिश करने लगती है तब कालू कुत्ते की खूबसूरत घने बालों वाली परी कुत्तिया पर नजर पड़ती है, तो इस वजह से कालू भोलू से झगड़ना छोड़कर परी से पूछता है? “तुम इस भोलू कुत्ते को कहां से मिल गई हो।” तब परी अपनी आप बीती कालू कुत्ते को बताती है तो कालू कुत्ता उसकी सारी बात सुनकर कहता है “शहर तक पहुंचाना इतना आसान नहीं है, क्योंकि शहर जाने के लिए तुम जिस जंगल को पर करोगे वहां बहुत ही खतरनाक नशेड़ी आवारा भेड़िया और गैड़ा रहते हैं, वह दोनों किसी भी हालत में तुम्हें जीवित नहीं छोड़ेंगे और हां अगर तुम दोनों उनसे बच गए तो भी अपनी जान गवा दोगे क्योंकि उस जंगल में एक से एक अजीबो गरीब जानवर रहते हैं, वह तुम्हें इतनी आसानी से अपने जंगल को पार करके शहर नहीं पहुंचने देंगे।”
“तो फिर कालू जी हम क्या करें।” परी कुत्तिया पूछती है?
कालू कुत्ता कुछ सोच समझ कर कहता है “परी जी मैं भी तुम्हारे साथ शहर चलता लेकिन क्या करूं क्योंकि भेड़िया और गेंडा मेरे पक्के दुश्मन है, वह मुझे देखते ही जान से मार देंगे चालों मैं जंगल को पार करने का तुम्हें एक अच्छा सुरक्षित रास्ता बताता हूं।”
“जल्दी बताओ कालू जी वह सुरक्षित जंगल का रास्ता किधर से गुजरता है।” भोलू पूछता है
“तरीका बताने से पहले मैं तेरे गले लग कर तेरे से दोस्ती करना चाहता हूं, क्योंकि मैं समझता था तू उस ढाबे का अकेला मलिक होने की वजह से घमंडी और मतलबी हो गया है, लेकिन दुखी परी जी के मदद करने की वजह से मेरी यह गलत फहमी है दूर हो गई है।” कालू कुत्ता बोला
और फिर कालू कुत्ता भोलू और परी को जंगल का सुरक्षित रास्ता बताता है जहां जंगल के जंगली जानवर कम मिलते थे।
और फिर भोलू परी कालू कुत्ते के बताएं रास्ते पर निकल पड़ते हैं लेकिन कालू कुत्ता भोलू से पहले से ज्यादा नफरत करने लगा था क्योंकि भोलू कुत्ते ने घने बाल वाली खूबसूरत परी कुत्तिया से मित्रता कर ली थी और वह उसके हिसाब से परी कुतिया के साथ शहर मौज मस्ती करने जा रहा था, इस वजह से कालू कुत्ते ने दोनों को जंगल के सबसे खतरनाक रास्ते पर भेज दिया था, जहां पहुंचते ही उन दोनों को खूंखार मांसाहारी जानवर खा जाए।
और जब दोनों सुनसान अंधियारी रात में जंगल के अंदर घुसते हैं, तो उनके पीछे पत्तों की सरसराहट होने लगती है जैसे कोई दबे पांव उनके पीछे-पीछे आ रहा हो और जब भोलू परी चीकू के पेड़ के पीछे छिपकर देखते हैं की कौन हमारा पीछा कर रहा है तो यह देखकर घबराहट डर के बाद वह अपनी हंसी नहीं रोक पाते हैं।
क्योंकि एक अधेड़ आयु का गधा पेड़ों कोटेदार झंडियों से टकराकर और उन में फंसकर उनकी तरफ आते आते पहाड़ी पत्थरों से टकराकर लुढ़कता पुढ़कता उनसे दूसरी दिशा में जाने लगा था और जब परी कुत्तिया अपनी हंसी नहीं रोक पाती है और जोर-जोर से हंसने लगती है तो वह गधा परी कुत्तिया को चुड़ैल समझ कर चूड़ैल चुड़ैल चिल्लाकर वहां से सरपट भागने लगता है। तब परी कुत्तिया पीछे से आवाज लगाकर जोर से चिल्ला कर कहती है “मैं चुड़ैल नहीं हूं, बल्कि जीवित जानवर हूं।”
यह सुनकर वह अधेड़ आयु का गधा दौड़ते दौड़ते रुक जाता और भोलू कुत्ते परी से दूर खड़ा होकर पूछता है? “तुम अपने को जीवित जानवर बता रही हो लेकिन मैंने तुम्हारी आवाज पहली बार अपने जंगल में सुनी है, इस वजह से मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि तुम जीवित हो इसलिए कोई प्रमाण दो कि तुम जीवित हो।”
और जब परी की जगह अधेड़ आयु के गधे की बात का जवाब भोलू कुत्ता देता है तो गधा यह कहकर की आवाज बदल बदल कर बोल रही है तू पक्का चुड़ैल है वहां से भागने लगता है लेकिन वह भागने की कोशिश में बहुत बड़े पेड़ से टकराकर बुरी तरह घायल हो जाता है।
तब परी कुत्तिया और भोलू कुत्ता उसकी मदद के लिए दौड़ते हैं लेकिन जैसे ही वह गधे की मदद करते हैं तो घायल गधा उनको दुलती मारना शुरू कर देता है और परी भोलू कि जगह बड़े से पहाड़ी पत्थर में जबरदस्त दुलती मार देता इस वजह से वह और बुरी तरह घायल होकर जमीन पर गिर जाता है।
तब परी भोलू उसकी टांगें दबा दबाकर और अलग-अलग तरीकों से उसे दुबारा तन्दरूस्त करते हैं अपना इलाज करवाते करवाते गधा परी कुत्तिया और भोलू कुत्ता से उनके विषय में पूरी जानकारी लेता रहता है और जब उसे पूरी तरह यकीन हो जाता है कि यह दोनों जीवित है और भोलू खूबसूरत घने बाल वाली परी को उसकी घायल मालकिन के पास शहर के अस्पताल में पहुंचाने जा रहा है, तब अधेड़ आयु का गधा कहता है “तुम दोनों ने मेरी सेवा करके मेरा दिल जीत लिया है, इसलिए मैं तुम्हें इस बियाबान जंगल से सुरक्षित बाहर निकालुगा वैसे भी बिना किसी की मदद के इस जंगल को पार करना तुम्हारे लिए असंभव है, क्योंकि इस जंगल में अजीबोगरीब शाकाहारी मांसाहारी खूंखार जानवरों के साथ भूत प्रेत भी रहते हैं, इसलिए मेरी मदद के बिना तूम दोनों कभी भी इस जंगल को पार नहीं कर सकते हो।”
“तो जल्दी से जल्दी आप हमें इस जंगल से बाहर निकाले।” परी कुत्तिया कहती है
मैं अपनी पीठ पर तुम दोनों को बिठाकर इस जंगल से बाहर निकाल दूंगा लेकिन एक समस्या है यह कह कर गधा चुप हो जाता है।
तब भोलू बोलता है कैसी भी समस्या हो मैं उसे हल करने की पूरी कोशिश करूंगा।”
“समस्या बड़ी विकट है बेटा।” गधा बोलता है
“आप हमें समस्या बताएं अगर आपको अपनी पीठ पर हमें बिठाने में कोई दिक्कत है, तो हम पैदल पैदल आपके साथ इस बियाबान जंगल को पार कर लेंगे।” परी कुतिया ने कहा
पीठ पर तुम दोनों को बिठाकर जंगल पार करवाने में कोई समस्या नहीं है, क्योंकि मैं गधा हूं, मुझे बोझ उठाने की आदत है, समस्या तो यह है कि मुझे रात को कम दिखाई देता है और कम सुनाई देता है, इसलिए तुम दोनों को लगातार मुझे बताते रहना होगा कि सामने कोई कांटेदार झड़ी पहाड़ी पत्थर पेड़ या गहरा गड्ढा तो नहीं।” गधा बोलता है
“बस इतनी सी बात गधे अंकल हम दोनों आपको पूरे रास्ते बताते रहेंगे कि आप सही चल रहे हो या गलत।” परी कुत्तिया कहती हैं
गधा खुश होकर बोलता है “तो फिर देर किस बात की कुद कर बैठ जाओ मेरी पीठ पर।”
किन्तु गधे को सीधे रास्ते पर चलाना परी कुत्तिया और भोलू कुत्ते के लिए इतना आसान नहीं था, क्योंकि जब वह गधे को दस ग्यारह बार चिल्ला चिल्ला कर बताते थे कि सामने कांटेदार झड़ी या कोई पेड़ पत्थर है तो तब रात को कम सुनने कम देखने वाला गधा सुनता था, कभी-कभी तो वह दोनों चिल्लाते रहते थे और गधा पेड़ या झाड़ी से टकरा जाता था और गधा उनको तेज तेज चिल्लाने से भी मना कर रहा था की कही उनका शोर सुनकर कोई जानवर ना जाए।
और जब गधा परी भोलू से गुस्सा करते हुए कहता है “तुम दोनों मूर्ख शोर मचा मचा कर अपनी जान तो खतरे में डालोगे ही साथ में मेरी जान भी खतरे में डाल दोगे।” तो उन दोनों के कम आवाज में गधे को सही रास्ता बताने की वजह से गधा उनकी आवाज ठीक से सुन नहीं पता है और गहरे गड्ढे में धड़ाम से गिर जाता है।
उसके गड्ढे में गिरने से पहले ही परी और भोलू कुत्ता उसकी पीठ से कूद जाते हैं गधा जिस गड्ढे में गिरा था उस गड्ढे में नुकीले पहाड़ी पत्थरों के साथ कांटेदार सुखी झाड़ियां भी पड़ी हुई थी। गहरे गड्ढे में गिरते ही भोलू कुत्ते परी कुत्तिया का शोर मचाने से मना करने वाला गधा खुद ही जोर-जोर से चिल्ला चिल्ला कर रोने लगता है और रोते-रोते कहता है “मुझे किसी तरह इस गड्ढे से बाहर निकालो वरना मेरे प्राण शरीर से निकल जाएंगे
गधे के जंगल से अनजान भोलू कुत्ते परी कुतिया को जब गधे को गहरे गड्ढे से बाहर निकलने का कोई रास्ता समझ नहीं आता है तो वह गधे से ही पूछते हैं कि “तुम ही बताओ अंकल हम इस अनजान जंगल में किस की मदद से तुम्हें गहरे गड्ढे से बाहर निकाले।”
“तुम दोनों इसी समय नदी के किनारे जाओ वहां तुम्हें मेरा मित्र हाथी मिलेगा वही मुझे इस गहरे गड्ढे से बाहर निकल सकता है और एक बात कान खोल कर सुन लो मेरे मित्र हाथी से मदद मांगना किसी दूसरे हाथी से मदद नहीं मांगना वरना कोई दूसरा हाथी रात को नींद खराब करने के जुर्म में तुम्हारी जान भी ले सकता है, क्योंकि इस जंगल में सारे जानवर अजीबो गरीब और अपनी मस्ती में मस्त रहने वाले हैं।” गधा उनको बताता है
“लेकिन हम आपके मित्र हाथी को पहचानेंगे कैसे।” परी कुतिया पूछती है?
“उसे पहचाना बहुत ही आसान है, क्योंकि वह जंगल के सारे जानवरों में सबसे ज्यादा कामचोर आलसी है सारे हाथी सुबह या दोपहर को नदी पर नहाने जाते हैं और वह सूरज ढलने के बाद नदी पर नहाने जाता है और पूरे दिन सोता रहता है, नदी पर नहाने के बाद भी वह नदी के किनारे नींद की एक झपकी ले ही लेता है और नदी से अपने ठिकाने पर पहुंचने में उसे आधी रात हो जाती है, इसलिए तुम दोनों पहले जंगल से कुछ मीठे पक्के केले तोड़कर उससे थोड़ा दूर फेंकना वह भूखा होने के बावजूद उन मीठे-मीठे केलो तक पहुंचने में घंटों लगा देगा, तब तुम समझ जाना वही मेरा मित्र आलसी हाथी है। अब यहां खड़े होकर पूरी रामायण मत सुनो जल्दी यहां से दौड़ लगाओ हाथी को लाने के लिए।” गधा ने कहा
भोलू और परी के जाते ही गधे को अकेले गड्ढे में भूत प्रेतों चुड़ैल से डर लगने लगता है और भूत प्रेतों का डर ना लगे इस वजह से वह ममता भरी लोरी गाकर अपने को सुलाने लगता है।
नदी के किनारे भोलू कुत्ते परी कुतिया को एक विशालकाय हाथी पेड़ के नीचे खड़ा होकर सोता हुआ दिखाई देता और उसके गन्नो को दो तीन बंदर के बच्चे चूस चूस कर खाते हुए दिखाई देते हैं। उस हाथी को देखकर वह सोचते हैं शायद यही गधे का मित्र आलसी हाथी है लेकिन पूरी तरह यकीन करने के लिए की यही आलसी हाथी है वह उसकी परीक्षा लेते हैं परी कुत्तिया उसके बहुत करीब पहुंचकर कहती है “बहरा गधा पूरे जंगल में दौड़ दौड़ कर सबको बता रहा था कि शिकारी जंगल से जाते वक्त बहुत अधिक खाने पीने का समान छोड़ गए जैसे की गुड केले गन्ने आदि उसी समय रात को कम सुनने वाला कम देखने वाला गधा शिकारियों के बनाएं हाथी के बच्चे पकड़ने वाले पुराने गड्ढे में गिर गया था और कोई भी जानवर उसे बाहर नहीं निकल पा रहा है वह सबसे बार-बार चिल्ला चिल्ला कह रहा है कि मेरे मित्र आलसी हाथी को कहीं से भी ढूंढ कर लाओ वही मुझे इस गड्ढे से बाहर निकल सकता है और गड्ढे से बाहर निकालने के बाद मैं सबसे पहले उसी को बताऊंगा की शिकारी जाने से पहले अपने खाने पीने का सामान जंगल के किस कोने में छोड़कर गए हैं।”
यह बात ध्यान से सुनकर आलसी हाथी परी कुत्तिया से कहता है “मैं ही आलसी हाथी गधे का सच्चा मित्र हूं, अगर तुम्हें पता है मेरा गधा मित्र जंगल के किस कोने के गड्ढे में फंस गया है तो मुझे वहां लेकर चलो मुझे शिकारियों के खाने पीने के समान से ज्यादा अपने सच्चे मित्र गधे की चिंता हो रही है।” तब परी कुतिया अपने और भोलू कुत्ते के बारे में सारी सच्चाई आलसी हाथी को बताती है।
आलसी हाथी उनकी बातों पर विश्वास करके तुरंत उनके पीछे-पीछे चल देता है और गहरे गड्ढे के पास पहुंचकर मिनटों में अपनी सूंड से गधे को पकड़ कर गहरे गड्ढे से बाहर निकालकर दूर फेंक देता है।
गड्ढे से बाहर निकालने के बाद गधा खुशी में नाच नाच कर आलसी हाथी और परी कुतिया भोलू कुत्ते को धन्यवाद कहता है।
और फिर आलसी हाथी खुद गड्ढे में घुसकर सो जाता है।
आलसी हाथी के गहरे गड्ढे में सो जाने के बाद गधा परी और भोलू से जिद करके दोबारा उन्हें अपनी पीठ पर बिठा लेता है और फिर दोनों को साथ लेकर शहर की तरफ चल देता है।
कुछ दूर चलने के बाद गधे परी कुतिया भोलू कुत्ते को ऐसा महसूस होता है कि कोई पेड़ों झाड़ियों के पीछे छूप छूप कर उनका पीछा कर रहा है।
यह बात जब वह गधे को बताते हैं तो गधा भूत प्रेत चुड़ैल के डर से थर-थर कांपते हुए कहता है “तुम दोनों सच कह रहे हो मुझे भी बहुत देर से ऐसा ही महसूस हो रहा था की कोई हमारा पीछा कर रहा है।”
“लेकिन तुम डरकर इतना कांप क्यों रहे हो।” भोलू पूछता है?
“क्योंकि यह कोई जानवर या शिकारी नहीं बल्कि भूत या चुड़ैल है।” गधा बताता है
“तुम इतना यकीन से कैसे कह सकते हो की भूत प्रेत हमारा पीछा कर रहे है।” इस बार परी कुत्तिया पूछती है?
“क्योंकि मैंने अपने पिता जी से सुना था कि जंगल के इस रास्ते पर भूत प्रेत और एक चुड़ैल रहती हैं।”
यह कहकर रात को कम सुनने वाला कम देखने वाला अधेड़ आयु का गधा पहले से ज्यादा तेज दौड़ने लगता है और उसके तेज दौड़ते ही उस के पीछे से एक नहीं दो अलग-अलग आवाजे आती है “वो गधे के बच्चे वहीं रुक।” यह सुनकर गधा अपनी पूरी ताकत से और तेज दौड़ लगाने लगता है।
फिर पीछे से दोबारा किसी की बहुत ज्यादा क्रोधित आवाज आती है “अगर तू दौड़ते दौड़ते नहीं रुक तो तुझे मैं दर्दनाक मौत दूंगा।” यह बात सुनकर गधा पीछे मुड़कर देखे बिना और तेज दौड़ने लगता है।
गधा जब रुकने का नाम नहीं लेता है तो वह डरावनी क्रोधित आवाज उसे रुकने के लिए कहने वाली गधे से ज्यादा तेज दौड़ कर गधे के सामने आ जाती हैं यानी कि गधे को रूकने के लिए कहने वाले नशेड़ी गैड़ा और भेड़िया जंगल के सबसे खूंखार आवारा बदमाश जानवर गधे से ज्यादा तेज दौड़ कर गधे के सामने आकर खड़े हो जाते हैं।
उन्हें अपने सामने देखकर गधा और भी ज्यादा थर-थर कांपने लगता है भेड़िया गैड़ा उससे कुछ भी कहे उसकी कुछ भी सुने बिना उसे पीटने लगते हैं।
तब गधा पीटते हुए रो रो कर उनसे पूछता है? “माई बाप यह तो मुझे पता चले कि मेरा कसूर क्या है।”
“तेरा कसूर यह है कि तू हमारी आवाज सुनकर एक आवाज में रूका क्यों नहीं था।” भेड़िया यह कहकर है पहले से ज्यादा बुरी तरह पीटने लगते हैं।
उस समय भोलू कुत्ता परी कुतिया समझ नहीं पा रहे थे कि हम अपने गधे मित्र की मदद कैसे करें तभी बुलेट मोटरसाइकिल की सामने से आने की तेज आवाज आने लगती है बुलेट मोटरसाइकिल की तेज आवाज सुनकर गैड़ा और भेड़िया गधे की टांग पड़कर उसे घसीटते हुए घनी झाड़ियों के पीछे लेकर छुप जाते हैं ताकि गधा चिल्ला कर मदद ना मांगे इसलिए गैड़ा गधे का मुंह कसकर दवाकर उसके गले से आवाज भी नहीं निकलने देता है क्योंकि बुलेट मोटरसाइकिल पर आने वाले सर्कस से भागे हुए जंगल के चौकीदार बब्बर शेर और भालू थे, वह गधे की आवाज सुनकर उसे जरूर बचाने आते।
बब्बर शेर और भालू के बुलेट मोटरसाइकिल पर आते ही भोलू कुत्ता और परी कुतिया भी उनसे भयभीत होकर पेड़ के पीछे छुप जाते हैं।
भालू उसी जगह जहां भेड़िया गैड़ा गधे को बेरहमी से पीट रहे थे, मोटरसाइकिल रोक कर बब्बर शेर से पूछता है? “सरकार हमें सर्कस से भागे हुए कितने दिन हो गए हैं।”
“मैं कैसे बता सकता हूं, मैं भी तेरी तरह ही अनपढ़ हूं, फिर भी अंदाजा लगाकर तुझे बताता है, शायद सौ डेढ़ सौ साल हो गए है।” बब्बर शेर बोलता है
“सरकार आपने सही अंदाजा लगाया।” भालू बोलता है
“तू कैसे कह रहा है मैंने सही अंदाजा लगाया।” बब्बर शेर पूछता है?
“क्योंकि सरकार सर्कस की इस चोरी कि हुईं पुलिस की वर्दी पहनने से पहले से ज्यादा शरीर में खुजली होने लगी है और इस सर्कस की पुलिस की वर्दी में हद से ज्यादा बदबू आने लगी है।” भालू बोला
“ठीक कह रहा है, तू अब तो एक मिनट के लिए भी शरीर की खुजली बंद नहीं होती है।” बब्बर शेर बोल
“तो अब सरकार क्या करें इस वर्दी का।” भालू पूछता है
“करेंगे क्या इस वर्दी को रात को कम सुनने वाले कम देखने वाले गधे से इस वर्दी को नदी के पानी में अच्छी तरह धूलवाएगे।” बब्बर शेर बोल
“सही कहा सरकार चोरी कि पुलिस कि वर्दी को धूलवाएगे और नदी में बदन रगड़ रगड़ के नहाएंगे तो अब सरकार गधे को ढूंढना शुरू हो जाते हैं।” भालू बोला
“चल मोड बुलेट मोटरसाइकिल गधे के ठिकाने की तरफ।” बब्बर शेर बोला
और दोनों मोटरसाइकिल स्टार्ट करके वहां से गधे के ठिकाने की तरफ चल देते हैं उनके जाते ही भेड़िया और गेंडा गधे को झाड़ियों के पीछे से घसीटते हुए कच्ची सड़क पर लाकर दोबारा पीटना शुरू कर देते और तभी उन्हें दोबारा बुलेट मोटरसाइकिल की आवाज सुनाई देने लगती है।
इस बार उनके झाड़ियों के पीछे छिपने से पहले बब्बर शेर भालू वहां पहुंच जाते हैं नशेड़ी भेड़िया और गैड़ा भालू बब्बर शेर को अपने करीब आते देख गधे को बब्बर शेर भालू को कुछ ना बताने कि जान से मारने की धमकी देकर वहां से भाग जाते हैं।
भालू दर्द से करहा रहे गधे के पास मोटरसाइकिल धीरे करके बब्बर शेर से कहता है “सरकार आपने सही कहा था ईमानदारी से चौकीदार की ड्यूटी पूरी करके गधे को ढूंढेंगे तो हमें ईमानदारी से ड्यूटी करने का फल जरुर मिलेगा देखो सरकार गधा बिना ढूंढे ही हमें मिल गया है।
भालू मोटरसाइकिल पेड़ के नीचे खड़ी करके बब्बर शेर को वहीं रुकने की बोलकर गधे के पास पहुंचकर गधे को दर्द से करहता हुआ देखकर बब्बर शेर को आवाज लगाकर बोलता है “ सरकार जल्दी आओ लगता है, हमें ज़िन्दगी भर खुजली बर्दाश्त करनी पड़ेगी, क्योंकि गधा तो कुछ ही क्षणों में दुनिया छोड़ने वाला हो रहा है।”
“क्या बात कर रहा है एक-दो दिन पहले जब यह मुझे मिला था तो बिल्कुल तंदुरुस्त था और एक गधी को देखकर गाने गा रहा था एक-दो दिन में ऐसा क्या हो गया है।” बब्बर शेर बोल
गधा बब्बर शेर के पैरों में गिरकर कहता है “सरकार मेरी यह हालत भांग धतूरा खाने वाले भेड़िए गैंडे ने की है।”
बब्बर शेर गुस्से में कहता हैं “उन दोनों का आतंक हद से ज्यादा बढ़ता जा रहा है अब तो मुझे उनको उनके गुनाहों की सजा देनी ही पड़ेगी।” यह कहकर बब्बर शेर गुस्से में दहाड़ता हैं।
बब्बर शेर की दहाड़ भेड़िए गेंडे के कानों में जब पहुंचती है तो वह समझ जाते हैं, हमारा आतंक इस जंगल में हद से ज्यादा बढ़ गया है इसलिए बब्बर शेर हम दोनों को मौत की सजा दिए बिना मानेगा नहीं अब इस जंगल से भाग कर ही हमारी जान बच सकती है लेकिन इसके साथ ही दोनों यह फैसला भी लेते हैं की गधे की वजह से हमें अपना जंगल छोड़कर भागना पड़ रहा है, इसलिए पहले गधे को मौत के घाट उतरेंगे फिर उसके बाद अपने जंगल से हमेशा के लिए विदा लेंगे।
भालू बब्बर शेर की गधे की प्रति सच्ची हमदर्दी देखकर भोलू कुत्ता परी कुतिया पेड़ के पीछे से बाहर निकाल कर बब्बर शेर भालू के पास आकर सारी कहानी बब्बर शेर भालू का बताते हैं उनकी पूरी बात ध्यान से सुनकर बब्बर शेर कहता है “पहले हम भेड़िए गधे को जंगल की पंचायत में सजा सुनाएंगे उसके बाद हम स्वयं परी कुत्तिया को उसकी मालकिन के पास शहर के अस्पताल में छोड़ कर आएंगे।”
जमीन पर दर्द से तड़पता हुआ गधा बोलता है “ सरकार अगर आप परी कुत्तिया को शहर के अस्पताल में उसकी मालकिन के पास स्वयं छोड़ने जाओगे तो अस्पताल क्या पूरा शहर आपके डर से खाली हो जाएगा और पूरे शहर में एक ही आवाज गूंजेगी भागो शेर आया ।”
“सरकार गधा सही कह रहा है, और यह भी हो सकता है कि इंसान आपको कैद करके दोबारा सर्कस में पहुंचा दें।” भालू बोला
“चलो ठीक है इस बात का भी फैसला जानवरों की पंचायत में होगा की परी को शहर कौन सा जानवर छोड़ने जाएगा।”
और फिर बब्बर शेर अपने बदन पर इधर उधर खुजली करते हुए कहता है सारी बातों का फैसला अब बाद में होगा सबसे पहले मुझे अपनी पुलिस की मैली कुचेली वर्दी गधे से धूलवानी अगर मेरे बदन पर ऐसे ही खुजली होती रही तो मैं गुस्से में पूरे जंगल के जानवरों को मौत की सजा दे दूंगा।”
“बब्बर शेर सरकार ऐसा सोचो भी नहीं मैं पहले से तंदुरुस्त हूं, मैं अभी आप दोनों की पुलिस की वर्दी नदी किनारे रगड़ रगड़कर धोता।”गधा जमीन से खड़ा होकर बोला
“चलो फिर सब जल्दी से नदी के किनारे चलो।” भालू बोला गधे को नदी की तरफ जाते देखा भेड़िया गैड़ा भी उससे बदला लेने के लिए छुप-छुप कर नदी की तरफ चल देते हैं।
नदी के किनारे पहुंच कर बब्बर शेर भालू के कान के पास आकर धीरे से बोलता है “पुलिस की वर्दी धूलवाने के लिए अपनी पुलिस की वर्दी हमें गधे को उतार कर देनी पड़ेगी हम दोनों को नंगा देखकर तो परी कुतिया डर दहशत से मर जाएगी।”
“इस समस्या का हल आपके वफादार ने पहले ही ढूंढ लिया है।” भालू बोला
“जल्दी बता मेरे वफादार दोस्त।” बब्बर शेर बोल
“जो दूर नदी के किनारे किनारे बरगद का पेड़ नजर आ रहा है, उसके पीछे छिपकर अपनी पुलिस की वर्दी उतार कर दूर से ही गधे की तरफ फेंक देंगे और फिर बरगद के पेड़ की ओट में ही नदी में घुसकर अच्छी तरह नहा लेंगे।” भालू बोला
“तेरी बात में तो दम है लेकिन इस जाड़े के मौसम में नदी के बर्फीले पानी के अंदर अगर हम दोनों जल्दी से नहीं घुस पाए और बरगद के पेड़ के ऊपर परिवार के साथ रहने वाले बुड्ढे गिद्ध के परिवार ने हम दोनों को एक साथ नंगा देख लिया तो बुढ़े गिद्ध के पोती पाते हमे नंगा देखकर बेहोश होकर बरगद के पेड़ से नीचे गिर जाएंगे और उसके बाद बुढ़ा गिद्ध हमारा इस जंगल में रहना मुश्किल कर देगा।”बब्बर शेर बोल
“आप भी सरकार आधी रात को गिद्ध और उसका परिवार खर्राटे ले लेकर सो रहा होगा इसलिए आप शांति से मेरे साथ चलो कुछ नहीं होगा।” भालू बोला
बब्बर शेर भालू बरगद के पेड़ के पीछे से अपने कपड़े उतार कर गधे की तरफ फैंक देते हैं गधा उनकी गंदी बदबूदार पुलिस की वर्दी को अच्छी तरह धोने के लिए नदी के दूसर किनारे कि तरफ चला जाता है।
गिद्ध के पोते पाती बब्बर शेर भालू के नदी में नहाने के लिए कूदने से पहले ही उन दोनों को नंगा देख ले लेते हैं और फिर जोर-जोर से चिल्ला चिल्ला कर रोते हुए कहते हैं “बचाओ दो नंगे भूत बचाओ दो नंगे भूत।” और यह शोर मचाते हुए गिद्ध के एक-दो पोती पाते बरगद के पेड़ से लुढ़ककर जमीन पर गिर जाते हैं।
गिद्ध के नींद से जागाने से पहले भालू और बब्बर शेर नदी के पानी में छुपने की कोशिश करते हैं, लेकिन कड़ाके की ठंड कि वजह से नदी का पानी बर्फ जैसा ठंडा हो रहा था।
वह दोनों जैसे ही अपना एक-एक पैर नदी के बर्फीले पानी में डालते हैं, तो उनकी चीख निकल जाती है उनकी चीख सुनकर बूढ़े गिद्ध के नाती पोते डर दहशत से चिल्ला चिल्ला कर लदर पदार बरगद के पेड़ से नीचे गिरने लगते हैं अपने नाती पोते पाती कि चीख पुकार सुनकर बूढ़ा गिद्ध नींद से जाग जाता है और बब्बर शेर भालू से कुछ भी कहे बिना उनको अच्छी तरह पहचाने बिना उन पर आक्रमण कर देता है।
बुढ़ा गिद्ध उन्हें अपनी मोटी मजबूत चोंच नुकीले नाखूनों से बुरी तरह घायल करना शुरू कर देता है। तब भालू बब्बर शेर आग पीछा देखे बिना वहां से दौड़ लगा देते हैं नदी के किनारे बब्बर शेर और भालू की सर्कस से चुराई पुलिस की वर्दी गधा रगड़ रगड़ कर धो रहा था और उसके पास परी कुत्तिया भोलू कुत्ता बैठकर उससे जंगल कि बातें पूछ रहे थे, तभी उन सबको अपने पीछे से भालू बब्बर शेर आंख मिचकर भागते हुए दिखाई देते हैं गधा उन्हें देखकर आवाज लगाकर रोकने की जैसे ही कोशिश करता है तभी बब्बर शेर भालू के पीछे बूढ़ा गिद्ध हवा में उड़ता हुआ वहां पहुंच जाता है और गधे से पूछता है? “तू इन दोनों को पहचानता है।”
“बहुत अच्छी तरह यह दोनों सर्कस के भागे हुए बब्बर शेर और भालू थे।”गधा बताता है
“अरे बाप रे अंधियारी रात और आंखों में मोतियाबिंद की वजह से मैं इन दोनों को पहचान नहीं पाया और पहचानता भी कैसे मैंने तो इन्हें हमेशा पुलिस की वर्दी में देखा है यह तो हमारे जंगल के चौकीदार थे, इन से दुश्मनी मोल लेकर मैंने अपनी और अपने परिवार की जान खतरे में डाल ली है, किसी तरह मेरे प्यारे गधे भतीजे मेरा इन दोनों से राजीनामा करवा दे, मैं अभी तो घर जा रहा हूं, क्योंकि मुझे अपने नाती पोतों कि अक्ल ठिकाने लगनी है, क्योंकि वह रात को कुत्ते बिल्ली गीदड़ सूअर सबको देखकर भूत भूत चिल्लाना शुरू कर देते हैं और रात होते ही एक दूसरे से चिपट चिपट कर सोते हैं।” गिद्ध यह बोलकर वहां से बरगद के पेड़ कि तरफ उड़ जाता है।
गधा भालू बब्बर शेर की पुलिस की वर्दी उठाकर तुरंत उसी दिशा में परी कुतिया भूरा कुत्ते के साथ भगता जिस दिशा में भालू बब्बर शेर तेजी से दौडे थे, थोड़ी दूर दौड़ते ही गधे को दिखाई देता है कि भालू बब्बर शेर नशेड़ी भंगेड़ी चरसी भेड़िए और गैंडे से कुछ पूछताछ कर रहे हैं भेड़िया गैड़ा बब्बर शेर भालू कि गिरफ्त में इसलिए आ गए थे, क्योंकि वह दोनों गधे के लिए वहां घात लगाए बैठे थे और बब्बर शेर भालू बुढ़े गिद्ध से बचने के लिए उसी दिशा में भागे थे।
गधा धीरे-धीरे उन सबके करीब पहुंचता है। परी कुत्तिया भोलू कुत्ता उन सब से है थोड़ा दूर खड़े हो जाते हैं तब बब्बर शेर गधे और परी भूरा कुत्ते को देखकर कहता है गधे तू हमारे पास आकर हमारे कुछ सवालों का जवाब दे और हमारी यह पुलिस की वर्दी परी कुतिया और भोलू कुत्ते को सुखी लड़कियों से आग जलाकर सूखने के लिए दे दे।”
“जी हुजूर अभी देता हूं।” गधा बोलता है
बब्बर शेर का आदेश पूरा करने के बाद गधा चुपचाप भालू बब्बर शेर के पीछे आकर खड़ा हो जाता है तब उसे देखकर भेड़िया बोलता है “सरकार गधे ने बहुत बड़ी गलती की है, इसलिए आपके पीछे छुप कर खड़ा हो गया है।”
“ओ गधे के बच्चे मेरे सामने खड़ा होकर बता जब यह तुझे पीछे से रुकने के लिए आवाज दे रहे थे तो तू रुक क्यों नहीं था।” बब्बर शेर बोल
“सरकार मुझे ऐसा महसूस हुआ था कि कोई भूत प्रेत मुझे पीछे से आवाज देकर रुकने के लिए कह रहा है और सरकार मुझे पता भी होता की भेड़िया गैड़ा मुझे पीछे से आवाज देकर रुकने के लिए कह रहे हैं तो मैं तब भी नहीं रुकता क्योंकि यह दोनों नशेड़ी किसी भी जानवर को रोक कर उसे पहले पीटते हैं और फिर उससे अपने काम करवाते हैं, जैसे की भांग धतूरा घुटवाना जंगल से इन दोनों के लिए खाने की चीजें लाना और जो जानवर इनका कहना नहीं मानता है तो यह उसे पीट-पीट कर अद मरा कर देते हैं।” गधे की यह बात सुनते ही बब्बर शेर भेड़िए गैंडे को उठा उठा कर पटकना शुरू कर देता हूं और दहाड़ दहाड़ कहता है “गधा बिल्कुल सच कह रहा है, क्योंकि जंगल के बहुत से जानवरों ने भी तुम्हारी इसी तरह की शिकायते मुझसे और मेरे दोस्त भालू से की है आज मैं तुम दोनों की गुंडागर्दी इस जंगल से खत्म करके रहूंगा।”
और जब भेड़िया गैड़ा बब्बर शेर से अपनी गलती के लिए माफी मांगने लगते हैं तो तब बब्बर शेर गधे से बोलता है “मेरे सामने इन दोनों को इतना पीठ जितना तुझे इन दोनों ने पीटा था।”
जब गधा भेड़िए गैडे पर हमला करने से डरता है तो तब बब्बर शेर बोलता है “मैं यहां खड़ा हुआ हूं वे खोफ अपना बदला ले अगर इन्होंने तुझ पर हमला किया तो मैं इन दोनों का सीना फाड़ कर कलेजा खा जाऊंगा।”
बब्बर शेर से हिम्मत मिलने के बाद गधा दिल खोलकर भेड़िए गैंडे को पीटने लगता है भेड़िया गैड़ा गधे की एक-एक दुलत्ती पडने पर इतना तेज शोर मचाते हैं कि धीरे-धीरे उस जगह जंगल के दूसरे जानवर इकट्ठा होने लगते हैं।
तब भालू बब्बर शेर के कान के पास आकर धीरे से बोलता है “सरकार अपनी पुलिस की वर्दी जितनी भी सुखी है उसे पहन लेते हैं धीरे-धीरे जानवर इकट्ठा होते जा रहे हैं हम दोनों को जंगल के सारे जानवर नंगा देखेंगे तो हमारी मिट्टी पलीत (बेइज्जती) हो जाएगी।”
“ठीक कह रहा है भालू दोस्त गधे से बोल जल्दी से वह परी कुत्तिया से हमारी वर्दी लेकर आए।” बब्बर शेर ने बोला
किंतु गधा भालू की एक भी बात सुनने के लिए तैयार नहीं था, क्योंकि वह नशेड़ी बदमाश गुंडे भेड़िए और गैंडे को पीटने में धोबी के गधे जैसे मस्त था यानी की धोबी जैसे पटक पटक कर घाट पर कपड़ों को धोता है।
नंगा भालू शर्म से किसी भी हालत में परी कुतिया से सर्कस से चुराईं पुलिस कि वर्दी नहीं ला सकता था क्योंकि भालू बब्बर शेर से ज्यादा शर्मिला था और बब्बर शेर से पुलिस की वर्दी लाने की बात कहने की उसमें हिम्मत नहीं थी।
भालू इस सोच में था की वर्दी कैसे लाई जाए तभी उसे बुढा गिद्ध अपने पंजों में उनकी आदी गिली आदी सुखी वर्दी पड़कर उड़ता हुआ अपनी तरह आता दिखाई देता है।
बुढ़े गिद्ध को देखकर भालू खुशी से उछलने लगता है बुढ़ा गिद्ध सोचता है भालू मुझे पीटने के लिए मेरे ऊपर हमला करने कि तैयारी कर रहा है क्योंकि उसने नंगे भालू बब्बर शेर को पहचान ना पाने कि वजह से कुछ देर पहले अपनी चोंच नुकीले पंचों से बुरी तरह घायल किया था।
इस डर कि वजह से बुढ़ा गिद्ध उनकी वर्दी उन से दूर फेंक कर अखरोट के पेड़ पर उड़ कर बहुत ऊंचाई पर बैठ जाता और वहां से अपनी गलती के लिए माफी मांगना शुरू कर देता है। बब्बर शेर भालू पुलिस कि वर्दी पहनते हुए उससे कहते हैं “हमने तुझे माफ कर दिया है लेकिन बुढ़ा गिद्ध उनकी एक भी बात नहीं सुनता है क्योंकि एक तो वह उन से बहुत दूर पेड़ पर बैठा हुआ था और दूसरा बुड्ढा गिद्ध उंचा सुनता था।
तब गधे से पीटते पीटते भेड़िया तेज चिल्ला कर बुढ़े गिद्ध से पूछता है? “बुढ़े गिद्ध तू किस बात के लिए माफी मांग रहा है।” तब बब्बर शेर भेड़िए के एक लात मार कर उसे चुप करवाता है कि कहीं बुढ़ा गिद्ध यह ना बात दे की उसके पोती पाते भालू मुझे नंगा देख कर लदर पदर बरगद के पेड़ से नीचे गिर गए थे।
एक तो जंगल के बहुत से जानवर इकट्ठा होने के बाद भी कम सुनने वाला गिद्ध बब्बर शेर भालू से माफी मांगते मांगते चुप नहीं हो रहा ऊपर से गधा भेड़िए गैंडे को दुलत्ती मारते मारते रुक नहीं रहा था, इस वजह से बब्बर शेर को बहुत गुस्सा आ जाता है और बब्बर शेर गुस्से में दहाड़ता हैं तो बुढ़ा गिद्ध पेड़ से लुढ़ककर ज़मीन पर गिर जाता है और गधा भेड़िया गैड़ा परी कुतिया भोलू कुत्ता वहां मौजूद जानवर थर-थर कांपने लगते हैं।
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